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Chapter 8 - अब गलती की है तो पैनिसमेंट तो मिलेगी ना ...

अयान ने आही को वार्निंग दी और जाकर दरवाजा खोल तो उसके सामने मैक्स खड़ा था। उसके हाथ में इस वक्त आही का पिंक पर्स था।

आही बार बार बाहर झांकने की कोशिश कर रही थी कि बाहर कोन है? लेकिन अयान ने दरवाजा पूरा नहीं खोला था इसलिए आही चाह कर भी बाहर झांक भी नहीं पा रही थी।

अयान ने मैक्स के हाथ में मौजूद पर्स को देखा और बिना किसी भाव के कहा " इसे मेरे स्टडी रूम में रख दो।"

मैक्स हैरानी से अयान को देखने लगा लेकिन अभी वो कुछ बोलता। उससे पहले ही अयान ने एक तेज आवाज के साथ उसके मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया ।

आही को कैसे भी करके यहां से निकलना था उसने इधर उधर देखता और झट से एक फ्लावर पोल्ट उठाया और अयान की तरफ बढ़ गई।

उसके हाथ कांप रहे थे आज पहली बार वो किसी को यू चोट पहुंचा रही थी लेकिन अयान की हरकते भी तो उसी लायक थी वरना आही ऐसी हरकत कभी ना करती।

मैक्स देखना चाहता था कि आही अंदर है या नही ? क्या वो कल रात अयान के ही कमरे में थी? या फिर अयान ने रात में ही उसे कही कमरे से निकल तो नही दिया था।

पर मैक्स अंदर झांक पता उससे पहले ही उसके मुंह पर ही दवाजा बंद हो गया था। जिससे मैक्स का मुंह देखने लायक था।

वो जहां तक अयान को जनता था। अयान लड़कियो के मामले से दूर ही रहता था पर इसका मतलब ये नहीं है कि उसे लड़कियों से नफरत है।

उसे बस ऐसी लड़कियां नहीं पसंद, जो उसके करीब आने की कोशिश करे। उसे ऐसी लड़कियों से बहुत चिढ़ थी।

मैक्स बंद दरवाजे को कुछ देर तक देखता रहा और एक गहरी सांस लेकर बोला " कोई बात नहीं मैक्स ऐसी छोटी छोटी बातों को दिल पर नही लेते।"

इतना कह वो आही के पर्स को लेकर अयान के स्टडी रूम मे चला जाता है और स्टडी टेबल पर रख देता है।

पर्स रखने के बाद वो बाहर आकर एक बार फिर से अयान के कमरे को देखता है और मन ही मन बोला" मेरा मन तो बहुत है कि मैं एक बार पता करूं कि आखिर वो प्यारी सी लड़की यहीं है या फिर चली गई ।

कल रात जिस तरह से वो लड़की बॉस से बात कर रही थी मुझे डर है कि कही बॉस ने गुस्से में आकर उसे कोई सजा ना दे दी हो ?

क्या करूं ? क्या मैं बॉस से जाकर एक बार बात करूं ? वो बेचारी बच्ची है, लेकिन अगर उन्हें गुस्सा आ गया तो? नहीं मैक्स तुम्हें कोई रिस्क नहीं देना चाहिए।"

मैक्स का मन तो था कि वो एक बार आही को देखे की वो सही है या नहीं या फिर वो घर चली गई पर वो अयान को गुस्सा दिलाने का रिश्क भी तो नहीं ले सकता था।

कुछ देर अयान के कमरे को देखकर मैक्स वहा से निकल गया।

कमरे में

आही ने जैसे ही अयान पर वार करना चाहा। ठीक उसी वक्त अयान पलटा और उसने आही की कलाई को बेहद मजबूती से थाम लिया।

आही की आंखे हैरानी से फैल गई और उसके हाथों से वो फ्लावर पोल्ट भी छूट कर नीचे गिर गया।

अयान ने नीचे गिरे फ्लावर पोल्ट को देखता और मुस्कुराते हुए कहा " ओह माई इनोशेंट बेबी गर्ल तुम्हे क्या लगा तुम मुझे इतनी आसानी से चोट पहुंचा सकती हो ?"

