लिन चे ने महसूस किया की जैसे सारा खून अचानक से उसके दिमाग में चला गया था और सब कुछ उथल पुथल हो गया था।
यह तब हुआ जब जिंग्ज़ के थोड़े से ठंडे होठों ने उसके होठों को स्पर्श किया और उन पर अपनी नमी सी छोड़ दी।
उसने उसे चूम लिया था ।।।और वह अभी भी उसे चूम रहा था।
उसने उसके दांतों को बेझिझक खोला और उनमें से जैसे सारी हवा निकाल दी हो और उसे सोचने का बिलकुल भी वक़्त नहीं दिया।
उनकी जीभ एक दूसरे से टकरायीं और जिंग्ज़ की जीभ उसकी जीभ के सिरे के चारों ओर लिपटी हुई थी। एक ज़ोरदार खिंचाव के साथ,लिन चे को ऐसा लगा जैसे उसका सारा खून पीछे की ओर बहने लगा हो और उसका पूरा शरीर सुन्न पड़ गया।
लिन चे की आंखें चौड़ी हो गईं। जैसे-जैसे वह उसके खूबसूरत चेहरे को इतने करीब से देखने लगी, एक खुशबू उसके अंदर समां गयी। इन सब मैं वो अचानक से अपना दर्द भूल गयीं ।
लिन चे की उँगलियाँ ने उसके मजबूत हाथों को पकड़ लिया था और उसकी गर्म हथेली अभी भी उसके हाथ में थी।जब तक डॉक्टर ने उसे टांकें नहीं लगाए तब तक उसे फिर से दर्द का अहसास नहीं हुआ।
गु जिंग्ज ने धीरे-धीरे अपने होंठ उसके होठों से हटाए।लिन चे की मीठी खुशबू उसे अच्छे से याद थी।
यह एड्रेनालाईन के कारण हो सकता था कि इतना खून बह जाने के बाद भी लिन चे अपने ट्रीटमेंट के समय जागती रही। हालांकि, जब डॉक्टर ने कहा कि अब उसका इलाज हो गया ,तो वह एकदम से ऐसे बेहोश हुई, जैसे किसी टूटे हुए तार को छोड़ दिया गया हो।
जब लिन चे उठी, तो उसे अपने आस पास सब कुछ नीला दिखाई दे रहा था। ऑपरेशन में विभिन्न प्रकार के उपकरण थे।
अपने घाव को देखने के लिए , उठने के लिए उसे काफी संघर्ष करना पड़ा, और उसका दर्द भी असहनीय था। हालांकि, उसने महसूस किया कि अभी भी किसी ने उसका हाथ पकड़ हुआ था।
उसी समय उसने गु जिंग्ज को बेडसाइड पर लेटे हुए देखा, वह गहरी नींद में था।
उसकी थोड़ी सी हरकत ने उसे तुरंत आँखें खोलने को मजबूर कर दिया, "क्या हुआ?"
उसने थोड़ी उत्सुकता से उसकी ओर देखा- "क्या हुआ?तुम्हें कोई परेशानी है?"
वह थोड़ा थका हुआ लग रहा था। लिन चे कुछ कर नहीं सकती थी, लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि वह पूरी रात उसके साथ वहां पर था।
लिन चे ने जल्दी से कहा, "नहीं, नहीं। बस मेरा घाव थोड़ा सा खींच गया।"
यह सुनकर, गु जिंग्ज़ जल्दी से खड़ा हुआ और उसके घाव की जांच करने के लिए कंबल उठा दिया।
उसपर कसकर पट्टी बंधी हुई थी और शायद उसमें कोई परेशानी नहीं थी ।
उसने राहत की सांस ली और उसे डाँट कर बोला,"थोड़ा सावधानी से रहो। बिना किसी कारण के उठो मत।"
बीती रात वह थोड़ी - थोड़ी देर में बड़बड़ाती रही और उसकी कराहने की आवाज़ों ने जिंग्ज़ को बेचैन कर दिया था।
वह केवल उसका हाथ पकड़ सकता था और रात भर उसके पास रह सकता था। सुबह होते ही न जाने कब उसकी आँख लग गयी और वह थक कर सो गया।किन हाओ उन्हें इस तरह नहीं देख सकता था और चाहता था कि वह बगल के कमरे में सो जाएँ। लेकिन हर बार जब वह वहां से हिलते, तो लिन चे कराहने लगती।
इस प्रकार, उसने अपना हाथ उठाया और किन हाओ को वहां से जाने के लिए इशारा किया। वह पूरी रात उसकी देखभाल करने के लिए वहीँ रुका रहा।
सौभाग्य से, डॉक्टर ने कहा कि हालांकि एक बड़ी धमनी फट गई थी,पर खून बहना बंद हो गया था और वह थोड़े समय में उपचार के साथ ठीक हो जाएगी।
