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Chapter 7 - अपने मेरी पहली किस ले ली ...

अयान का विला

लगभग तीन बजे कमरे का दरवाजा खुलता है और एक लंबी चौड़ी परछाई अंदर आती है। उस परछाई की गहरी नजरे सीधा बेड पर सिकुड़ कर सो रही आही पर जाती है।

आही को सोया हुआ देखकर अयान बिना आवाज किए अपने कदम आगे बढ़ाता है।

अयान सोफे पर जाकर बैठ गया और उसकी गहरी नजरे आही पर ही टिकी हुई थी। वो आही को ऐसे देख रहा था जैसे उसका आही से मन ही ना भर रहा हो।

आही उसके बेड पर ऐसे सो रही थी जैसे वो उसका ही बेड हो। उसे इस तरह से सोता हुआ देखकर अयान के चेहरे पर ना चाहते हुए भी मुस्कान आ गई।

आही ने खुद को पूरी तरह से ब्लेकेंट से कवर कर रखा था । बस छोटा सा उसका चेहरा ही दिखाई दे रहा था और वो किसी डरी हुई बच्ची की तरह सिकुड़ कर सोई हुई थी।

उसे इस तरह से देखते हुए अयान ने एक तिरछी स्माइल की और बेड के पास जाकर आही से थोड़ी दूरी बनाकर बेड पर लेट गया।

अयान की आंखों में अब भी नींद का एक कतरा नहीं था और वो एकटक आही के चेहरे को देखे जा रहा था।

बारिश की वजह से ठंड थी और आही ठंड की वजह से धीरे धीरे अयान की तरफ खिसक कर उससे चिपक गई।

उसकी इस हरकत पर आयन के होठों पर तिरछी स्माइल आ गई और उसने भी आही को अपनी बाहों में भर लिया।

" क्या बात है लिटिल बर्ड तुम्हारा डर मेरे लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।"

आही को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसने नींद में क्या हरकत की है।

वही दूसरी तरफ

शेरा सड़को पर तेज रफ्तार से कार भगाए जा रहा था। वही अक्षत की नजरे बस आही को ही तलाश रही थी।

वो अब भी आही को कॉल पर कॉल किए जा रहा था।उसका दिल अनजाने डर से भर गया था। अब तक ना जाने उसने कितने ही कॉल कर डाले थे।

अब सुबह होने को थी और आही का कही कुछ पता नहीं चल रहा था और अक्षत का सब्र अब जवाब दे चुका था।

आही ही उसका सब कुछ थी। बचपन से ही उसने उसे बड़े नाजो से पाला था। वो उसे खुद से ज्यादा चाहता था ।

अक्षत के गुस्से से अपने बाल खिचते हुए कहा " मेरी बच्ची कहा गई होगी? वो मुझे मिल क्यों नहीं रही है।"

शेरा ने ड्राइव करते हुए ही अक्षत को शांत करते हुए कहा " सर प्लीज आप टेंशन मत लीजिए, आही मिल जायेगी। वो कहा जायेगी यहीं कही होगी। "

अक्षत ने अपनी लाल आंखों से शेरा घुर कर देखा तो शेरा को अब कुछ बोलते ही नहीं बना।

अक्षत के बाल इस वक्त उसके माथे पर बिखरे हुए थे और आंखे बेहद लाल हो चुकी थी। वो अंदर से बहुत बेचैन था। उसने बचपन से आही को बहन कम और एक बेटी की तरह ज्यादा पाला है।

अब धीरे धीरे बारिश थमने लगी थी और मौसम काफी ठंडा होने लगा था, लेकिन अक्षत और शेरा के चेहरे पर पसीना था।

अक्षत बस किसी भी कीमत पर आही को अपने पास चाहता था। उसे आही चाहिए थी, लेकिन इतनी कोशिश करने पर भी ना तो ड्राइवर का कॉल लग रहा था और ना ही आही का।

शेरा ने अक्षत को शांत रहने को तो कह दिया लेकिन वो खुद अंदर से बहुत डरा हुआ था। उसे भी आही से बहुत लगाव था।

अक्षत के पास जितने भी गार्ड्स थे उसने सब को आही को ढूंढने में लगा दिया था।

उसने मन ही मन खुद से कहा " अगर उसे कुछ भी हुआ ना तो मैं कभी खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। आही कहा हो तुम ? भाई परेशान हो रहे है वापस आ जाओ।"

वो लोग पिछले कई घंटो से लगातार सड़कों और जगह जगह पर आही को ढूंढ रहे थे, लेकिन आही उन्हे मिल ही नहीं रही थी।

अगली सुबह

अयान बेड पर अपना एक हाथ रखे उस पर अपना गाल लगा कर एकटक उसके सीने में घूस कर सो रही लड़की को निहार रही थी।

आही जिसे लेट से उठने की आदत थी वो अब भी आराम से सोई हुई थी। उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वो कहा है ? 

