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आसमान में काले बादल छाए थे , और चमगादड़ आसमान में लगातार उड़ रहे थे,एक खूबसूरत लड़की भारी कदमों से अपने शरीर का सौदा करने जा रही थी, हवेली के एक अंधेरे कोने की तरफ वो बढ़ रही थी, वो दूल्हन के जोड़े में थी, लाल चुनरी उसके चेहरे पर आधी गिरी हुई थी और आँखों में डर और बेबसी साफ नजर आ रही थी, हवेली का माहौल एक अजीब सन्नाटे से भरा हुआ था, और हर कोने से अंधेरा उसे घूरता हुआ महसूस हो रहा था ।
उसकी चाल धीमी और कांपती हुई थी, मानो उसे पता था कि वो जो करने जा रही है, उसका अंजाम खतरनाक होगा ,वो हवेली के बीचों-बीच एक पुराने से कमरे में पहुंची, जहां शैतान उसकी राह देख रहा था , उसकी आँखें लाल थी और चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान थी , कमरा जो खुशबू दार कैंडल्स और गुलाब के फूलों से सज़ा हुआ था , उस कमरें को देखकर लग रहा था ,वो कमरा फास्ट नाइट के लिए सजाया गया हैं ।
कमरे में एक बड़ी टेबल पर कुछ अजीब से चमक रहे पेपर बिखरे पड़े थे, जिनमें से एक पर पहले से ही स्याही से भरे अक्षर साफ नजर आ रहे थे—"कॉन्ट्रैक्ट " शैतान टेबल के पास खड़ा था, उसका चेहरा ठीक से नजर नहीं आ रहा था , उसके हाथ में एक गिलास वाइन का था, जिसे वो धीरे-धीरे घूंट भरते हुए पी रहा था " आ गई अंशिका ?"
शैतान ने एक तिरछी मुस्कान के साथ पूछा, जैसे उसे पहले से ही पता हो कि अंशिका यहाँ आएगी , उसकी आवाज में एक अजीब सा खौफनाक पैनापन था, जो अंशिका के रोंगटे खड़े कर रहा था ,अंशिका ने बिना कुछ कहे सिर हिलाया , उसकी आँखों से आंसू बहने लगे, पर उसने उन आंसुओं को पोंछने की भी कोशिश नहीं की , वो जानती थी कि उसके पास अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था ।
शैतान ने पेपर की ओर इशारा किया " ये रहा कॉन्ट्रैक्ट " अंशिका टेबल से कॉन्ट्रैक्ट उठा कर पढ़ती हैं , इसके अंदर सिर्फ तीन शर्तें थी , पहली, तुम किसी भी आदमी के साथ रिलेशनशिप में नहीं रहोगी , दूसरी, इस कॉन्ट्रैक्ट के बारे में किसी को नहीं बताओगी, और तीसरी, अगर तुमने किसी से इसका जिक्र किया, तो मैं उसे मौत दे दूंगा "
अंशिका की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी, पर उसने खुद को मजबूत किया और सिर झुका कर हां में हिला दिया , उसकी मजबूरी साफ उसके चेहरे से झलक रही थी, लेकिन वो जानती थी कि उसके पास और कोई चारा नहीं था, उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी मुसीबत उसके सामने खड़ी थी, और उसे इस कॉन्ट्रैक्ट को साइन करना ही था ।
शैतान उसके करीब आया उसकी आँखें अंशिका की ओर गहरी नजरों से देख रही थीं, मानो उसकी हर सोच को पढ़ रही हों, वो धीरे-धीरे उसके चेहरे के करीब आया और अपनी उंगली उसके होंठों पर घुमाने लगा ,उसकी उंगली से एक अजीब सी ठंडक अंशिका के शरीर में दौड़ गई ।
"अब अपने खून से कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करो " शैतान ने कहा, उसकी आवाज में वही शैतानी पैनापन था ,अंशिका की आँखों में एक बार फिर आंसू उमड़ पड़े, लेकिन उसने अपने आंसुओं को अनदेखा करते हुए अपनी उंगली पर एक छोटी सी कट बनाई, खून की बूंदें धीरे-धीरे उसकी उंगली से निकलने लगीं, उसने एक गहरी सांस ली और कांपते हुए हाथों से कॉन्ट्रैक्ट के कागज पर अपने खून से दस्तखत कर दिए ।
