अयान ने अपने पैंट की पॉकेट से फोन निकला तो देखा कि मीनाक्षी जी का कॉल आ रहा था।
अयान ने एक गहरी सांस ली वो जनता था कि मीनाक्षी जी ने उसे क्यों कॉल किया है। अयान ने कॉल पीक कर लिया ।
सामने से मीनाक्षी जी की नाराजगी भरी आवाज आई " तुम कल घर क्यों नहीं आए? तुम्हे पता भी है तुम्हारे डैड कितना गुस्सा कर रहे थे।
तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था बेटा। मैं तुम्हारा वेट कर रही थी। अब दुबारा तुमने ऐसा किया ना तो तुम्हारे लिया अच्छा नही होगा। समझे तुम।
तुम ऐसे क्यों हो गए हो ? तुम्हे तो अब विराट ही आ कर समझाएगा। वो कल घर वापस आ रहा है। आने दो उसे।
इस घर के छोटे बेटे हो तुम और फिर भी तुम किसी की बातो को सिरियस नहीं लेते हो जो बहुत गलत बात है।"
मीनाक्षी जी ने एक ही सांस में बहुत कुछ कह दिया था और अयान ने भी उन्हें कहने दिया। उसने उन्हे बीच में बिल्कुल नहीं रोका क्योंकि वो अपनी मॉम को अच्छे से जानता था।
मीनाक्षी जी बिना रुके आगे बोली" मां भी बार बार तुम्हारे बारे में पूछ रही थी और मुझे पता चला कि कल तुम पर फिर से हमला हुआ था। तुम्हे अंदाजा भी है ये सुनते ही मैं कितना डर गई थी।तुम्हे पता है ना सब तुमसे कितना प्यार करते हैं तो रिस्क क्यों लेते हो?"
जब मीनाक्षी जी रुकी तो अयान ने उन्हें शांति से जवाब दिया " मॉम मैंने आपको कितनी बार कहा है कि इतना परेशान मत हुआ कीजिए मैं ठीक हूं और आप भाई का नाम से मुझे डरा रही है, तो बता दूं कि मैं किसी से नहीं डरता।"
इतना कह अयान हल्का मुस्कुराया और बोला " वैसे आप ना बहुत भोली है और डैड को कहिए कि उन्हे मुझसे कुछ कहना है तो बोल सकते है। उन्हे अपके फोन में कान लगा कर सुनने की जरूरत नहीं है। वो ऐसी बच्चों जैसी हरकते क्यों करते है ?
मॉम वो सीधे सीधे भी मुझसे बात कर सकते है। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। प्रॉब्लम तो हमेशा डैड को ही मुझसे रहती हैं।"
अयान ने जैसे ही ये कहा विक्रम जी जो मीनाक्षी जी के साथ ही बैठे अयान की बाते सुन रहे थे वो हड़बड़ा गए।वहीं अयान की इस बात से मीनाक्षी जी की आंखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई और उन्हे हंसी भी आ रही थी।
विक्रम जी खुद को शांत कर फोन लोग घूरते हुए अयान से बेले" ये तुम कैसी बाते कर रहे हो? भला मैं ऐसा क्यों करूंगी? अपनी फालतू की बाते बंद करो।"
अयान हल्की स्माइल करते हुए बोला" वो रियली डैड ! अगर आप मेरी बाते कान लगा कर नहीं सुन रहे थे तो फिर आपको कैसे पता की मैंने अभी अभी क्या कहा ? "
अब तो विक्रम जी कुछ बोल ही नहीं पाए और मीनाक्षी जी ने अपने सर पर हाथ रख लिया था।
विक्रम जी जैसे ही कुछ कहने को हुए की तभी अयान दुबारा बोला" मैं अपकी हरकतो को अच्छे से जानता हूं डैड, तो अब आपको कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
वैसे मॉम आप डैड को कह दीजिए कि वो ऐसे हमारी बाते ना सुने करे। मुझे ये पसंद नहीं है।उन्हे अगर बात करनी है तो खुद मुझे कॉल कर सकते है। "
अयान की इस बात पर मीनाक्षी जी मन ही मन हंस रही थी और तभी विक्रम जी उनके हाथ में फोन लेकर बोले " तुम मुझे ये बताओ। तुमने कसम खा रखी है क्या कि मेरी कोई बात नही मनोगे? वो सभी गार्ड तुम्हारे सेफ्टी के लिए ही लगाए हैं और तुम खुद ही उन गुंडो से लड़ने लगे।
