Chandigarh, Sector- 26,
एक छोटी लड़की अपनी पीठ पर एक बड़ा- सा बैकपैक लिए हुए मॉडल हाई स्कूल के सामने के मेनगेट से बाहर निकल रही थी। उसने एक रेगुलर स्कूल ड्रेस पहनी थी- एक हॉफ स्लीव् व्हाइट शर्ट, एक ब्लू लाइनर स्कर्ट, थोड़े ऊंचे व्हाइट स्टॉकिंग्स और ब्लैक शूज़।
पूरे दिन के बाद भी उसकी यूनिफॉर्म साफ और सुथरी थी। उसका बैग एक कंधे से लटक रहा था, थोड़ा टेढ़ा, जिसे वह चलते हुए ठीक करने की कोशिश कर रही थी, उसकी चोटी बंधी हुई थी जो हर कदम के साथ हल्के से झूल रही थी.. और कुछ बाल उसके चेहरे पर भी बिखरे हुए थे।
सुबह के चमचमाते ब्लैक शूज़ अब थोड़े मेले हो चुके थे, वो एक रंग-बिरंगा फोल्डर पकड़े हुए थी, जिस पर कुछ स्टिकर और उसकी बनाई हुई ड्रॉइंग्स थी, शायद उसने इन्हें क्लास में बनाया होगा, उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी, जैसे वह स्कूल के बाद कुछ मजेदार करने का इंतजार कर रही हो। उसके गाल हल्के से गुलाबी हो रखे थे और उसके पतले होठों पर एक प्यारी सी स्माइल थी। वो मस्ती में कदम बढ़ाती है, स्कूल के गेट से बाहर निकलने को तैयार, मानो दुनिया को जीतने जा रही हो।
वो हल्के से एक पंजाबी सॉन्ग गुन गुना रही थी।
तू मेरे वाल तक्दी रवें, ना मेरी तेरे तों नज़र हटड़ी,
मैं तेरा आं ब्लड गोरिये, तू बैकबोन जट दी,
तू मेरे वाल तक्दी रवें, ना मेरी तेरे तों नज़र हटड़ी,
मैं तेरा आं ब्लड गोरिये तू बैकबोन जट दी,
मैं होगया दीवाना बलिये, तू होके शदायी फिरदी,
घर दियां कंधा उत्ते नि, दस तेरे बिना समझाउंगी, फीलिंग हाय कौन जट दी,....
वो अभी मेन गेट से बाहर निकली ही थी कि उसके बैग में रखा फ़ोन बजने लगा। उसने मुस्कुराते हुए जल्दी से अपना फ़ोन निकाला और काल पिक की,
"हैलो मॉम, आप कहां रह गई... मैं कब से यहां आपका वेट कर रही हूं!" उसने मुंह फुलाते हुए कहा। हालांकि.. उसके चेहरे पर एक तिरछी स्माइल थी।
"आरना बेटे आज मॉम आपको लेने नहीं आ पाएंगी, वो मैंने अभी देखा कि कार का टायर पंचर है अब इसे ठीक कराने में समय लगेगा, तुम एक काम करो... मेट्रो से आ जाओ, वैसे भी घर केवल तीन स्टेशन दूर हैं!" फ़ोन के दूसरी तरफ़ से एक महिला की आवाज़ आई।
"ठीक है मॉम!" यह कहते हुए आरना ने तुरंत फ़ोन काट दिया। "सॉरी मॉम, कार को तो मैंने सुबह ही कंपस की मदद से पंचर कर दिया था, आज मेरे क्रश का कॉन्सर्ट है मैं उसे मिश नहीं कर सकती! ही, ही!"
उसके फोन कट करने के बाद, उसकी क्लासमेट 'त्रिशा' जो उसके साथ उसके बगल में चल रही थी, ने उससे पूछा। "आरना क्या आज तुम्हारी कार नहीं आई?"
आरना ने सिर हिलाया.. और अपना फोन वापस अपने बैकपैक के अंदर रखा और कहा! "मॉम की कार आज ख़राब हो गई है!!" वो त्रिशा को कॉन्सर्ट के बारे में नहीं बताना चाहती थी।
मॉडल हाई स्कूल चंडीगढ़ के फेमस स्कूलों में से एक था स्कूल में बहुत सख्त अनुशासन और नियम थे। साथ ही, उनके ज़्यादातर स्टूडेंट्स अमीर परिवारों से थे।
इस समय स्कूल के सामने लग्जरी कारों की लंबी कतार लगी हुई थी। त्रिशा.... आरना के बहुत कम दोस्तों में से एक थी। उसने सड़क के दूसरी तरफ इशारा किया और उससे पूछा। "मेरी कार वहाँ खड़ी है। क्या तुम्हें घर जाने के लिए मेरी ज़रूरत है?"
