Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 18 - Shairy No 18

Chapter 18 - Shairy No 18

अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाइयेगा

दुनिया में अकेला रहने में जो मज़ा है वो भीड़ में नहीं है दोस्तों।

दुनिया में अकेला रहने में जो मज़ा है वो भीड़ में नहीं है दोस्तों।

भीड़ से बचकर रहना कहीं कोरोना ना लग जाये दोस्तों