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Chapter 26 - प्रबोधन इच्छा परीक्षण (एनलाइटनमेंट विल ट्रायल)

"जहाँग वान , मुझे उम्मीद नहीं थी कि एक दिन न मिलने से तुम्हारा अहम इतना बड़ा हो जायेगा!" कक्षामें घुसते हुए शांग बिन ने कमरे का जायज़ा लिया और देखा कि 'नालायक' ने पांच और शिष्य भर्ती कर लिए हैंl उसकी आँखों में एक दानवीय अभिव्यक्ति चमकी और वह उपहास से बोला, " तुम में, वांग यिंग क्सिओजिए, ज्हाओ या क्सिओजिए, चाओ क्सिओंग लाओशी के शिष्य और दूसरों को फुसला कर अपना शिष्य बनाने की हिम्मत कहाँ से आई!"

"शांग बिन लाओशी? चाओ क्सिओंग लाओशी?"

कुछ लोगों को अंदर आता देख कर, जहाँग वान ने भवें सिकोड़ी, "मैं एक पाठ के बीच में हूँl यदि आपको कुछ कहना है तो, कृपा करके पाठ के बाद कहें!"

"पाठ, तुम्हारा सिर! शांग शाओये खुद आये हैं तो फिर तुम इतना ऊंचा और महान दिखने की कोशिश क्यों कर रहे हो? तुम्हारे स्तर को देखते हुए, यह अच्छा है कि दूसरे लोग तुम्हारे मार्गदर्शन से बच गए, फिर भी तुम पाठ लेने की बात कर रहे हो? तुम छोटे से आदमी, जिसे साधारण बातें भी नहीं पता, तुम हमारे सामने अपने को महान समझने की हिम्मत कैसे कर रहे हो!" चाओ क्सिओंग ने जहाँग वान का मज़ाक उड़ायाl

चूँकि वे दोनों पहले से ही एक दूसरे के दुश्मन थे, इसलिए अब नाटक करने की कोई ज़रुरत नहीं थीl

"निकल जाओ! यहाँ तुम्हारा स्वागत नहीं है!" जहाँग वान ने आँखें सिकोड़ीl

"तुम अभी भी दिखावा कर रहे हो? जहाँग वान, क्या तम्हें अपना उपनाम भी याद है?" शंग बिन हंसा, "जल्दी से ज्हाओ या क्सिओजिए और वांग यिंग क्सिओजिए को अपनी शिष्यता से मुक्त कर दो और लिऊ यांग, चाओ क्सिओंग लाओशी को वापस दे दोl यदि ऐसा करोगे तो, शायद मैं आज पीछे हट जाऊं और तुम्हें सबक न सिखाऊंl नहीं तो, मुझे डर है कि तुम स्कूल का यह सत्र व्हील चेयर पर निकालोगे!"

"तुम मुझ पर हमला करना चाहते हो?" जहाँग वान ने नज़र उठा कर देखा, "अकादमी के अहाते में गुरुओं का आपस में लड़ना मना हैl क्या शांग बिन लाओशी को यह नियम नहीं मालूम?"

"अकादमी के नियम इंसानों के लिए बने हैंl दूसरों के साथ नियम तोड़ते हुए, मैं फिर भी उसके नतीजे के बारे में सोचता, लेकिन तुम... हा हा हा, क्या तुम सोचते हो कि अकादमी में कोई भी तुम जैसे 'नालायक' का पक्ष लेगा?" शांग बिन ने ऐसे भावों के साथ कहा कि उसकी नीच इच्छाएं साफ़ दिखने लगीl

"मैं समझ गया, मैंने कल अपने शब्दों से तुम्हें अपमानित किया था, इसलिए आज तुम जानबूझ कर मुझसे परेशानी मोल लेने आये हो? क्या तुम्हें डर नहीं है कि शेन बी रु, तुम्हारी इन हरकतों से दुखी होगी?" जहाँग वान हुंकाराl

"हा हा हा, कम से कम तुम ये तो अच्छे से जानते होl चूँकि, मैंने तुम्हें सबक सिखाने का निर्णय ले लिया है, मैं तुम्हारी बकवास की चिंता नहीं करूँगा..." शांग बिन ने मना नहीं किया, और जैसे ही वह अपने सामने खड़े आदमी को सबक सिखाने के लिए हँसता हुआ आगे बढ़ा, उसे एक गुस्से से भरी आवाज़ ने रोकाl

"वह तुम हो!"