आरना उसे परेशान नहीं करना चाहती थी। क्योंकि.. वो आज अपने क्रश का कॉन्सर्ट अटेंड करने के लिए इतनी मुश्किल से रुकी थी। वो एक सीधी लड़की थी ये पहली बार था जो उसने ऐसा कुछ किया था। उसे थोड़ा डर भी लग रहा था, उसने एक पल के लिए सोचा कि वो उसके साथ चली जाए हालांकि उसके अंदर की अंतरात्मा उसे
कॉन्सर्ट में जाने के लिए कह रही थी।
फ़िर उसने हाथ हिलाया और मना कर दिया। "अरे कोई बात नहीं, मैं मेट्रो से घर चली जाऊंगी! कल मिलते हैं।"
यह कहने के बाद उसने त्रिशा को एक प्यारी सी स्माइल दी और मेट्रो स्टेशन की ओर चलने के लिए मुड़ गई।
हालांकि, दस मिनट बाद वो मेट्रो स्टेशन की जगह DLF मॉल के सामने थी यह चंडीगढ़ का सबसे बड़ा मॉल था, सामने एक बड़ा सा होर्डिंग बोर्ड लगा था। "Punjabi Singer Harrdy Sandhu Live Concert."
आरना के चेहरे पर एक चौड़ी मुस्कान फेल गई और वो तुरंत खुशी से उछलती हुई माल के अंदर चली गई। यह आज पहली बार था, जब वो अपने फेवरेट सिंगर, क्रश को लाइव देखने वाली थी वो उसकी बहुत बड़ी फैन थी यहां तक कि उसने आज जो क्लास में ड्रॉइंग बनाई, वो भी हार्डी संधू की थी।
लगभग, दस मिनट बाद, DLF मॉल के अंदर,
मॉल के बीचों बीच, एटमॉस्फेयर फुल एक्साइटमेंट और शोर गुल से भरा हुआ था। लोग एक छोटे से गोल स्टेज के चारों ओर इकठ्ठा थे, उनके बीच एक स्कूल गर्ल एक बड़ी सी ड्रॉइंग लिए खड़ी थी।
उसकी आँखें चमक रही थी, और वो कॉन्सर्ट शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, उसकी ब्लू स्कर्ट की प्लेट्स उस समय हल्के से झूल रही थी, जब वो उछल रही थी। उसका बैग एक कंधे से लटक रहा जैसे वो उसे बिल्कुल भूल चुकी हो।
मॉल की लाइट्स थोड़ी मंद हो गई और अचानक हवा में उसके फेवरेट सिंगर` के पहले हिट सॉन्ग की धुन गूंजने लगी। उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा जब उसने उसे स्टेज पर गिटार के साथ आते देखा।.. चारों ओर से तालियाँ और चीखें गूंज उठीं। वो भी जोर से चीखी, पर उसकी आवाज़ भीड़ में मिल गई!.. लेकिन उसे तो ऐसा महसूस हो रहा था... मानो हार्डी संधू सिर्फ उसी के लिए परफॉर्म कर रहा हो।
जैसे ही म्यूजिक तेज हुआ, वो लय में झूमने लगी, ताल के साथ ताली बजाते हुए, उसे हर शब्द याद था और वो पूरे दिल से गाने लगी,.. उसकी आवाज़ म्यूजिक में घुल मिल गई। गिटार की धुन मॉल के कोने-कोने में गूंज रही थी, लेकिन उसके चेहरे पर बसी मुस्कान पूरे माहौल को और भी खूबसूरत बना रही थी वो खुशी से झूम रही थी, उसके गाल उत्साह से गुलाबी हो रहे थे।
हार्डी संधू ने एक सॉन्ग ख़त्म करने के बाद, पल भर के लिए पॉज लिया, उसने उसकी ओर देखा, कुछ पल के लिए उनकी नज़रें मिलीं। आरना चौंक गई, उसकी सांसें जैसे थम गईं। क्या हार्डी संधू ने अभी उसे सच में देखा था? आरना को यकीन ही नहीं हो रहा था। उसने तेजी से अपना फोन निकाला और उस पल को कैमरे में कैद कर लिया, जैसे वो उस पल को हमेशा के लिए अपनी यादों में बसा लेना चाहती हो।
म्यूजिक फिर से शुरू हुआ और वो खुद को पूरी तरह से खो बैठी, वहीं खड़े-खड़े नाचने लगी, स्कूल और दुनिया की सारी चिंताएँ जैसे कहीं खो गईं। मॉल, जो आमतौर पर इतना शोरगुल वाला लगता था, अब वो जादुई लगने लगा था, जैसे उसके सारे ख़्वाब हकीकत में बदल रहे हों।
