अयान का विला
अयान ने काफी देर तक आही को देखा और अजीब तरह से मुस्कुराया और आही को ब्लेकेंट से कवर कर दिया ।
" तुम अभी बच्ची हो तुम्हे इतनी जल्दी मेरे सामने नहीं आना चाहिए था, लेकिन अब जब तुम मेरे सामने आ ही गई हो, तो अब तुम्हे मुझसे कोई नही बचा सकता।"
अयान उठा और सीधा बालकनी में चला गया और खुले आसमान को निहारने लगा।
चांद को आधे से ज्यादा बदल ने ढंक लिया था और ऐसा लग रहा था कि कभी भी बारिश हो सकती है।
अयान एकटक आधे दिख रहे चांद को निहारने लगा और मुस्कुराया " कहते है चांद बेहद खूबसूरत है। उसको पाना किसी के बस में नहीं है। वो किसी को नही मिलता, लेकिन मुझे मेरा चांद मिल गया है।
इस चांद से कही ज्यादा खूबसूरत हैं मेरा चांद लेकिन जब वो गुस्सा करती हैं तो पता नहीं क्यों वो और भी खूबसूरत लगती है।
वैसे खूबसूरत तो दुनिया में लाखों है , लेकिन जो अयान सिंह राठौड़ को पसंद आए ऐसा तो करोड़ो में कोई एक ही होता है और वो एक तुम हो।"
इतना कह अयान अजीब तरह से स्माइल करने लगता है।इस वक्त बालकनी में ठंडी हवाएं चल रही थी।
अयान की ये स्माइल साफ बया कर रही थी कि उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा है लेकिन क्या ये तो सिर्फ उसे ही पता थी ।
जहां लड़कियां उसे एक झलक देखने के लिए मरती थी, तो वही ये छोटी सी लड़की उन सब से बिल्कुल अलग थी। जो आयन को बेहद पसंद आया था।
खुराना मेंशन
अब तक रात के नौ बच चुके थे और अक्षत ऑफिस से थक कर आया और लिविंग हॉल में सोफे पर बैठ गया।
आज उसे बहुत काम था और वो बहुत ज्यादा थक गया था। मुंबई में उसकी नई नई कंपनी थी, इसलिए काम भी ज्यादा था।
अक्षत सोफे पर फैल कर थकान भरी नजरों को घूमते हुए अपनी सुकून को ढूंढने लगा। उसे आही को देखना था जो उसे कही दिखाई नहीं दे रही थी।
वही साइड में खड़ी सर्वेंट काफी डरी हुए लग रही थी।
अक्षत को आही कही नजर नहीं आई तभी एक सर्वेंट पानी पी लेकर आई और अक्षत ने ट्रे में से पानी की ग्लास उठाया और पीते हुए बोला" आही कहा है?"
अक्षत की ये हमेशा से आदत थी कही भी बाहर जाने से पहले एक बार आही को देखना और फिर घर आते ही उसकी आंखे फिर से आही को ही तलासने लगती थीं।
आखिर उसकी जान जो बसी थी उसमे, आही को देखे बिना अक्षत को सुकून ही नहीं मिलता था।
सर्वेंट को कुछ समझ नहीं आया की क्या कहे और वही अक्षत को जब उसका जबाव नहीं मिला तो वो बेचैन हो गया।
सर्वेंट परेशान होकर कोमल को देखती है तो अक्षत भी अब कोमल को देखने लगता है।
अक्षत ने कहा " आंटी क्या आही आज जल्दी सो गई ? उसने डिनर क्या या नहीं ?"
