अब तक
थोड़ी देर में सबका खाना हो गया था , अब अश्विका और ईधांश को नींद आ रही थी। अश्विका नींद लेते हुए अश्विन से बोली आज अशी डैडी के पछ छोएगी ।
नींद की बात सुन सिंध्या को याद आया बेड तो एक ही हैं और हॉल का सोफा इतना छोटा था की अश्विन के आधे से ज्यादा पैर बाहर निकलते ।
यही सब सोच सिंध्या परेशान हो रही थी की अश्विन को सुलाए कहा पर तब तक अश्विन दोनो बच्चो को ले कर रूम की तरफ बढ़ गया था।
सिंध्या का रूम काफी सिंपल और प्यारा था एक क्वीन साइज बेड भी उस बेड पर चार लोग आराम से आ सकते थे पर सिंध्या अश्विन को अपने साथ बेड पर केसे सोने दे सकती हैं। यही सब सोच वो परेशान होए जा रही थी।
वही रूम में अश्विन दोनो बच्चो को लेकर लेट चुका था।
अब आगे
अश्विन को अपने बिस्तर पर लेटा देख सिंध्या डिसाइड करती हैं की वो बाहर सोफा पर ही सो जायेगी । यह सोच वो बाहर जाने को होती हैं की ईधांश उसे आवाज देता हैं " मम्मा कहा जा लहे हो , , मेले पाछ सो जाओ ना " यह कह वो पप्पी फेस बना लेता हैं।
उसका फेस देख सिंध्या को समझ नही आता वो क्या करे तो अश्विन साइड होते हुए बोला _" इट्स ओके में साइड हो जाऊंगा अश्वि को लेके ईधांश को बीच सुला दो और साइड में खुद आ जाओ "
अश्विन की बात सिंध्या को सही लगती हैं वो अपने अलमीरा से एक ब्लैंकेट और निकाल कर लाती हैं एक अश्विन और एक खुद उसका
सिंध्या अपनी साइड आ कर लेट जाती हैं तो ईधांश जल्दी से उसके गले लग जाता हैं सिंध्या स्माइल कर उसके सिर पर किस करती हैं और ईधांश और खुद को कवर का सो जाती हैं।
वही अश्विन भी अपने ऊपर लेटी अश्विका को सहलाते सहलाते जाने कब सो जाता हैं पता ही नही चलता। , ,
अगली सुबह
अश्विन और सिंध्या अभी भी सो रहे थे पर अश्विका और ईधांश की नींद खुल चुकी थी वो टुकुर टुकुर एक दूसरे को देख रहे थे।
तभी अश्विका ईधांश से बोली _" बले भाई , , चलो हम मम्मा और डैडी के लिए ब्लैकफास्ट बनाए "
ईधांश भी अपनी सिर हिला पहले खुद उठता हैं फिर अश्विका को उठता हैं दोनो चल पड़ते हैं किचन की तरफ , ,
किचन में
अश्विका स्टूल पर खड़ी हुई थी और ईधांश ने स्टूल को पकड़ रखा था , वो स्टूल को पकड़े हुए बोला _" क्या तुम्हे वो मिला "
"नही मिला बले भाई "
"अरे अच्छे ढूंढो आशी"
" पल बले भाई अशी को ढूंढा क्या हैं ?"