जैसे ही कॉन्सर्ट खत्म हुआ, हार्डी संधू ने भीड़ को थैंक्स बोला.. और आरना पहले से भी जोर से तालियां बजाने लगी।.. उसकी हथेलियाँ ताली बजाते हुए थोड़ी लाल हो गई लेकिन खुशी का वह एहसास अब भी उसके दिल में धड़क रहा था। जब लोग धीरे-धीरे वहां से जाने लगे, वो वहीं खड़ी रही.. उस जादुई पल को महसूस करती रही, उसे पता था कि वो इस दिन को कभी नहीं भूलेगी,- वो दिन जब उसने म्यूजिक को पहली बार इतनी गहराई से महसूस किया, जब उसके क्रश ने उसकी ओर देखा।
कंसर्ट खत्म होने के बाद आरना धीरे- धीरे मॉल से बाहर निकली। उसकी चाल अभी भी उस म्यूज़िक की लय में थी, जैसे वो अभी भी उस जादुई दुनिया में खोई हुई हो।बाहर हल्की ठंडी हवा चल रही थी, जो उसके चेहरे पर हल्के से थपकी दे रही थी। उसकी आँखों में अभी भी चमक थी और उसके होठों पर एक छोटी सी मुस्कान।
वो मेट्रो स्टेशन की ओर बढ़ रही थी, उसके कदम हल्के थे, जैसे वह जमीन पर नहीं, हवा में तैर रही हो। स्टेशन पर पहुंचकर, उसने अपने बैग से कुछ पैसे निकाले और टिकट लेने के लिए लाइन में लग गई!
यह पहली बार था... जब वो मैट्रो के लिए टिकट ले रही थी! क्योंकि, वो हमेशा अपनी कार से अपने ड्राइवर या फिर कभी कभार अपनी मॉम के साथ जाती थी। थोड़ी परेशानी के बाद उसने टिकट ले लिया और मैट्रो के आने का इंतजार करने लगी। वो इस फ़्रीडम से भरे मोमेंट को थोड़ा एंजॉय भी कर रही थी।
जैसे ही मेट्रो आई, वो जल्दी से अंदर चली गई और एक कोने में खड़ी हो गई मेट्रो भीड़ से भरी हुई थी वहाँ बहुत सारे लोग थे, इसलिए उसने अपना बैकपैक अपने हाथों में ले लिया। उसे खड़े होने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी, क्योंकि वो बीच में दब गई थी।
गर्मियों की हवा थोड़ी गर्म थी। भले ही मेट्रो में ऐ.सी थी, फिर भी वो पसीने की भयानक गंध से अभिभूत थी।
आरना ने थोड़ी घुटन महसूस करते हुए अपनी लटकती हुई चोटी को खींचा। उसने हल्की सी साँस ली, चूंकि वो अपने आस पास के लोगों पर ध्यान नहीं दे रही थी, तो वो स्वाभाविक रूप से नहीं जानती थी कि वो लोगों का कितना ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
उसके पास लोगों के बात करने की आवाज़ें आ रही थीं, और उसके ठीक पीछे एक छोटी सी सीटी बज रही थी, ये कुछ स्कूल के लड़के थे जो उसे देखते हुए सीटी मार रहे थे, और हँस रहे थे। हालाँकि, मैट्रो में इतना शोर था कि उसे स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं दे रहा था।
इसके अलावा उसके कानों में अभी भी कॉन्सर्ट की धुन गूंज रही थी और वो उसी सोच में डूबी हुई थी। वो अपने ख्यालों में इतनी खोई हुई थी, कि उसे अपने आस-पास का होश ही नहीं था। एक स्टेशन बाद अचानक उसे एक हल्का सा झटका लगा... और वो लड़खड़ा कर पीछे की ओर गिर पड़ी और अपने पीछे किसी व्यक्ति की बांहों में गिर गई। "आह!"
वातावरण गर्म और भरा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि हवा जम गई है और कुछ समय के लिए शांत हो गई है। इसके बाद एक बार फिर छोटी सी सीटी बजने लगी।
किसी ने धीमी आवाज़ में कहा। "मैंने तुम्हें क्या बताया था? वो वास्तव में सुंदर है! 'वरुण', क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?"
