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Chapter 29 - मैं तुम्हारे शरीर पर निशान नहीं चाहता..!!!

मो हुइलिंग का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया था और उसने तुरंत फोन रख दिया।

जैसे ही गु जिंग्ज ने अपने फोन में फ़ोन कटने की आवाज़ सुनी, उसका ध्यान एक पल के लिए कहीं भटक गया। जब उसने देखा कि डॉक्टर आ चुका है, तो वह लिन चे के वार्ड में गया।

डॉक्टर ने पहले ही लिन चे की चोट की जांच कर ली थी। उसकी जांघ पर घाव बहुत तेज़ी से ठीक हो रहा था और वह बहुत जल्द फिर से चलने वाली थी।

गु जिंग्ज ने साइड से देखा। जब वह कॉल का जवाब देने के लिए बाहर गया, उस समय तक वह खाना पूरी तरह साफ कर चुकी थी और तो और , उसने डॉक्टर से चर्चा भी शुरू कर दी थी कि प्राइवेट वार्ड कितना अच्छा लग रहा था। वह वास्तव में बेदिल और एहसान फरामोश थी।

गु जिंग्ज ने उसकी जांघ पर निशान को देखा और डॉक्टर से कहा, "क्या उसकी जांघ से निशान हटाया जा सकता है?"

डॉक्टर ने गु जिंग्ज़ से बात करते हुए सम्मानपूर्वक पर सावधानी से कहा, "यह व्यक्ति के शरीर के संविधान पर निर्भर करता है। मैडम के S शरीर पर कोई भी निशान नहीं दिख रहे हैं तो लगता नहीं है कि यह निशान भी रहेगा। संभवतः वह ठीक हो जाएँगी , लेकिन।। घाव बहुत गहरा है , तो थोड़ा निशान छूटने की संभावना है। "

घाव की सिलाई करते समय, उन्होंने विशेष रूप से सिलाई की एक विधि का उपयोग किया था जो एक भी निशान नहीं छोड़ेगा। लेकिन,घाव अभी भी थोड़ा उठा हुआ लग रहा था।

गु जिंग्ज नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी के शरीर पर कोई भी निशान रह जाए। जैसे ही उसने उसके घाव को देखा, वह गंभीर हो गया। "मुझे आशा है कि मेरी पत्नी के शरीर पर एक भी निशान नहीं होगा। इसके लिए आपके सबसे अच्छे डॉक्टर को बुला कर इनका घाव दिखाइए।"

जब डॉक्टर ने यह सुना, तो उसका चेहरा फीका पड़ गया और उसने जल्दी से अपना सिर हिला दिया।

जब लिन चे ने डॉक्टर को जाते हुए देखा, तो उसने गु जिंग्ज से यह कहने के लिए अपना सिर उठाया, "ऐसा लग रहा है कि निश्चित रूप से एक छोटा सा निशान रह जायेगा। लेकिन ठीक है, जब मैं फिल्मिंग करुँगी तो मैं इसे फाउंडेशन से कवर कर दूँगी।"

लेकिन गु जिंग्ज़ ने उसे गहराई से देखा और कहा, "नहीं। अगर यह अस्पताल ऐसा नहीं कर सकता है, तो मैं दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर से तुम्हारा इलाज करवाऊंगा। मैं निश्चित रूप से तुम्हारे शरीर पर एक भी निशान नहीं रहने दूंगा। 

जब लिन चे ने उसके उदास चेहरे को देखा,तो उसने अपने दिल में थोड़ी गर्मी महसूस की। वह उसे देखकर मुस्कुराई और कहा," अगर मेरे शरीर पर दाग हुए तो क्या तुम मझे नापसंद करोगे ? जो पत्नी अपने पति के मुश्किल समय में उसका साथ देती है,उसे कभी भी किनारे नहीं करना चाहिए। कुछ सुना तुमने ? कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कितनी भी बदसूरत हो जाऊँ,पर तुम मुझे कभी भी नहीं छोड़ सकते। "

गु जिंग्ज़ कुछ समय के लिए एकदम चुप हो गया। उसने लिन चे को देखा और कहा,"फिक्र मत करो। मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा। बस मैं तुम्हारे शरीर पर कोई निशान नहीं देखना चाहता।" दरअसल वो अपनी वजह से उसे नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता था।

जब उसने लिन चे को अस्पताल के गाउन में देखा, तो उसे उसकी सफेद, मुलायम और बेदाग त्वचा याद आ गयी। उसे तुरंत यह सोचकर असहजता महसूस हुई कि सिर्फ उसकी वजह से उस त्वचा पर इतना बड़ा निशान पड़ जायेगा।

लिन चे ने उसे देखते हुए कहा, " क्यूंकि कि जब भी आप इसे देखते हैं तो आप दोषी महसूस करते हैं?"

