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Chapter 29 - ashwin me khyalo me sindhya

अब तक

हैरी एक फ्रांस का एक बहुत ही मशहूर बिजनेस मैन हैं जो अभी इंडिया आया हुआ हैं।।

हैरी को देख अश्विन उसके पास आ हाथ मिलाते हुए बोला _" how are you mister lyanch"

Harry हस्ते हुए बोला _" I'm good but where are you , ,"

Harry को इंग्लिश थोड़ी बहुत ही आती थी , अश्विन भी अपना ट्रांसलेटर साथ नही लाया था वैसे तो अश्विन को काफी सारी लैंग्वेज आती थी कुछ वो सीख रहा था।

सिंध्या दोनो की बाते सुन रही थी उसे अश्विन की परेशानी समझ आ जाति हैं ।

सिंध्या वहा अश्विका को अपनी गोद में लिए आते हुए फ्रेंच में बोली _" यह बहुत ही ज्यादा बिजी हैं भी , , इसलिए यह आपसे नही मिल पाए "

सिंध्या की बात सुन अश्विन हैरानी से उसे देखने लगा वही हैरी मुस्कुराने लगा ।

अब आगे

सिंध्या की बात सुन हैरी मुस्कुराते हुए फ्रेंच में बोलता हैं _" ओह अच्छा तो यह बात हैं , ,में बस इनसे मिलना चाहता था ।"

हैरी की बात सुन सिंध्या अश्विन से बोली _" इन्हे बस आपसे मिलना था"

अश्विन अपना सिर हिला बोला _" तो उनसे यह भी पूछ लो किस वजह से इन्हें मुझ से मिलना हैं "

सिंध्या अपना सिर हिला अब हैरी से बोली _" आप आपका काम बता दीजिए किस लिए मिलना हैं आपको इनसे "

हैरी हस्ते हुए बोला _" वोह मुझे एक डील से रिलेटेड बात करनी थी , क्या वो भी अभी बता दू "

सिंध्या भी उनकी बात पर मुस्कुराने और मुस्कुराते हुए अश्विन से बोली  __" वो इन्हे किसी डील से रिलेटेड आपसे बात करनी हैं।

अश्विन ईधांश को सही से लेते हुए बोला _" उनसे कह दो कल मेरे ऑफिस में बैठ कर बात करते हैं।"

सिंध्या अपना सिर हिलाते हुए हैरी से यह बोल देती हैं तो हैरी बोलता हैं _" ठीक हैं में कल आ जाऊंगा , ,  वैसे आपके बच्चे बहुत ही प्यारे हैं , ,साथ ही आपकी बेटी आपकी तरह लगती हैं"

सिंध्या बस मुस्कुसाते हुए थैंक्यू बोल देती हैं तो हैरी वहा से निकल जाता हैं।

हैरी के जाने के बाद अश्विन सिंध्या से बोला _" तुम्हे फ्रेंच आती हैं ?"

सिंध्या अश्विन की बात सुन खुद हैरान होते हुए बोली _" अरे हा , , मेने तो यह सोचा ही नहीं , ,मुझे यह केसे आती हैं में तो आज तक कही सीखने भी नही गई "

सिंध्या की अजीबो गरीब बात सुन अश्विन उसे बोला _" तुम्हे नही बताना हैं तो मत बताओ पर कम से कम इतना बेकार सा बहाना तो मत बनाओ की मेने आज तक सीखी ही नही बिना सीखे कहा से तुम्हे आ सकती हो।"

सिंध्या कुछ नही बोली और सोती हुई अश्विका को ले आगे बढ़ जाती हैं उसके पीछे पीछे अश्विन आ जाता हैं।