अयान के चेहरे पर आज एक अगल ही सुकून था। उसे कुछ प्रॉब्लम्स थी जिसकी वजह से उसे कम नींद आती थी।

अयान इसी वजह से ज्यादा तर चिढ़चिढ़ा और गुस्से में रहता था लेकिन दो दिनों से वो काफी सुकून महसूस कर रहा था।

वो आही को देखने में पूरी तरह से खोया हुआ था कि तभी साइड टेबल पर रखा हुआ उसका फोन रिंग करने लगा। अयान की आंखे छोटी हो गई।

उसे फोन का इस वक्त बजना बिल्कुल पसंद नहीं आया था। उसे गुस्सा आने लगा था।

उसने कुछ पल अपने फोन को घूर और आही को खुद से दूर करने के लिए जैसे ही उसे हाथ लगाया कि तभी आही नींद में ही बोली " भाई थोड़ी देर और सोने दो ना।"

इतना कहकर आही फिर से अयान के सीने में घुसने लगी तो अयान की आंखे छोटी हो गई।

आही की बहुत बुरी आदत थी टेडी या पिलो पकड़कर सोने की और वो अयान को इस वक्त अपना टेडी समझ रही थी।

एक बार फिर से अयान का फोन बजा तो उसने एक लंबी गहरी सांस ली।

उसका मन तो नहीं था लेकिन फिर भी धीरे से आही को खुद से अलग किया और उठ कर बैठ गया।

उसने टेबल पर से अपना फोन उठाया और बिना कुछ कहे सामने वाले की बात सुनने लगा। 

सामने से मैक्स की आवाज आई " बॉस कल आप घर नहीं गए इस वजह से बड़ी मैडम आपसे बहुत नाराज हैं। आपको उनसे एक बार बात कर लेनी चाहिए।"

कुछ देर शान्त रहने के बाद अयान बिना किसी भाव के बोला" मुझसे इतनी फालतू की बात करने के लिए कॉल मत करना और मुझे कब क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना। ये मैं अच्छे से जनता हूं।

अब रही बात दादी की तो वो मुझे देखती ही सब कुछ भूल जाती हैं तो तुम्हे इसकी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।"

मैक्स बेचारा अब कुछ बोल ही नहीं पाया। उसकी तो कोई गलती भी नहीं थी लेकिन देविका जी ने उसे सुबह सुबह ही अच्छा खासा लेक्चर दिया था।

अयान कड़क आवाज में कहा" अब एक भी फालतू के शब्द तुम्हारे मुंह से नहीं निकलना चाहिए और मैंने तुम्हे जो काम दिया है। तुम उस पर ध्यान दो आधे घण्टे के अंदर तुम मेरे सामने होंने चाहिए। समझे तुम।"

इतना कह अयान ने कॉल कट कर दिया और वही मैक्स का तो मुंह ही बन गया।

सुबह सुबह किसी की इतनी तीखी आवाज सुनकर आही की आंखे धीरे धीरे खिलने लगीं थीं।

अयान ने जब उसकी आंखे खुली देखती तो मुस्कुराते हुए बोला " गुड मॉर्निंग लिटिल बर्ड " 

आही जो इस वक्त नींद भरी अपनी आंखों को रफ कर रही थी लेकिन तभी उसकी नीली आंखे एकदम से बड़ी बड़ी हो गई जब उसके कानों में अयान की आवाज गई।

आही की आंखे अब झटके से खुल गई और उसने जैसे नजरे उठा कर अयान को अपने सामने देखा तो डर कर चीख पड़ी और हड़बड़ा कर बेड पर उठ कर बैठ गई।

आही घबराई हुई आवाज में बोली" आप आप यन्हा क्या कर रहे हैं ?"

अयान उसके चेहरे को देखते हुए बोला " कमाल है मेरे कमरे में मैं नही रहूंगा तो क्या कोई एलियन रहेगा।"

आही ने जैसे ही ये सुना तो तुरंत चारों तरफ नजरे घुमाई और खुद को एक अनजान कमरे में देख कर वो और डर गई पर अगले ही पल उसे कल का सब याद आ गया।

आही जल्दी से हड़बड़ाकर बेड से उठी और बोली" आप यहां बेड पर क्या कर रहे है? कल रात तो आप इस कमरे से चले गए थे ना।"

अयान बेड पर से उठा और बिना किसी भाव के बोला " रात भर तो मुझसे ही चिपक कर सोई थी और अब सुबह होते ही दूर भाग रही हो।"

इतना कह अयान तिरछा मुस्कुराता है।

आही की हैरानी आंखे बड़ी हो गई और वो जल्दी से खुद को चेक करने लगी, लेकिन वो अपने कपड़ों में थी। खुद को सही सलामत देख कर आही ने चैन की सांस ली।