आही तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। अयान की पकड़ की वजह से उसकी कलाई में बेहद तेज दर्द महसूस हो रहा था।

आही सिसक उठी " आह्ह् मुझे दर्द हो रहा है। "

अयान ने उसकी नीली आंखों में घूरते हुए कहा " कहा था ना कोई होशियारी मत करना, लेकिन तुम्हें मेरी बात समझ कहा आती है, पर कोई बात नहीं बेबी गर्ल अब तुम्हें इसका भी हिसाब देना पड़ेगा।"

इतना कह उसने एक डेविल स्माइल की और आही का हाथ छोड़ दिया और आही तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।

उसने सिसकते हुए अपनी कलाई को देखा जिसमें अयान की उंगलियां छप गई थी। उसकी स्किन बहुत सेंसिटिव थी और उसे हमेशा प्रिंसेस ट्रीटमेंट मिली थी।

अयान ने आही के गालों को हल्के हाथों में टच किया और कहा" मेरे अंदर पेसेंश बहुत कम है तो उसे टेस्ट करने की गलती से भी गलती मत करना ओके लिटिल बर्ड, क्योंकि मेरा गुस्सा तुम सहन नहीं कर पाओगी।"

आही का दिल धक सा रह गया और मुंह खुला का खुला रह गया। वो यन्हा पर अब एक पल नहीं रहना चाहती थी और अयान की बाते उसे डरा रही थी।

उसे अयान और उसकी ऐसी हरकते कुछ भी समझ नही आ रहा था।

आही ने कुछ कहने के लिए मुंह खोला ही था कि तभी आयन बोला" फ्रेश होकर नीचे आओ फिर बताता हूं तुम्हे क्या करना है। मेरे मना करने के बाद भी मुझसे उलझी हो ना तो अब तुम्हे पता चलेगा कि मैं क्या चीज हूं ? 

भागने के बारे में तो सोचना भी मत क्योंकि जब तक मैं ना चाहूं तुम यहां से एक कदम बाहर नही रख सकती।"

इतना कह अयान ने दरवाजा खोला और कड़क आवाज में बोला" मेरे बातो के खिलाफ जाने के बारे में सोचना भी मत और जितना कहा है सिर्फ उतना करो वरना उसकी कीमत तुम्हारे सॉफ्ट सॉफ्ट होठों को चुकानी पड़ेगी।"

इतना कह कर अयान कमरे से निकल गया और आही बस उसे जाते हुए देखते ही रह गई।

अयान ने दरवाजा खोला छोड़ दिया था और ये देखते ही आही की आंखे चमक उठी थी।

आही ने खुले दरवाजे को देखा और खुश होकर मन ही मन कहा " ये खुद को कुछ ज्यादा ही होशियार समझते है। दरवाजा खुला छोड़ दिया है और चाहते है कि मैं चुप चाप से इनकी सारी बाते मानूं।

अब इतना अच्छा मौका मिला है तो मैं भागूंगी ही ना। क्यों मैं यहां रुक कर खुद को इस जैसे मॉन्स्टर का शिकार होने दूं। मैं ये मौका अपने हाथ से जाने नहीं दे सकती।"

इतना कह आही बिना वक्त गंवाए जल्दी से कमरे से निकली और इधर उधर देखने लगी।

आही ने जैसे ही विला पर नजरे दौड़ाइ उसकी आंखे बड़ी बड़ी हो गई। विला को देखते ही साफ साफ पता चल रहा था कि ये कितना लग्जरी है।

विला में रखा हर एक चीज एंटिक पीस था और इसका डिजाइन भी यूनिक था। आही ने इतना खूबसूरत और लग्जरी घर आज तक नहीं देखा था।

आही ने मुंह बनाया और बोली" लगता है ये मॉन्स्टर बहुत ही रिच है तभी इनमे इतना अटिट्यूड भरा पड़ा है।"

आही जल्दी से नीचे आई पूरा हॉल खाली पड़ा हुआ था। जिसे देख कर वो और भी ज्यादा खुश हो गई।

आही ने बड़ी अदा से अपने बाल पीछे झटके और बोली " मिस्टर बदतमीज देखना अब मैं आपसे बहुत जल्द ही दूर भाग जाऊंगी ।बड़ा आए आही खुराना को कैद करने वाले ।"

इतना कह आही ने सामने देखा और बड़ा सा आलीशान मेन डोर खोलने की कोशिश की, लेकिन वो खुल ही नहीं रहा था।

आही दरवाजा पीटते हुए जोर से चिल्लाई" कोई है दरवाजा खोलो। मैं अंदर हूं।"

आही बार बार कोशिश करती रहीं लेकिन इसका कोई फायदा नही हुआ। वो बंद था और अब उसे समझ आया की क्यों अयान ने अपने कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था।

आही चिल्ला चिल्लाकर अब थक गई थी। वो जोर से दरवाजा पीट कर आवाज लगाते हुए बोली " बाहर कोई है प्लीज दरवाजा खोलो। किसी को मेरी आवाज आ रही है ? हेल्प मि।"

आही बार बार दरवाजा खोलने कि कोशिश कर रही थी। वही अयान रेलिंग से लगा उसे ही एकटक घूरे जा रहा था। उसे पता था ये लड़की ऐसी हरकते जरूर करेगी ?

