Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 43 - Poem No 4 ये तन्हा सफ़र

Chapter 43 - Poem No 4 ये तन्हा सफ़र

ये तन्हा सफ़र

ना जाने कहाँ तक

कहाँ है मेरी मंज़िल

कहाँ है ठिकाना

ये तन्हा सफ़र

ना जाने कहाँ तक

कोई साथी नहीं

ना हमसफ़र

ये तन्हा सफ़र

ना जाने कहाँ तक

आँसू भारी है

दास्तां ये मोहब्बत

ये तन्हा सफ़र

ना जाने कहाँ तक