हालांकि, बड़ी धमनी से काफी सारा रक्त बह गया था, इसलिए भले ही रक्तस्राव बंद हो गया, फिर भी उसे अत्यधिक मात्रा में खून की कमी हो गई थी , जिसके कारण उसे बहुत कमजोरी महसूस हो रही थी।
डॉक्टर ने यह भी कहा कि, बड़ी धमनी से रक्तस्राव होना बहुत खतरनाक था। यदि समय पर इलाज नहीं होता तो वो मर भी सकती थी ।
लिन चे ने महसूस किया कि इतने शानदार वीआईपी वार्ड में अपने आप को पाकर उसे बहुत अच्छा लग रहा था। अगर वहां बहुत सारे उपकरण न होते,तो वो एक वार्ड की तरह नहीं लगता। वह जानती थी कि वह अब ठीक है। उसी समय जब उसने राहत की सांस ली, उसे अचानक याद आया "अरे , मेरे टाइटल डीड और प्रॉपर्टी के पेपर्स कहाँ गए ?"
गु जिंग्ज़ ने उसकी तरफ देखा,"मुझे नहीं पता।" लिन चे हैरान रह गयी।
हड़बड़ाहट में उसके हाथ से वो पेपर्स कहीं गिर गए थे । ऐसा कैसे हो सकता हैं उन्हें किसी ने संभल कर नहीं रखा।
लिन चे ने कहा,"यह कैसे हो सकता है? वह इतनी महत्वपूर्ण चीज़ है।"
गु जिंग्ज़ ने उसे गौर से देखा- "ठीक है। अगर वह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण थे, तो तुमने टाइटल डीड और प्रॉपर्टी के पेपर्स को कसकर क्यों नहीं पकड़ा और उन्हें एक कोने में क्यों रख दिया? तुमने तो उन्हें एक तरफ फेंक दिया था और मुझ पर कूद पड़ीं।"
जिंग्ज़ ने उससे इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी।
लिन चे की पलकें झपकीं ,"मैं भूल गयी कि क्या हुआ था। हो सकता है कि मैंने आवेग के कारण ऐसा किया हो।"
गु जिंगज़ ने उसकी ओर देखा। "अगली बार फिर मत करना। वो बहुत खतरनाक था।"
लिन चे ने कहा, "बेशक। इस बार एक सबक लेने के बाद, मुझे पता है कि अगली बार क्या करना है। यह सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि यह मेरा पहली बार था और मुझे अनुभव नहीं था, इसलिए मुझे नहीं पता था कि कहां छिपना है। " गु जिंग्ज ने अपना सिर हिला दिया।
लिन चे ने कहा, "ओह ठीक है ! क्या मेरी टाइटल डीड और प्रॉपर्टी के पेपर्स को फिर से बनाया जा सकता है?"
"बेशक। अगर तुम्हारा नाम उन पर था, तो वे तुम्हारे हैं।"
"फिर ठीक है।" लिन चे को राहत महसूस हुई।
गु जिंग्ज़ ने कहा, "ठीक है, पैसे की लालची। अब तुम्हरी ये परेशानी हल हो गयी हैं तो ये लो कुछ खा लो ।"
डॉक्टर ने कह दिया था कि वह जागने पर कुछ खा सकती है, इसलिए जिंग्ज़ ने पहले से ही घर पर किसी को उसके लिए कुछ बनाने के लिए कह दिया था। अब चूँकि वह जाग गयी थी , उसने खाना बुलवा लिया था। वो तो अभी चलना चाहती थी पर गु जिंग्ज़ ने उसे बिठा दिया। "मैं तुम्हें खिलाऊंगा। हिलो मत।"लिन चे ने उसे आश्चर्य से देखा।
गु जिंगज़ ने पहले ही एक छोटी सी मेज लगा दी थी। उसने चम्मच को उठाया और ध्यान से एक चम्मच पॉर्रिज निकाला, उसे लिन चे के पास ले जाने से पहले उसने अपने मुंह के पास लाकर उसे फूंक मारी।
लिन चे उसे यह सब करते हुए देख रही थी। उसका हर काम बहुत परफेक्ट था और लिन चे को बहुत अच्छा लग रहा था। वह उसे देखकर सिर्फ मुस्कुरा रही थी।लिन चे ने अपना मुंह खोला और एक बड़ा निवाला खा लिया,साथ में उसने चम्मच को भी काट लिया।
यह देखकर गु जिंग्ज की भौंहैं चढ़ गयीं। वह उसके होंठों को देख रहा था,जो कल की तुलना में थोड़े लाल थे और उनपर पॉर्रिज से थोड़ी नमी आ गयी थी। जिंग्ज़ ने अपना गला थोड़ा साफ़ किया और अपनी भौंहैं थोड़ी और गंभीर कर ली ।
"ओह।।।सॉरी," उसने मुंह में पॉर्रिज निगलने के बाद कहा।
गु जिंग्ज़ ने कहा,"क्या तुम थोड़ा ध्यान से खा सकती हो?"
