रात का अंधेरा पूरे जंगल पर छाया हुआ था, और हवा में एक अजीब सी सिहरन थी, चांद की हल्की रोशनी पेड़ों के बीच से छन कर आ रही थी, लेकिन अंशिका के लिए यह रास्ता और भी भयावह लग रहा था , गांव वाले उसे जबरदस्ती खींचते हुए एक जंगल के गुप्त रास्ते पर ले जा रहे थे, जिसके बारे में सिर्फ इन गांव वालों को ही पता था |
एक गांव वाले ने फुसफुसाते हुए कहा " चुपचाप चलो, वरना मालिक की नाराज़गी हम सबको झेलनी होगी " अंशिका ने डर से अपनी नज़रें ऊपर उठाई, लेकिन उसकी आंखों में भय की चमक साफ दिखाई दे रही थी |
वह बार-बार खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, पर उसकी कमजोर कलाई उनके मजबूत हाथों के बीच बंधी हुई थी , अंशिका चिल्लाते हुए बोली " छोड़ों मुझे., मेरे डैड पुलिस में हैं , तुम सब की खैर नहीं , छोड़ो मुझे "
कुछ समय बाद, वो एक पुराने और टूटे-फूटे पत्थर के द्वार तक पहुंचे, जिसके ऊपर कुछ अजीब सी आकृतियां खुदी हुई थीं, जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, एक ठंडी हवा का झोंका बाहर निकला, मानो उस मंदिर के अंदर की सारी ऊर्जा वहां से बाहर भाग रही हो |
भीतर का दृश्य अजीब और भयावह था , दीवारों पर अंधेरे में चमकती रहस्यमयी लिपियों में कुछ लिखा हुआ था, और एक विशाल शैतान की मूर्ति सामने खड़ी थी , गांव वालों ने अंशिका को मंदिर के बीचोंबीच खड़ा कर दिया और उससे कुछ दूर जाकर सिर झुक कर खड़े हो गए |
शैतान के मंदिर के अंदर हल्की लाल रोशनी झिलमिला रही थी, जो जलते हुए मशालों की लौ से उठ रही थी , इस वातावरण में एक भयानक, रहस्यमय खामोशी थी, जो आने वाले किसी अनजाने भय की सूचना दे रही थी।
अंशिका उस रहस्यमयी और भयावह जगह के बीचों-बीच बैठी हुई थी ,उसने लाल रंग का भारी दुल्हन का जोड़ा पहन रखा था, जिसमें सुनहरे धागों से कशीदाकारी की गई थी, उसकी आंखों में अनजाना भय साफ दिखाई दे रहा था |
उसकी कलाई पर वही चूड़ियां थीं, जो आमतौर पर एक दुल्हन पहनती है, लेकिन इस खास अवसर का उद्देश्य कुछ और था, एक ऐसा लक्ष्य जो अंशिका की सोच से भी परे था |
उसकी बगल में एक काले पत्थर से बनी शैतान की मूर्ति रखी थी, मूर्ति की आंखें लाल रंग की गहरी रोशनी में चमक रही थीं, अंशिका ने डरते हुए उस मूर्ति की तरफ एक नज़र डाली, और उसकी रीढ़ में सिहरन दौड़ गई, उसके सामने बैठे गांव वालों के चेहरे पर एक खौफनाक मुस्कान थी , उनके होंठों पर मुस्कान और आंखों में दीवानगी की चमक थी, जैसे वे किसी घिनौने अनुष्ठान की पूर्णता का इंतजार कर रहे हों |
