Chapter 19 - आरोप लगाना

बहुत मारपीट करने के बाद, जहाँग वान के दिल का गुस्सा धीरे -धीरे कम हुआ l

उसने नीचे झुककर देखा तो पाया , याओ हान का नकाब मारपीट में निकल गया था और उसकी मार से उसका चेहरा विकृत हो गया थाl इस स्थिति में शायद उसकी माँ भी उसको न पहचान पाएl

"केंग..."

अब जब उसका गुस्सा ठंडा हो गया था, जहाँग वान ने अपनी स्थिति का जायज़ा लियाl " यह आदमी बाइयु शहर के लार्ड का बटलर है, और मेरे शिष्य का चाचा हैl इसको सबक सिखाना फिर भी ठीक है लेकिन इसको मारना किसी भी तरह से उचित नहीं होगाl"

चाहे जो भी हो, ये आदमी ज्हाओ या का चाचा हैl यदि जहाँग वान ने इसको मार दिया तो उसने अभी अभी जो शिष्य बनाया है वह व्यर्थ नहीं हो जायेगा?

यदि ऐसा हुआ तो सुलह की कोई गुंजाईश नहीं रह जाएगी!

वैसे भी बाइयु शहर टीआनवान साम्राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर हैl यदि ज्हाओ या के पिता ऐसे शहर के लार्ड हैं तो सच में ताकतवर होंगे और काफी रसूख रखते होंगेl यदि उनके बटलर को मार दिया गया हो और वे इसकी तहकीकात करें, तो संभव है कि जहाँग वान पकड़ा जाये l यदि ऐसा हुआ तो वह मुसीबत में पड़ जायेगाl

इस जगत में नया होने के कारण उसने अभी तक यहाँ अपनी पकड़ नहीं बनायी थी, इसलिए उसके लिए अच्छा होगा कि वह थोडा कम परेशानी खड़ी करेl

"मैं उसे अपने पर शक नहीं करने दे सकता!"

उसके मन में विचार कौंधाl

चूँकि याओ हान को मारा नहीं जा सकता था, इसलिए जहाँग वान को उसे जीवित छोड़ना पड़ेगाl यदि वह जहाँग वान को मारने में खुद मार खाता है तो पहला शक जहाँग वान पर ही जायेगा!

" ठीक है, मेरे पास इसके लिए एकदम सही बलि का बकरा हैl यदि आज वह मुझसे पंगा लेने नहीं आया होता तो मुझे उसका ख्याल ही नहीं आता..."

जहाँग वान के दिमाग में एक आदमी कौंधाl

वह आदमी शेन बी रु के साथ आया आदमी था, वही जो बार बार उसका मज़ाक उड़ा रहा था, शांग बिनl

हालांकि, वह आदमी एल्डर शांग चेन का पोता थाl यदि जहाँग वान उसपर इल्जाम डाल दे तो इसकी उससे चाह कर भी बदला लेने की हिम्मत नहीं होगी!

और तो और, अच्छा होगा यदि याओ हान बदला ले! दोनों आपस में ही लड़ लेंगेl

इसा सोच कर जहाँग वान ने याओ हान के विकृत चेहरे को देखा और अपनी आवाज़ गहरी बनाते हुए बोला,"मेरी जहाँग वान से दुश्मनी हैl आज उसने मुझे गुस्सा दिलाया था और इसलिए मैं रात में उसे पाठ पढ़ाने आया! लेकिन यदि तुम उसे नपुंसक बना दोगे तो, बी .... उसको पक्का यकीन होगा कि ऐसा मैंने किया है और हम दोनों के बीच ग़लतफहमी हो जाएगी! चाहे तो तुम इसका इल्ज़ाम इस बात पर लगा सकते हो कि तुम मुझे आज गलत समय मिले !"

"..."

अब जाकर याओ हान को पता चला कि आखिर उसकी पिटाई क्यों हुईl वह कुछ बोलना चाहता था परन्तु उसका मुंह सॉसेज की तरह सूजा पड़ा था इसलिए वह कुछ भी नहीं बोल पा रहा थाl

"दफ़ा हो जाओ!"

यह देखकर कि सामने वाले को उसकी बात समझ आ गयी है , जहाँग वान ने आगे कुछ नहीं बोलाl वह खड़ा हुआ और याओ हान को लात मार कर एक दर्जन फीट दूर गिरा दियाl

"लानत है!"

मन ही मन सामने वाले को गालियाँ देते हुए, याओ हान जानता था कि आज वह घाटे में हैl अपने दांत चबाता हुआ, वह मुड़ा और चला गयाl

थोड़ी देर बाद उसने अपने हमलावर की दो मुख्य बातें अपने दिमाग में बिठा लीl पहला, जिसने उसको मारा, उसका जहाँग वान से आज दिन में सामना हुआ था और वह उसकी बातों या हरकतों से गुस्सा हुआ था! दूसरे, उसके और जहाँग वान के बीच प्यार में दुश्मनी हैl जिस औरत के पीछे दोनो हैं, उसके नाम में 'बी' हैl

जब तक वह इन दो विशेष लक्षणों को याद रखता है ,उसके लिए यह पता करना आसान होगा कि वह कौन है जिसने उसे पीटा था| 

याओ हान को दूर जाता देख कर जहाँग वान ने चैन की सांस लीl उसने अपने कपड़ों की धूल झाड़ी और वापस अपने कमरे की ओर चल दियाl

इस घटना से वह बहुत डर गया थाl यदि आज वह कल्टीवेट करने के लिए जगा नहीं होता, तो न जाने क्या होताl

हालांकि, कम से कम अभी के लिए खतरा टल गया थाl

" इस दुनिया में जीने के लिए ज़रूरी है.... ताकत!"