ईधांश अश्विका की बात सुन अपने सिर में मारते हुए बोला _" ओहो अशी , , तुम्हे ब्रेड ढूंढनी हैं "
अश्विका खुश होते हुए बोली _" आले हा बले भाई , , में तो भूल ही गई थी।" यह बोल वो फ्रिज खोल देती हैं।।
रूम में
ईधांश और अश्विका गायब थे यह खबर दोनो को नहीं थी , अश्विन करवट लेता हैं और सिंध्या को कडल कर लेता हैं।
वही सिंध्या को लगता हैं यह ईधांश ने किया हैं वो अपना हाथ आगे बढ़ा ईधांश का फेस छूने लगती हैं , , वो फेस को छूते हुए बोली " अरे यह ईधु का फेस इतना रफ केसे हो गया " यह बोल वो आंखे खोलती हैं तो सामने अश्विन का हैंडसम फेस था ।
सिंध्या अश्विन को ध्यान से देखती हैं तो अश्विन के फेशियल फिचर काफी ज्यादा शार्प थे , कहना गलत नही होगा वो सच में आज की लड़कियों का प्रिंस चार्मिंग हैं , सिंध्या भी उसके हैंडसम फेस को देख कर फ्लैट हो गई थी ।
( सिंध्या को सुंदर चीज़े और गुड लुकिंग लड़के बहुत ही ज्यादा पसंद हैं। )
सिंध्या अभी अश्विन को निहार ही रही थी की अश्विन उसे और टाइट गले लगा लेता हैं तब जा कर सिंध्या को याद आया _" अरे यह दोनो कहा चले गए , , , इन्हे उठाना पड़ेगा पहले तभी उन्हे ढूंढने जाऊंगी "
सिंध्या अश्विन की पकड़ से खुद को आजाद करने की कोशिश करती हैं पर हो नही पाती , थक हार कर वो गुस्से में अश्विन के हाथ में कांट लेती हैं।
सिंध्या के काटने से अश्विन की अचानक से आंख खुल जाती हैं वो घूर कर सिंध्या को देखता हैं फिर अपने हाथ को जिसमे दांत के निशान थे , , वो वापिस से सिंध्या को घूरता हैं गुस्से में तो , , सिंध्या भी उसे गुस्से में घूर कर बोली _" छोड़ो मुझे वरना , , , वरना में तुम्हारी नाक को काट लूंगी "
सिंध्या की बात सुन अश्विन देखता हैं सच में उसने काफी जोर से उसे पकड़ रखा हैं वो अचानक से उसे छोड़ देता हैं तो सिंध्या जल्दी से बिस्तर नीचे उतर खड़ी हो जाती हैं।
अश्विन भी बैठते हुए बोला _" सॉरी मुझे पता नही चला , , ,मुझे लगा अश्वि हैं , , " फिर इधर उधर नज़र घुमा कर बोला _" वैसे यह गई कहा "
सिंध्या अपना सिर ना में हिलाते हुए बोली _" मुझे नही पता हैं यह दोनो कहा गए , , "
अभी यह बोला ही था की उन्हे कुछ गिरने की आवाज आई , , दोनो एक दूसरे का चेहरा देखते हैं फिर अचानक से बाहर की तरफ भागे , ,
बाहर हॉल में कोई नही था तो सिंध्या किचन की तरफ जाते हुए बोली _" शायद वो दोनो यहां हैं "
दोनो जब किचन में आए तो किचन पूरा बिखरा हुआ था ईधांश और अश्विका दोनो स्लैब पर बैठे थे पता नही bowl में क्या मिला रहे थे पूरे फेस पर कास्टर शुगर लगी हुई थी।
दोनो को देख सिंध्या अपने सिर पर हाथ रख लेती हैं वही अश्विन भी हैरानी से देख रहा था आखिर उसके बच्चे कोनसी दवाई बना रहे हैं।
सिंध्या दोनो के पास आती हैं और उनकी शकल देखती हैं तो हसी आ जाती हैं , वो हसने लगती हैं और हस्ते हुए बोली _" बेबीज़ यह आपने क्या हाल बना रखा हैं , , ,कितने क्यूट लग रहे हो दोनो , , " ये बोल दोनो के फेस को साफ करने लगती हैं पर वो चिप चिप हो रहे थे ।
अश्विका अपने दांत दिखाते हुए बोली _" हम तो ब्लैकफास्ट् बना लगे थे ,"
अश्विन भी उनके पास आते हुए बोला _" अच्छा पर लग तो नही रहा हैं , , तुम ब्रेकफास्ट बना रहे थे " यह कह वो अश्विका को गोद में ले लेता हैं।
सिंध्या भी अश्विन की बात में हामी भरते हुए बोली _" बिलकुल सही तुम्हे देख कर तो ऐसा लग रहा हैं , मानो मेरे घर में तो क्यूट से भूत आ गए हो "
यह बोल वो हसने लगती हैं , सिंध्या को देख बाकी सब भी हसने लगते हैं।
कोई अगर यह सीन देखता हैं तो यही कहता हैं _" यह हैं परफेक्ट हैप्पी फैमिली "
to be continue
Kesa lga part btana mat bhulna , or review bhi dete jaya karo jyada time nahi lagta hein dene mein