पिछले तीन सालों में टैंग मोर बेशक अपने बेहतर रूप में आ गई थी, एक गुलाब की तरह सुंदर खिल गई थी । वो और ज़्यादा लोगों को आकर्षित करने लगी थी, उसकी अप्रतीम काया न जाने कितने दिलों पर राज करती थी। उसके नैन-नक्श में ऎसा नकारे न जा सकने वाला आकर्षण था जो और किसी में नहीं था। एक जोड़ी साफ़ मोहित कर देने वाली आँखें, दोषरहित त्वचा और चुंबन देने लायक चेरी के समान लाल रंग के होंठ। उसकी सुंदरता मर मिटने लायक थी और वो बेशक अनगिनत आदमियों को वह बहुत आकर्षित करती थी।
प्रीवेलिंग एंटरटेनमेंट में महत्वपूर्ण ताकत रखने वाले इंसान की मंगेतर होने के कारण, अपने नाम को आम बातचीत में सुनना उसके लिए कोई असाधारण बात नहीं थी। वहीं पर पुरुष अक्सर सू ज़ेह को ईर्ष्या से देखते थे।
वो अंधी या बहरी नहीं था, उसे पता था की उसकी कंपनी में ताकतवर पुरुषों ने उसे एक उपनाम दिया हुआ था—स्टनर।
कितने पुरुष होंगे जो उसके साथ चादरों के बीच में नाचने को हामी नहीं भरेंगे अगर वो चाहती हो तो?
"टैंग मोर, अगर ज़ियाओवान एक पाखंडी कु..या है तो तुम असल में एक वैश्या हो। आखिर कितने आदमियों से तुम्हारे छुपे हुए संबंध रहे हैं? कितने आदमियों के साथ तुमने खेल खेले हैं और सोयी हो। मैं, सू ज़ेह अब तुम जैसी स्वच्छंद महिला से किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहता हूँ!"
स्वच्छंद औरत? वैश्या?
टैंग मोर का दिल किया कि वो ज़ोर से हंस दे। उसे अचानक यह याद आ गया कि मीडिया में उसके निंदकों के कितने 'सच' घूम रहे थे। उसकी आकर्षक काया और तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई तरह की उसके बारे में अफ़वाहें फेल गई थी जिनके अनुसार जहाँ वो आज थी वहाँ तक पहुँचने के लिए कई लोगों से कामुक फ़ायदे लिए थे।
क्या यह उसकी गलती थी कि वो प्रतिभा के साथ पैदा हुई थी और उसका रंग रूप ऐसा था जो पुरुषों को आकर्षित लगता था?
अगर पुरुष उससे स्वाभाविक ढंग से आकर्षित हो जाते थे तो क्या ये उसकी गलती थी?
इस दुनिया और उसकी नाम के लिए कहे जाने वाले नैतिक मूल्यों को क्या हो गया था?
"क्या जो तुम मुझे कह रहे हो वो तुम्हें पाखंडी वाली बातें नहीं लगती? हेन ज़ियाओवान भी एक प्रसिद्ध महिला है, तो तुम कैसे कह सकते हो कि वो स्वच्छंद महिला नहीं है"?
"ज़ियाओवान अलग है, उसकी माँ किन यावेन है"।
सू ज़ेह एक पल के लिए रुका और टैंग मोर की बात पर विचार किया। टैंग मोर भी किन यावेन की बेटी थी, पर जिस ढंग से वो अपनी दोनों बेटियों से व्यवहार करती थी उसमें ज़मीन आसमान का फर्क था।
टैंग मोर जानती थी कि सू ज़ेह के दिमाग में क्या चल रहा था। माँ शब्द, ने उसे कड़वा और क्रोधित महसूस करवाया और उसकी आँखों में खालीपन चमकने लगी।
उसकी माँ किन यावेन, मनोरंजन की दुनिया में बहुत पुरानी हस्ती थी, जिसके काफी लोगों से गहरे संबंध थे। उसने हेन ज़ियाओवान का इस दुनिया से परिचय करवाया था जब वो बहुत छोटी थी और तब से वो एक बाल कलाकार के रूप में जानी जाती रही थी। जैसे जैसे वो बड़ी हुई, रोल ख़ासकर उसके लिए लिखे जाते थे, उसकी काबलियत के अनुसार क्योंकि वो अपनी छवि काफी पहले ही बना चुकी थी।
और उसके बारे में क्या?
वो दोनों एक ही माँ से पैदा हुई थीं, पर किसी को नहीं पता था कि वो किन यावेन की बेटी थी। कोई ऐसे संबंध नहीं थे जिनसे वो आग्रह कर सकती थी, कोई सहारा नहीं मिला और किसी से भी वह किसी तरह का अहसान नहीं ले सकती थी। जब से वो इस दुनिया में आई थी तब से वो पूरी तरह से उसे अपनी मेहनत पर निर्भर रहना पड़ा था।
फिर भी, अपनी माँ से कोई सहारा न मिलने के कारण, उसे प्रसिद्धि में हेन ज़ियाओवान को मात देने में पूरे दो साल लग गए। हालात में सबसे बड़ा व्यंग्य यह था कि वो हारी नहीं थी।
उसके बेपरवाह शब्दों को सुन कर, टैंग मोर को समझ में आ गया की उसकी सू ज़ेह को ले कर उम्मीद की एक छोटी-सी किरण भी टूट गई थी। वो उससे और बात नहीं करना चाहती थी, पर और कई मसले थे जिन को उसे सुलझाना था। "तो तुम मेरा हिस्सा छीनना चाहते हो"?
