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Chapter 22 - ashwin in sindhya's flat

अब तक

दादी अपना सिर हिलाते हुए बोली _" अरे हा बेटा , , में तुम्हे बताना भूल गई , , दोनो बच्चे सिंध्या के साथ उसके फ्लैट पर गए  ।कल तक आ जाएंगे ।"

अश्विन हैरान होते हुए बोला _" पर वो दोनो गए ही क्यों , , आपने जाने केसे दिया उन्हे सिंध्या के साथ "

दादी अश्विन को समझाते हुए बोली _" अरे बेटा , ,समझो , , वो दोनो ज़िद कर रहे थे । सिंध्या को काम से जाना था और वो जाने की जिद कर रहे थे तो मेने जाने के लिए हा कह दिया ।

अश्विन अपना सिर ना में हिलाते हुए बोला _" जो भी हो में  लेने जा रहा हु ,  ,उन्हे , , आप लोग सो जाना , , ।" यह बोल वो वहा से निकल गया।

दादी और दादाजी बस अपना सिर ना में हिला देते हैं उन्हें अश्विन का पता ही था वो ऐसा ही हैं हमेशा से। , ,

अब आगे

9 बजे सिंध्या का फ्लैट

अश्विका और ईधांश हॉल में बैठे टीवी देख रहे थे आस पास उन्होंने बहुत ही समान फैला रखा था , मानो अभी अभी उन्होंने अपनी आर्ट कंप्लीट की हो।

सिंध्या किचन से आती हुई उनसे बोली _" तुम लोग क्या खाओगे बताओ , , में बना देती हु "

अश्विका और ईधांश एक साथ बोले _" पनील"

उनकी बात पर खुश होते हुए बोली _" अरे वाह पनीर , , मुझे भी बहुत पसंद हैं , , में भी बनाती हु तब तक आराम से टीवी देखो ठीक हैं ना। , ,"

ईधांश अपना सिर हिलाते हुए बोला _" ओके मम्मा , , ,"

सिंध्या किचन में खाने की तयारी करने लगती हैं।

सिंध्या का खाना बन गया था वो डाइनिंग टेबल पर सब सेट कर रही थी की डोर बेल बजी

इतनी रात को डोरबेल की आवाज सुन सिंध्या खुद से बोली _" इतने टाइम कोन आ गया , , "यह बोल वो डोर खोलने चली गई।

सिंध्या डोर ओपन करती हैं तो सामने बिजनेस सूट पहने खड़ा अश्विन दिखता हैं जो की पूरा का पूरा ग्रीक गॉड दिख रहा था । उसे देख सिंध्या उसे एक टक देखती ही रह गई।

सिंध्या को खुदको देखता पा अश्विन के फेस पर थोड़ी सी स्माइल आ जाती हैं सिंधु के रिएक्शन को देख कर , , वो सिंध्या को साइड कर अंदर आ जाता हैं ।

सिंध्या अश्विन के साइड करने पर होश में आती हैं और अश्विन पर चिल्लाते हुए कहती हैं_" मिस्टर ओब्रोई आप मेरे घर में इस तरह नही घुस सकते हैं ," यह कहते हुए वो अश्विन के पीछे पीछे आ रही थी।

अश्विन सिंध्या को इग्नोर कर अब तक हॉल में आ  चुका था जहा उसके दोनो तूफान इस वक्त शांति से टीवी देखने में बिजी थे। उन्हे देख अश्विन के दिन भर की सारी थकान उतर गई।

वही अश्विका की नजर जा अश्विन पर पड़ी, , वो खुश को अपनी जगह से भागते हुए अश्विन के पेरो से लिपटते हुए बोली _" अशी मिसी डैडी "

अश्विन अश्विका को अपनी गोद में उठा बोला _" डैडी अल्सो मिस प्रिंसेस " अश्विन की बात सुन अश्विका के फेस पर स्माइल आ गई।

अश्विन अब ईधांश की तरफ बढ़ा और उसे भी अपनी गोद में उठा किस करते हुए बोला _" ईधु ने मिस नही किया क्या "

