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Chapter 30 - शेन बी रु का झटका

"सच में पढ़ रहे थे?" हवा से एल्डर मो की दाढ़ी हिली और उसका चेहरा ऐसे लाल हो गया मानो किसी भी क्षण फट जायेगाl "तुम उसमें लिखी बातों को समझने के लिए नोट्स नहीं बना रहे थे और बस किताब के पन्ने पलट रहे थेl ज़रा बताओ, ऐसे कौन पढ़ता है?"

"क्या पढ़ने के लिए उसमें लिखी बातों को लिखना ज़रूरी होता है?"अब जाकर जहाँग वान को समझ आया कि वह क्यों गुस्सा हैl उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब देl

अपने पिछले जन्म में, जहाँग वान भी लाइब्रेरियन था और उसका काम भी एल्डर मो के सामान ही थाl लेकिन, वहां, जब तक किसी के पास लाइब्रेरी का पास है, वह लाइब्रेरी में जा सकता था और किसी को कोई मतलब नहीं था कि वह वहां खा रहा है या पी रहा हैl जब तक कोई किसी का क़त्ल न कर दे या वहां आग न लगा दे, कोई भी जो चाहे कर सकता थाl

शुरू में, उसे लगा कि उसके पुराने रूप के कारण, जहां उसने गुरु योग्यता परीक्षा में इतना शानदार प्रदर्शन किया था, एल्डर मो उसके लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैंl इतने तमाशे के बाद यह कारण सामने आया है!

"यह किताबें, अकादमी के पूर्वजों के अथक प्रयास से लिखी गयी हैं और हर एक किताब उनके खून, पसीने और आंसुओं से बनी हैl यदि तुम यहाँ पढ़ने नहीं आये हो तो उन्हें हाथ भी मत लगाओ! जिस तरह तुम उनके पन्ने पलट रहे थे, तुम सिवा मुसीबत के और क्या कर रहे हो?" एल्डर मो ने गुस्से से अपने हाथ फेंकेl

"मैं... ठीक है, यदि आपको लग रहा है कि मैं मुसीबत खड़ी कर रहा हूँ तो यही सही!"

जहाँग वान समझाना चाहता था, लेकिन कुछ देर सोचकर उसने सोचा रहने दो!"

लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ की बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिएl इसका यह मतलब भी था कि वह पागलों की तरह पन्ने पलटने का कारण किसी को समझा नहीं पायेगाl

वैसे भी भविष्य में उसे यहाँ आना तो है नहीं, तो उसे स्पष्टीकरण देने की कोई ज़रुरत नहीं हैl उसके अलावा, उसकी प्रतिष्ठा वैसे ही धूमिल है, और थोड़ी गिर गयी तो भी कोई फर्क नहीं पड़ताl

"कम से कम तुम इसे मान रहे हो! अब, दफा हो जाओ!" जब जहाँग वान ने मान लिया तो एल्डर मो की आँखों में तेज़ घृणा दिखने लगीl उसने हाथ हिलाकर उसको जाने के लिए कहाl

"मैं चलता हूँ!"

जैसे ही वह जाने लगा, एक भीनी खुशबू उसके आस पास फ़ैल गयी और उसके सामने एक आकृति प्रकट हुईl उसका रास्ता रोकते हुए शेन बी रु ने कहा, " एक मिनट रुको!"

"अब क्या हुआ?" जहाँग वान ने उसकी तरफ लाचारी से देखाl "तुम अपनी किताब पढ़ रही थी और मैं अपनी, मैंने तो तुम्हें परेशान नहीं किया!"

"ह्म्फ!"

साधारणतया, जब वह किसी को रोकती तो वह ख़ुशी के मारे झूम उठताl फिर भी, यह आदमी उसे इतना गुस्से से देख रहा हैl शेन बी रु ने आँखें सिकोड़ते हुए कहा, " वो बात नहीं हैl तुमने कहा न तुम वहां किताब पढ़ रहे थे? इतनी देर पढने के बाद निश्चय ही तुम्हें उसमें से कुछ तो याद होगा!"

"तुम्हारा क्या मतलब है?"

जहाँग वान को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह कौन सा खेल खेल रही है इसलिए उसने उसे शक से देखाl

"यह आसान हैl मैंने देखा कि तुमने "औषधवटी के परिष्करण की आठ विधियां"<<एट मेथड्स ऑफ़ पिल रेफिनेमेंट>> पढ़ीl ऐसा है कि मैं उसके कुछ भाग समझ नहीं पा रही हूँl इसलिए मैं आपसे सलाह लेना चाहती हूँl आप मेरा निवेदन अस्वीकार को नहीं करेंगे न" शेन बी रु ने पूछाl

दरअसल उस की सीधी सी योजना थीl क्या यह आदमी उसके सामने किताबों के पन्ने पलटकर पढ़ने का दिखावा नहीं कर रहा था?