कोमल को डर लगने लगा था और वो कुछ बोल नहीं पा रही थी। अक्षत को अब भी उसका जवाब नहीं मिला ।
उसने कोमल को देखते हुए थोड़ी तेज आवाज में बोला " मैंने कुछ पूछा आपसे? आही कहा है? आपको पता है ना मैं जब भी कही से आता हूं, तो मुझे सबसे पहले आही को देखना होता है।
उसे अपने सामने ना देखूं तो मैं बेचैन हो जाता हूं। क्या वो सो गई ? मैं अभी उसे देखकर आता हूं।"
अक्षत सोफे से उठा और सीधा आही के कमरे की तरफ बढ़ गया तो कोमल जल्दी से मना करते हुए बोली " बेबी कमरे में नहीं है ।"
अक्षत के कदम रुक गए वो थोड़ा कन्फ्यूज होकर बोला " कमरे में नहीं है मतलब कहा है वो ?"
कोमल उसके सामने आकर धीरे से बोली" बेबी अब तक वापस नही आई है ।"
कोमल की बाते सुनते ही अक्षत की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई और वो हैरानी से बोला" मतलब कहा गई है वो ? "
कोमल ने सर झुका लिया और बोली" बेबी शाम को घूमने गई थी और अब तक नही आई है।"
अक्षत गुस्से से सोफे पर से उठा और बोला" तो ये बात किसी ने मुझे पहले क्यों नहीं बताई? उसे बाहर जाना था तो वो मुझे बता कर भी तो जा सकती थी वो किसके साथ गई है ?"
कोमल ने जवाब देते हुए कहा " ड्राइवर के साथ ?"
अक्षत को गुस्सा करता देख कर कोमल अपना सर झुकाए हुए धीरे से बोली " बेबी यही आस पास ही गई होगी। वो जल्दी ही आ जायेगी। आप टेंशन मत लीजिए।"
अक्षत अब गुस्से से सब पर भड़कते हुए बोला" मेरी बहन अब तक बाहर है और मुझे इसकी कोई खबर तक नहीं है। क्या इसलिए मैंने आप लोगो को यहां रखा है ?"
अक्षत को गुस्से में देख कर सब सर झुका कर खड़े हो गए और तभी अक्षत परेशानी से आही को कॉल करने लगा।
बार बार कॉल करने पर भी आही उसका कॉल पिक नही कर रही थी। करती भी कैसे वो तो बेहोश हो चुकी थी।
अक्षत ने अपने सर पर हाथ रख लिया और तभी शेरा अंदर आते हुए बोला" क्या हुआ सर आप इतने परेशान क्यों है ?"
अक्षत ने शेरा को देखा और परेशानी से बोला " आही अब तक घर नहीं आई है और आज वो मुझे बिना बताए ही चली गई जबकि वो कभी बिना बताए बाहर नही जाती हैं।"
शेरा ने एक गहरी सांस ली और बोला " आई एम सॉरी सर आही ने शाम को आपको कॉल किया था, लेकिन उस वक्त आप बिजी थे और उसका बहुत मन था। बाहर जाने का तो मैंने भी हा कह दिया।"
अक्षत ने गुस्से से शेरा को घूरा तो शेरा भी टेंशन भरी आवाज में बोला" मुझे क्या पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है ? आप तो जानते है ना वो जब भी मुझसे कुछ कहती हैं तो मैं मना नहीं कर पाता हूं।"
अक्षत ने उसे गुस्से से घूरते हुए कहा " उस ड्राइवर को कॉल करो मुझे आही जल्द से जल्द मेरी आंखों के सामने चाहिए।"
शेरा ने अब कुछ नहीं कहा और ड्राइवर को कॉल करने लगा ,लेकिन उसका कॉल नहीं लग रहा था और आही कॉल पीक नही कर रही थी।
अब तो अक्षत और शेरा दोनों की हालत खराब हो गई थी। अक्षत घबरा कर बार बार आही को कॉल करने लगता है।
अयान का विला ...