उसके साइन करते ही कमरे का माहौल बदल गया ,हवा में एक अजीब सी ठंडक फैल गई और शैतान ने एक तिरछी मुस्कान के साथ वाइन का एक और घूंट लिया "अब ये कॉन्ट्रैक्ट पूरा हुआ " शैतान ने कहा, उसके चेहरे पर जीत की चमक थी "तुम मेरी हुई , अंशिका सिर्फ़ मेरी "
अंशिका की आँखों से आंसू बहते रहे, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, उसकी मजबूरी और दर्द उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था , शैतान हंसा, उसकी हंसी कमरे की दीवारों से टकरा कर अजीब सी गूंज पैदा कर रही थी , उसने वाइन का आखिरी घूंट लिया और धीरे-धीरे अंशिका के करीब आकर बोला " आज से तुम्हारा ये खूबसूरती बाॅडी मेरी हुई "
अंशिका डर के मारे ड्रेसिंग टेबल के पास आकर खड़ी हो जाती हैं , शैतान भी उसके पास आकर, उसकी कमर पर हाथ रखकर कोल्ड वाॅइस में बोला " अब तुम मेरी हो , ये गलती फिर मत करना "
शैतान अपनी बात बोल कर अंशिका के दुपट्टा अचानक उसके सिर से हट देता हैं , और अंशिका का दुपट्टा ज़मीन पर गिर जाता हैं, और शैतान मिरर में से अंशिका को अपनी डिजायर भरी नज़रों से देखने लगता हैं , शैतान अपने बड़े - बड़े हाथों से अंशिका की गोरी कमर को सहलाते हुए बोला " आज की रात तुम और मैं हम होंगे "
शैतान अपने बात बोल कर अंशिका के कंधे पर किस करने लगता हैं , शैतान अंशिका की खूबसूरती को देखकर मदहोश हो रहा था ,उसके अंदर अंशिका अपना बनने की इच्छा तीव्र हो रही थी , शैतान अंशिका के इलरबोन पर अपनी गर्म सांसें छोड़ते हुए डीप वाॅइस बोला " आज की ये रात हमारे मिलने के नाम " शैतान के होंठों पर तिरछी मुस्कान थी ।
अंशिका की आंखों में शर्म और बेबसी, शैतान अंशिका को अपनी बाहों में उठा कर बेड पर लाकर जैसे ही पटकता हैं , वो चींख मार कर आंखें बंद कर लेती हैं , अंशिका जैसे ही अपनी आंखें खोलती हैं, तो वो खुद को अपने कमरे पाती हैं , वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी , अंशिका बेड पर बैठ कर बोली " वो सपना था कि हकीकत?" अंशिका को अपनी सीधे हाथ की उंगली में दर्द महसूस होता हैं, जब वो अपनी उंगली देखती हैं , तो उसके ऊपर काट लगा था ।
अंशिका की आंखें खौफ से फ़ैल जाती हैं , क्योंकि सपने में उसने इस उंगली से शैतान का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था , अंशिका कमरे के चारों ओर देखती हैं, उसका दिल में सपने का खौफ और बेचैनी अभी भी जिंदा थी , आंशिक खुद को समझ कर वो बस एक सपना था, बड़ी मुश्किल से सोती हैं ।
वही ओशो दूर सदियों से बंद पड़ा वह महल सर्द हवा और अंधेरे में डूबा हुआ था, पत्थरों पर जमी धूल और जाले इस बात के गवाह थे , कि यहाँ कई पीढ़ियों से कोई इंसानी कदम नहीं पड़ा, लेकिन आज रात महल के सन्नाटे में एक हलचल थी ,हर तरफ एक अजीब सी ठंडक फैल गई थी, जैसे किसी अदृश्य शक्ति ने महल को जाग दिया हो।
अचानक, उस भारी खामोशी के बीच एक सायं की गहरी, धीमी और खौफनाक आवाज गूंजने लगी "अंशिका. अंशिका." आवाज इतनी रहस्यमयी थी , कि दीवारों से टकराकर कई बार गूंजती, वह सायं महल के हॉल में घूम रहा था, उसके कदमों की आहट कभी सुनाई देती ।
तो कभी गायब हो जाती, जैसे कोई सांय , अंशिका को पुकारते हुए उसे खोजने की कोशिश कर रही हो, हवा के साथ हिलते पर्दे और खिड़कियों के पास लगी जाली से आती अजीब सी सिसकियां पूरे माहौल को डरावना बना रही थीं , हर कमरे में वही नाम, वही पुकार, "अंशिका."
