"शांग शाओये !"
चाओ क्सिओंग ने इज्ज़त से कहाl
"चाओ क्सिओंग लाओशी, आप मुझे ढूंढ रहे थे?" शांग बिन ने पूछाl
दोनों अकादमी में गुरु थे और अकसर एक दूसरे से मिलते थे, लेकिन उनमें औपचारिकता ही थीl
"बिलकुलl कुछ है जिसे मैं शांग शाओये से बांटना चाहता हूँ" चाओ क्सिओंग कुछ हिचका और बोलाl
"अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूँ तो, मैं पूरी कोशिश करूँगा!" चाओ क्सिओंग ने जवाब दियाl
एल्डर शांग चेन का पोता होने के कारण कई लोग उसके पास मदद के लिए आते थे और उसे इसकी आदत हो गयी थीl
"ऐसा बात है ? मैं...कल मैंने बड़ी मेहनत से एक शिष्य बनाया था, लेकिन किसी और गुरु ने उसको धोखे से छीन लियाl क्या एल्डर शांग शिक्षा विभाग के प्रमुख नहीं हैं? मैं पूछना चाहता हूँ...कि क्या यह संभव है कि वह शिष्य वापस मुझे मिल जाए..."
चाओ क्सिओंग बोलाl
लिऊ यांग उसका सबसे अच्छा शिष्य था और उस को भर्ती करने में उसने बड़ी मेहनत की थीl फिर भी, उस शर्त के कारण वह उसे जहाँग वान को हार गयाl वापस आकर, इस बारे में सोच कर वह गुस्से पे गुस्सा होता रहाl आखिरकार, वह और नहीं सह सका और आज आकर शांग बिन से मिलाl
शांग बिन के दादाजी, एल्डर शांग चेन, अकादमी के शिक्षा विभाग के प्रमुख थेl एक शिष्य को दूसरे गुरु को देना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं होगीl
"वापस करना?" शांग बिन ने आँखें सिकोड़ीl "यदि वह आदमी अपनी मर्ज़ी से दूसरे गुरु के पास गया है तो यह मुश्किल है! तुम्हें तो पता ही है कि आजकल शिष्य भी कितना परेशान करते हैंl यदि वे किसी बात से नाखुश हुए तो सीधा शाही दरबार और गुरुओं की यूनियन में शिकायत कर देते हैं,फिर हम ....."
"वह मर्जी से नहीं गया है! मैं इसकी गारंटी लेता हूँ!" चाओ क्सिओंग ने जल्दी से जवाब दियाl
"यदि वह नहीं चाहता, लेकिन फिर भी दूसरा गुरु न चाहे, तो भी यह आसान नहीं होगाl तुम्हें स्कूल के नियम तो पता ही हैं..." शांग बिन ने अपना हाथ हिलायाl
अचानक उसने अपना सिर उठाया और बोला, "अभी अभी तुमने कहा....धोखे से? क्या मैं जान सकता हूँ कि कौन से गुरु ने तुम्हारे शिष्य को फुसला लिया है?"
"वह हमारी अकादमी का 'बकवास गुरु ' जहाँग वान..." उस युवक के बारे में बात करते हुए, चाओ क्सिओंग के जबड़े भिंच गए और उसके चेहरे पर नफरत साफ दिखने लगीl
"जहाँग वान? तुम्हारे शिष्य को उसने फुसला लिया?" उस नाम को सुनकर,शांग बिन का गुस्सा फिर भड़कने लगाl
यदि यह आदमी नहीं होता, तो निश्चय ही वह अपनी देवी के साथ भोजन कर पाता! ऐसा आदमी जो केवल फाइटर ३- डान है और जिसे गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त हुए हैं उसके अधिकार की उपेक्षा कर सकता है, वह ज़रूर मरना चाहता है!
यदि कल वह देवी वहां नहीं होती, जिसके सामने वह कोई मारपीट नहीं करना चाहता था, तो निश्चय ही उसने उसे मार मार कर अधमरा कर दिया होता!