" वो समय आ गया है " एक वृद्ध गांव वाले ने गंभीर आवाज़ में कहा, जो इस शैतानी रस्म का मुख्य संचालक था , उसने अपने हाथ में एक पुरानी धूल भरी किताब पकड़ी थी, जिसमें अजीब और अनजानी भाषा में कुछ लिखा था ,वह धीरे-धीरे मंत्र पढ़ने लगा, और बाकी गांव वाले उसके पीछे-पीछे दोहराने लगे |
उनके शब्द हवा में गूंज रहे थे, और शैतान के मंदिर के चारों ओर की ऊर्जा अचानक भारी और भयावह हो गई थी , अंशिका को महसूस हुआ कि उसका दिल उसकी तेज़ी से धड़कने लगा है , वह कांपते हुए बैठी थी, उसकी सांसें तेज हो रही थीं , वो चिल्लाना चाहती थी , पर चिल्ला नहीं पा रही थी , उसकी स्थिति इतनी लाचार थी , कि वह कुछ कर पाने में असमर्थ थी, उसे बांधने के लिए किसी रस्सी की जरूरत नहीं थी, उसके भय ने उसे जकड़ रखा था |
जैसे-जैसे मंत्रोच्चारण तेज होता गया, अंशिका की शादी शैतान की उस मूर्ति से करवाने की रस्में शुरू हो गईं, वृद्ध गांव वाले ने लाल रंग की सिंदूर की डिबिया उठाई , और एक अदृश्य शक्ति ने अंशिका की मांग में सिंदूर भर देती हैं , इस वक्त अंशिका को ऐसा महसूस हो रहा था , जैसे वो किसी तरह के नशें में हैं , उसकी पुरी बाॅडी कांप रही थी |
उसकी मांग में सिंदूर का एक गहरा लाल रंग भरते ही पूरे शैतान मंदिर में एक भयानक आवाज़ गूंज उठी, जैसे मंदिर के पत्थर खुद ही कुछ कहने की कोशिश कर रहे हों , अंशिका ने एक आखिरी बार मदद की आस में चारों ओर देखा |
लेकिन वहां कोई नहीं था जो उसे बचा सके, गांव वालों ने तालियां बजाकर शैतान की मूर्ति के चारों ओर घूमना शुरू कर दिया , वो खुशी से पागल हो चुके थे, जैसे उन्होंने किसी अंधेरे लक्ष्य को पूरा कर लिया हो , लास्ट में वृद्ध गांव मंगलसूत्र शैतान की मूर्ति के पैरों में रखता हैं |
एक अदृश्य शक्ति वो मंगलसूत्र उठा कर, अंशिका के पास आई और उसके गले में मंगलसूत्र पहन दिया , वृद्ध गांव वाले ने भयानक आवाज़ में कहा " अब तुम शैतान की दुल्हन हो " अंशिका का चेहरा पीला पड़ गया |
उसकी आंखों से आंसू बहने लगे, लेकिन उसकी आवाज़ जैसे गुम हो चुकी थी , तभी मंदिर की मशालें एक-एक करके बुझने लगीं, और अंत में पूरा मंदिर घने अंधकार में डूब गया , तभी अंधेरे में एक औरत की आवाज़ गूंज " अब मालिक और उसकी दूल्हन की सुहागरात की बारी हैं " अंशिका ये बात सुनकर कांप उठी थी |
वही दूसरी तरफ तुषार जंगल में बेहोश पड़ा था , बारिश की बूंदें तुषार के चेहरे पर गिर रही थी , वो तुषार को जाग रही थी , तुषार को धीरे - धीरे होश आने लगा था , तुषार अपना सिर पकड़ कर उठाता हैं , और आस -पास देखने लगता हैं , तुषार खुद को जंगल में पाकर गुस्से में चिल्लाता हैं , तुषार चिल्लाते हुए बोला " अंशिका दी."
