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Chapter 21 - ज़ेफायर एक्यूपंक्चर

हालांकि उसको पैर की चोट के कारण चलने में कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन प्रशिक्षण में बहुत परेशानी होती थीl ऐसा लगता था मानो उसकी हड्डियों में ज़हर घुल गया होl पिछले आधे साल में , एक भी दिन उसने ख़ुशी से नहीं काटा थाl

इसी कारण से वह अजनबियों से थोडा डरती थी और चुप हो गयी थीl

पहले, उसने सोचा था कि उसकी चोट ज़िन्दगी भर रहेगीl फिर भी, उसने नहीं सोचा था कि जहाँग लाओशी, जिसे सब निकम्मा गुरु कहते हैं, इसको 'छोटी सी बात कहेंगे!' उसे अपने कानों से सुनी बात पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा थाl

कुछ क्षण पहले, वह सोच सकती थी कि जहाँग वान झूठ बोल रहे हैंl लेकिन जब से उन्होंने उसकी चोट के पीछे का कारण बताया है , उसकी उम्मीद बढ़ गयी थीl

" मैंने तुम्हें इस कमरे में अलग से इसलिए बुलाया है कि मैं तुम्हारा इलाज कर सकूँ! ठीक है, अपना पूरा शरीर ढीला छोड़ दो!"

जहाँग वान ने एक माध्यम आकार का जेड बॉक्स कमरे से उठाया और धीमे से उसको खोलाl उसके अंदर चांदी की विभिन्न लम्बाई की सुइयां थीl

मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण के दौरान, चोट लग सकती थीl इसलिए, अकादमी ने हर कक्षा में एक ऐसा बॉक्स रखा था ताकि चोट लगने पर चोटिल आदमी का खून का प्रवाह बढाया जा सके और दर्द में थोड़ी राहत मिलेl

" हाँ!" वांग यिंग उस आदमी की दृढ़, आश्वस्त और बिना घमंड की आवाज़ सुन कर बोलीl किसी कारण से वांग यिंग को अपने समक्ष खड़े आदमी पर पूरे दिल से विश्वास था और उसका शरीर ढीला पड गयाl

सोउ!

अपनी जगह पर ही बैठे बैठे , उसने एक चांदी की सुई उठाईl

एक धीमी आवाज़ के साथ उसने उस सुई में ज्हेंकी का प्रसार किया और उसे कस कर वांग यिंग के पैर पर माराl

"यह... ज़ेफायर एक्यूपंक्चर है?" वांग यिंग की आँखें फ़ैल गयी और उसका पतला शरीर फिर से कांपने लगाl

ज़ेफायर एक्यूपंक्चर, यह एक तरीका था जिसमें मरीज़ के शरीर को छुए बिना, मार्शल आर्टिस्ट अपनी ताकत का प्रयोग कर चांदी की सुई को सही जगह लगाता हैl

इस प्रकार, एक पुरुष डॉक्टर एक स्त्री मरीज़ के संपर्क में आये बिना एक्यूपंक्चर कर सकता हैl इस प्रकार उन दोनों के मध्य होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है l

एक्यूपंक्चर का यह तरीका साधारण लगता है, परन्तु यह निहायत ही जटिल हैl पहले तो मार्शल आर्टिस्ट को अपनी ताकत पर पूरा काबू होना चाहिएl यदि ज़रा सा भी इधर उधर हुआ तो काम बिगड़ सकता है! और तो और, उसकी आँखें तेज़ होनी चाहिएl मरीज़ के कपड़ों के नीचे सही एकुपॉइंट पहचानना कठिन होता हैl यदि डॉक्टर ने एक्यूपंक्चर को गलत समझा तोकई प्रकार की परेशानियाँ हो सकती है!

मास्टर युआन्यु ने एक बार कहा था कि ज़ेफायर एक्यूपंक्चर करने के लिए कम से कम फाइटर 5-डान डिंगली रियल्म के स्तर का कल्टीवेशन होना चाहिए!

क्या अकादमी में नालायक कहे जाने वाले गुरु का स्तर इतना ऊंचा है?

असंभव!

जो भी डिंगली रियल्म तक पहुंचे हैं, वह सभी अकादमी में मशहूर गुरु हैं जैसे गुरु लू वून. लिऊ लाओशी के अनुसार , जहाँग वान केवल फाइटर 3- डान ज्हेंकी रियल्म का हैl उसके 5-डान डिंगली रियल्म पहुँचने में अभी बहुत समय है!