चारो ही घर के लिए निकल जाते हैं , वो कार में एक दम शांत बैठे हुए थे ।

9 बजे कार ओबरॉय मेंशन के सामने आ कर रुकती हैं।

सिंध्या अश्विका को ले कर बाहर आती है उसके पीछे अश्विन। दोनो ही अंदर आते हैं तो कोई भी नही था कुछ बॉडीगार्ड आस पास थे एक सर्वेंट ने डोर ओपन किया था , बाकी सब सर्वेंट शायद सर्वेंट क्वार्टर में चले गए थे और दादा दादी सोने।

सिंध्या अश्विका को अपने रूम की तरफ ले जाने लगती हैं तो अश्विन उसे टोकते हुए बोला _" वहा कहा लिए जा रही हो मेरी बेटी को "

सिंध्या अश्विन के टोकने से चिड़ते हुए बोली _" मिस्टर अश्विन में आपकी बेटी को खा नही जाऊंगी उसे में अपने रूम में सुलाने ले जा रही हु ताकि रात में यह मेरे रूम ना आ जाए ईधांश को ले कर " यह बोल वो उसे अपने रूम की तरफ ले जाति हैं।

अश्विन को भी उसकी बात सही लगती हैं , उसके बच्चो का कोई भरोसा नहीं है वो कुछ भी कर सकते हैं ,, इन सब में उन्हे चोट लग गई तो यह सोच वो भी सिंध्या के पीछे चल देता हैं।

अश्विन जब रूम में आता हैं तो वहा सिंध्या नही थी बेड पर अश्विका सो रही थी उसके कपड़े बदले हुए थे , अश्विका ने पिंक कलर का रैबिट वाला नाइट सूट पहना हुआ था। यह देख अश्विन को कही न कही काफी अच्छा लगता हैं।

वो अभी सिंध्या के बारे में सोच ही रहा था की वाशरूम का गेट ओपन होता हैं और उसके अंदर से सिंध्या व्हाइट टॉप और नीचे पिंक लोअर पहन बाहर आती हैं वो काफी फ्रेश लग रही थी।

सिंध्या अपने रूम में अश्विन को देख बोली _" क्या हुआ मिस्टर अश्विन आप यहां , , आप गए नही वन रूम में , , "

अश्विन ईधांश को अश्विका के बगल में लेटाते हुए बोला _" में बस ईधांश को लेटाने आया था यह कभी अकेला नहीं सोया हैं इसे भी अश्विका की आदत हैं।"

सिंध्या अपना सिर हिला देती हैं और कहती हैं _" में समझ सकती हु अब आप जाइए में इसके कपड़े चेंज कर दूंगी "

अश्विन सिंध्या की बात सुन अश्विका और ईधांश के माथे पर किस कर वहा से निकल जाता हैं।

अश्विन के जाने के बाद सिंध्या भी ईधांश के कपड़े चेंज करती हैं उसके घावों पर मेडिसिन लगा उसे अच्छे सुला खुद भी सो जाती हैं।

अश्विन अपने रूम में आ अपने कपड़े चेंज कर अपने बेड पर लेटा सिंध्या के बारे में सोच रहा था , सिंध्या का इतने अच्छे से फ्रेंच बोलते देख उसे काफी हैरानी हुई थी वो यह तो जानता था की सिंध्या मल्टीटालेंट हैं पर उसे दूसरी लैंग्वेज भी आएगी यह नहीं पता था। यही सब सोचते सोचते उसे कब नींद आ जाती हैं पता ही नही चलता ।

अगली सुबह

अश्विन की नींद खुलती हैं वो टाइम देखता हैं तो 6 बज रहे थे। वो अपना डेली रूटीन फॉलो करता हैं।

सब कंप्लीट होने के बाद अश्विन वन बच्चो को देखने के लिए सिंध्या के रूम की तरफ बढ़ जाता हैं।

अब तक 8 बजने वाले थे वो जब रूम के अंदर इंटर होता हैं तो सिंध्या एक कोने में सो रही थी हमेशा की तरह अश्विका उसके ऊपर थी।

To be continue

Kesa lga part btana mat bhulna