"हाँ! क्योंकि वह ऐसा गुरु है, कोई भी इंसान जिसका शिष्य नहीं बनना चाहेगा! इसलिए, मैं शांग शाओये की मदद से एल्डर शांग के समक्ष यह बात रखना चाहता हूँ और अपना शिष्य वापस पाना चाहता हूँ...." चाओ क्सिओंग ने सावधानी से कहा, वह डर रहा था कि सामने वाला उसको कहीं मना न कर देl
"इस बात को एल्डर शांग के समक्ष रखने की कोई ज़रुरत नहीं है, मैं तुम्हारे लिए इसे अभी सुलझा देता हूँ!" शांग बिन ने अपना हाथ शाही अंदाज़ में हिलायाl
"तुम मेरे लिए यह मामला अभी सुलझा दोगे?"
"दूसरे गुरु के शिष्य की पुनःआबंटन प्रक्रिया के बारे में होता तो मेरे दादाजी की मदद की ज़रुरत होती, लेकिन चूँकि हम निकम्मे जहाँग वान के बारे में बात कर रहे हैं, तो उन्हें परेशान करने की क्या ज़रुरत है? हम सीधा उसके पास जाते हैं और उसको बोलते हैं, अगर वह मना कर देगा तो हम उसकी पिटाई कर देंगे!"
बहुत दिखावा करते हुए शांग बिन बोलाl
शायद दूसरे गुरुओं के साथ वह ऐसा नहीं कर पाता, लेकिन वह गुरु जिसने गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त किया हो, उसे सबक सिखाना बहुत आसान था!
यदि उसकी कमजोरी को नज़रंदाज़ कर भी दें, तो बात यह भी थी कि अकादमी में कोई भी उस गुरु के बचाव के लिए आगे नहीं आयेगाl
सबसे ज़रूरी बात यह थी कि वह अपनी कुंठा निकलने के लिए, जहाँग वान को मज़ा चखाना चाहता था, लेकिन उसे उसके लिए कोई सही बहाना नहीं मिल रहा थाl
यदि वह बिना उचित बहाने के उसकी पिटाई करे और शेन बी रु को पता चल जाए तो ज़रूर उसकी छवि शेन बी रु के सामने ख़राब हो जाएगीl
लेकिन अब, उसने दूसरे गुरु के शिष्य को फुसलाया है और वह गुरु उससे मदद मांगने आया हैl वह इस बहाने से उस पर वार कर सकता है!
"यह..." चाओ क्सिओंग को नहीं लगा था कि शांग बिन इतना दिलदार निकलेगा इसलिए उसे अचरज हुआl
" 'यह' बोलने की कोई ज़रुरत नहीं हैl मेरे साथ आओ! यदि तुम्हें डर लग रहा है तो मैं तुम्हारे लिए यह कर देता हूँ! शांग बिन के ओंठ ऊपर की ओर मुड गए और उसकी आँखों में एक कुटिल चमक आ गयीl
"तो मैं शांग शाओये को पहले ही धन्यवाद दे देता हूँ!" चाओ क्सिओंग की आँखें उत्साह से चमक उठी और उसने जल्दी से अपना सिर हिलायाl दोनों लम्बे क़दमों से जहाँग वान की कक्षा की ओर बढ़ेl
उन्हें जहाँग वान की कक्षा तक पहुँचने में देर नहीं लगी और वहां उन्होंने ममी की तरह लिपटे हुए याओ हान और वांग परिवार के छोटे मास्टर को देखाl
"वांग ताओ, तुम दादाजी के पास प्रशिक्षण लेने के बजाये यहाँ क्या कर रहे हो?" शांग बिन ने भौंहे सिकोड़ीl
वह एल्डर शांग चेन का पोता होते हुए भी वांग ताओ से थोडा कम योग्य थाl
"शांग बिन लाओशी!" वांग ताओ ने प्रणाम कियाl "मेरी छोटी बहन को धोखे से यहां शिष्य बनाया गया हैl मैं उसको वापस लेना चाहता हूँ..."