एक फाइटर 3- डान ज्हेंकी रियल्म का व्यक्ति ज़ेफायर एक्यूपंक्चर कर सकता है?

उसे यह अविश्वसनीय लगा!

सोउ सोउ सोउ सोउ!

जब वह अविश्वास के स्थिति में थी, तभी उस नवयुवक ने उसकी ओर कुछ और सुइयां फेंकीl

हवा के कुछ झोंके उठे और चांदी की सुइयां उतने ही गहरे गड गयीl इस से यह पता चला कि सामने वाला पहले ही अपनी ताकत पर नियंत्रण के मामले में बहुत आगे हैl

चांदी की सुई उसके पैर में चुभीl जैसे ही वांग यिंग, जहाँग वान से पूछना चाहती थी कि वह उसको कैसे ठीक करेगा, उसका हाथ सुई पर लगा और सुई की ज्हेंकी सक्रीय होकर उसके शरीर में समा गयीl

"आह..."

जैसे ही ज्हेंकी उसके शरीर में प्रविष्ट हुई, उसे अपने पैरों में झुनझुनाहट सी महसूस हुईl वह एकुपॉइंट जो पहले बंद था, इस ज्हेंकी के बहते ही तुरंत खुल गयाl

" यह... यह... यह सुपीरियर ज्हेंकी है?"

जैसे ही झनझनाहट उसके पूरे शरीर में फैली, वांग यिंग ने ज्हेंकी को अपने अंदर समाते हुए साफ देखाl

[पानी की तरह साफ़, बिना किसी मैल केl

यह.... यह गुण केवल सुपीरियर ज्हेंकी में ही है!

सुपीरियर ज्हेंकी?

यह केवल तभी कल्टीवेट किया जा सकता है जब किसी के पास ईश्वर या संत कल्टीवेशन तकनीक होl पूरे टीआन्वान साम्राज्य में , किसी ने नहीं सुना कि किसी ने सुपीरियर ज्हेंकी को कल्टीवेट किया होl फिर भी, यह सोचना कि अकादमी के सबसे नालायक गुरु के पास यह है? ऐसा तो नहीं है कि मैं सपना देख रही हूँ....]

"हो गया!"

जब तक वह सदमे से उभरे, उसका शरीर ढीला पडा और उसे आराम मिल गयाl तब तक, सामने वाले ने चांदी की सुइयां निकल ली थीl

इसके बाद वांग यिंग को अपने पैर में बहुत आराम पड़ा, ऐसा आराम जो पहले कभी नहीं पड़ा थाl

अपनी चोट के बाद, हालांकि वह साधारण रूप से चल सकती थी, उसे ऐसा लगता था मानो उसके पैर पर प्लास्टर लगा हो, हमेशा कड़ा रहता थाl इस समय उसके पैर में सुखद अनुभव की लहर पर लहर उठ रही थी, मानो उसने कुछ बेड़ियाँ तोड़ दी हों l उसका पैर जीवंत और फुर्तीला महसूस हो रहा थाl

"मेरा पैर..."

उसका दिमाग कम था, लेकिन वह साफ़ देख सकती थी कि उसके पैर की चोट ठीक हो गयी है!

"गुरूजी, धन्यवाद..."

 वांग यिंग के घुटने मुड़े और वह ज़मीन घुटनों के बल बैठ गयीl उसकी आँखें लाल हो गयी थीl

इस दिन के लिए, उसने बहुत देर इंतज़ार किया थाl और तो और, वह अपनी स्थिति से निराश हो चुकी थीl उसने सपने में भी नहीं सोचा था... कि इतनी बड़ी बीमारी अकादमी के सबसे बुरे गुरु से ठीक हो जाएगी!

"ऐसा प्रतीत होता है... सच यह है.... कि यह बहुत ही काबिल व्यक्ति है, बस यह केवल खुद को साधरण स्तर पर बनाये रखना चाहता है..."

उसके दिमाग में ऐसा विचार आयाl

यदि वह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहा है, तो उसका शिक्षण चाहे जैसा भी हो , केवल ये ही बात कि उसका पैर ठीक हो गया है, इस बात का सबूत थी कि वह अकादमी में अपनी इज्ज़त बना सकता हैl और किस प्रकार इसके लिए यह मुमकिन है कि वह गुरु योग्यता परीक्षा में सबसे अंतिम स्थान पाए?

