Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 45 - Poem No 6 तुम्हारे साथ जीने

Chapter 45 - Poem No 6 तुम्हारे साथ जीने

तुम्हारे साथ जीने का मज़ा आया

काश तुम मेरे साथ होते

यूँ तो ख्वाहिश थी हमारी

के तुम सदा मेरे साथ रहते

परन्तु ना तुम हमें समझ पाया

और ना हम तुम्हे समझ पाया

तुम्हारे साथ जीने का मज़ा आया

काश तुम मेरे साथ होते

अब हम जी लेंगे यादों के सहारे

कुछ मीठी याद जो तुम छोड़ गये हैं

ना रात को नींद लगता है

और ना ही दिन में चैन

तुम्हारे साथ जीने का मज़ा आया

काश तुम मेरे साथ होते

दुआ करता हूँ उस पर्वरदिगार से

सदा खुश रहे किसी और के सहारे

हम भी खुश रहने की कोशिश करेंगे

पता नहीं रह सकूंगा की नहीं

तुम्हारे साथ जीने का मज़ा आया

काश तुम मेरे साथ होते