Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 46 - Poem No 7 इश्क़ के पन्ने पर

Chapter 46 - Poem No 7 इश्क़ के पन्ने पर

इश्क़ के पन्ने पर

तुम्हारा ही नाम लिखा था

तुम नहीं समझ पाया

यह मेरा कसूर नहीं

काश तुम समझें होते

तो आज मेरा साथ होता

इश्क़ के पन्ने पर

तुम्हारा ही नाम लिखा था

इश्क़ महसूस किया जाता

उसे कहा नहीं जाता

और जो कहा जाता

वो ठीक नहीं पाता

इश्क़ के पन्ने पर

तुम्हारा ही नाम लिखा था