इसलिए, अगर वह उससे उस किताब के बारे में सवाल पूछेगी और वह जवाब नहीं दे पायेगा तो उसका झूठ सामने आ जायेगा!

"औषधवटी के परिष्करण की आठ विधियां" (एट मेथड्स ऑफ़ पिल रिफाइनमेंट)? जैसे ही वह किताब उसकी चेतना में उभरी, जहाँग वान की चेतना ने झटका मारा, उसने वह किताब पढ़ी थीl "यदि ऐसा कुछ है जिसके बारे में तुम्हें कोई सवाल है तो तुम बेझिझक पूछ लो, मैं तुम्हारे सवालों का जवाब दे दूंगाl लेकिन, मुझे भूख लगी है और मेरे पास अधिक समय नहीं है, इसलिए जल्दी पूछो..."

"तुम..."

अपनी मुट्ठी भींचते हुए शेन बी रु को बहुत गुस्सा आ रहा थाl

[उसका अंदाज़ ऐसा है जैसे किसी बुद्धू शिष्य के सवाल से परेशान गुरु उसके सवालों का जवाब दे रहा होl

एक तो मैं इतनी सुंदर हूँl दूसरे, मैं एक उच्च स्तर की गुरु हूँ और स्कूल में प्रख्यात हूँ! यदि, मैं तुमसे सवाल पूछ रही हूँ तो ज़ाहिर है कि मैं तुम्हारा स्तर जांच रही हूँl ऐसा क्यों दिखा रहे हो जैसे मैं तुमसे कुछ सीख रही हूँ?

सबकी किसी न किसी क्षेत्र में महारत होती है इसलिए अकादमी के गुरु अक्सर एक दूसरे से सीखते हैंl लेकिन, गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक लाने वाले, तुमने ऐसा कैसे सोचा कि मैं तुमसे कुछ सीख सकती हूँ?]

अपने अंदर उठ रहे गुस्से को काबू करते हुए शेन बी रु ने अपने दांत भींचे ," कुछ देर पहले ही मैंने किताब में एक वाक्य पढ़ा ' यदि जड़ी बूटियाँ बिखर गयी, तो गोली बनना मुश्किल होगा! यदि जड़ी बूटियाँ आपस में चिपक गयी तो एक पीले रंग की गोली बनेगी!' मुझे यह शब्द थोड़े विचित्र लगे और समझ नहीं आयेl क्या जहाँग लाओशी मुझे इसका अर्थ समझा सकते हैं?"

जब उसने 'समझा सकते' हैं कहा तो उसके दांत इतना जोर से रगड़े कि उसकी आवाज़ साफ़ सुनाई पड़ीl

यदि उसे जहाँग वान को बेईज्ज़त नहीं करना होता तो, अतिसुंदर होकर, वह इतने नालायक से कभी सवाल न पूछतीl

"तुम ऐसी याददाश्त होते हुए भी सवाल पूछना चाहती हो..."उसने नहीं सोचा था की सामने वाली ऐसा सवाल पूछेगीl उसने अपने होंठ दबाते हुए जवाब दिया, " वाक्य ऐसा था, 'यदि जड़ी बूटियाँ आपस में चिपक गयी तो गोली बनानी मुश्किल होगी! यदि जड़ी बूटियाँ बिखर गयी तो एक पीली गोली बनेगी!' इसका अर्थ आसान हैl जब एक गोली को शोधित कर रहे होते हैं, जैसे ही जड़ी बूटी का सत्व या चूरा आपस में गाँठ बना लेता है, उसके औषधीय गुण प्रकट नहीं होतेl दूसरी ओर यदि अलग अलग करके उनको बाद में ठीक से मिलाया जाए, तो जो गोली बनेगी वह अंडे के पीले भाग जैसी होगी!"

सार संग्रह भवन की सभी किताबों को देखने के बाद, वह गोली के सही प्रतिशोधन का तरीका अपनी चेतना के झटके से निकाल पाया थाl वह दूसरों को इस सवाल से हरा सकती है, लेकिन उसे? क्या मज़ाक है!

इससे भी बुरा यह था की उसने सवाल ही गलत पूछा था! उसका स्तर कितना कम था!