तुषार बड़ी मुश्किल से खड़ा होता हैं , और जिस और उसने गांव वालों को अंशिका को ले जाते हुए देखा था , वो उस और निकल पड़ता हैं , कुछ दूर जाने पर उसको बड़े से पत्थर पर एक आदमी को बैठे देखता हैं , जिसकी व्हाइट शर्ट बारिश के कारण ट्रांसपेरेंट हो चुकी थी , तुषार को बस उसकी पीठ ही नज़र आ रही थी |
तुषार परेशान आवाज़ में पूछता हैं " तुम कौन हो ?" वो अंजान आदमी पत्थर से खड़ा होकर, तुषार की तरह मुड़ता हैं , उस आदमी को देख तुषार की आंखें खौफ से फ़ैल जाती हैं , तुषार कांपती आवाज़ में बोला " तू .तू.मा.मा." वो आदमी तुषार के पास आकर अपनी रहस्यमई आवाज़ में बोला " ये जगह बहुत रहस्यमय हैं , जहां जो देखता हैं ,वो सच हो ज़रूर नहीं, तुम्हारी बहन बहुत बड़ी मुसीबत में हैं, अगर हम सही वक्त पर उस तक नहीं पहुंचे, तो अनर्थ हो जाएगा "
तुषार को उस आदमी की बातें समझा नहीं आ रही थी , वो आदमी तुषार के कंधे पर हाथ रखकर बोला " इस वक्त अंशिका को बचाने जरूर हैं , मेरे साथ चलों " तुषार के पास इस आदमी के अलावा मदद का कोई चारा नहीं था , तुषार उस आदमी के साथ निकल पड़ता हैं |
दूसरी तरफ अंशिका को गांव वाले जबरदस्ती खींच हुए एक अंधेरी गुफा की ओर ले जा रहे थे , बाहर से यह गुफा साधारण और डरावनी दिख रही थी, लेकिन जैसे ही वे अंदर पहुंचे, दृश्य पूरी तरह बदल गया, गुफा के अंदर का नज़ारा किसी जादुई दुनिया जैसा था ,दीवारों पर चमचमाते जुगनू चमक बिखेर रहे थे, और एक कोने में एक छोटा सा झरना बह रहा था |
जिसकी धारा क्रिस्टल की तरह साफ थी ,उसकी मीठी आवाज़ पूरे वातावरण में गूंज रही थी, गुफा के बीचों-बीच एक राउंड बेड था, जिसे लाल और सफेद फूलों से सजाया गया था, उस बिस्तर की सजावट इतनी सुंदर थी , कि उसे देखकर एक पल को अंशिका अपनी हालत को भूल गई थी |
एक औरत ने जैसे ही अंशिका के कान में कहा " आज रात तुम और मालिक इस ही बस्तर पर एक नए जीवन की शुरुआत करोगे " वैसे ही उसे अपनी सिचुएशन का एहसास हुआ, वह अब भी दूल्हन के भारी लाल जोड़े में थी, और उसकी कलाई में मौजूद चूड़ियों की खनक रही थी |
अंशिका उस गांव की औरतों से अपने आप को छुड़वाते हुए बोली " तुम लोग जानते नहीं हो , मेरे डैड कितने खतरनाक इंसान , तुम सब को मैंने फांसी पर ना लटकवाया, तो मेरा नाम भी अंशिका रंधावा नहीं, छोड़ो मुझे "
गांव की औरतों ने अंशिका को जबरदस्ती बेड पर बैठा दिया, गांव वालों के चेहरे पर एक अजीब सी खामोशी और संतोष का भाव था, जैसे उन्होंने किसी बड़ी योजना का पहला कदम पूरा कर लिया हो , अंशिका ने घबराकर चारों ओर देखा, लेकिन गुफा के भीतर का सौंदर्य उसके दिल में छिपे भय को मिटा नहीं पाया , वह समझ नहीं पा रही थी , कि आखिर उसके साथ यहां क्या होने वाला है |
गांव वाले बिना एक शब्द कहे धीरे-धीरे गुफा से बाहर चले गए, और अंशिका को उस खूबसूरत लेकिन रहस्यमय गुफा में अकेला छोड़ दिया ,जैसे ही आखिरी व्यक्ति गुफा से बाहर निकला, गुफा का द्वार धीरे-धीरे बंद होने लगा, और उसके चारों ओर जुगनूओं की हल्की रोशनी के अलावा कोई नहीं बचा |