आरना दंग रह गई। उसकी पीठ पर एक मजबूत, पुरुष शरीर महसूस हुआ! चूंकि गर्मी का मौसम था, इसलिए उसने एक पतली कमीज पहनी हुई थी और वह उसके शरीर की गर्मी को भी महसूस कर सकती थी।
उसके पीछे वाला व्यक्ति अभी भी चुप था। आरना थोड़ा मुड़ गई, केवल हल्की भूरे रंग की आँखों की एक जोड़ी के साथ उसकी नज़रे मिल गई, जो सर्दियों के सुबह के कोहरे को नियंत्रित करती प्रतीत हो रही थी।
उसके पीछे के व्यक्ति ने एक व्हाइट शर्ट पहनी थी, और उसके कफ ऊपर की ओर मुड़े हुए थे... जिसमें उसकी लीन फोरआर्म्स दिखाई दे रही थी! इसके अलावा उसने एक ब्लैक फॉर्मल पेंट.. और पैरों में व्हाइट स्नीकर्स की एक जोड़ी पहनी थी। यह एक लंबा लड़का था, जो उसी के हम उम्र था।
उनके बीच इतने करीबी होने के कारण, वो उसके शरीर से आने वाले धुँधले, लेकिन साफ तंबाकू की गंध भी ले सकती थी। उसके शरीर की साफ खुशबू विशेष रूप से कुरकुरी थी, यह उसके चारों ओर की भयानक गंधों के बीच उसकी नाक के लिए थोड़ी आरामदायक थी।
"अरे वरुण भाई ये छोटी लड़की तो बगल के मॉडल हाई स्कूल से हैं!" उसके बगल के एक लड़के ने कहा।
उसके पीछे उसके दो-तीन दोस्त भी थे, जो हँसी मजाक कर रहे थे... उन लड़कों ने ब्लैक एंड व्हाइट स्कूल ड्रेस पहनी थी, जो आरना के बगल के DPS स्कूल की ड्रेस थी। लड़कों में से एक के बाल सुनहरे रंग के थे और वो बदमाशों की तरह च्विंगम चबा रहा था।
आरना जल्दी से अपने बगल की सीट पकड़ कर खड़ी हो गई और लड़के से दूरी बना ली। "आई एम सॉरी"।
मैट्रो में अभी भी बहुत भीड़ थी, वो ज़्यादा से ज्यादा 15 सेंटीमीटर ही दूर रह सकती थी... आरना ने DPS स्कूल के बारे में कई बातें सुनी थीं। उसके स्कूल टीचरों ने उसे सलाह दी थी कि वो बगल के उस स्कूल के स्टूडेंट्स के साथ ज्यादा घुले मिले ना और उसने सुना था कि उनका स्कूल बहुत बेकार है वहां अक्सर झगड़े होना आम बात थी।
आरना उनसे दूर रहना चाहती थी, लेकिन जब उसने अपना सिर नीचे किया, तो उसे एहसास हुआ कि उसने गलती से लड़के के सफेद स्नीकर पर कदम रख दिया था।
अपनी अच्छी परवरिश के साथ उसने तुरंत उससे माफी मांगी, "सॉरी मैंने ऐसा जानबूझकर नहीं किया था। तुम, तुम मुझे इनकी कीमत बता दो, मैं तुम्हें कम्पंसेट कर दूंगी!"
बिना किसी शक के उस लड़के का रुप सबसे आकर्षक था। उसके फीचर्स को परिभाषित करने के लिए, उसके
चेहरे की बनावट शार्प और नुकीली थी, उसकी गहरी काली आँखें रहस्मय और आकर्षक थी।
भीड़ में कुछ लड़कियां थी.. जो एक दूसरे से बातें करते हुए आपस में फुसफुसा रही थी। "अरे जल्दी करो, उस लड़के को देखो, वो कितना हैंडसम है!"
"हाय, वो सच में कितना हैंडसम है!"
आरना अभी भी बहुत घबराई हुई थी उसने सुना था कि वो बदतमीज़ थे और अगर वो गुस्से में होते तो लोगों को पीटते!
मानो सुनहरे बालों वाले लड़के ने उसकी घबराहट और शर्मिंदगी को महसूस कर लिया था। उसने मुस्कुराते हुए लड़के के कंधे पर हाथ रखा और कहा। "यार वरुण, तूने इस छोटी सी लड़की को डरा दिया,"
यह सुनकर लड़के ने उसके चेहरे को देखा और खिड़की पर उदासीन रूप से देखने से पहले केवल एक सेकंड से भी कम समय के लिए आरना पर अपनी नज़रें जमाए रखी। मानो जो कुछ हुआ उसने उसे थोड़ा भी प्रभावित नहीं किया था।