महल की दीवारें जैसे सायं के हर शब्द को जज़्ब कर रही थीं, कोई नहीं जानता था कि यह आवाज कहाँ से आ रही थी, लेकिन वह महल अब सिर्फ एक खंडहर नहीं था, किसी शक्ति ने उसे जिंदा कर दिया था , और उसका मकसद सिर्फ अंशिका था ।
कालेज , कॉलेज कैंटीन का माहौल हमेशा की तरह चहल-पहल से भरा हुआ था ,चारों दोस्त अंशिका, स्नेहा , धारा और अतीश , एक कोने की टेबल पर बैठे हुए थे ,सामने चाय के कप और कुछ समोसे रखे हुए थे, कैंटीन में स्टूडेंट्स की आवाजें, हंसी-मजाक और प्लेटों की खनक से माहौल गूंज रही थी ।
अतीश ने चाय का घूंट लेते हुए पूछा " तो भई, फोटोग्राफी कंपटीशन का क्या सीन है ?" स्नेहाने एक्साइटेड होकर कहा " ये कॉलेज का सबसे बड़ा इवेंट है इस बार, सुना है इस बार प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स भी जज करने वाले हैं " धारा ने अपनी आंखें घुमाते हुए कहा "हाँ, और पहला प्राइस भी कोई छोटा-मोटा नहीं है , DSLR कैमरा हैं , सोचा है कोई ट्राई करेगा ?"
अंशिका, जो चुपचाप बैठी थी, अचानक से एक्साइड होकर बोली " मैं इस कंपटीशन में पार्टिसिपेट करने वाली हूं " अंशिका ने क्यूट सी स्माइल देते हुए कहा, अतीश ने हंसते हुए कहा " तू? तुझे कब से फोटोग्राफी का शौक चढ़ा ?" जैसे वह उसे चिढ़ाना चाह रहा हो ।
अंशिका अपने दोस्त अतीश को घूरते हुए बोली "अरे मुझे फोटोस्टेट खींचने का बहुत शौक है, स्कूल टाइम से ही मैं अलग-अलग फोटोशूट्स में हिस्सा लेती थी , इस बार तो सोच रही हूँ कि कुछ हटके फोटोस्टेट खींचूंगी "
स्नेह ने हंसी दबाते हुए कहा " हटके मतलब क्या? कॉलेज के नोट्स की फोटो खींचेगी या कैंटीन के समोसे ?" धारा ने भी मज़ाक में जोड़ा "या फिर लाइब्रेरी के बुक शेल्फ की ?"