इस वक्त रात के लगभग एक बज रहे होगे और अब धीरे धीरे बारिश भी सुरु हो चुकी थी।
अयान की आंखों में नींद का एक कतरा भी नहीं था। वो अब भी वैसे ही आही को देखे जा रहा था।
आही की बड़ी बड़ी पलके अब हल्का फड़फड़ाने लगी थी शायद उसे होस आ रहा था। कुछ देर बाद आही ने धीरे से अपनी आंखे खोली ।
" आह्ह्ह्ह "
उसके सर में दर्द हुआ और उसने सर पर हाथ रख लिया।
रात के अंधेरे में पूरे कमरे में हल्की हल्की रोशनी फैली हुई थी। जिससे सब कुछ दिखाई दे रहा था।
खुद को किसी अनजान कमरे में महसूस करते ही आही के दिमाग में ख्याल आया " ये मैं कहा हूं? "
खुद को किसी अनजान जगह पर महसूस करते ही घबरा गई और हड़बड़ा कर बेड पर उठकर गई।
उसने जल्दी से इधर उधर नजरे घुमाई और तभी उसकी नजर सोफे पर बड़े शान से बैठे हुए अयान पर गई और उसे देखते ही आही चीख पड़ी।
"आप "
अयान जो कब से आही की सारी हरकते नोटिस कर रहा था उसने कड़क आवाज में कहा " हा मैं इतना हैरान क्यों हो रही हो ?"
आही को अचानक ही सब कुछ याद आने लगता है और तो घबराकर बोली " मैं यहां क्या कर रही हूं? मुझे अपने घर में होना चाहिए था। मुझे घर चलना चाहिए।"
" कही नहीं जाओगी तुम "
अयान ये कहते हुए तेज कदमों से उसके बेड के सामने आकर खड़ा हो गया।
अयान के एकदम से उसके सामने आकर खड़े हो जाने से आही की डर से धड़कने बढ़ गई।
आही अयान को बड़ी बड़ी नीली आंखों से देखने लगती है। अयान इस वक्त नॉर्मल कपड़ों में था, लेकिन फिर भी बहुत ही हैंडसम लग रहा था।
आही अपनी धड़कनों को शांत करते हुए बोली " क्यों?"
अयान ने सीधा जवाब दिया " क्योंकि मैं कह रहा हूं "
आही की आंखे छोटी छोटी हो गई और वो एकदम से बोली " ऐसे कैसे आपने बोला और हो गया। मुझे अभी इसी वक्त मेरे घर जाना है।"
कुछ घण्टे पहले का सब कुछ याद आते ही उसे आयन से डर लगने लगा और वो धीरे से बेड पर से उठते हुए बोली " मुझे चलना चाहिए घर पर मेरे भाई बहुत परेशान हो रहे होगे।"
इतना बोल आही दरवाजे की तरह बढ़ गई तभी आयन तेज कदमों से उसके सामने जा कर खड़ा हो गया और बोला " तो तुम्हे घर जाना है ?"
आही ने बिना देर किए जल्दी से हा में अपना सर हिलाया तो आयन डेविल स्माइल आ गई।
अयान मुस्कुराते हुए बोला" तुम्हे क्या लगता है लिटिल बर्ड? मैं तुम्हे इतनी आसानी से यहां से जाने दूंगा। नहीं बिल्कुल भी नहीं। तुम्हे पता है ? तुम ना कुछ ज्यादा ही बोलती हो और मुझे ज्यादा बोलने वाले इंसान पसंद नहीं है।
कुछ देर पहले तुमने मेरा पूरा मूड खराब कर दिया था तो अब तुम्हे उसकी भरपाई करनी होगी। तब ही तुम यहां से जा सकती हो वरना, यहां से जाने का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दो।"
अयान की इन बातों को सुनकर आही का चेहरा एकदम से रोने वाला हो गया था। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो किसी भी वक्त रो देगी।
कुछ घंटों पहले जो कुछ भी उसने सड़क पर देखा था। उसके बाद उसे अयान से डर लगने लगा था।
आही हड़बड़ा कर जल्दी से बोली " ये गलत है। आप किसी को बेवजह पीट रहे थे इसलिए मैंने आपको रोका था और आप इसका बदला मुझसे लेना चाहते है।
आप इतने बुरे कैसे हो सकते है ? मेरे ना मिलने से मेरे भाई बहुत परेशान हो गए होगे। मुझे जल्द से जल्द घर जाना होगा । आप मुझ इस तरह से रोक नहीं सकते।"
अयान आही को घूरते हुए बोला " तुम कुछ ज्यादा ही इनोसेंट हो तुम्हे अब भी लगता है कि मैं उसे बेवजह का मार रहा था। तुमने उसे मुझसे बचाया था, लेकिन उसने उसने क्या किया ? उसने तुम्हे ही मारने की कोशिश की थी?