"कैसे, तुम इसका जवाब नहीं दे सकते, दे सकते हो क्या! आह... क्या कहा तुमने?"

उसने सोचा था कि युवक उसके सवाल का जवाब नहीं दे पायेगाl उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि जहाँग वान उसके सवाल का जवाब इतनी आसानी से दे देगाl ऐसे मोड़ के लिए वह तैयार नहीं थी और शेन बी रु निरुत्तर हो गयी, उसकी सुंदर आँखें लगभग बाहर ही निकल पड़ीl

उसने जानबूझ कर गलत वाक्य बोला था ताकि, वह गलत मार्गदर्शन करेl उसके विचार से, यह आदमी सार संग्रह भवन में केवल दिखावा कर रहा था, और किताबों में लिखे ज्ञान से उसे कोई सरोकार नहीं थाl यदि, वह यों ही उससे कोई सवाल करेगी, तो उसे कुछ समझ नहीं आएगा!

इसलिए, उसने गलत सवाल पूछा था कि वह बेवक़ूफ़ बन जाये!

कौन जानता था... कि वह उसकी गलती पकड़ लेगा और सही जवाब भी दे देगा!

[कैसे... यह कैसे हो सकता है?

क्या यह हो सकता है कि इस आदमी को पूरी "औषधवटी परिष्करण की आठ विधियां" सिर्फ पन्ने पलटने से ही याद हो गयी हैं?

लेकिन यह तो नहीं हो सकता!

यह वह आदमी है जिसने गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक पाया था, तो इसे दवाई के प्रतिशोधन जैसे अपारंपरिक क्षेत्र में इतना ज्ञान कैसे हो सकता है?]

"ठीक है, क्या तुम्हारा कोई और सवाल है?" अपने भूखे पेट को सहलाते हुए जहाँग वान ने उससे पूछाl

"एक सवाल और है!" उसके चेहरे पर कोई भाव न देख कर द्रवित हुई शेन बी रु ने तुरंत अपने को सम्हाला और दूसरा सवाल पूछा, "एक और वाक्य है जो मेरी समझ में नहीं आ रहाl 'जब धातु को आग में शुद्ध करते हैं, तो जब तक वह अशुद्ध हैं, उन्हें कभी आपस में न मिलाएं!"

अपनी बात बोलने के बाद, वह कुटिलता से मुस्कुराई और सामने वाले के भाव पढने लगीl

उसका पहला सवाल दवाई के शोधन के बारे में था और यह सवाल हथियार बनाने को लेकरl यह वाक्य उसने एक पुरानी किताब में देखा थाl वह इस बात को एक महीने तक आंकलन करने के बाद भी समझ नहीं पायी थीl अंत में, एक लोहार से जानकारी लेने के बाद ही उसकी समझ में आया था!

 शुरू में, वह केवल सामने वाले को बेईज्ज़त करना चाहती थी ताकि वह उसे मज़ा चखा सकेl फिर भी, उसे उम्मीद नहीं थी कि वह, "औषधवटी परिष्करण की आठ विधियां" के शब्दों का अर्थ बता पायेगा!

इससे उसके अंदर प्रतिस्पर्धा की भावना भड़क उठी और वह और कठिन सवाल पूछ कर उसे निरुत्तर करना चाहती थीl

"यह..."

बाजू में खड़े, एल्डर मो को अचम्भा हुआ था जब जहाँग वान पहले सवाल का सही जवाब दे पायाl फिर भी उतना बड़ा झटका नहीं लगा थाl

"औषधवटी परिष्करण की आठ विधियां", एक मूल नियमावली थी जिसे बहुत से धोखेबाज वैद पढ़ते थे, जैसे कल्टीवेटर्स होंग्तियन 9 - डान फार्मूला पढ़ते हैंl यदि कोई दवाई प्रतिशोधन के बारे में गहन जानकारी नहीं रखता तो भी उसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी होना कोई बड़ी बात नहीं थीl

जब शेन बी रु ने दूसरा सवाल किया, तब वह चकरा गयाl वह इसलिए कि उसे भी वह बात समझने में बहुत कठिनाई हुई थीl

"धातु को आग में तपा कर शुद्ध करते समय, जब वह अशुद्ध हो तो कभी भी उन्हें मत मिलाओ!" जैसे ही उन दोनों ने सोचा कि वह जवाब नहीं दे पायेगा, जहाँग वान ने अपना सिर हिलाया और शेन बी रु को ऐसे देखा मानो वह बेवकूफ होl "इसमें ना समझने वाली ऐसी कौन सी बात है? इसका बस इतना ही अर्थ है कि हथियार बनाते समय, धातु की सभी अशुद्धियाँ आग में तपाकर पहले ही निकाल देनी चाहिएl केवल तभी वह हथियार अधिक असरदार बन सकेगा! क्या तुम कुछ कठिन सवाल पूछ सकती हो ? इतना साधारण सा ज्ञान तो और किताबें पढ़कर आसानी से मिल जायेगा!"