याओ हान की आँखें लाल हो गयीl

यह देखते हुए कि किसे जहाँग वान ने कल शांग बिन को अपमानित किया था और शेन बी रु भी इस घटना में शामिल थी, याओ हान यदि अब भी यह नहीं समझ पाता कि कल उसकी पिटाई करने वाला कौन था, तो शायद उसे खुद को भी लगता कि वह मूर्ख है!

"क्या?" जब वह जहाँग वान को सज़ा देने ही वाला था, तभी याओ हान का गुस्सा देख कर, शांग बिन हक्का बक्का हो गया और पलटाl

"क्या तुम यह सोचते हो कि तुम्हें नहीं पता कि तुमने क्या किया?"

शांग बिन कुछ करता इसके पहले ही एक ज़ोरदार आवाज़ के साथ उसके मुंह पर एक ज़बरदस्त मुक्का पड़ाl

"हे भगवान!"

शांग बिन के सामने अँधेरा छा गयाl उसकी आँखों के आस पास नील पड़ गएl उस का शरीर एक झटका खाकर ज़मीन पर गिर पडाl

"मुझे मार मार कर अधमरा कर दिया, मैं तुम्हें मज़ा चखाऊंगा!"

कल की मार के दर्द को याद कर, याओ हान अपनी पूरी ताकत से घूसे मार रहा थाl शांग बिन के ऊपर बैठ कर उसपर मुक्कों की बारिश कर रहा थाl

"बटलर याओ..."

सब कुछ इतना ज़ल्दबाजी में हुआ कि, वांग ताओ और चाओ क्सिओंग हैरत में थेl

दरअसल, केवल वही अचंभित नहीं थे, ज्हाओ या, वांग यिंग और अन्य भी एक दूसरे को दुविधा से देख रहे थेl

थोड़ी देर पहले, जब कुछ लोग जहाँग लाओशी को परेशान करने आये थे, जहाँग वान के शिष्य गुस्सा हुए थे और अपने गुरु का साथ देने के लिए तैयार थेl लेकिन, वे कुछ कर पाते, इसके पहले ही सामने वालों ने आपस में लड़ना शुरू कर दियाl

क्या यह घटना कुछ ज्यादा ही अजीब नहीं है!

ज्हाओ या के लिए तो खासकरl वह बटलर याओ के चरित्र को अच्छी तरह जानती थीl वह बहुत ही सभ्य और विवेकपूर्ण व्यक्ति है जो समस्याओं को सही तरीके से सुलझाता हैl नहीं तो, उसके पिता उसे अपने परिवार का बटलर कभी भी नहीं बनातेl

लेकिन... आज क्या हुआ? क्यों उसने शांग बिन की बात पूरी होने से पहले ही उसकी पिटाई शुरू कर दी?

शायद कोई इसका जवाब दे सकता है तो वह जहाँग वान हैl

 उसने जानबूझ कर इस बात का ज़िक्र किया था कि उसने शांग बिन को अपमानित किया है और शेन बी रु का नाम भी बटलर याओ को कल के हमलावर की बातें याद दिलाने के लिए किया थाl अंत में, जैसा उसने चाहा था, याओ ने शांग बिन पर हमला कर दिया!

दरअसल, बटलर याओ को इस उतावलेपन के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकताl आखिरकार, चाहे जो भो हो, यदि उसको बिना किसी कारण के बुरी तरह पीटा जायेगा तो वह मारने वाले के खिलाफ अपने दिल में द्वेष तो रखेगा हीl और तो और, वह एक इज्ज़तदार व्यक्ति था, और बाइयु शहर का प्रतिनिधित्व करता था, इसलिए उसने कभी ऐसा अन्याय नहीं सहा थाl साथ ही, पिछले दो दिनों में जहाँग वान ने उसे कई बार गुस्सा दिलाया था लेकिन उसकी छोटी मालकिन ने उसे उस पर हाथ उठाने से रोक रखा थाl इस कुंठा को बाहर निकलने का कोई रास्ता न होने पर , यह उसके मन में ही इकठ्ठा हो रही थीl इस समय, जब वह अपने दुश्मन से मिला, तो कैसे इसको और रोक सकता था?

"बटलर याओ, तुम क्या कर रहे हो?!" बारिश की बूंदों की तरह पड़ते हुए उसके मुक्कों से परेशान, शांग बिन की आँखों के आगे अंधरा छा रहा थाl उसके मुंह से ताज़े खून की उलटी होने ही वाली थीl

क्या चल रहा था?

वह आज पहली बार बटलर याओ से मिल रहा है और उसने पहले कभी उसको नाराज़ भी नहीं किया, तो वह किस बात के कारण इतनी दरिंदगी दिखा रहा है?

