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Chapter 15 - truth

अब तक

अश्विन सिंध्या का डेडीकेशन देख कर भी काफी हैरान था । कोई और होता तो वो इस वक्त नहीं आता पर सिंध्या, , , उसमे कुछ बात तो हैं।

रीमा जो अश्विन के पीछे वहा आई हुई थी यह सीन देख जल्दी से अश्विन के साइड हो अंदर आ सिंध्या पर चिल्लाते हुए कहती हैं _" यह क्या कर रही हो तुम , , ऐसे तो ईधांश को इन्फेक्शन हो जायेगा  , , , हटो वहा से , ," यह बोल वो सिंध्या का हाथ पकड़ खींच लगती हैं । सिंध्या के गोद में सोई अश्विका इस खींचातानी से गिरने वाली ही होती हैं की सिंध्या अचानक से उसे पकड़ लेती हैं।

वही अश्विन भी इस हरकत से डर गया था । वो जल्दी से रीमा को साइड करता हैं और अश्विका को देखने लगता हैं जो अब वापस सो चुकी थी।

यह देख अब अश्विन रीमा की तरफ मुड़ उसे गुस्से में चिल्लाते हु कह हैं _" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यह सब करने की , , , अगर मेरी बेटी को एक खरोच तक आती तो में तुम्हारी सांसे तक खींच लेता , , , दफा हो जाओ यहां से अभी , , "

रीमा डर कर जल्दी से वहा से भाग जाती हैं।

अब आगे

रीमा के जाने के बाद अश्विन ईधांश के साइड जा कर उसका फीवर चेक करता हैं जो की अब धीरे धीरे काम हो रहा था।

अश्विन को सिंध्या को यहां लाने का फैसला गलत नही था। दोनो ही बच्चे सिंध्या से इतने घुल मिल चुके थे की अब वो उसका दूर जाना बर्दाश्त तक नहीं कर पा रहे थे।

यही सब सोच अश्विन तीनो को देखे जा रहा था।

वही नीचे

रीमा को भागते हुए नीचे आता देख गुंजन बुआ कहती हैं _" अरे रीमा , , इस तरह भागते हुए कहा से आ रही हो , , कुछ हुआ हैं क्या ?"

रीमा खुद ही सांसों को संभालते हुए कहती हैं _" जी नहीं मैडम जी वो मिस्टर ओब्रॉय ने मुझे नीचे भेज दिया " यह बोल वो वहा सीधा खड़ी हो जाती हैं।

गुंजन बुआ नाराज होते हुए दादाजी से कहती हैं _" यह क्या चाचा जी , ,अश्विन कुछ ज्यादा ही बुरा नही बनता जा रहा हैं , , देखिए केसे बेचारी को नीचे भेज दिया , , आप लोग उसे कुछ कहती नही हो"

दादाजी अपनी शांत मगर कड़क आवाज में कहते हैं _" इन्होंने ही कोई गलती की होगी , , वरना अश्विन बिना गलती हैं कभी किसी पर नही चिल्लाता हैं "

दादाजी की बात को सुन गुंजन बुआ रीमा से कहती हैं _" तुम बताओ , , क्या किया तुमने ऐसा "

रीमा गुंजन बुआ की आवाज सुन सब बता देती हैं जो ऊपर हुआ था बस यह छोड़ की उसकी वजह से अश्विका  गिरने वाली थी।

गुंजन बुआ पूरी बात सुन कर बोलती हैं _" तुमने ठीक ही तो की था फिर भी अश्विन ने तुम्हे घर से बाहर निकाल दिया , , आने दो उसे में उसकी खबर लूंगी।"

"किसकी खबर लेनी हैं आपको बुआ जी " अश्विन सिडियो से उतरते हुए नीचे आते हुए बोला।

गुंजन बुआ रीमा की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं _" तुमने इसे बे वजह कमरे से बाहर निकाला जब की यह सही कर रही थी , , उस केयरटेकर को दोनो बच्चो से अलग कर के "

गुंजन बुआ की बात सुन अश्विन हैरान होते हुए कह हैं _" ओह रियली , , यह सब हुआ था मिस रीमा , , ,"

बात खुद पर आता देख रीमा घबरा जाती हैं उसे पसीना आना लगता हैं वो हकलाते हुए कहती हैं _" वो , , वो , , सर , , ऐसा , "

"Just shut your mouth " अश्विन चिल्लाते हुए उसे चुप रहने को कहता हैं तो रीमा डर के मारे चुप हो जाती हैं।

अश्विन दादाजी और दादी जी की तरफ मुड़ कर कहता हैं _" दादी आपने किस लिए इस लड़की को रखा था , , इस लड़की ने मेरे बेटे का ज़रा सा ख्याल नही रखा , ,इसने उसे पता नही क्या खिला दिया , , "

दादी अश्विन की बात सुन बोलती हैं _" क्या , , , पर शेफ को तो सब पता हैं न , , ईधांश क्या खाता हैं क्या नही , , और हमने इसे इसलिए रखा था क्युकी इसके घर में दिखाते हैं , , इसके पापा के लिए इलाज के पैसे चाहिए थे ।"

अश्विन गुस्सा करते हुऐ कहता है _" वाह दादी , , आपने इसकी इन्वेस्टिगेशन करवाई ही नही और इसकी झूठी बातो को सच मान लिया , , ,इसके पापा काफी पहले ही मर चुके हैं , , ,और कोई इनके घर में प्रोब्लम नही हैं । और चोरी भी इसी ने की थी और फसाया सिंध्या को , , "

सब हैरानी से रीमा को देख रहे थे , ,  उन्हे यकीन नही हो रहा था, यह लड़की इतनी ज्यादा चालाक हैं।

अश्विन रीमा के सामने खड़ा हो बोलता हैं _" तुम अभी तक यही खड़ी हो , , शायद पुलिस का इंतजार कर रही हो न , , "

रीमा अश्विन की बात सुन रोते हु कहती हैं _" आई एम सॉरी , , मिस्टर ओब्रॉय , , में अगली बार से यह गलती कभी नही करूंगी प्लीज , ,मुझे एक मौका दे दीजिए ।  ,, में यहां से दूर चली जाऊंगी , , आप मुझे पुलिस को मत दीजिए ।" यह बोल वो काफी रो रही थी।

गुंजन बुआ उसे नफरत भरी नजरो से देख रही थी , गुंजन बुआ सोफा से उठते हुए कहती हैं _" चाचा जी अब में घर जा रही हु अपने , , बहुत तमाशा देख लिया। , , अमित भी आते होगे ( अमित शर्मा गुंजन बुआ के हसबैंड )

दादी अश्विन को समझाते हुए कहती हैं _" अश्विन उसे छोड़ दे और पुलिस के हवाले भी मत कर , , वो चली जायेगी , , ऐसे उसकी जिंदगी खराब ही जायेगी ।"

दादी जी की बात को अश्विन कभी भी मना नहीं करता था वो अपना सिर हा में हिला ऊपर चला जाता हैं।

ऊपर रूम में , ,

अश्विन जब रूम में पहुंचता हैं तो सामने के नजारे को देख एक पल के लिए वही खड़ा हो जाता हैं।

T

To be continue

Kya dekha ashwin ne , , kya hoga aage , kya reema chaki jayegi ya wapas aayegi , ,

Jaanne ke kiye bane rahe mere sath or ha review dena mat bhulna, , story ki jyada se jyada share kriye