आही खुद को सही सलामत देख कर वो मुंह बनाकर बोली " झूठ मत बोलिए मुझे पता है। ऐसा कुछ नहीं हुआ था। आप ना सच में बहुत बदतमीज है।"

अयान ने आही को देखा और बोला " तुमने अभी तक मेरी बदतमीजी देखी कहा है जब मैं अपनी बदतमीजी पर आया ना तो तुम मुझे बर्दास्त नही कर पाओगी।"

आही अयान को घूरने लगी कि तभी अचानक से उसे कल रात जो कुछ भी हुआ था वो याद आने लगता है।

आही अयान से डरते हुए बोली " अब मुझे चलना चाहिए ।"

अयान साफ मना करते हुए बोला " तुम कहीं नहीं जायेगी "

आही ने थोड़े गुस्से से कहा " देखिए कल मैं ना चाहते हुए भी यहां रुक गई थी क्योंकि मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है लेकिन अब मैं यहां एक सेकेंड भी रुकना नहीं चाहती।"

ये कहते हुए आही जल्दी से दरवाजे की तरफ भागती है लेकिन आयन ने एक झटके से उसका हाथ पकड़ कर अपने करीब खीच लिया।

आही संभल नहीं पाई और सीधा उसके मजबूत सीने से टक्करा गई। 

ये सब इतनी जल्दी हुआ कि आही को कुछ समझ ही नहीं आया और वो अयान के सीने से लग गई।

आही कसमसाते हुए बोली " मुझे जाने दीजिए भाई बहुत परेशान हो गए होगे।"

अयान ने साफ मना करते हुए बेहद कड़क आवाज में कहा" तुम्हे मेरी बात समझ क्यों नहीं आती है। मैंने तुमसे कल रात ही बिल्कुल साफ साफ कहा था कि जब तक मैं ना चाहूं तुम यहां से कही नहीं जा सकती और तुम्हें मुझसे मेरा शिकार छीनने की भरपाई भी तो करनी है।"

अयान की इतनी कड़क आवाज को सुनकर आही एकदम सहम सी गई लेकिन वो इस तरह चुप भी तो नहीं रह सकती थी।

आही अयान के सीने पर छोटे छोटे मुक्के मरते हुए बोली" मैं आपकी बात क्यों सुनूं। मुझे अभी इसी वक्त अपने भाई के पास जाना है और आप मुझे नहीं रोक सकते।"

अयान ने बेहद सर्द आवाज में कहा" मेरी बातो को इग्नोर मत करना वरना बहुत पस्ताओगी, क्योंकि मैं कुछ भी कर सकता हूं। कुछ भी का मतलब कुछ भी "

" आप खुद को समझते क्या है? मैं आपकी गुलाम नहीं हूं जो आपकी हर बात चुप चाप सुनती रहूंगी। मैं तो जाऊंगी । आपको जो करना "

आही अभी बोल ही रही थी कि अचानक से उसकी आवाज उसके गले में ही अटक सी गई क्योंकि अयान ने उसे कमर से पकड़कर उसके होठों पर अपने सख्त होठ रख दिया था।

आही की आंखे हैरानी से फैल वो एकदम जम सी गई। वही अयान बड़ी सिद्धत से उसे किस किए जा रहा था।

ये आही की पहली किस थी और उसका दिल जोरो से धड़क रहा था। जिसका शोर अयान के कानों तक आ रहा था और अयान अब आही की कमर पर अपनी पकड़ कस देता है।

आही एकदम से होस में आई और अयान के सीने पर अपना हाथ रख कर उसे खुद से दूर करने की कोशिश करने लगी।

आही के दोनों छोटे छोटे हाथ इस वक्त अयान के सीने पर थे और वो अयान को खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन अयान पर इसका जरा सा भी असर नहीं हो रहा था।

अयान ने उसे पीछे करते हुए वॉल से लगा दिया और उसके होठों को बाइट कर लिया तो आही दर्द से सिसक उठी। उसने कस के अयान की शर्ट को अपनी हाथों की मुठियो में भर लिया।

अयान आही को गहराई से किस किए जा रहा था और पल पल आही की हालत खराब होते जा रही थी क्योंकि अयान एक पल उसके होठों को नहीं छोड़ रहा था।

आही का पूरा चेहरा किसी पक्के हुए टमाटर की तरह लाल हो गया था।

कुछ देर में जब आही की सांसे फूलने लगी और जैसे ही इस बात का एहसास अयान को हुआ तो उसने आही के होठों को आदाज कर दिया।