चाहे उसने जितनी भी कोशिश की, लेकिन वह सोच ही नहीं पाया कि कैसे उसने सामने वाले को इतना नाराज़ किया है!

"मैं क्या कर रहा हूँ? नादान मत बनो, क्या तुम्हें खुद नहीं पता?"

पेंग पेंग पेंग पेंग!

बटलर याओ के मुक्के एक के बाद एक, बिना रुके बरसते रहेl

शांग बिन एक उच्च स्तर का गुरु था और फाइटर 5 - डान डिंगली रियल्म स्तर तक पहुँच गया थाl फिर भी, उसके और याओ हान के 6 - डान पिक्सी रियल्म में बहुत अंतर थाl वह साधारण लड़ाई में भी याओ हान की बराबरी नहीं कर सकता था, अचानक हुए हमले में तो दूर की बात हैl एक ही मुक्के में उसका काम तमाम हो चुका थाl

"बटलर याओ, शांत हो जाओ, शांतl हम शांति से बातें कर सकते हैं..."

तब जाकर चाओ क्सिओंग और वांग ताओ को कुछ होश आया और जल्दी से उन्होंने उन दोनों को खींच कर अलग कियाl

इस समय तक, शंग बिन का सुन्दर सा चेहरा इतना सूज गया था कि उसमें और एक सूअर के चेहरे में कोई फर्क नहीं थाl

"लानत है!" शांग बिन गुस्से से फटने वाला थाl

पहले, वह जहाँग वान को सबक सिखाना चाहता था लेकिन उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि बाइयु शहर का बटलर याओ, अचानक उसपर पागलों की तरह हमला कर देगा!

इस समय, उसका सारा गुस्सा बटलर याओ पर केन्द्रित हो गया!

"तुम लोगों की आपस में जो भी लड़ाई है, उसे मेरी कक्षा के बाहर जाकर सुलझाओl यह जगह तुम्हारे लड़ने के लिए नहीं हैl यदि तुम लोग नहीं गये और यहीं आपस में लड़ते रहे तो मैं केंद्रीय शिक्षा विभाग को बता दूंगा और उन्हें यहाँ बुला लूँगा..."

जहाँग वान बोलाl

"ठीक है... तुम सब रुको ...!"

यह सुनकर कि वह केंद्रीय शिक्षा विभाग को बताएगा, शांग बिन मुड़ा और चल दियाl

यदि उसकी इस हालत की खबर फ़ैल गयी, तो वह कैसे किसी को अपना मुंह दिखायेगा? वह किसी भी गुरु को अपनी यह हालत देखने नहीं दे सकताl

"शांग शाओये ... शांग शाओये!"

पहले, चाओ क्सिओंग ने सोचा था कि ये बहुत आसान होगाl शांग शाओये के खुद आने के कारण, जहाँग वान आसानी से उसका शिष्य उसे वापस दे देगाl लेकिन, उसने सपने में भी इस स्थिति के बारे में नहीं सोचा थाl चाओ क्सिओंग तुरंत उसके पीछे गयाl

जल्द ही, दोनों आखों से ओझल हो गएl

"अंकल याओ, आप क्या कर रहे हो?"

उन दोनों के जाने के बाद, जहा या ने गुस्से से अंकल याओ को देखाl

यह अंकल याओ पहले तो ठीक ठाक थे, फिर आजकल क्यों ऐसी हरकत कर रहे हैं!

"छोटी मालकिन, मैं... " याओ हान को नहीं पता था कि वह छोटी मालकिन की बातों का क्या जवाब देl

आखिर, वह यह तो नहीं बोल सकता था न कि वह जहाँ वान के कमरे में उसको नपुंसक बनाने गया था और शांग बिन से मार खा कर आ गया, और जो कुछ अभी हुआ वह उसका बदला था!

"ठीक है, मैं अभी भी पाठ पढ़ा रहा हूँl मैं आप लोगों से चाहूँगा कि आप लोग बाहर जायें!"

जहाँग वान ने इशारा कियाl

एक पल को झिझकने के बाद, याओ हान, वांग तो और बूढ़ा लिऊ कक्षा से फिर बाहर चले गएl

..............

"लानत है, लानत है!"

जहाँग वान की कक्षा से बाहर आकर, शांग बिन दर्द से कराह उठा, " उस याओ हान को सबक सिखाना पड़ेगाl जहाँग वान को भीl मेरा अपमान करने के लिए, उनको सज़ा मिलनी ही चाहिए!"