"शांग बिन?"
याओ हान अभी सोच ही रहा था कि शांग बिन के बारे में किस से जानकारी ले जब उसने सुना कि उसके सामने खड़ा व्यक्ति शांग बिन हैl उसने अपना सिर उठा कर तुरंत उसको देखाl
"तुम्हारा मतलब वांग यिंग क्सिओजिए?" शांग बिन का चेहरा गहरा हो गयाl उसकी आँखों से गुस्सा निकल रहा था, "वह जहाँग वान सच में बहुत हिम्मतवाला है! यदि उसने वांग क्सिओजिए को भी धोखा दिया है तो वह ज़रूर मरना चाहता है! लगता है कि यदि मैं उसे सबक नहीं सिखाऊंगा तो सबको शांत करना मुश्किल हो जायेगा!"
"बिलकुल..." वांग ताओ ने अपना सिर हिलायाl
"चूँकि वांग यिंग क्सिओजिए को धोखे से शिष्य बनाया गया है तो तुम ने अंदर जाकर अब तक उसको रोका क्यों नहीं, और यहाँ बाहर खड़े होकर इंतज़ार क्यों कर रहे हो?" शांग बिन ने कुढ़ते हुए विस्मय से देखाl
"वह..." वांग ताओ यह बोलने की हिम्मत नहीं कर सका कि उसको बाहर फेंक दिया गया हैl अपना सिर खुजाते हुए वह सोच ही रहा था कि क्या जवाब दे तभी, याओ हान, जो उसके बाजू में था, बोला, "क्या अकादमी में ऐसा नियम नहीं है कि पाठ के बीच में कक्षा में नहीं जा सकते? इसलिए, हम सिर्फ पाठ ख़त्म होने तक बाहर इंतज़ार कर रहे हैं!"
"यह तो..."
अब जाकर शांग बिन ने ममी बने हुए याओ हान पर नज़र डालीl
"यह बाइयु शहर के, लार्ड का बटलर याओ हान है!" वांग ताओ ने जल्दबाजी में उसका परिचय दियाl
"अच्छा तो यह बटलर याओ हैl मैंने आपका बड़ा नाम सुना है!" शांग बीन ने अपना सिर हिलाया और आगे बोला, " अकादमी में ऐसा नियम है कि कोई भी पाठ के बीच में कक्षा में नहीं जा सकताl लेकिन, इस मामले में यह मायने नहीं रखताl तुम सब मेरे साथ कक्षा में आ सकते होl आज, मैं खुद ऐसे आदमी को सबक सिखाऊंगा, जिसमें गुरु होने लायक कोई नैतिक गुण नहीं है और जो दूसरों को ठगने का काम कर रहा हो!"
"ठीक है!" यह सुनकर कि वह सबक सिखाने जा रहा है, वांग ताओ की आँखें चमक उठी और वह उसके पीछे हो लियाl एक पल को झिझक कर याओ हान भी उसके पीछे हो लियाl
.........
कक्षा मेंl
"होंग्तियन नौ फार्मूला, होंग्तियन अकादमी की मूल कल्टीवेशन तकनीक होगी, लेकिन इसमें बहुत सारी कमियां हैंl जैसे..."
पाँचों शिष्य कक्षा में बैठ कर जहाँग वान की व्याख्या को ध्यान से सुन रहे थेl
यह पहला पाठ होने के बावजूद, वे सभी बहुत प्रभावित थेl ऐसा प्रतीत होता था माने उन्होंने गिन्सेंग फल खा लिया हो और वे उसके शब्दों को पी रहे थेl
युआन ताओ के अलावा, जो थोड़े से शिष्य उसके सामने बैठे थे, उन सभी की पृष्ठ्भूमि बहुत असाधारण थी l वे कभी अकादमी नहीं गए थे लेकिन उन्होंने सब नियमानुसार सीखा थाl उन्होंने अलग अलग गुरुओं के व्याख्यान सुने थे और उन्हें फाइटर 5-डान और 6-डान एक्सपर्ट्स से भी सीख लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था...लेकिन, वे अपने जीवनकाल में कभी भी ऐसे व्याख्यान में नहीं गए थेl
उस व्याख्यान से उनमें ज्ञान का प्रसार हो रहा थाl पहले जो बहुत सी बातें उन्हें उलझी हुई लगती थी, आज समझ आ रही थी|
उनकी सांसें वह तरीके अपनाने के लिए लालायित थीं,जो गुरूजी समझा रहे थे और उन्हें लग रहा था कि वे किसी भी समय पारगमन कर लेंगेl
व्याख्यान सच में बहुत ही बढ़िया था!