तुम अपनी सेफ्टी का ख्याल रखना कब सीखोगे हा ? तुम क्यों अपनी जिद पर रहते हो? तुम्हे पता है ना तुम्हारे पास दुश्मनों की कोई कमी नहीं है।
तुम्हे कुछ हो जाता तो अब तुम वहा नहीं रहोगे। तुम आज शाम ही घर आ रहे हो और अब से हमारे साथ ही रहोगे ।मुझे तुम्हारी कोई बात नही सुननी है। समझे तुम।"
इतना कह विक्रम जी ने कॉल कट कर दिया तो अयान की आंखे छोटी हो गई।
अयान फोन को घूरते हुए बोला" ये डैड मुझे ऑडर तो ऐसे दे रहे थे। जैसे मैं इनकी सारी बात मान ही जाऊंगा, पर ऐसा तो बिल्कुल नहीं है मैं वही करूंगा जो मेरा दिल करेगा।"
अयान अपने फोन को घूरे जा रहा था तभी डोर बेल की आवाज आती है। अयान को शायद पता था कि इस वक्त दरवाजे पर कोन हो सकता है।
अयान उठा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया। अयान ने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने एक लड़की खड़ी थी। उसके चेहरे पर मुस्कान छाई हुई थी।
वो लड़की अयान को देखकर बस देखती ही रह गई और मन ही मन खुशी से उछल पड़ी।
उसने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा " गुड मॉर्निंग सर "
अयान ने उसे पूरी तरह से इग्नोर करते हुए सख्त आवाज में कहा " जिस काम के लिए आई हो चुप चाप से वो करो और निकल जाओ। "
अयान की इतनी बेरुखी से बात करने पर उस लड़की का दिल टूट सा गया लेकिन बेचारी कर भी क्या सकती थी।
वो हल्की मुस्कान के साथ अपने हाथ में मौजूद दो बैग्स आगे करते हुए बोली " सर जैसा कि आपने कहा था उस हिसाब से मैं गर्ल्स की यूज की कुछ चीजे और कुछ कपड़े लेकर आई हूं।"
अयान ने सिर्फ हम्मम कहा और उसके हाथ से वो दोनों बैंग ले लिया और दरवाजा बंद कर दिया।
वो लड़की बस देखती रह गई। उसके दिल में ना जाने कितने अरमान थे लेकिन अयान ने उसे बुरी तरह तोड़ दिया था।
अयान ने उसे आही के लिए कुछ कपड़े और जरूरी चीजे लाने को कहा था और वो सभी चीजे लग्जरी ब्रांड की थी, जो खुद अयान का था।
वैसे तो अयान ये सारी चीजे मैक्स से भी मंगवा सकता था लेकिन उसे ये पसंद नहीं आया कि आही के लिए ये कपड़े कोई लड़का लेकर आए।
अयान अब अपने कमरे की तरफ बढ़ गया।
आही अभी अभी फ्रेश होकर वाशरूम से बाहर आई थी कि तभी अचानक से दरवाजा खुलता है और अयान अंदर आता है।
अयान ने अपने हाथ में पकड़ी दोनों बैग्स को उसके आगे किया तो आही उन बैग्स को ऐसे घूरने लगी। जैसे वो कोई एलियन हो।
अयान ने बिना कुछ कहे ही उसके हाथ में वो दोनों बैग्स रख दिए और आही सवालिया नजरों से उसे देखते हुए धीमी आवाज में बोली " ये क्या है ? "
अयान ने बिना किसी भाव के कहा " तुम्हारे लिए कपड़े और जरूरत की कुछ चीजे है।"
अयान की इस बात से आही का मुंह खुला का खुला रह गया। ये आदमी जिसे वो सिर्फ दो बार मिली थी। उसने उसके लिए बिना कहे ये सब कुछ किया।
ये बंदा उसकी समझ से परे था। आही को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। वो बस हैरानी से एकटक बैग्स को ही देखे जा रही थी।
आही के चेहरे को गौर से देखते हुए अयान ने डेविल स्माइल की और बड़े आराम से कहा " इतना सोचने की जरूरत नहीं है अगर मैंने तुम्हे यहां रखा है तो तुम्हारी ये सारी जरूरत भी मैं ही पूरी करूंगा।"
आही कुछ बोल ही नहीं पाई।
वैसे आही ने कल से वही कपड़ा पहन रखा था। उसे चेंज करने की जरूरत महसूस हो रही थी और उसे सुबह नहाने की आदत थी।
अयान उसके चेहरे के करीब होकर बोला " अब क्या पूरा दिन यहीं खड़े रहने का इरादा है?"