एक एल्डर का पोता होने के कारण अब तक उसका जीवन आसानी से बीता थाl उसके साथ ऐसा अन्याय कभी नहीं हुआ!

उससे भी बुरी बात यह थी कि उसे यह पता ही नहीं कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआl

वह जब बात ही कर रहा था कि देखते ही देखते सामने वाला अचानक उपर टूट पड़ा! उसे यह घटना समझ ही नहीं आ रही थी!

"वह याओ हान ज़रूर ही जहाँग वान के साथ मिला हुआ है! नहीं तो, वह शांग शाओये पर हमला क्यों करता? मुझे लगता है उसे ऐसा ही करने का हुक्म मिला होगा!" चाओ क्सिओंग बोलाl

"बेशक़, ऐसा ही होगा!" शांग बिन ने हामी भरीl

उसने याओ हान को कभी नाराज़ नहीं किया था, लेकिन फिर भी बिना चेतावनी उसने उस पर हमला कियाl हो सकता है कि जहाँग वान को सबक सिखाना है, ऐसा सुनकर उसे गुस्सा आया हो!

"क्या तुम्हें यकीन है कि लिऊ यांग ने मन से जहांगवान को अपना गुरु नहीं माना है?"

कुछ देर बाद शांत होकर शांग बिन ने पूछाl

"मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि उसने यह अपनी मर्ज़ी से नहीं किया!" चाओ क्सिओंग ने कल जाते समय लिऊ यांग के चेहरे पर अनिच्छा की झलक को याद करते हुए विश्वास से कहाl

"बढ़ियाl यदि तुम्हें यकीन है तो, तुम जाकर प्रबोधन इच्छा परीक्षण [एनलाइटनमेंट विल ट्रायल ] के लिए अर्जी दे दो!" शांग बिन ने कहा l

"प्रबोधन इच्छा परीक्षण ? यह ..." चाओ क्सिओंग का चेहरा काला पड़ गयाl

एनलाइटनमेंट विल ट्रायल, ऐसे शिष्य को बांटने का एक ख़ास तरीका था जिसके लिए अकादमी के कई गुरु लालायित हों और जब अकादमी निर्णय नहीं कर पा रही होl तब शिष्य परीक्षण के लिए प्रबोधन इच्छा स्तम्भ से गुजरता है और प्रबोधन इच्छा स्तम्भ (एनलाइटनमेंट विल टावर) उसके सच्चे विचारों को आत्मविश्वास मीटर द्वारा प्रदर्शित करता हैl

यदि शिष्य उस गुरु का शिष्य नहीं बनना चाहता तो उस गुरु को सज़ा मिलती हैl दूसरी ओर, यदि यह पता चलता है कि जिस गुरु ने प्रबोधन इच्छा परीक्षण की अर्जी दी है, वह झूठ बोल रहा है तो उसको भी समान दंड मिलता हैl

जब किसी शिष्य को बांटने का और कोई जरिया नहीं रह जाता तब यह अंतिम तरीका अपनाया जाता हैl

चाओ क्सिओंग यह जानता था, लेकिन उसे लगा कि बात अभी इतनी नहीं बिगड़ी हैl

"क्यों? क्या तुम मुझसे झूठ बोल रहे हो? क्या ऐसा है कि उस शिष्य ने अपनी मर्ज़ी से जहाँग वान का शिष्य बनना स्वीकार किया हो?" चाओ क्सिओंग का दुविधापूर्ण चेहरा देख कर शांग बिन को और चिंता होने लगीl

"नहीं, उसने पक्का अपनी मर्ज़ी से नहीं चुना.... मैं.... अभी अर्जी देता हूँ!

 मैं यकीन दिलाता हूँ कि जहाँग वान को वही मिलेगा जिसके लायक वह है!" चाओ क्सिओंग ने अपना सिर हिलायाl

"उठो, फिर जल्दी करो!" उसका संकोच देखकर, शांग बिन ने अपना सिर तसल्ली से हिलायाl "जब तुम अर्जी दे ही रहे हो तो ध्यान रहे, उसका दंड अधिक से अधिक चुनना! इस प्रकार जहाँग वान मुश्किल में पड़ जायेगा, हो सकता है उसे नौकरी से भी निकाल दिया जाए!"

अर्जी देने वाले के कहने पर दंड बढ़ाया जा सकता थाl जितना ऊंचा दांव, हारने वाले को उतना ही दंडl

"ठीक है!" जहाँग वान को नौकरी से निकलते देखने की परिकल्पना से चाओ क्सिओंग की आँखें उत्साह से चमक उठीl