गु जिंग्ज़ ने उसे घूरा और कहा, "क्या बकवास कर रही हो?"

हालांकि वह वास्तव में अपने आप को थोड़ा दोषी महसूस कर रहा था।

लिन चे ने कहा, "यदि आप वास्तव में दोषी महसूस कर रहे हैं तो अब से मुझसे थोड़ा अच्छा व्यवहार कीजियेगा और अच्छा होगा की आप बिना किसी कारण के मुझे कमरे से बहार नहीं निकालोगे।"

गु जिंग्ज़ सन्न रह गया । उसे वो दिन याद आ गया जब वह उसे प्रवेश द्वार पर छोड़ आया था।

उसे केवल उसकी अभद्र भाषा सुनकर गुस्सा आ गया था।

जबसे वह पैदा हुआ था, तबसे किसी भी महिला की उससे इस तरह से बात करने की हिम्मत नहीं हुई।

लेकिन अभी, जैसे ही उसने लिन चे को गहराई से देखा, उसने धीरे से कहा, "ठीक है।"

लिन चे ने आश्चर्य में अपना सिर उठाया। जैसे ही उसने गु जिंग्ज को देखा, वह थोड़ी देर के लिए सदमें में चली गई। आपने अभी क्या कहा ?

गु जिंगज़ ने अपनी निगाहें उसपर से हटा ली, अपना सिर नीचे कर लिया, और डॉक्टर द्वारा दी गई दवा को ठीक से व्यवस्थित किया। फिर उसने दवा लेने के लिए उसके लिए पानी डाला।

वह पहला दिन था,इसलिए लिन चे का घाव अभी भी थोड़ा दर्द कर रहा था लेकिन क्योंकि अस्पताल ने पहले से ही उस पर सबसे अच्छी दवा का इस्तेमाल किया था, इसलिए दर्द इतना भी भयानक नहीं लगा।

उस रात, लिन चे ने थोड़ा नशा सा महसूस किया और सोने लगी। उसने अपनी आधी बंद आँखों से गु जिंगज़ को देखा और पूछा, "तुम आज रात क्या करोगे ?"

गु जिंग्ज़ ने कहा, "तुम्हें मेरे बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं बस यहाँ बैठूँगा।"

लिन चे ने कहा, "तुम घर जाकर सो क्यों नहीं जाते ?"

"कोई ज़रूरत नहीं है। मैं यहाँ बैठकर तुम्हारे ऊपर नज़र रखूँगा।" जब गु जिंग्ज़ ने उसे यहाँ अकेला छोड़ने का सोचा, तो उसे लगा कि वह बहुत अकेली हो जाएगी ।

आखिरकार, वह अन्य लोगों की तरह नहीं थी जो अपने परिवार के सदस्यों से घिरे होते हैं। उसके पास केवल उसका पति था।

लिन चे ने कहा, "यह जरुरी नहीं है ।।।तुम बाहर जा सकते हो और सोने के लिए जगह ढूंढ सकते हो।"

गु जिंग्ज़ ने कहा, "नहीं, रात में यहाँ बहुत सारे उपकरण हैं और तुम्हें कोई चाहिए जो तुम्हारा ध्यान रखे। मैं बस यहीं रहूँगा।"

"आह ।।। फिर ।।।" लिन चे के मन में कुछ हुआ। उसने गु जिंग्ज़ को देखा और फिर अपने बिस्तर पर देखा। वीआईपी वार्ड में बिस्तर सामान्य बिस्तर से बहुत बड़ा था।

उसने थोड़ा सोचा फिर अपने बिस्तर पर हाथ मारकर बोली, "तुम यहाँ क्यों नहीं सो जाते ?यह बिस्तर काफी बड़ा है।"