अंशिका उस फूलों से सजे राउंड बेड के बीच में दूल्हन का लाल जोड़ा पहने बैठी थी, चारों ओर फैले हुए फूलों की खुशबू, गुफा की दीवारों पर टिमटिमाते जुगनू, और पानी की हल्की-हल्की आवाज़ ने माहौल को जादुई बना दिया था, उसकी सांसें थमी हुई थीं, और दिल अनजाने डर के कारण धड़क रहा था |
गुफा में अजीब सी खामोशी थी, पर वह महसूस कर सकती थी , अंशिका खुद से बोली " ये मौका अच्छा हैं , मुझे यहां से भागना होगा , ये साले गांव वाले पागल खाने से भाग लगते हैं " उसे अचानक गुफा में किसी अदृश्य उपस्थिति का अहसास हुआ, उसकी धड़कन और तेज हो गई , अंशिका खुद से घबराते हुए बोली " मुझे ऐसा क्यों लगा रहा हैं , यहां कोई और भी हैं , जो दिख नहीं रहा , पर वो हैं "
कोई शक्ति, कोई अनदेखी ताकत, उसके आसपास थी ,अंशिका ने खुद को समेटने की कोशिश की, पर एक अजीब सी गर्माहट ने उसे घेर लिया , उस अदृश्य शक्ति का अहसास अब उसके बहुत करीब आ चुका था, जैसे वह उसको करीब से महसूस कर रहा हो |
धीरे-धीरे, अंशिका को लगा कि कोई अदृश्य हाथ उसके बालों को हल्के से छू रहा है, उसकी गर्दन के पास से गुजर रहा है , उसकी सांसें रुकने लगीं, पर उसने कुछ नहीं किया , उसके मन में उठते सवाल और डर अचानक कहीं गयाब होने लगा था , वह उस अदृश्य टच में डूबती चली गई, जैसे कोई उसे अपनी बांहों में ले रहा हो |
वह अदृश्य शक्ति उसके चेहरे को हल्के से छूते हुए उसकी आंखों को बंद करने का संकेत दे रही थी, और अंशिका ने खुद को इस अहसास में बहने दिया , अंशिका को उस अदृश्य शक्ति की करीब से कुछ हो रहा था , वो बहक रही थी, क्यों और किसी लिए , वो नहीं जानती थी |
उसके होंठों के करीब एक अदृश्य एहसास ने दस्तक दी, जैसे कोई उसे किस करने वाला हो , उसकी सांसें और भी तेज हो गईं, अदृश्य शक्ति अंशिका खूबसूरत बाॅडी पर हल्के-हल्के टच कर रही थी , अंशिका इस अहसास में खोने लगी , उसके हाथ खुद-ब-खुद ढीले हो गए, और वह उस फूलों से सजे बिस्तर पर धीरे-धीरे बहकने लगी, जैसे इस अदृश्य प्रेमी की बांहों में हो |
अदृश्य शक्ति ने उसके चेहरे से होते हुए उसके कंधों को छुआ, फिर धीरे-धीरे उसकी पीठ पर गर्म सांसों का अहसास होने लगा, उसकी नसें कांप रही थीं, पर वह अब इस अहसास का पिघल रही थी, उसके भीतर एक अजीब सी प्यास जाग गई थी , जैसे वह इस टच को और गहराई से महसूस करना चाहती हो |
वह अदृश्य शक्ति उसे और करीब महसूस होने लगी, जैसे वह उसके दिल की धड़कनों से जुड़ रही हो , अंशिका के होठों पर अब हल्की मुस्कान थी, उसकी आंखें बंद थीं, लेकिन वह हर टच को पूरे जोश और चाहत से महसूस कर रही थी, जैसे कोई उसे बेहद प्यार से छू रहा हो, उसका दूल्हन का लाल जोड़ा था , अदृश्य शक्ति अंशिका के सिर से उसके दुपट्टा अगल करती हैं , और उसके बाद उसके बाद ज्वेलरी |
अंशिका को अपनी कमर पर किसी के हाथ महसूस होते हैं ,और उसके मुंह से अह्ह्ह्ह निकल जाती हैं , अंशिका को अपने पेट पर मदहोशी भरी टच महसूस हो रहा था , अंशिका को अपनी पुरी बाॅडी पर किसीके हाथों की छुवा महसूस हो रही थी , अंशिका आंखें बंद करके बेड पर लेट कर अह्ह्ह्ह भर रही थी |
क्या अदृश्य शक्ति के साथ अंशिका का मिल हो जाएगा ? जाने के लिए पढ़ते रहिए.