जहाँग वान का पाठ पढ़कर, उन्हें समझ आया कि बहुत ऊँचे स्तर के गुरु कहे जाने वालों का स्तर भी इनके सामने कुछ नहीं हैl
खासकर ज्हाओ या को यही लगाl शहर के लार्ड की बेटी होने के कारण, उसके पिता कई बार उसको कल्टीवेशन तकनीक समझाते थेl शुरुआत में, उसे लगा था कि उसके पिता तियनवान साम्राज्य में सबसे अच्छे व्याख्याता हैंl आखिरकार उसके पिता की ताकत सबके सामने ज़ाहिर थी!
लेकिन, जहाँग लाओशी के समक्ष वह कुंए के मेंढक की भांति महसूस कर रही थी! यह हास्यापद थाl उन दोनों में कोई तुलना नहीं थी!
जहाँग लाओशी का समझाना एकदम सटीक थाl चाहे कल्टीवेशन तकनीक और युद्ध तकनीक कितनी भी अविश्वसनीय क्यों न हो, वे तुरंत उसकी खामियां ढूंढ लेते थे, जिससे कोई चकरा जाता था और गहन चिंतन में पड़ जाता था, अपने अंदर के तूफ़ान को बहुत देर तक शांत नहीं कर पाता थाl
अक्सर, जहाँग लाओशी का एक ही वाक्य उन्हें आधे दिन के लिए सोचने पर मजबूर कर देता थाl जब तक उन्हें समझ आता , तब तक वे आगे निकल चुके होते और उनकी बताई हुई कई ज्ञानवर्धक बातें रह जाती थीl
"जहाँग लाओशी का स्तर .... बहुत ही ऊँचा है!"
इस क्षण उन पांचों शिष्यों को समझ आ गया था कि युद्ध तकनीक की नींव कितनी गहरी हैं और इस नवयुवक, जो उनसे अधिक बड़ा नहीं है, के ज्ञान का वृक्ष कितना विस्तृत हैl
"कितनी हास्यापद बात है कि पहले मैंने सोचा था कि मेरी ताकत को तुरंत बढ़ाना जहाँग वान की किस्मत का खेल हैl अब ही मुझे एहसास हुआ है कि... उनके ज्ञान को देखते हुए, ऐसी महान बात करना उनके लिए छोटी सी बात है!उनके पास मेरी ताकत को दोगुना करने के सौ से भी अधिक तरीके हैं..."
पहले का घमंडी लिऊ यांग, वहीँ कांप रहा था, " इसके मुकाबले, चाओ क्सिओंग लाओशी...आह, अच्छा होगा कि मैं इन दोनों की तुलना न ही करूँl वे दोनों एकदम ही अलग ऊंचाई पर हैं, इन दोनों का कोई मुकाबला नहीं हैंl ऐसा प्रतीत होता है मानो दोनों अलग दुनिया से हों! यह तो खुशकिस्मती है कि उन दोनों ने शर्त लगायी, नहीं तो मैं इतने महान गुरु से कैसे मिल पाता..."
पाँचों शिष्य मग्न होकर उसका व्याख्यान सुन रहे थे और एक शब्द भी छोड़ना नहीं चाहते थे, कि कहीं कोई ज़रूरी बात छूट न जायेl
जियाआ!
कक्षा का द्वार खुला और कुछ आदमी लम्बे क़दमों से कमरे में दाखिल हुएl