अयान उसके इतना करीब था कि उसकी गर्म सांसे आही को अपने चेहरे पर साफ साफ महसूस हो रही थी जिससे उसकी हालत खराब हो रही थी।
अयान हल्का सा झुका और आही के कानों में गर्म सांसे छोड़ते हुए बोला " अगर तुम कहो तो हम साथ में शावर ले सकते है लिटिल बर्ड मुझे इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है।"
आही की आंखे फटी की फटी रह गई और उसने जल्दी से ना में सर हिलाया। उसकी धड़कने तेज हो गई थी।
उसने तेज धड़कते दिल के साथ घबराते हुए अयान को देखा और उन बैग्स को पकड़ कर जल्दी से वाशरूम के अंदर भाग गई।
उसे यू भागते हुए देखकर अयान के चेहरे पर मुस्कान आ गई पर अगले ही पल चली भी गई। अब अयान भी कमरे से बाहर निकल जाता है क्योंकि उसे भी काम था।
आही वॉशरूम के दरवाजे से लगी लंबी लंबी सांसे ले रही थी क्योंकि अयान ने उसकी हालत खराब कर दी थी।
आही ने अपने तेज धड़कते दिल पर हाथ रखकर कहा" आह्ह्ह् ये इंसान मुझे सच में पागल कर देगा।"
लगभग आधे घण्टे बाद में वाशरूम का दरवाजा खुलता है और आही हॉट शावर लेकर बाहर आती है।
आही के बाल गीले थे।उसने डार्क ब्लू कलर का घुटने तक का ड्रेस पहन रखा था जो उस पर बेहद खूबसूरत लग रहा था।
आही को अपनी जरूरत का जो कुछ भी चाहिए था। वो उसे बैग्स में मिल गया था, इसलिए उसे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई थी लेकिन उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था।
वो बस इधर से उधर चक्कर काट रही थी और उसने खुद को समझाते हुए मन ही मन कहा" आही शांत हो जा ऐसे परेशान होने से कुछ नहीं होने वाला है।"
इतना कह आही खुद को शांत करती है।
आही ने इधर उधर नजरे घुमाई और ड्रेसिंग मिरर के सामने से डेयर ड्रायर उठाया और जल्दी जल्दी अपने बाल सुखाने लगी।
ड्रेसिंग मिरर बहुत ही बड़ा था जिसमे आही ऊपर से नीचे पूरी दिखाई दे रही थीं। आही ने एक नजर अपनी ड्रेस को देखा जो कि दिखने से ही बेहद महंगा और ब्रांडेड लग रहा था।
आही ने खुद को मिरर में देखा और मुंह बनाते हुए बोली " वैसे मॉन्स्टर इतने भी बुरे नही है लेकिन ये ड्रेस तो बहुत महंगी लग रही है। वो किसी अनजान लड़की पर ऐसे पैसे कैसे खर्च कर सके है।"
आही आयन के रूम को अच्छे से देखते हुए मुंह बनाते हुए बोली " लगता है इनके पास कुछ ज्यादा ही पैसे हो गए हैं इसलिए ये अपने पैसे किसी पर भी और कही पर भी खर्च कर देते है ।
पक्का ये सारा नाम पैसा और शोहरत उनके डैड की मेहनत की कमाई का होगा तभी बिना वजह का उड़ा रहे है। अमीर बाप होने का फायदा अच्छे से उठा रहे है। ये खून पीने वाले मॉन्स्टर हुन्ह्ह "
आही पूरे कमरे को बड़े ध्यान से देखने लगती हैं और कुछ सोच कर फिर बड़ी सी बालकनी की तरफ बढ़ जाती गई।
बड़ी सी बालकनी में पूरा ग्लास डोर लगा हुआ था जोकि फिलहाल खुला हुआ था और आही जल्दी से बालकनी में जाती हैं, तो बालकनी में आते ही उसे खूबसूरत सा गार्डन दिखाई देता है।
रंग बिरंगे फूलो से भरा हुआ गार्डन और चारो तरफ अलग अलग तरह के पेड़ लगे थे और फूलो की वो दिल को मोह लेने वाली मनमोहक खुशबू।
ये सब आही को बेहद अच्छा लग रहा था। अनेको फूलो की मनमोह देने वाली खुसबू ऊपर बालकनी तक आ रही थी। अभी सुबह का वक्त था इसलिए बालकनी में ताजी हवा चल रही थी।
ये सब देखते हुए आही का चेहरा एकदम से खिल गया। इस वक्त उसके दिमाग में कुछ ना कुछ तो चल रहा था।
