अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाईयेगा
तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो
तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो
पर तारीफ मैं उसकी कैसे करूँ जो लाजवाब हो
अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाईयेगा
तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो
तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो
पर तारीफ मैं उसकी कैसे करूँ जो लाजवाब हो