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Chapter 11 - उसके छोटे पैरों को देखो

टैंग मोर का दिल ज़ोर से धड़कने लगा। यह मानते हुए कि वो पहले भी बहुत से आदमियों से मिल चुकी थी, वो यह बता सकती थी कि कब वो उसके लिए कमज़ोर होने लगते। इस आदमी के शब्द बहुत ही ... गंभीर थे।

उसकी तरफ देखते हुए, उसके दिमाग में एक सवाल उठा, "तुम्हें इस से क्या फ़र्क पड़ता है कि मैं उससे रिश्ता तोड़ूँ या नहीं"?

गू मोहन की आँखें काली स्याह हो गईं। अपनी लंबी टाँगों से चलते हुए, वो जल्दी से उसकी तरफ बड़ा।

उसका आकर्षण बहुत ही ताकतवर था, जिससे वहाँ पर हर चीज़ ऐसे चूर-चूर हो रही थी मानो उस पर आरी चल रही हो। उसकी आँखें मानो तोप के गोले थे, तीखे और बहुत-सी चीजों को भेद सकने वाले, जैसे कि वो उसके अंदर तक एक नज़र में ही झांक सकता हो।

वो अभी भी उसके सामने छोटी थी।

टैंग मोर पीछे हट गई, उसके कदम छोटे और धीमे थे। फिर भी, उसका शरीर दीवार से टकरा गया, और उसके पास हिलने की भी जगह नहीं थी।

हवा का झोंका उसके नाक में घुस गया और वह वहीं ठहर गया, उसके चेहरे को सहलाते हुए और उसके चेहरे के आस-पास के रोम-रोम को लहराते हुए। यह एक बेशक मर्दाना सुगंध थी। उसकी गंध उस जैसे इंसान के लिए बिल्कुल सही थी—ताकतवर फिर भी जोशीला, किसी को भी सम्मोहित कर देने के लिए काफी।

उसकी रोबीली काया उसके सामने आ कर ठहर गई।

वो न केवल उसकी नज़र के बीच में आ गया, उसने उसकी सभी इंद्रियों पर भी वश कर लिया था।

अवचेतन मन में, वो छुप जाना चाहती थी। फिर भी, उस आदमी ने अपनी लंबी उँगलियों को बढ़ाया, और उसका कमजोर जबड़ा पकड़ लिया। उसकी खुरदरी उँगलियाँ उसके जबड़े की मांसपेशियों को सहलाने लगी, आगे पीछे और फिर बीच में थोड़ा ज़ोर देते हुए।

टैंग मोर को अपनी मांसपेशिओं में जलन महसूस हो रही थी और वो अपने अंदर एक प्रवाह को महसूस कर पा रही थी जो धीरे धीरे उसके चेहरे की ओर बढ़ रहा था। एक अजीब तरह की सुन्नता को महसूस करते हुए उसने उससे पूछा, "ये तुम क्या कर रहे हो"?

गू मोहन ने उसे एक बड़े ही तीखे भाव से देखा।

टैंग मोर के दिमाग में अचानक से एक विचार आया, उसका दिमाग उसे आने वाले खतरे के बारे में बता रहा था। अभी जब सू ज़ेह ने उसके जबड़े को छुआ था, वो नहीं चाहता था... क्या वो सू ज़ेह के किसी भी निशान को मिटा देना चाहता था?

उसकी नाज़ुक त्वचा पर इतनी जल्दी आए लाल निशान को देख कर, गू मोहन रुक गया, उसे शायद तस्सली हो गई वो बोला "वो तुम्हारे लायक नहीं है"।

टैंग मोर इतनी हैरान हो गई कि वो प्रतिक्रिया ही देना भूल गई।

गू मोहन ने धीरे से उसे जाने दिया। उसने अपनी लंबी टांगों को हटाया, और दरवाज़े की तरफ बढ़ गया। जाने से पहले, उसने पीछे मुड़ कर उसे दुबारा देखा। इस बार उसकी नज़र उसके पैरों पर टिकी थी।

"अगली बार से जूते पहनना मत भूलना"।

उसने अपार्टमेंट का मुख्य दरवाज़ा खोला और चला गया।

टैंग मोर ने जानबूझ कर अपने पैरों पर अपनी नज़र टिका ली। बेशक, वो नंगे पैर थी। क्योंकि उसके अपार्टमेंट में अक्सर नर्म ऊनी कार्पेट बिछा रहता था, उसे घर पर नंगे पैर चहलकादमी करना अच्छा लगता था, जिससे वो अपने पंजो पर एक हल्का-सा नर्म और गर्म - सा महसूस कर सके।

उसने क्या गलती कर दी थी?

