अंशिका और तुषार जंगल के बीचों-बीच अंधेरे में तेजी से भाग रहे थे , चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था, अंशिका को ऐसा महसूस हो रहा था , उसके पीछे कोई अदृश्य शक्ति पड़ गई हैं , पेड़ों की शाखाएं उनके रास्ते में बार-बार झूल रही थीं, जैसे वो भी उस शक्ति के अधीन हों |
तुषार की साँसे तेज हो गई थीं और उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था, तुषार को अब यहां आने पर पछतावा हो रहा था "मम्मी सही बोलती थी , एक दिन आप की ये फोटोग्राफी सत्यानाश करेगी , लो कर दिया "
अंशिका भागते हुए ही तुषार का कान पकड़ कर बोली " अगर हम जिंदा बचे, तो मैं तुम्हें मार दूंगी " दोनों बहन -भाई भागे जा रहे थे , उसके दिल डर से भरे थे ,अंशिका ने तुषार का हाथ कसकर पकड़ते हुए कहा " पता नहीं, पर हमें इसे पीछे छोड़ना होगा "
हर कदम के साथ वो अदृश्य शक्ति और भी करीब आती जा रही थी, अचानक, एक भारी हवा का झोंका उन दोनों के चारों ओर घूमने लगा, जिससे पेड़ झूमने लगे और ज़मीन हिलने लगी, अंशिका ने महसूस किया कि ये शक्ति सिर्फ उनका पीछा नहीं कर रही, बल्कि कुछ और भी चाह रही थी , सन्नाटे के बीच, अंशिका और तुषार की साँसों की आवाज़ ही सुनाई दे रही थी |
अंशिका और तुषार लंबे समय तक जंगल में भागते रहने के बाद एक अजनबी गांव में पहुंचे , सूरज निकल चुका था , और गांव में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था, दोनों बहन -भाई थके हुए थे, लेकिन इस अजीब गांव में कदम रखते ही उनकी थकान जैसे हवा हो गई और एक अनजाने भय ने उन्हें जकड़ लिया |
तुषार अंशिका को देखकर बोला " दी मुझे घर जाना हैं " अंशिका गहरी सांस लेकर बोली " घर तो मुझे भी जाना हैं , पर बाहर सड़क तक पहुंचने का रास्ता तो मिले " दोनों बहन -भाई गांव में आगे चल पड़ते हैं |
वही गांव के लोग धीरे-धीरे अपने-अपने घरों से बाहर निकलने लगे, उनकी आंखें अजीब तरह से चमक रही थीं, और वे बिना पलक झपकाए अंशिका और तुषार को घूर रहे थे, उनके चेहरे पर न कोई मुस्कान थी, न कोई भाव, उनकी निगाहें वैसी थीं, जैसे शिकारी अपने शिकार को देखता है |
अंशिका ने तुषार का हाथ कसकर पकड़ लिया और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी, लेकिन उनकी हर एक हरकत पर उन गांव वालों की निगाहें गड़ी हुई थीं , तुषार ने घबराते हुए पूछा " दीदी, ये लोग हमें ऐसे क्यों देख रहे हैं ?
इन को देखकर पड़ोस की जाकर तकि करने वाली आंटियों की याद आ रही हैं " अंशिका ने फुसफुसाते हुए कहा " तुम अपनी बकवास बंद करो , यहाँ ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं होगा , तो तेज़ चलों "
गांव की हवा में कुछ अजीब था, जैसे वो भारी और ठंडी हो, अचानक, एक बूढ़ी औरत उनके पास आई ,उसकी झुर्रियों से भरा चेहरा और खाली आंखें बहुत डरावनी लग रही थीं , वह कुछ बुदबुदा रही थी,
जो किसी अजीब भाषा में था, अंशिका ने तुषार को पीछे खींचा और वहां से दूर जाने की कोशिश की, लेकिन गांव के अन्य लोग धीरे-धीरे उनके चारों ओर घेरा बनाने लगे , तभी अंशिका और तुषार उन गांव वालों को धक्का मार कर वहां से भागते हैं |
अंशिका और तुषार गांव की संकरी गलियों में भटक रहे थे, हर तरफ दिन के उजाले में भी सन्नाटा और अजीब सी ठंडक थी , वे किसी शेफ जगह की तलाश में थे,
लेकिन गांव की हर गली जैसे उन्हें एक ही जगह वापस ला रही थी ,अंशिका की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, और तुषार भी डर से कांप रहा था , तभी अचानक कुछ गांव वालों ने उनको पकड़ने की कोशिश की |
अंशिका ने तुषार को पीछे खींचते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन वे ज्यादा दूर नहीं जा सके , गांव वालों ने उन्हें घेर लिया, और बिना एक शब्द कहे उन्हें पकड़कर एक पुराने, टूटे-फूटे मकान में कैद कर लिया, उनके चेहरे पर वही अजीब सी चमक और शिकारी जैसी निगाहें थीं |