इस पर ईधांश भी अश्विन को किस करते हुए बोला _" ईधु अलसो मिस डैडी "

तीनो को इस तरह देख सिंध्या के फेस पर स्माइल आ गई थी जो की अब अश्विन की बात सुन धीरे धीरे गायब होने लग गई थी।

अश्विन कह रहा था की वो दोनो बच्चो को ले कर ओब्रोई मेंशन जा रहा हैं।

अश्विन की बात सुन अश्विका गुस्सा होते हुए बोली _" नो डैडी , , अशी कही नही जायेगी , , अशी आज मम्मा पास लुकेगी ।"

अश्विन हैरानी से बोला _" पर क्यूं बेबी , , आज डैडी के साथ नही रहना "

ईधांश बोला _" नो डैडी , , आज हम मम्मा के पास ही रूकेंगे , , अगल आप लुकना छाते हो तो लूक छकते हो मम्मा मना नहीं कलेगी , , , हैं न मम्मा " ईधांश सिंध्या की तरफ देखते हुए बोला ।

सिंध्या बेचारी भी क्या करती वो अपने नकली मुस्कान के साथ बोली _" हा हा क्यों नही  , , "

अश्विन को भी बस रुकने का बहाना चाहिए था वो हाल ही मान गया ।

और सोफा पर बैठते हुए बोला , , कोई बात नही आज में यही रुक जाऊंगा , ," यह बोल वो अपने ड्राइवर को बोल अपने कपड़े और लैपटॉप मंगवा लेता हैं।

अब तक 10 बज गए  थे।

अश्विन की वजह से अभी तक किसी ने खाना नही खाया था ।

अश्विका अपना पेट पकड़ सिंध्या से बोली _" मम्मा भूख लगी हैं "

सिंध्या उसको डाइनिंग टेबल पर ले जाते हुए बोली _" जा चली बेबी खाना खाते हैं। " फिर ईधांश की तरफ जा उसे भी गोद में उठा बोली _" चलो खाना खाते हैं।"

अश्विन भी वाशरूम से चेंज करके आ गया था उनकी बाते सुन वो भी डाइनिंग एरिया की तरफ बढ़ जाता हैं।

तीनो पहले ही अपनी अपनी चेयर पर बैठे हुए थे अश्विन भी बैठ जाता हैं और खाने को देखता हैं।

जिसमे आज सिंध्या ने शाही पनीर , दाल , जीरा राइस और चपाती बनाई हुई थी।

वो सबको सर्व करती हैं आज अश्विका अपने हाथ से खाना खा रही थी , लेकिन ईधांश के हाथो में अभी अभी थोड़ा थोड़ा पेन होता था इसलिए सिंध्या एक बार उसे खिलाती एक बार खुद खा लेती।

अश्विन उनको देख रहा था , आज उसे लग रहा था ऐसे ही उसके एक हैप्पी फैमिली होती ।

थोड़ी देर में सबका खाना हो गया था , अब अश्विका और ईधांश को नींद आ रही थी। अश्विका नींद लेते हुए अश्विन से बोली आज अशी डैडी के पछ छोएगी ।

नींद की बात सुन सिंध्या को याद आया बेड तो एक ही हैं और हॉल का सोफा इतना छोटा था की अश्विन के आधे से ज्यादा पैर बाहर निकलते ।

यही सब सोच सिंध्या परेशान हो रही थी की अश्विन को सुलाए कहा पर तब तक अश्विन दोनो बच्चो को ले कर रूम की तरफ बढ़ गया था।

सिंध्या का रूम काफी सिंपल और प्यारा था एक क्वीन साइज बेड भी उस बेड पर चार लोग आराम से आ सकते थे पर सिंध्या अश्विन को अपने साथ बेड पर केसे सोने दे सकती हैं। यही सब सोच वो परेशान होए जा रही थी।

वही रूम में अश्विन दोनो बच्चो को लेकर लेट चुका था।

To be continue

Kesa lga part aaj ka btana mat bhulna or acche acche review bhi de do yaar itne dino se kisi ka review nhi padha mene