तुम ये बात कैसे भुल सकती हो ? कैसे उसने तुम्हारे गले में वो चाकू रखा था और तुम्हे मारने से पहले एक बार नही सोचता ।"
आही को वो पल जैसे ही याद आया तो कांप सी गई ।उसको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे ? उसे बस जल्द से जल्द घर जाना था।
आही ने एक गहरी सांस ली और बोली " देखिए मुझे आपके मामले से कोई लेना देना नहीं है। आपकी वजह से मेरे ड्राइवर अंकल को चोट आ गई ।
वो ठीक भी होंगे या नहीं मुझे उन्हे भी देखना है। उन्हे मेरी वजह से चाकू लगी थी। उन्हे कितना दर्द हुआ होगा? "
इतना कहते हुए आही पैनिक होने लगीं थीं तो अयान ने एक गहरी सांस लेकर कहा" वो हॉस्पिटल में है और सुबह तक उसे होस भी आ जायेगा। तुम्हे उसकी इतनी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।"
आही ने जैसे ही ये सुना उसे राहत आई और वो धीरे से बोली " अब मैं आपसे रास्ते में नही आऊंगी। मुझे जाने दीजिए।"
अयान जो नॉर्मली आही से बाते कर रहा था आही की इस बात को सुनकर उसका चेहरा एकदम डार्क हो गया।
आही ने जैसे ही उसके डार्क चेहरे को देखा तो डर गई और अपने कदम पीछे की तरफ लेने लगी।
आही की दिल की धड़कन बेहद तेजी से धड़कने लगी थी और वो घबराते हुए बोली " आखिर आपकी प्रॉब्लम क्या है मैने कहा ना मुझे जाने दीजिए।
अयान ने आराम से कहा " मेरा बिल्कुल भी मुड़ नहीं है कि मैं तुम्हारे लिए इतनी रात को मेहनत करूं, अगर तुम चाहो तो बिना बकवास किए चुप चाप सो सकती हो।"
आही ने झट से सवाल किया " अभी कितने बज रहे है?"
अयान ने भी शांति से जवाब दिया" रात के एक बज रहे है और मुझे लगता है ये सोने का टाइम होता है। इंसान इतनी रात को सोते हैं तो बकवास मत करो और सो जाओ। "
ये सुनकर आही को एक बड़ा झटका लगा कि वो इतनी देर से बेहोश थी और अब तो उसे इस बात का डर लगने लगा कि उसके ना मिलने पर अक्षत ने घर में सबका क्या हाल कर दिया होता।
आही झट से मना करते हुए बोली " बिल्कुल भी नहीं मैं आपके पास एक मिनट नही रुकना चाहती हूं। मैं खुद से चली जाऊंगी।"
अयान ने उसे बुरी तरह से घूरा। ये लड़की उससे दूर जाने के लिए कितनी बेताब है।
कुछ सोचकर उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा " क्या तुम पैदल चलकर जाओगी क्योंकि रात के एक बजे मुझे नहीं लगता तुम्हे कोई मिलेगा और तुम्हें मुंबई के रास्तों के बारे में अंदाजा भी है।"
आही ने मासूमियत से ना में सर हिलाया।
अयान ने एक गहरी मुस्कान के साथ कहा" वैसे तुम्हे एक बात बताऊं यहां पास में एक बड़ा जंगल है और वहा कई जंगली जानवर रहते है।
सोचो सुनसान रास्ते में अगर कोई जानवर तुम पर हमला करेगा तो तुम कितना दूर तक भाग पाओगी ? बारिश भी हो रही है और अंधेरा भी है।
वैसे तुम्हारी जानकारी के लिए तुम्हे बता दूं जंगली जानवर बहुत खतरनाक तरीके से शिकार करते हैं।
मुझे ऐसा लगता है कि जंगली जानवरों को तुम्हारे नाजुक शरीर को नोचने में बड़ा मजा आयेगा। शिकार करते वक्त वो बहुत बुरी तरह से अपने शिकार को तड़पाते है।"
आही चीख पड़ी " नहीं "
आही थोड़ा सा उसके करीब आई और घबराते हुए सवाल किया " क्या आप सच कह रहे है ?"