अपने बिस्तर के कोने पर बैठते हुए जहाँग वान खुद से बुदबुदाया l

यदि उसने आज अपने कल्टीवेशन को नहीं बढ़ाया होता ,तो भले ही वह याओ हान की कमजोरी भी जान जाता ,फिर भी वह उसकी बराबरी नहीं कर सकता थाऔर |अंत में वही कष्ट में रहता | 

इसलिए, उसके लिए अपनी ताकत बढ़ाना बहुत ज़रूरी हो गयाl वह जितना ताकतवर होगा, उसके लिए उतना ही अच्छा होगा!

भावनाओं में बहते हुए वह धीरे धीरे सो गयाl

अगले दिन सूरज निकलने के साथ ही जहाँग वान उठ गयाl हालांकि वह सिर्फ दो घंटे ही सोया था, और कल रात उसने बड़ी कड़ी मेहनत की थी, फिर भी वह ज़रा भी थका हुआ नहीं था और तरोताज़ा महसूस कर रहा थाl

"पाठ शुरू करने का समय आ गया!"

वह कपडे पहनते हुए बुदबुदायाl इसके बाद वह लम्बे कदमों से कक्षा की ओर चल दियाl

उसको अपनी कक्षा में पहुँचते हुए देर नहीं लगीl जैसे ही वह कक्षा में पहुंचा, एक मोटे युवक ने गर्मजोशी से उसका स्वागत कियाl

"जहाँग लाओशी, आप आ गए! देखो मैंने कक्षा साफ कर दी है!"

वह कल स्वीकृत आखिरी शिष्य युआन टाओ थाl

जैसे कल वह धमका रहा था, जहाँग वान को उम्मीद नहीं थी कि यह आदमी सबसे पहले आ जायेगा, और तो और उसके कक्षा को एकदम साफ़ कर दिया थाl

" बढ़िया!" जहाँग वान ने अपना सिर हिलाकर स्वीकृति दीl

" चूँकि गुरूजी बोल रहे हैं कि मैंने बुरा नहीं किया, तो क्या मेरी मेहनत का कोई पुरस्कार मिलेगा? जैसे मार्शल आर्ट या कल्टीवेशन की कोई तकनीक तकनीकl आप आसानी से दो या तीन या पांच मुझे पुरस्कार में दे सकते हैं ..."

जहाँग वान से तारीफ़ सुनकर मोटे के चेहरे पर बड़ी मुस्कान आ गयीl

यह आदमी जरा सी ढील देते ही बहुत आगे निकल जाता हैl

"पहले बाजू में प्रतीक्षा करो l बाकि शिष्यों के आने के बाद मैं पाठ शुरू करूँगा!" जहाँग वान ने इशारा कियाl

सबसे पहले मोटा आयाl अप्रत्याशित रूप से दूसरा आने वाला वह शिष्य था जिसको उसने शर्त में जीता था, लिऊ यांग!

हालांकि , लिऊ यंग का रवैया मोटे जितना अच्छा नहीं थाl वह जहाँग वान को तिरस्कार से देख रहा था और उसके चेहरे पर रोष थाl

उसके विचार से, जहाँग वान ने केवल किस्मत से शर्त जीती थी और यह उसके जैसे प्रतिभाशाली के लिए यातना का विषय था कि वह इतने निम्न स्तर के गुरु का शिष्य हैl

तीसरा आने वाल वह युवा था जो भाले के प्रयोग में कुशल था, ज्हेंग यांग!

जब जहाँग वान ने उसके भाले की गलती सुधारी, तब उसकी ताकत दोगुने से भी ज्यादा हो गयी थीl इसके फलस्वरूप, ज्हेंग यांग को अपने गुरु पर बहुत विश्वास था और इन शिष्यों में वही एक था जिसने जहाँग वान को अपनी मर्ज़ी से गुरु माना थाl

चौथा आने वाली वांग यिंग थीl वह शर्मीली लड़की दूसरे शिष्यों को देखकर शर्मा गयी और तुरंत एक एक कोने में छुप गयीl

.......

" आज मैं अपने शरीर की समस्या का हल निकाल सकुंगी..." ज्हाओ या ने अपनी आँखें खोलीl

कल, अकादमी के सबसे बुरे गुरु ने कहा था कि वह उसकी समस्या का समाधान कर सकता हैl अपने कमरे में वापस जाने के बाद, वह खो गयी थी, बहुत देर तक अपने बिस्तर पर पलट रही थी, और बहुत देर से ही उसको नींद आईl

चाहे सामने वाला सच बोल रहा है या झूठ, इस बात का फैसला आज शाम तक हो ही जायेगा!