मन में ऐसा विचार आते ही वांग यिंग ज़मीन पर झुकी और उसने दिल से जहाँग वान को अपना गुरु मान लियाl उसका शिष्य न बनने का विचार दिल से पूरी तरह निकल गयाl

" हम्म, अब जब तुम्हारे पैर की चोट ठीक हो गयी है तो तुम बाहर जाकर सही तरीके से प्रशिक्षण करोl यदि तुम्हें कोई और परेशानी हो तो बाद में आकर मुझसे मिलो!" जहाँग वान ने इशारा किया और बोला ," जाते हुए, लिऊ यांग को भेज दो!"

"हाँ!" वांग यिंग ने बाहर जाने से पहले ख़ुशी से कहाl

..............

"मैं इसकी शिष्यता से निकलना चाहता हूँ, क्या तुम में से कोई मेरे साथ है?"

 कक्षा में जब लिऊ यांग, ज्हाओ या और युआन ताओ ने एक दूसरे को अपना परिचय दे दिया तब लिऊ यांग ने कहाl

सच कहें तो वह बहुत ही निराश थाl

पहले सौ में आने के कारण, कई गुरु उस पर नज़र रखे हुए थेl फिर भी, अंत में, दो गुरुओं के बीच की शर्त में वह अकादमी के सबसे बुरे गुरु को हार में मिला!

उसके साथ गलत हुआ है यह सोच कर वह पागल हो रहा थाl

[चाहे जो हो जाए, आज मुझे इसकी शिष्यता से निकलना ही होगाl चाहे इसका मतलब यह ही क्यों न हो कि मुझे अकादमी से ही जाना पड़े... कोई भी मेरे कदम नहीं रोक सकेगा!]

"मैं...मैं भी उसकी शिष्यता से निकलना चाहता हूँ, लेकिन यदि जहाँग वान लाओशी गुस्सा हो गये तो यह कहना मुश्किल है कि वह क्या करेंगे!" मोटा युआन ताओ खुद को बोलने से नहीं रोक पायाl

"गुस्सा? ह्म्म्म , तो क्या यदि वो गुस्सा हो तो? क्या कर लेंगे वो? मैं उसके मार्गदर्शन में पागल नहीं होना चाहता!" लिऊ यांग ने मजाक उड़ाते हुए कहाl

"पागल?" ज्हेंग यांग ने शक से देखाl

उसे सिर्फ यही पता था कि इस गुरु ने गुरु योग्यता परीक्षा में सबसे बुरा स्थान पाया हैl उसने किसी शिष्य के पागल होने के बारे में नहीं सुना थाl

"हुंह !" लिऊ यांग बोला, " यदि तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है तो देख लेनाl जब वांग यिंग बाहर निकलेगी, उसका चेहरा निश्चय ही बुरा होगा! उसको लगेगा कि उसके साथ धोखा हुआ है! मैंने पहले ही जहाँग वान लाओशी के मार्गदर्शन के बारे में सुन रखा हैl यदि वह सही सिखा पाता, तो उसकी यह हालत नहीं होती, उसे बाकी गुरु इतनी हीनता से नहीं देखते"

जियाआआआ!

जब वे बात कर रहे थे, तभी दरवाज़ा खुला और वांग यिंग उत्साहित ढंग से बाहर निकलीl

"हूँ?"

लिऊ यांग को अचम्भा हुआl शुरू में उसे लगा था कि वह उदास होगी, लेकिन उसकी उम्मीद के विपरीत , वह ख़ुशी से मुस्कुरा रही थीl

बाकी शिष्य भी समझ नहीं पा रहे थेl

वह ख़ुशी उसके दिल की गहराई से आ रही थीl उसने ज़रूर ही कुछ बड़ा हासिल किया है जिससे उसके चेहरे पर यह भाव हैl

क्या यह हो सकता है कि ऐसी बुरी प्रतिष्ठा वाले गुरु ने इसको कुछ सही सिखाया होगा?

किसी शिष्य को एक ही सत्र में, इतना खुश करने का कमाल मानो उसे कोई खज़ाना मिल गया हो, तो मशहूर लू वून लाओशी भी नहीं कर सकते!

"लिऊ यांग, गुरूजी ने तुम्हें अंदर बुलाया है!" दूसरे क्या सोच रहे हैं, इस बात से बेख़बर, वांग यिंग ने उसको कहा, और एक कोने में जाकर अपना प्रशिक्षण करने लगीl

"मैं?" लिऊ यांग ने अपने जबड़े भींचेl " मैं देखता हूँ कि तुम मुझे क्या सिखा सकते हो! यदि तुम मुझे कुछ अच्छा नहीं सिखा सके तो मैं तुम्हारा शिष्य नहीं रहूँगा!"

मन ही मन बुदबुदाता हुआ , वह कमरे में दाखिल हुआl

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