अयान ने झट से सर हिलाया तो आही का चेहरा एकदम से रोने वाला हो गया। उसकी आंखे डर से भर गई।
आही ने इधर उधर नजरे घमाई और उसे भी एहसास हुआ कि सच में बहुत रात हो चुकी है और बारिश भी हो रही है।
आही बालकनी में बनी बड़ी सी ग्लास वाल से बाहर देखने लगती है। चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था और तभी जोर की बिजली कड़की हैं ।
अचानक बिजली के कड़कने से आही एकदम से डर गई और डरकर अपने सामने खड़े अयान से लिपट गई।
आही की दिल की धड़कन बेहद तेजी से बढ़ गई थी और अयान जम सा गया और उसने धीरे से आही की कमर पर अपना हाथ रख लिया।
आही अयान की मजबूत बांहों में सिमट कर घबराई हुई आवाज में बोली" मुझे अंधेरे और बिजली के कड़कने से बहुत डर लगता है ।"
अयान ने कुछ नहीं कहा और तभी आही होस में आई और उससे अलग होते हुए बोली" सॉरी मैं डर गई थी।"
अयान ने कुछ नहीं कहा और धीरे से उसके कमर से हाथ हटाया और खामोशी से आही को देखने लगा।
आही ने कुछ होते हुए कहा " आप अपना फोन दीजिए मैं अभी भाई को कॉल करती हूं वो मुझे लेने आ जायेंगे।"
" हम्मम तो तुम्हे मेरा फोन चाहिए ?"
अयान आराम से सोफे पर फैल कर बैठ गया और उसकी नजरे आही पर ही टिकी हुई थी।
आही की आंखों में चमक आ गई उसने झट से हा कहा तो अयान साफ मना करते हुए बोला " नहीं मिलेगा।"
उसके यू साफ मना करने पर आही ने अपनी नीली नीली आंखों में घूर कर अयान को देखा, लेकिन अयान पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
आही को अंधेरे से डर लगता था और अयान जैसे इंसान के साथ रहना उसे और भी ज्यादा डरावना लग रहा था।
आही ने जैसे ही कुछ कहने के लिए मुंह खोला कि तभी अयान ने उसे बुरी तरह घूरा तो वो बिल्कुल चुप होकर खड़ी हो गई। वहा शांति छा गई।
अयान ने बड़े आराम से कहा" अगर तुम्हारी बाते खत्म हो गई हो तो चुप चाप सो जाओ क्योंकि मुझे ज्यादा बकवास सुनने की आदत नहीं है। कही ऐसा ना हो की मैं तुम्हे टेरेस से नीचे फेंक दूं और एक बात तुम यहां से तब तक नहीं जा सकती जब तक मैं ना चाहूं।"
आही ने झट से अयान को देखा जो काफी सीरियस लग रहा था। उसको यू देखकर ऐसा लग रहा था कि वो सच में आही को टेरेस से नीचे फेंक सकता है।
सच ही तो कह रहा था अयान आखिर क्यों वो उसके लिए इतनी रात को परेशान होगा।
आही ने अपने दोनों हाथों की उंगलियां आपस में उलझाई और परेशानी से बेड पर बैठ गई।
आही परेशानी से मन ही मन बोली" भाई कितना परेशान हो रहे होगे, लेकिन मुझे कोई बेवकूफी नहीं करना चाहिए और सुबह होने तक वेट करना चाहिए।
मेरे साथ ये क्या हो गया मुझे इस मॉन्स्टर के साथ रहने में बेहद डर लग रहा हैं लेकिन और कोई रास्ता भी तो नहीं हैं ना अगर ये सच में बुरे होते तो मुझे बचाते ही क्यों?"