"छीनना? यह हिस्सा प्रीवेलिंग एंटरटेनमेंट का है और तुम्हें यह पता होना चाहिए कि यह मेरे लिए कितना ज़रूरी है। तुम्हारा उससे क्या काम है? क्या तुम इस हिस्से को मोहरा बना कर हमें जोड़े रखना चाहती हो, जिससे कि तुम अभी भी मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनी रहो"?
टैंग मोर ने उसकी बेशर्मी पर उसे घृणा से अपमानित करते हुए घूरा। इसकी सचमुच कोई सीमा नहीं थी और वो वाकई में गिरे हुए दर्जे का पागल हो गया था। पहली बात तो वो हिस्सा उसका था, उसकी इतनी बेशर्म होने की और उसके हिस्से का लालच करने की हिम्मत कैसे हुई।
"तुम गलत कह रहे हो। मैं तुम पर दबाव डालने के लिए उसका इस्तेमाल नहीं कर रही हूँ और न ही मुझे तुम्हारी ज़िंदगी में रहने में कोई दिलचस्पी है। यह तुम हो जो मुझ पर इस हिस्से को ले कर दबाव डाल रहे है। हालाकि, यह देखना दिलचस्प है कि तुम और हेन ज़ियाओवान हिस्सों को ले कर इतने परेशान हो"।
सू ज़ेह को एक दम गुस्सा आ गया पर उसने उसे दबा दिया, और उसने अपनी लंबी उँगलियों से उसकी ठुड्डी को पकड़ा, और उसका चेहरा अपनी ओर खींचा। उसने उसे गहरी स्याह नज़र से देखा, "टैंग मोर, लगता है तुम अभी भी नहीं चाहती कि मैं तुम्हें छोड़ दूँ। क्या तुम अभी भी मुझ से प्यार करती हो"?
उनके शरीर काफी पास थे। मदहोश कर देने वाली एक महक उसके नाक में घुस गई जो कि मीठी और आकर्षक थी। यह एक लड़की की खुशबू थी जिसे नकार पाना उसके लिए बहुत ही मुश्किल था। वो उसके रोम-रोम में बस गई, जिसके कारण वो उसके और करीब जाता गया और उसकी उसे पाने की चाह सही गलत के दायरे से परे उस पर हावी हो रही थी।
हेन जियाओवान से भी बहुत अच्छी खुशबू आती थी, पर वो बस एक बाज़ार से खरीदे गए परफ्यूम की खुशबू थी। उसकी तुलना इस लड़की की गंध से नहीं की जा सकती थी।
सू ज़ेह ने अपने धड़ के निचले हिस्से में एक अंतर्विरोधी इच्छा को महसूस किया। उसने अपना गला साफ़ किया और हिचकिचाते हुए सही गलत को समझने की कोशिश करते हुए पीछे हट गया। हालाकि उसकी आँखें अभी भी उस पर सम्मोहन में निहारने के कारण जल रहीं थीं।
टैंग मोर की आँखों में ज़हर उतर गया जब उसने उसे उत्तेजित और उसकी आँखों में बढ़ती हुई वासना को देखा। वो 21 साल की थी और अब वो सीधी-साधी मासूम लड़की नहीं थी जो वो पहले हुआ करती थी। उसने छुप कर अपनी सहेली के साथ वयस्क फिल्में देखी थीं। वो सू ज़ेह की प्रतिकृया को कैसे समझ नहीं पाती?
उसने अपनी एक पतली सुंदर भौं को उठाया और अपने चेरी-लाल होंठों को खोला, उसकी आवाज़ में साफ़ तौर पर व्यंग दिख रहा था, "मिस्टर सू, तुम्हें बस अपने मन की बात करनी चाहिए। तुम अपना थूक क्यों निगल रहे हो, क्या तुम्हें प्यास लगी है"?
सू ज़ेह जैसे जम गया, उसका चेहरा कठोर हो गया और उसकी शर्मिंदगी उसके लाल गालों से साफ़ झलकने लगी।
टैंग मोर ने उसे टटोलने की नज़र से देखा, उसमें सचमुच अपने आप को नियंत्रित करने की काबलियत की कमी थी। गू मोहन ने तो पलक भी नहीं झपकाई थी जब उसने उसे अनावृत..... एक मिनट, वो गू मोहन के बारे में सोच भी क्यों रही थी?
वो उससे उसके गंदे हाथों को उसे अंतरंगता से छूने से बचती हुई पीछे हट गई। "मिस्टर सू, तुमने मेरी बेइज्जती करी और मुझे वैश्या कहा। तुम्हें नहीं लगता एक वैश्या में दिलचस्पी ले कर तुम अपनी ही बात के विरुद्ध जा रहे हो?"
सू ज़ेह शांत रहा, और उसकी आँखों में ना समझे जाने वाले भाव थे।
ऐसी थी टैंग मोर। मुँहफट और घमंडी, आकर्षक लेकिन रूखी। अत्यंत सम्मोहक।
वो काँटों के साथ एक गुलाब थी।