भले ही उसकी आवाज़ बेरुखी थी , फिर भी उसकी उँगलियाँ लिन चे के मुंह के कोने से नीचे गिरते हुए पॉर्रिज को पोंछने के लिए पहुंच गयीं।
उसकी उंगलियाँ उसके कोमल होंठों को छू रहीं थीं। उसके छूने से लिन चे को सन्नाहट का हल्का सा अहसास होने लगा था।
ठीक उसी समय, उसका सेलफोन जो उसने किनारे पर रखा था, अचानक बजने लगा।
गु जिंग्ज़ ने कटोरे को नीचे रखा और अपने सेल फोन को देखा।
यह मो हुइलिंग का फोन था।
अपने फोन को उठाने और इसका जवाब देने के लिए बाहर जाने से पहले गु जिंग्ज़ ने लिन चे पर नज़र डाली।
लिन चे बिलकुल ब्लेंक हो गयी। दरवाजा बंद देखकर, उसने सोचा कि उसे ज़्यादा दिमाग लगाने की ज़रूरत नहीं है कि किसका फ़ोन है।
जब गु जिंगज़ ने फ़ोन उठाया, तो उसने मो हुइलिंग की चिंतित आवाज़ सुनी।
"जिंग्ज़, आप कल रात क्यों नहीं आए? आपने मेरी किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया।"
उसका फोन रात में एक बार बजा था लेकिन उस समय, लिन चे कोमा में थी। उसने सोचा की यह उसे परेशान करेगा,इसलिए गु जिंगज़ ने तुरंत किन हाओ को फोन को वार्ड से बाहर ले जाने का निर्देश दिया।
मो हुइलिंग की आवाज में आक्रोश सुनकर, गु जिंग्ज़ ने कहा, "कल रात कुछ गड़बड़ हो गई थी, इसलिए मैं नहीं आ सका।"
"मुझे परवाह नहीं है कि क्या गड़बड़ हुई, गु जिंग्ज़। अगर यह किसी और दिन होता है, तो भी ठीक था।आपको पता था की कल मेरा जन्मदिन था। आप मुझे इतने लंबे समय तक अकेले कैसे इंतजार करवा सकते हैं?" मो हुइलिंग ने रोना शुरू कर दिया।
गु जिंग्ज़ को पता था कि मो हाइलिंग को रोने की बहुत आदत थी। हालाँकि, जब उसने उस समय उसके रोने की आवाज़ सुनी, तो वह कुछ नहीं बोला, लेकिन यह सोच रहा था कि लिन चे वास्तव में ऐसे बच्चों की तरह रोने वालों में से नहीं थी। भले ही वह कल से इतना दर्द में थी कि उसके दांत चटख रहे थे और उसे लगा कि वह मरने वाली है,पर फिर भी उसने एक भी आंसू नहीं बहाया।
गु जिंगज़ ने कहा, "कल वास्तव में चीजें बहुत जरूरी थीं, इसलिए मैं नहीं आ पाया। मुझे दुःख है, हुइलिंग। अगली बार जब हम मिलेंगे, मैं तुमसे इस बारे में अच्छे से बात करूंगा।"
"फिर क्या तुम आज रात मुझे मिलने आओगे?" मो हुइलिंग ने कमज़ोर आवाज में पूछा।
गु जिंग्ज ने थोड़ी देर तक सोचा।"मुझे लगता है कि आज मैं टाइम नहीं निकाल पाऊंगा।"