आही बहुत खुश हो जाती है और बालकनी की रेलिंग पकड़ कर नीचे देखती है और नीचे देख कर वो मुंह बना कर बोली " ये तो बहुत ऊंची है, अगर मैं यहां से गिरी तो पक्का मेरे पैर हाथ टूटे जायेगे। मुझे ऊंचाई से डर लगता है।"
इतना कह आही रोने वाली सकल बना कर बोली" नही मैं ये रिस्क नहीं ले सकती अगर मैंने ऐसा कुछ भी किया और पकड़ी गई तो वो खडूस मुझे छोड़ेगे नहीं ।
और तो और अगर मैंने ऐसे हरकत कर अपने हाथ पैर तोड़े तो भाई भी मुझे नही छोड़ेगे। ये प्लान बिल्कुल भी यूजफूल नही है।"
आही ने अब बालकनी से कूदकर भागने का वाला प्लान बिल्कुल अपने दिमाग से निकाल दिया।
उसे ऊंचाई से डर लगता था और इसके बाद में अगर वो पकड़ी जाती तो अयान उसे अच्छी खासी सजा देता। ये आही अच्छे से जानती थी।
आही अब दुबारा से कमरे के अंदर आ जाती हैं। उसने यहां से कैसे भागना है इसका प्लान बनाना बंद नहीं किया था।
वो अयान से झगड़ लेती, लेकिन जिस तरह से अयान ने अक्षत के बारे में बात की थी आही डर गई थी कि अयान कोई मामूली इंसान नहीं है।
अगर वो अक्षत के बारे में जानता है और अगर आही ने कुछ गलत कर दिया जो उसे नहीं करना चाहिए तो कही वो अक्षत के साथ कुछ कर ना दे।
आही के छोटे से दिमाग में एक साथ बहुत कुछ चल रहा था। उसकी वजह से अक्षत को कोई भी तकलीफ हो ये वो बर्दास्त नहीं कर सकती थी।
आही अभी और कुछ सोचती उससे पहले ही उसकी नजर वॉल पर लगी बड़ी सी वॉल वॉच पर गई। जिसमे अब दस बज चुके थे और टाइम देखते हुए अब उसे बहुत तेज भूख लगने लगी।
उसने अपने पेट पर हाथ रख और बोली" अपने घर पर होती तो जो जी में आता तो खाती, लेकिन यंहा पर कुछ मिलेगा भी या नहीं?"
ये कहते हुए अचानक से आही को याद आया कि उसे ही ब्रेकफास्ट बनना है और ये याद आते ही वो परेशान हो गई और अपने बालों को हल्का सा कोम कर खुला छोड़ दिया और वो नीचे आ गई।
वहीं दूसरी तरफ
एक अंधेरे कमरे में एक आदमी गुस्से से उबल रहा था।उसकी आंखों में बेहिसाब गुस्सा छाया हुआ था।
वो आदमी गुस्से से बार बार किसी को कॉल पर कॉल किए जा रहा था लेकिन सामने से कोई उसका कॉल पिक नही कर रहा था,जिससे उसका गुस्सा और बढ़ता जा रहा था।
उसने एक और बार कॉल लगाया लेकिन इस बार भी जब सामने से कॉल पिक नहीं हुआ तो वो गुस्से से चिल्लाया ।
गुस्से से उसने अपना फोन दीवार पर फेंक कर चिल्लाते हुए कहा " कोई काम के नही है। इस बार भी वो अयान बच गया, लेकिन कब तक बचेगा। कभी ना कभी तो मेरे हाथ लगेगा ना तब मैं उसे बताऊंगा कि मैं क्या चीज हूं।"
इतना कह वो आदमी किसी पागल की तरह ही जोर जोर से हंसने लगा और उसकी हंसी उस अंधेरे कमरे में गूंज रही थी।
आचनक ही उसने हसना बंद कर दिया और बेहद नफरत से कहा " अयान सिंह राठौड़ बहुत जल्द मैं तुम्हे पूरी तरह से बरबाद करूंगा और तुम बस देखते जाओ। "
ये कहते हुए उसकी आंखो में गुस्सा छाया हुआ था।
आयन का विला ...
आही को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए? वो कैसे अयान से बचे? उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था, पर फिलहाल उसे भूख भी लगी थी और उससे भूख सहन नहीं होती थी।
आही यहीं सब सोचते हुए जैसे ही नीचे आई तो अपने सामने का नजारा देखकर बस देखती ही रह गई। उसकी आंखे एकटक सामने की ओर ही टिकी हुई थी।
आखिर क्या देखा आही ने ?
ये कोन है जो अयान को बरबाद करना चाहता है ?
क्या वो अपने मकसद में कामयाब हो पायेगा ?