"यह..."

शेन बी रु की पतली काया झटका खा गयीl

उसे यह बात समझने के लिए कई लोगों से मशवरा करना पड़ा थाl फिर भी, इस आदमी ने इतनी आसानी से इस बात का मर्म समझा दिया, यह...

न सिर्फ वह, बल्कि एल्डर मो भी अचरज में थाl

जहाँग वान को उस सवाल का जवाब पता होना, जिसका जवाब खुद उसे नहीं पता था ... क्या ऐसा हो सकता है कि वह सच में मन लगा कर पढ़ रहा था जब वह किताबों के पन्ने पलट रहा था?

"जहाँग वान लाओशी, लेकिन, लगता है आपका जवाब गलत हैl मुझे याद है कि "विविध संदेहों पर विचार-विमर्श"(डिस्कशन्स ऑफ़ मिसलेनियस डिस्प्यूट) में इसकी व्याख्या है जो आपके कथन से अलग हैl उसके अनुसार, यदि किसी को गोली में, धातु मिलाना है तो तो उसे पहले उसको शुद्ध करना होगा, नहीं तो वह ठीक से एकसार नहीं मिलेगी!"

एल्डर मो अविश्वास से भरकर बोलेl

"तुम गलत बोल रही हो, "विविध संदेहों पर विचार-विमर्श"(डिस्कशन्स ऑफ़ मिसलेनियस डिस्प्यूट) में ऐसा कहीं नहीं लिखाl तुमने जो पढ़ा है वह "विभिन्न सिद्धांतों पर विचार विमर्श"(डिस्कशन ऑफ़ मिसलेनियस थ्योरीस) जो सीनियर लिऊ ज़े द्वारा लिखी गयी है, उसमें पढ़ा होगाl इससे मिलता-जुलता एक वाक्य उसमें है, लेकिन वह 'जब एक धातु को एक गोली के साथ प्रतिशोधित करते हैं, तब उन्हें अशुद्ध रूप में कभी न मिलाएं ' ऐसा लिखा है, न कि धातु को आग में शुद्ध करना!"

जहाँग वान ने शाही अंदाज़ में अपना हाथ हिलायाl

उसे नहीं पता था कि वे दोनों उसका इम्तेहान ले रहे हैंl उसे लगा कि इन दोनों को सच में वह याद नहीं है और इसलिए उसने आसानी से बता दियाl आगे बोला, "यह किताब सार संग्रह पुस्तकालय की नौंवी पंक्ति के कोने में हैl तुमने जो बात अभी बोली वह 49 वें पन्ने पर लिखी है! और जो सवाल शेन लाओशी ने अभी पूछा, यदि तुम्हें मेरी व्याख्या पर शक है, तो तुम "अग्नि कौशल की तीन कलाएं" <<थ्री आर्ट्स ऑफ़ फायर क्राफ्टिंग>> जो सीनियर डू कु ने लिखी है,उसमें देख लोl वह 15 वीं अलमारी के कोने में है और यह बात 24 वें पन्ने पर समझाई गयी है!" 

"मैं देखती हूँ!"

शेन बी रु ने उसे शक से देखाl वह जल्दी से पुस्तकालय में गयी और थोड़ी ही देर में दो किताबें हाथ में लेकर आई,"विभिन्न सिद्धांतों पर विचार विमर्श" (डिस्कशन ऑफ़ मिसलेनियस थ्योरीस) और "अग्नि कौशल की तीन कलाएं" (थ्री आर्ट्स ऑफ़ फायर क्राफ्टिंग)l जो पन्ना उसने बताया था, वह खोलते हुए वह चकरा कर गिरने ही वाली थीl

[यह सोचना कि... जैसा जहाँग वान ने कहा था, वैसा ही मिलेगा, बिना एक भी गलती के!

न केवल उसे किताब में लिखी हुई बातें याद हैं, वह उस किताब का नाम, वह किताब कहाँ रखी है और कौन से पन्ने पर वह लिखा है, यह भी बता सकता है?

क्या यह सच है?]