उसके कस के रेलिंग पकड़ रखी थी और उसकी सर्द नजरे आही पर ही टिकी हुई थी।

आही आवाज लगाते हुए थक गई थी और तभी अयान नीचे आते हुए बोला " क्यों अपनी एनर्जी फालतू मे वेस्ट कर रही हो? मैंने तुमसे कहा था ना की मेरे खिलाफ जाने की सोचना भी मत तो क्या तुम्हे मेरी बाते समझ नही आई या फिर तुम्हें ऐसा करने में मजा आता है।"

अयान की आवाज बेहद सर्द थी जिसे सुनते ही आही जो लागतार दरवाजा पीटे जा रही थी। उसके हाथ एकदम से रुक गए और वो कांप सी गई।

आही की हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि वो पीछे मुड़ सके। वो मन ही मन खुद को कोसते हुए बोली " आही तू पागल है क्या अगर इतनी जोर जोर से चिल्लाएगी तो मॉन्स्टर तो सुनेगा ही ना। मेरे दिमाग में ये बात पहले क्यों नहीं आई? अब क्या करूं ?"

आही ने मन ही मन खुद को कोसा और धीरे से पलटी तो डर से उसकी चीख निकल गई और उसने अपने दिल पर हाथ रख लिया।

इस वक्त अयान बिल्कुल उसके सामने ही खड़ा था और उसे बुरी तरह से घूरे जा रहा था। उसके इस तरह घूरने से आही सहम सी गई थी।

आही अयान को कुछ कहने को हुई की तभी अयान बोला " तुमने जो अभी अभी फालतू की हरकत की और इतना गला फड़ा है ना, इसकी तुम्हे भरपाई करना होगा, क्योंकि मुझे शोर मचाने वाले लोग बिल्कुल भी नहीं पसंद, लेकिन

उससे पहले एक काम करो। चुप चाप से किचन में जाओ और मेरे लिए अच्छी सी कॉफी बना कर लाओ।"

आही जैसे ही कुछ कहने को हुई की तभी अयान उसे वार्निग देते हुए बोला " सिर्फ दस मिनट है तुम्हारे पास। दस मिनट के अंदर कॉफी नही आई ना तो यहां से जाने का ख्याल भी अपने इस छोटे से दिमाग से निकाल देना।"

आही अयान को घूर कर देखने लगी की तभी अयान ने आराम से कहा" अगर भागने की कोशिश की तो शायद अपने भाई को दुबारा ना देख पाओ।"

आही का दिल धक सा रह गया और वो धीमी आवाज में बोली " आप मुझे सिर्फ डरा रहे है ना "

अयान बेहद बोरियत भरे लहजे में कहा" नहीं लिटिल बर्ड मैं तो बस सच बता रहा था। अक्षत खुराना यही नाम है ना तुम्हारे भाई का और वो अभी अभी मुंबई सिफ्ट हुआ है।"

आही की आंखे एकदम बड़ी हो गई और वो जल्दी से ना में सर हिलाते हुए परेशानी से बोली " नही आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते ।"

अयान के मुंह से अक्षत का जिक्र सुनकर आही के हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे।

अयान अपने पैंट की पॉकेट में हाथ डाले बोला" तुम मुझे नहीं जानती। मैं कुछ भी कर सकता हूं।"

इतना कह अयान उसके सॉफ्ट सॉफ्ट होठों को बड़े इंट्रेस्ट के साथ देखने लगा और उसकी नजरों को खुद के होठों पर महसूस करते हुए आही के होठ कांपने लगे थे।

अयान उसके होठों को देखते हुए एक डेविल स्माइल के साथ बोला" मैंने तुमसे कुछ कहा था ना लिटिल बर्ड अगर तुम मेरी बातों को नही मानोगी, तो कीमत तुम्हारे इन होठों को चुकानी होगी।"

आही ये सुनते ही घबरा कर जल्दी से अपने कदम पीछे लेने लगी, लेकिन एक कदम पीछे लेते ही वो दरवाजे से लग गई।

अयान तिरछा मुस्कुराया और अपने दोनों पैंट की पॉकेट से निकाल कर हाथों को उसके साइड में रख दिया। अब आही उसके दोनों हाथों के बीच सहमी हुई थी ।

अयान उसके होठों के करीब होते हुए बोला " अब गलती की है तो पैनिसमेंट तो मिलेगी ना।"