अंशिका ने खुद को और तुषार को छुड़ाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनके हाथ-पैर कसकर बांध दिए गए थे, अंशिका गांव वालों अपने डर को छुपा कर गुस्से में बोली " तुम लोग जानते नहीं हैं , मेरे डैड दिल्ली पुलिस में एसीपी हैं, तुम सब को मैं जेल में डालवा दूंगी , हमें छोड़ दो " गांव वाले बिना कुछ बोले, वहां से चले गए |
तुषार घबराई आवाज़ में बोला " दी अब क्या करें , और एक बात बताओ , इन लोगों ने हमें क्यों पकड़ा हैं ?" अंशिका घबराई आवाज़ में बोली " मुझे कोई आइडिया नहीं हैं " सुबह से रात हो चुकी थी ,
अंशिका और तुषार ने अपने हाथों की रस्सियां खोलने की बहुत कोशिश की , पर वो हर बार असफल रहे , दोनों बहन -भाई शांति से बैठ कर अपनी रस्सी खोलने का तरीका सोच रहे थे , तभी उस मकान का दरवाज़ा खोलता हैं |
गांव का एक बुजुर्ग आदमी उनके सामने आया , उसकी आंखों में अजीब सी क्रूरता और रहस्य था, उसने अंशिका की ओर इशारा करते हुए कहा " तुम्हें हमारे मालिक से शादी करनी होगी ,
यह हमारे गांव की परंपरा है ,जो भी खूबसूरत लड़की यहां आएगी , उसे मालिक के साथ विवाह करना होगा, वरना." उसने बिना बात पूरी किए जोर से हंसी ठहाका लगाया |
अंशिका का दिल दहशत से धड़कने लगा ,उसने गुस्से में कहां " नहीं , मैं ऐसा नहीं कर सकती " लेकिन गांव वाले उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे, एक औरत अंशिका को गुस्से में घूरते हुए बोली " तुम्हें हमारी बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं हैं , सोचने के लिए तुम्हारे पास कल रात तक का वक्त हैं "
वही दूसरी तरफ दिल्ली की सड़कों पर एसीपी मनीष रंधावा अपनी पुलिस जीप में बैठे थे, उनके साथ उनका एक भरोसेमंद कांस्टेबल भी था, जीप की हेडलाइट्स सड़क पर तेज रोशनी फेंक रही थीं,
और जीप धीरे-धीरे दिल्ली की सुनसान गलियों और बाजारों से गुजर रही थी, मनीष के माथे पर हल्की शिकन थी, लेकिन उनकी चिंता उतनी गहरी नहीं थी , जितनी किसी अन्य पिता की हो सकती थी।
उनकी बेटी अंशिका हमेशा से ही फोटोग्राफी के लिए अपने घर से गायब हो जाया करती थी, और अक्सर 24 घंटे या उससे अधिक समय के बाद लौट आती थी,
इस बार अंशिका तुषार अपने साथ अपने छोटे भाई तुषार को भी लेकर थी , जिसकी वजह से मनीष को अपने बच्चों की ज्यादा चिंता नहीं थी , क्योंकि जहां भी हैं , दोनों बहन भाई साथ हैं |
मनीष का दिल कह रहा था कि दोनों बच्चे सुरक्षित होंगे, फिर भी पुलिस अधिकारी होने के नाते, उनकी ज़िम्मेदारी थी कि वो उन्हें जल्द से जल्द ढूंढ निकालें ,कांस्टेबल ने गाड़ी धीमी करते हुए पूछा, "सर, क्या हमें किसी दोस्त या रिश्तेदार से संपर्क करना चाहिए ? हो सकता है कि वो वहां गए हों "
मनीष ने गहरी सांस लेते हुए जवाब दिया। " नहीं, अंशिका का यह पहला बार नहीं है, उसने पहले भी ऐसे अचानक गायब हो जाने की आदत बना रखी है, और तुषार भी अक्सर उसके साथ होता है "
कांस्टेबल मनीष से से पूछता हैं " सर जब आप को पता हैं , अंशिका बेटियां तुषार बेटा को लेकर अपनी फोटोग्राफी के चक्कर में कहीं गई हैं , तो आप उनको क्यों ढूंढ रहे हैं ?"
मनीष गहरी सांस लेकर बैले " तुम्हारी का आज सुबह से ही बहुत दिल घबरा रहा हैं , उनको लग रहा हैं , दोनों बच्चे किसी बहुत बड़ी मुसीबत में हैं , जब होम की होम मिनिस्टर ने आदेश दिया हैं , तो मानना पड़ेगा " जीप एक पुरानी इमारत के पास रुक गई, जहां अंशिका अक्सर फोटोग्राफी करने आती थी |
कांस्टेबल जीप उतरा और अंदर जाने लगा, जबकि मनीष गाड़ी में बैठे अपनी बेटी और बेटे की तस्वीरों को देख रहे थे, दिल के किसी कोने में चिंता थी, लेकिन मनीष रंधावा के चेहरे पर वही दृढ़ता और कॉन्फिडेंस था , जो एक एसीपी के रूप में हमेशा रहता था |
क्या अंशिका और तुषार गांव वालों से बच पाएंगे ? जाने के लिए पढ़ते रहिए.
इस बार शैतान से मोहब्बत नोवेल में धमाके होने वाले हैं , आप जो सोच भी नहीं सकते, इस बार नोवेल में होगा , डबल रोमांस, हाॅरर और षड्यंत्र , जिसको पढ़ कर आप को मज़ा आ जाएगा , लाइक, कमेंट शेयर और रिव्यू देना मत भूलना , यह ही इस नोवेल को कंटिन्यू करेंगी , और आप मेरी दूसरी नई नवेली को भी जरूर सपोर्ट किजिए ( My heartless monster )