जब उसके मन में ऐसे विचार आये, तब उसने कुल्ला किया और कपडे पहन कर कमरे से निकल पड़ीl

बाइयु शहर के लार्ड की बेटी होने और प्रवेश परीक्षा में उपर से दस स्थान में जगह प्राप्त करने के कारण उसके अपना निजी घर मिला था, दूसरे शिष्यों को अपना कमरा बांटना पड़ता थाl उस घर में कई कमरे थे और उसके चाचा और बटलर उस में से एक कमरे में रहते थे, जो उसके कमरे से अधिक दूर नहीं थाl

" याओ चाचा, मैं कक्षा में जा रही हूँ!"

जोर से बोलने के बाद भी जब उस कमरे से कोई हरकत नहीं हुई तो ज्हाओ या चलने को तैयार हुईl

"मालकिन रुको, मेरे लिए रुको, मैं आपके साथ चलूँगा!" दरवाज़े के पीछे से एक आवाज़ आईl दरवाज़ा खुला और याओ हान बाहर निकलाl

उसके चेहरे को देख कर ज्हाओ या चौंक गयी," याओ चाचा, तुम.... क्या हुआ?"

ज्हाओ या, याओ हान का सूजा हुआ चेहरा और उसकी आँखों के चारों तरफ़ काले घेरे देख कर हैरान थीl एक ही रात में , अभिमानी याओ हान विकृत हो गया थाl यदि वह उसकी आवाज़ नहीं पहचानती तो उसको पहचान ही नहीं पाती!

"कल अपने प्रशिक्षण में ध्यानमग्न होने के कारण मैंने गलती से अपने को चोट लगा ली!"

याओ हान ने समझायाl

"..."

[ कौन अपने आप को प्रशिक्षण में मारेगा?

क्या किसी के लिए इससे भी बुरा बहाना सोचना मुमकिन है...]

" याओ चाचा, क्या हुआ? किसने किया यह? नहीं, मुझे अपने पिताजी को यह बताना ही होगा!" ज्हाओ या ने गुस्से से कहाl

" मालकिन, तुम अपने आप को इससे परेशान मत करोl यह मेरी समस्या है ... मैं इसे खुद ही सुलझा लूँगा! अच्छा होगा कि तुम अपनी पहली कक्षा के लिए जल्दी जाओl मैं देखना चाहता हूँ कि तुम्हारा वह गुरु कैसा हैl यदि उसका स्तर अफवाहों जैसा ही हुआ तो , मैं यह बात तुरंत ही शहर के लार्ड को बताऊंगा और होंगटियन अकादमी से तुम्हें एक नया गुरु दिलवाऊंगा..."

याओ हान ने आना हाथ असरदार मुद्रा में हिलायाl लेकिन, उसकी इस हरकत से उसके ज़ख्म और खिंच गए और वह पसीने से भीग गयाl

"ठीक है!"

यह देखते हुए कि याओ हान इस मामले में ज्हाओ या की दखलंदाज़ी के खिलाफ है, उसने इस बारे में और कुछ नहीं कहाl दोनों जहाँग वान की कक्षा की ओर चल पड़ेl

याओ चाचा, यह देखते हुए कि आप को कितनी चोट लगी है, मुझे लगता है कि आपको कमरे में जाकर आराम करना चाहिएl मैं खुद अपनी कक्षा में जा सकती हूँ और आपको मेरे साथ आने की कोई आवशयकता नहीं है!"

थोड़ी दूर जाने पर ही ज्हाओ यो ने पाया कि उसका पूरा शरीर कांप रहा है और वह पसीने से भीग गया है, इसलिए वह अपने आप को ऐसा कहने से रोक नहीं पायीl

कल, जहाँग वान ने बेझिझक अपने मुक्के इस पर बरसाए थेl ज़ख्मों पर दवाई लगाने और आराम करने के बाद भी, उसके ज़ख्म हरे थेl यह भी अचरज की बात थी कि वह चल भी पा रहा हैl

"मालकिन, चलने से पहले शहर के लार्ड ने आपके लिए एक अच्छा गुरु ढूँढने का काम मुझे दिया थाl फिर भी, तुमने ऐसे आदमी को चुनाl मैं भविष्य में शहर के लार्ड को क्या मुंह दिखाऊंगा!" याओ हान बोलाl "चाहे जो भी हो, मैं उस झूठे का असली चेहरा तुम्हें दिखाऊंगा और साबित करूँगा कि वह एक धोखेबाज है! केवल मेरी सीधी और नासमझ मालकिन ही उसके जाल में फंस सकती हैl उसका स्तर देखते हुए, उसको दूसरा शिष्य नहीं मिला होगाl जब तुम देख लोगी कि उसकी कक्षा में कोई दूसरा शिष्य नहीं है तुम समझ जाओगी..."

जियाआआआ!

कक्षा का दरवाज़ा धक्के से खुला और उसका आतंरिक भाग दिखाl उस कक्षा में जहाँग वान और उसके चार शिष्य बैठे थेl