गु जिंग्ज की आँखें चमक गयीं, जब उसने उस जगह को देखा, जिसे लिन चे ने थपथपाया था।

हालाँकि, उसे दिल ही दिल में गुप्त खुशी का एक हल्का सा एहसास हुआ।

हैरानी की बात थी, कि जिंग्ज़ ने इस बात का बिलकुल भी विरोध नहीं किया । 

यह देखकर कि उसने न तो उसके सुझाव को अस्वीकार किया और न ही इसके लिए सहमत हुआ, लिन चे ने फिर से कहा, "क्यों? क्या तुम डरते हो कि मैं तुम्हारे ऊपर कूद जाऊंगी? ऐसे, इस तरह , मैं बीच में तकिया लगा दूंगा। बिस्तर इतना बड़ा है, हमारे लिए दूर सोना पूरी तरह से संभव है। "उसने इशारे से बताते हुए कहा।

गु जिंग्ज ने भौंहैं थोड़ी चढ़ा लीं। "ठीक है, ठीक है। फिर, हम ऐसा ही करते हैं। चलो जल्दी सो जाते हैं।"

जब उसने देखा कि वह वास्तव में सहमत हो गया है, लिन चे जल्दी से उसे जगह देने के लिए साइड में खिसक गई।

गु जिंग्ज़ ने बिस्तर पर आने से पहले उसे थोड़ा साफ़ किया।

वे अपने बीच में एक तकिया लगाकर विपरीत दिशाओं में सो गए।

हालाँकि जब वह वहाँ इस तरह लेटी थी, तो अपने बगल में उस आदमी कि साँसों को महसूस कर रही थी,जो काफी पहले सो चुका था और बिलकुल भी नहीं हिल-डुल रहा था ।

सौभाग्य से, दवा के प्रभाव उसे भी जल्दी ही गहरी नींद आ गयी।

गु जिंग्ज को लगा कि उसके बगल वाला व्यक्ति अब हिल और मुड़ नहीं रहा था और उसकी सांस धीरे-धीरे शांत हो गयीं थीं। वह जानता था कि वह पहले से ही सो रही थी।

एक लम्बी सांस लेते हुए, उसने करवट बदली और सो गया।

हालाँकि, जैसे ही उसकी नींद लगने वाली थी, तभी एक पैर अचानक उसके शरीर पर आकर पड़ा।

गु जिंग्ज की आंखों के आगे अंधेरा छा गया।

यह लिन चे, क्या उसकी जांघ में अब दर्द नहीं हो रहा था? चोट के बाद भी उसके सोने का ढंग नहीं सुधरा।

उसकी चोट को हाथ न लग जाए, इसलिए उसने उसकी पतली सी जांघ को पकड़ लिया और ध्यान से एक तरफ धकेल दिया।

लेकिन फिर, एक नरम हाथ फिर से उस पर पड़ा।

गु जिंग्ज ने सोचा कि, एक चाकू ही ऐसी चीज़ है जिसे उन दोनों के बीच में रखकर इस चंचल महिला से बचा जा सकता है।

उसने ध्यान से उसकी बांह पकड़ी ,और धीरे से उसे वापस रख दिया।

लेकिन फिर, उसके शांत से चेहरे के साथ उसका आमना सामना हुआ।

उसके लाल होंठ चमकीले और नम थे। अभी, ऐसा लग रहा था कि यह साहसी महिला कल वाली कमज़ोर महिला से काफी अलग थी,जो की मरने ही वाली थी। उसने अपने प्राण फिर से हासिल कर लिये थे।

फिर, वह आगे बढ़ी।

गु जिंग्ज रुक गया। उसने महसूस किया कि लिन चे के होंठ पहले से ही उसके चेहरे के पास थे।

अगर वह थोड़ा भी हिलता, तो वह उसके नरम, लाल होंठों को छू सकता था।

उसके होठों की नमी से उसके शरीर में एक मामूली सी कंपकंपी हुई और बिजली का एक झटका उसको अपने अंदर महसूस हुआ । उसके चेहरे को घूरते हुए जिंग्ज़ को अचानक लगा कि उसका मुंह सूख गया है।

हालाँकि, वह एक बार फिर अंधाधुन तरीके से आगे बढ़ने लगी। उसके छोटे से होंठ सीधे उसके होंठों को स्पर्श कर रहे थे। अचानक से गु जिंग्ज़ को सूखी गर्मी का एहसास हुआ और उसने अपनी भौंहैं सिकोड़ लीं।

"लिन चे,तुम आग से खेल रही हो !"उसने धमकी भरे लहजे में, उसे एक चेतावनी दी,"अगर तुम फिर से हिली तो देख लेना!"

हालांकि, लिन चे ने स्पष्ट रूप से उसकी कर्कश आवाज नहीं सुनी, क्यूंकि वह गहरी निद्रा में थी।

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