उसका कोमल चेहरा धीरे-धीरे सुर्ख लाल होने लगा। उसने उसके पैरों को क्यों देखा होगा? यह एक बहुत आम बात थी कि कोई भी आदमी एक महिला के वक्ष पर या हिप्स पर ध्यान केन्द्रित करता था क्योंकि एक महिला को उसकी काया इन्हीं जगहों के उभारों से मिलती है। फिर भी, उसका ध्यान सिर्फ उसके छोटे पैरों पर ही गया।

छि-छोरा!

रात के समय सीसी बार में।

बहुत ही जोरदार संगीत वातावरण में गूंज रहा था, जिससे दीवारें हिल रही थीं और कई शरीर एक नए गाने की धुन पर थिरक रहे थे। टैंग मोर बार काउंटर पर बैठ कर डांस फ्लोर पर थिरक रहे आदमियों और औरतों को उत्साहित हो कर देख रही थी। उसने अपना हाथ उठाया, और अपने हाथ में पकड़ी हुई कॉकटेल का छोटा-सा घूँट लिया। 

उसके साथ बैठी की ज़ी ने अपनी भौहें चढ़ाईं, उसकी आवाज़ में गुस्सा था, "मोर क्या सू ज़ेह सचमुच इतना अंधा है कि वो उस आडंबरी घटिया औरत, हेन ज़ियाओवान के चक्कर में पड़ गया"?

टैंग मोर ने अपना सिर हिलाया और धीरे से हँस कर बोली, "की ज़ी अधिकतर आदमियों को आडंबरी औरतें ही पसंद होती हैं। सू ज़ेह उनमें से बस एक है"।

 "क्या मतलब है तुम्हारा"?

टैंग मोर ने जवाब दिया "अगर तुम ध्यान से सोचो, आडंबरी औरतें ज़्यादा पवित्र, शालीन और बेचारी लगती हैं। हालाकि, जब रात होती है, वो … वैशया बन जातीं हैं। क्या यही सब आदमी नहीं चाहते? एक कोमल औरत दिन भर और रात में एक वैशया"।

एक भद्दी हँसी उसके मुँह से निकल गई।

की ज़ी ज़ोर से हँसी। उसे टैंग मोर का सीधा पर सटीक जवाब बहुत पसंद आया। वो हेन ज़ियाओवान एक "आडंबरी घटिया औरत" का साक्षात उदाहरण थी।

 "मोर, सू ज़ेह को भूल जाओ। जो आदमी दूसरी औरतों के बहकावे में आ जाते हैं उनके बारे में दोबारा सोचना भी नहीं चाहिए। चलो हम उससे किसी बेहतर इंसान को ढूंँढते हैं और उसे चिढ़ाते हैं"!

 "बेशक, हमें अभी-अभी मिली एकल की ज़िंदगी के नाम पर जाम लगाना चाहिए"।

टैंग मोर और की ज़ी ने अपने - अपने ग्लास उठाए और उन्हें आपस में टकराया। हालाकि, उसे यह एहसास हुआ कि उसका ग्लास तो पहले से ही कॉकटेल पी लेने की वजह से ख़त्म हो चुका है। 

उसने जब वहाँ के बार्टेंडर को देखा, उसने ध्यान दिया कि वो बहुत ही फुर्ती से अपने हाथों में वाइन के ग्लास को घूमा रहा था। उसके हाथ में जो पारदर्शी द्रव था वो बहुत ही आकर्षक था और उसने महसूस किया कि वो उससे अपनी नज़र नहीं हटा पा रही थी। उससे रंगीन लाइट रिफ्लैक्ट हो रही थी और रंग उसके सम्मोहन में नाच रहे थे। 

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