आही को कुछ समझ नहीं आया तो वो एकदम से बोल पड़ी " मैं भागने की कोशिश नहीं कर रही थी, मैं तो बस ऐसे ही देख रही थी कि दरवाजा बंद है या नही। आप तो मुझे फालतू मे गलत समझ रहे है।" 

आही की इस बचकानी सी बात को सुनकर अयान की आंखे छोटी हो गई।

अयान उसकी आंखों में घूरते हुए सर्द आवाज में बोला" यू तुम्हे क्या मैं तुम्हारी तरफ कोई बेवकूफ दिखता हूं, जो तुम्हारी इन सिली बातो पर यकीन करूंगी।"

आही को एहसास हुआ की उसने हड़बड़ी में कुछ गलत बोल दिया है। उसने अपने दांतो से हल्का सा अपने निचले होठ को बाइट कर लिया।

वो मन ही मन खुद पर गुस्सा करते हुए बोली" आही ये तू क्या कर रही है ? कुछ कर वरना तेरे सामने खड़ा खूंखार मॉन्स्टर तुम्हें छोड़ेगा नहीं ।"

उसे इस वक्त खुद पर ही गुस्सा आ रहा था ।

उसे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे या क्या कहे ? बस कुछ ही घंटों में अयान ने उसका दिमाग पूरी तरह से खराब कर दिया था।

अयान उसकी इस सिली हरकत को देख कर उसके होठों के करीब झुकने लगा और आही उसके सीने पर हाथ रख कर बोली" ये आप बार बार मेरे करीब क्यों आते रहते है? ये सही नहीं है।"

अयान ने आही को घूरा और कहा " मेरा मन मैं जो चाहूं कर सकता हूं। तुम मुझे रोक नहीं सकती। अब पैनिसमेंट मिलेगी तुम्हे।"

आही कुछ बोल ही नहीं पाई। उसे अभी कुछ देर पहले हुई किस याद आ गई और उसका दिल जोरो से धड़कने लगा ।

ये इंसान उसे बोलने कहा देता था हर बार कुछ ऐसा बोल या कर जाता था कि आही की बोलती ही बंद हो जाती थी।

अयान एक बार फिर से उसे किस ना कर ले इस डर से उसने तुरंत अपने होठों पर हाथ रख लिया। उसने मन ही मन सोच लिया कि वो ऐसा नहीं होने देगी।

अयान उसकी हर छोटी से छोटी हरकतों को अच्छे से नोटिस कर रहा था। उसके होठों पर तिरछी स्माइल थी।

वही अयान की स्माइल को देखते हुए आही की धड़कने पल पल बढ़ते जा रही थी कि तभी अयान बोला " हम्मम अब मेरा मन बदल गया।अभी मेरा कॉफी पीने का मन है। पैनिसमेंट मैं तुम्हे बाद में दूंगा।"

ये सुनते ही आही की जान में जान आई और उसके तेज धड़कते दिल को सुकून मिला।

अब आही ने अपने होठों से हाथ हटाया और जल्दी से बोली "आपको कॉफी चाहिए ना। मैं अभी आपके लिए कॉफी बना कर लाती हूं।"

उसके चेहरे पर आई चमक को देखकर अयान कुछ पल रुक गया और बोला " ओके जब तक मैं नीचे आऊं मुझे मेरी कॉफी और ब्रेकफास्ट दोनो रेडी चाहिए ।"

आही की आंखे बड़ी हो गई उसे कुकिंग नहीं आती थी, पर उसने अभी कुछ कहना सही नहीं समझा।

आही परेशानी से इधर उधर देखने लगी। वो किचन ढूंढ रही थी इतने बड़े विला में वो किचन कहा ढूंढे। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

तभी अयान उसे देखते हुए बोला " राइट साइड किचन है।"

आही ने अब एक पल नहीं गवाया और लगभग से भागते हुए किचन की तरह गई।

अयान उसे जाते हुए कुछ पल गहरी नजरों से देखता है और ऊपर की तरह बढ़ जाता है।

वहीं दूसरी तरफ

राठौड़ पैलेस

मीनाक्षी जी रेडी होकर नीचे आती हैं और तभी देविका जी उसके पास आते हुए बोली" कल अयान घर क्यों नहीं आया बेटा? हम सब उसका वेट कर रहे थे। तुम्हारी उससे बात हुई क्या ? वो ठीक तो है ना।"

देविका जी की बात सुनकर मीनाक्षी जी ने उन्हे शांत करते हुए कहा" मां आप टेंशन मत कीजिए वो बिल्कुल ठीक है । कल कुछ काम आ गया था इसलिए नही आ पाया।"