अयान के छोड़ते ही आही लंबी और गहरी गहरी सांसे लेने लगी। उसकी सांसे अटक रही थी।

वही अयान एकटक उसने चेहरे को देखे जा रहा था।उसका बिल्कुल भी मन नहीं भरा था इसलिए उसने आही के गर्दन पर होठ रख दिए।

आही जो बड़ी मुश्किल से अपनी उखड़ती सांसे सभलने की कोशिश कर रही थी उसे जैसे ही अयान के होठ अपने गर्दन पर महसूस हुए वो एकदम से सिहर उठी।

आही गुस्से से उसे घूरने लगीं और हकलाते हुए बोली" ये ये आ आप क्या कर रहे हैं? ये सही नहीं है आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते।"

अयान ने उसके कमर पर हाथ फेरते हुए कहा " अच्छा पर वो क्यों ? मैं तुम्हे किस क्यों नहीं कर सकता ?"

आही रोनी सकल लेकर बोली " क्योंकि मैं कह रही हूं। आपने मेरी मर्जी के बिना मेरी पहली किस ले ली। आप मुझसे दूर रहिए वरना "

आही जल्दी जल्दी से अपने होठों को रफ करने लगी थी जिससे उसके होठ बेहद लाल हो गए थे।

अयान उसे लाल पड़ चुके होठों को बड़ी शिद्दत से देखते हुए बेफिक्री से बोला " वरना क्या ? " 

आही को कुछ समझ नहीं आया और वो सिसकते हुए बोली " मैं अपने भाई को बता दूंगी फिर वो आपको छोड़ेगा नहीं।"

आही की आवाज कांप रही थी। उसका दिल इतनी जोरों से धड़क रहा था कि ऐसा लग रहा था वो कभी भी उसके सीने से बाहर आ सकता है।

आही की इस बात पर अयान को हंसी आ गई और वो डेविल स्माइल करते हुए बोला " नो प्रॉब्लम, तुम अपने भाई को बता सकती हो।"

आही का चेहरा पूरा लाल हो चुका था और दिल जोर जोर से रोने का कर रहा था। उसे अयान पर बहुत तेज गुस्सा आ रहा था।

अयान ने आही के गर्दन से अपना चेहरा हटा लिया क्योंकि उसे आही की तेज धड़कती धड़कन साफ सुनाई दे रही थी। शायद वो ये बात समझ गया था कि अब इससे ज्यादा आही और झेल नहीं पायेगी ।

उसकी आंखों में नमी छाई हुई थी और वो आंसू बनती उससे पहले ही आयन ने उसकी आंख साफ करते हुए कहा " टॉचर नही किया है जो तुम रोने का प्लान बना रही हो।"

इतना कह उसने आही की लाल हो चुका नाक को हल्का सा टच किया वो आही गुस्से और लाल हो गई।

अयान ने अब अपना चेहरा आही के चेहरे के करीब किया और कहा" वैसे तुम अपने भाई को क्या बताओगी ? जरा बताना तो मैं भी सुनना चाहता हूं।"

आही को अब सच में जोरो का रोना आ रहा था। उसका मन तो कर रहा था कि वो अयान का सर ही फोड़ दे ।वो सिसकते हुए बोली " आप बहुत बुरे हो ।"

अयान ने बोरियत से कहा " हम्मम ये तो मुझे भी पता है। तुम कुछ दुसरा बताओं ना "

अयान की इस बात पर आही की बोलती ही बंद हो गई थी और वो गुस्से से अयान को घूरने लगी।

वही अयान आही में पूरी तरह खो गया था कि तभी किसी ने डोर नॉक किया।

आही ने जैसे ही डोर नॉक की आवाज सुनी तो वो जल्दी से बोली " दरवाजे पर कोई है। शायद उन्हे आपसे जरूरी काम होगा।"

अयान ने एक गहरी सांस ली और आही के चेहरे पर से नजरे हटाई और दरवाजे को घूरने लगा और तभी एक बार फिर से नॉक हुआ।

अयान ने आही को घूरा और कहा " अपना हुलिया ठीक करो और बाहर झांकने की कोशिश भी मत करना।"

इतना कह अयान दरवाजे की तरह बढ़ गया तो आही ने एक चैन की सांस ली वरना उसे तो ऐसा लग रहा था कि वो आज मार ही जायेगी।

अयान दरवाजे के पास पहुंचा और पीछे पलट कर आही को वार्निग भरी नजरो से देखते हुए बोला" कोई होशियारी करने की सोचना भी मत।"

अयान की इतनी गहरी नजरों को खुद पर महसूस करते ही आही जल्दी जल्दी से ना में सर हिला देती है ।

अयान की हरकतों ने तो लगभग से उसे पागल ही कर दिया था। वो बस किसी तरह यहां से निकलना चाहती थी।

क्या अयान आही को यहां से जाने देगा या फिर कही आही फंस तो नही गई ?

अब आही क्या करेंगी ?