Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 44 - Poem No 5 तुम्हारा चेहरा

Chapter 44 - Poem No 5 तुम्हारा चेहरा

तुम्हारा चेहरा

चाँद सा सुनहरा

देख कर तुमको दिन रात हुआ उजाला

सोचता हूँ अगर तुम मिल जाये तो

ज़िन्दगी हो जायेगा उजियारा

तुम्हारा चेहरा

चाँद सा सुनहरा