अंशिका ने उनकी बातों पर हंसते हुए जवाब दिया " नहीं यार, इस बार कुछ सीरियस करने का मूड है , सोच रही हूँ कॉलेज के अलग-अलग मूड्स को कैमरे में कैद करूं ,जैसे कैंटीन में सब हंसी-मजाक करते हुए, लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए, और. अतीश की वो मशहूर बंदर जैसी शक्ल "
धारा और स्नेहा ने ठहाके लगाए, और अतीश ने नकली गुस्से में कहा " अरे मेरी शक्ल का मज़ाक क्यों बना रही हो ?" अंशिका मुस्कराते हुए बोली " क्योंकि तेरी शक्ल बंदर से मिलती हैं , तो इस में हम क्या कर सकते हैं "
सब फिर से हंस पड़े, स्नेह ने कहा " ठीक है अंशिका ,अगर तू जीत गई तो तेरी खींची फोटोस्टेट की एक फोटोस्टेट कॉपी हमें भी दे देना " धारा ने चुटकी ली "हाँ, हाँ और वो DSLR हमें गिफ्ट कर देना "
अंशिका ने नकली सिरियस टोन में कहा "नहीं, DSLR तो मेरा रहेगा, लेकिन जीतने के बाद मैं तुम्हारी बढ़िया फोटो खींचूंगी बस, सबको मेरी फोटोग्राफी के टैलेंट पर भरोसा रखना पड़ेगा " चारों दोस्त हंसी-मजाक करते हुए , लाइब्रेरी में जाकर अंशिका का नाम फोटोग्राफी कंपटीशन के लिए लिखा कर आ जाते हैं ।
वही रात के 11 बजे थे , घर में सब सो चुके थे, लेकिन अंशिका की आंखों में नींद का कोई नामोनिशान नहीं था, उसे अपने फोटोग्राफी कंपटीशन के लिए एकदम परफेक्ट शॉट चाहिए था , और वो जंगलों के शांत माहौल में रात की कुछ अद्भुत तस्वीरें लेना चाहती थी ,तभी उसे एक ख्याल आया , चोरी-छुपे डैड की कार लेकर निकलने का ।
अंशिका ने धीरे से अपने छोटे भाई तुषार के कमरे का दरवाजा खटखटाया, तुषार जो स्टीड कर रहा था , अंशिका की आंखों में शरारत देखकर बोला " दी अब कौन सी खुराफात आप के इस शैतान दिमाग में चल रही हैं "
अंशिका ने फुसफुसाते हुए कहा " चुप रह ,आवाज़ धीमी कर ,डैड की कार लेकर फोटोग्राफी करने जंगल चल रहे हैं, तुम मदद करेगा या नहीं ?" तुषार की आंखें चमक उठीं, फिर कुछ सोचकर बोला " बिलकुल, लेकिन अगर पकड़े गए तो ?"
अंशिका ने उसे भरोसा दिलाते हुए कहा " डैड तो सुबह तक नहीं उठेंगे, चल जल्दी, कोई नहीं पकड़ेगा " दोनों बहन -भाई चुपचाप घर के पिछले दरवाजे से निकले और गैराज में पहुंच गए, तुषार ने कार की चाबी निकाल ली,
और अंशिका ने कार स्टार्ट की, इंजन की आवाज सुनकर दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा, जैसे कोई बड़ा क्राइम कर रहे हों, लेकिन फिर भी वो एक्साइटमेंट दोनों के चेहरे पर साफ झलक रही थी ।
अंशिका कार ड्राइव करते हुए घर के बाहर पहुंचते हैं , अंशिका कार रोक कर गर्दन पीछे घूम कर अपने घर को देखकर मुस्कुराते हुए बोली " तुषार बेटा घर वापस आने के बाद मोम और डैड से बहुत मार पड़ने वाली हैं , अभी भी वक्त हैं लौट सकते हो " तुषार स्माइल करते हुए बोला " दी अब मैं गर्लफ्रेंड का बायफ्रेंड बन चुका हूं , मैंने बच्चों की तरह डरना छोड़ दिया हैं " अंशिका स्पीड में कार ड्राइव करते हुए शहर के बाहर जाने वाले रास्ते पर कार को लगा देती हैं ।
क्या अंशिका के लिए ये फैसला सही साबित होगा ? जाने के लिए पढ़ते रहिए.
आप सब के जितने लाइक और कमेंट करेंगे , मैथ्स चैप्टर इतनी जल्दी आएगा, टारगेट रखते हैं , 15 लाइक और 15 कमेंट.