देविका जी ने कहा" मेरी सुबह मैक्स से बात हुई थी और वो नालायक किसी काम का नहीं है। मैंने उससे कहा था कि चाहे कोई भी काम हो पर कल अयान को किसी तरह घर लेकर आए पर वो इतना सा काम नही कर पाया।"

मीनाक्षी जी ने हैरानी से कहा " मां आप क्यों बेचारे मैक्स के पीछे पड़ी रहती है।आपको पता है ना जब अपना पोता हमारी नही सुनता है तो उसकी क्या सुनेगा।"

इतना कह मीनाक्षी जी अब मंदिर की तरह जाती हैं और हाथ भगवान के सामने जोड़ कर बोली" भगवान जी मेरे बच्चो को हमेशा सही सलामत रखना।"

मीनाक्षी जी कल के हमले के बारे में जानती थी लेकिन दादी जी परेशान ना हो जाए। इसलिए उन्होंने उन्हे कुछ ना बताना ही सही समझा।

देविका जी परेशान होकर मीनाक्षी जी के पास आ कर बोली" इसलिए कहती हूं उसे बिजनेस छोड़ दे लेकिन वो मेरी सुनता कहा है ? पता नही वो ठीक से सोता भी होगा या नहीं ? तुमने बात की उससे ।"

मीनाक्षी जी खुद भी परेशान थी लेकिन वो खुद को शांत करते हुए बोली " हा मां वो ठीक है। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।आप तो जानती है ना कि वो किसी की नही सुनता है। "

देविका जी ने कुछ कहना चाहा कि तभी मीनाक्षी जी उसे शांत करते हुए बोली " मां आप अब कुछ नहीं कहेगी और टेंशन तो बिल्कुल भी नहीं लेगी । आपकी तबियत वैसे भी सही नहीं रहती हैं।"

अब देविका जी ने कुछ नहीं कहा और मीनाक्षी जी सर्वेंट से कह देविका जी और काफी सब के लिए चाय लाने को कहा और खुद भी देविका जी के साथ बैठ गई।

अयान का विला 

आही बड़े से किचन में खड़ी परेशानी से किचन में इधर से उधर चक्कर लगा रही थी। कॉफी तो वो बना लेगी लेकिन ब्रेकफास्ट वो कैसे बनायेगी। ये बात उसे बहुत परेशान कर रहा था।

अयान उसको बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था। वैसे तो उसका यहां से भाग जाने का मन कर रहा था लेकिन वो अयान को गुस्सा नहीं दिला सकती थी।

कुछ सोचते हुए वो खुद से ही बोली" नहीं मैं कोई गड़बड़ नहीं करूंगी। मुझे इनकी बात मान लेनी चाहिए। पहले मैं इनके लिए कॉफी बना देती हूं।

वैसे भी मैं यहां से भाग कर जाऊंगी कहा? मैंने तो मुंबई का एक छोटा सा हिस्सा भी नहीं देखा है। कल जो कुछ भी हुआ। उसके बाद मैं इतना तो समझ गई हूं कि मुंबई बड़ी खतरनाक है।

मुझे जल्द से जल्द कुछ तो सोचना होगा। मैं यहां ज्यादा देर तक नहीं रह सकती। भाई का पता नही क्या हाल हो गया होगा ? 

वो तो पैनिक हो रहे होगे। मुझे बहुत सोच समझ कर ही कोई कदम उठाना चाहिए। मुझे अच्छे से याद है कल रात को मैंने इनके हाथ में गन देखा था। ये कोई आम आदमी नहीं लगते है।"

आही की आंखों में हल्की नमी छा गई क्योंकि उसे अक्षत की बहुत याद आ रही थी।

आही ने जल्दी से खुद को नॉर्मल किया और कहा " नही आही तुम तो भाई की स्ट्रॉन्ग प्रिंसेस हो ऐसे रो नही सकती । पहले खून पीने वाले मॉन्स्टर के लिए कॉफी बना देती हूं फिर सोचती हूं क्या करना है ? मैं भी आही खुनारा हूं ऐसे हार नहीं मानूंगी।"

आही को बहुत अजीब सा लग रहा था, पर फिलहाल उसे ना चाहते हुए भी अयान के लिए कॉफी बनानी थी।

क्या आही अयान के लिए ब्रेकफास्ट बना पायेगी या फिर सब कुछ बिगड़ कर रख देगी ? 

आखिर क्या चल रहा है अयान के दिमाग में? कही वो आही को कैद तो नही करना चाहता है?