काफी देर तक कुछ सोचने के बाद वो धीरे से बोली" आप यहां रहेंगे तो मुझे नींद कैसे आयेगी। आप जाइए यहां से"
अयान ने अपनी खा जाने वाली नजरों से आही को ऐसे देखा जैसे वो किसी बेवकूफ को देख रहा हो।
ये लड़की उसे उसके ही कमरे से निकलने को कह रही है और वो भी ऐसे जैसे ये उसका अपना कमरा हो।
अयान ने एक गहरी सांस ली और कहा " चुप चाप से सो जाओ और हा अब एक शब्द नहीं कहोगी तुम।"
आही ने सर झुका दिया और धीरे से हा में सर हिलाया तो अयान हल्की मुस्कान के साथ बोला " गुड़ गर्ल "
इतना कह अयान कमरे से निकल गया और दरवाजा बंद होने की आवाज सुनकर आही ने सर उठाकर देखता तो
अब अयान कमरे में नहीं था।
आही भगाकर दरवाजे के पास गई और उसने दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगी लेकिन दरवाजा लॉक हो चुका था।
आही दरवाजा पीटने लगी लेकिन दरवाजा लॉक हो चुका था और वो गुस्से से चिल्लाई।
" मॉन्स्टर कही के देखना मैं यहां से जाकर भाई से पास आपकी शिकायत कर दूंगी। समझते क्या है ये खुद को ? मुझे डरावने कमरे में बंद कर दिया।
मुझे भाई से बात करनी थी पता नहीं वो कितने परेशान हो गए होगे और मुझे ढूंढ भी रहे होंगे।"
वैसे तो अयान का कमरा बेहद खूबसूरत था लेकिन डार्क कलर होने की वजह से इस वक्त डरावना लग रहा था।
आही बेड पर सिकुड़ कर बैठ गई और तभी अचानक से तेज आवाज के साथ बदल गरजा और डरकर आही खुद में सिमट सी गई।
आही सिसकते हुए बोली" भाई आपनी आही को बचा लो । मुझे आपकी याद आ रही है।"
आही अब जल्दी से बेड पर लेट गई और खुद को पूरी तरह से ब्लेकेंट से कवर कर लिया। उसे अब बहुत डर लगने लगा था।
आही यहां एक पल नहीं रुकना चाहती थी लेकिन सच तो ये था कि उसके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था।
शाम को जो कुछ हुआ उसके बाद से वो बहुत डर चुकी थी और ऐसे में वो इतनी रात को कहा जाती और अगर अयान को उसके साथ कुछ बुरा करना होता तो वो कब का कर चुका होता।
आही ने मन ही मन सोचा" बस सुबह तक कैसे भी कर के मुझे यहां रुकना ही पड़ेगा, उसके बाद मैं घर चली जाऊंगी । लव यू भाई "
देखा जाए तो इस वक्त आही इस घर में सेफ थी और उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि इतनी रात को यहां से भागने का सोचे, क्योंकि उसे इतनी कम उम्र में जंगली जानवरों का डिनर नहीं बनना था।
उसने मन ही मन सोच लिया था कि सुबह होते ही वो यहां से चली जायेगी और अयान को कभी गलती से भी दुबारा से अपनी सकल नहीं दिखाएगी।
क्या आही यहां से निकल पायेगी ?
क्या अयान उसे इतनी आसानी से जाने देगा ? या लिखा है दोनों के किस्मत में एक दूसरे का साथ ?