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Chapter 20 - vivan ka aana

अब तक

सिंध्या हैरानी से अश्विन की बात सुन बोली _" हेन्हह सच्ची , , , मुझे तो पता ही नही था आपकी आवाज में हीरे मोती जड़े हैं जिन्हे सुनने के लिए लोग तरसते हैं।" सिंध्या ने अश्विन की बात को मजाक में लेटे हुए कह डाला ।

अपनी बुराई सुन अश्विन आग बबूला हो कर वहा से निकल गया ।

अश्विन के जाने के बाद अब अश्विका और ईधांश को उठाने लगी ।

थोड़ी बहुत कोशिश के बाद दोनो उठ गए , सिंध्या दोनो को ले कर उनके रूम में आ गई , , दोनो को उसने रेडी किया और हाथ पकड़ नीचे ले आई।

सिंध्या के साथ दोनो बच्चो को देख दादाजी और दादी के चेहरे से चिंता के बदल गायब हो गए। वो दोनो प्यार से तीनो को देखने लगे ।

अब आगे

सिंध्या दादी और दादाजी को देखते हुए बोली _" गुड मॉर्निंग दादी और दादाजी , , 😊"

दादी भी उसे विश करते हुए बोली _" गुड मॉर्निंग बेटा , , कल तुम्हे नींद अच्छे से आई कोई दिक्कत नही हुई न बेटी यहां?"

सिंध्या दादी को मना करते हुए बोली _" अरे नही नही दादी , , मुझे कोई दिक्कत नही हुई , ,में तो कही भी सो जाती हु ।" सिंध्या हस्ते हुए बोली तो दादी और दादाजी भी हस दिए।

अश्विका और ईधांश अपने आप को इग्नोर पा सिंध्या की कमर को पकड़ उसे पीछे करते हुए बोले _" आप हमालि मम्मा छे बात मत कलो आपने ईधु ओल अशी को इग्नोल किया " दोनो मुंह फूला के बोले।

दादाजी दोनो की बात सुन हस्ते हुए बोले _" यह क्या बात हुई भला , , वैसे एक बात बताइए , ,आप लोग कहा गए थे रात में , , सुबह सुबह तुम्हारे डैडी कितने परेशान हो गए थे।"

ईधांश और अश्विका दादाजी की बात सुन एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं।

दोनो को कुछ न बोलता देख सिंध्या बोली _" आप दोनो चुप क्यों हो गए दादू कुछ पूछ रहे हैं बताओ , , आप सुबह सुबह मेरे रूम में केसे सो रहे थे।"

दादी सिंध्या की बात सुन हैरान होते हुए बोली _" क्या , , , ,यह दोनो बदमाश तुम्हारे कमरे में थे ?"

सिंध्या अपना सिर हा में हिला बोली _" हा दादी जब सुबह मेरी आंख खुली तो यह दोनो मेरे पास ही सो रहे थे ।"

अश्विका दोनो की बात सुन ईधांश के पास जा उसके कान में बोली _" बले भाई , ,लगता हैं हमे डांट पलेगी , , क्या कले अब ?"

ईधांश कुछ सोचते हुए बोला _" चली छोल्ली बोल देते हैं ।"

अश्विका अपना सिर हा में हिला ईधांश के साथ सबकी तरफ देख के बोली _" छोल्ली दादू , , दादी ओल मम्मा , , अब से हम बता के मम्मा के पछ छोने जायेंगे ।"

उन दोनो की मासूम शकल देख तीनो पिघल जाते हैं और उन्हें माफ कर देते हैं।

तभी वहा अश्विन आते हुए बोला _" क्या हो रहा हैं यहां , , किसी को नाश्ता नही करना हैं क्या  , , " यह बोल वो अपने दोनो शेतानो को देखता हैं जो इस वक्त दुनिया भर की मासूमियत लिए उसे देख रहे थे।

उनकी मासूम शकल देख अश्विन अपनी आंख बंद खुद से ही कहता हैं _" अरे यार , , इनकी मासूम शकल देख कर हर बार पिघल जाता हु , , क्या करू मेरी औलादों का में , , ,"

यह कह वो दोनो को अपनी गोद में उठा बोलता हैं _" अबकी बार से ऐसी शैतानी नही होनी चाहिए , , वरना 1 हफ्ते के लिए दोनो के कार्टून बंद कर दूंगा , , अंडरस्टैंड "

अश्विका और ईधांश अपना सिर हां में हिला साथ में बोले _" अंडलस्टैंड डैडी "

अश्विन दोनो की बात सुन दोनो के माथे पर किस कर बोला , , _" my obedient babies "

सब डाइनिंग टेबल की तरफ जा अपनी अपनी चेयर पर बैठ जाते हैं , सिंध्या ईधांश और अश्विका को अपने हाथ से खाना खिलाने लगती हैं।

अभी सब नाश्ता कर ही रहे थे की वहा विवान टपक पड़ता हैं , , सबको नाश्ता करता देख वो बोला _" क्या यार , , आप लोग मेरे बिना ही खाने में लग गए ।"

विवान की आवाज सुन दादी और दादू तो खुश और जाते हैं साथ ही बच्चे भी पर अश्विन विवान को घूर कर देख रहा था वही सिंध्या कन्फ्यूजन में। , ,

दादी विवान की खबर लेते हुए बोली _" कहा था इतने दिन से , , तुझे मेरी याद नहीं आई क्या "दादी विवान से रूठते हुए बोली।

विवान दादी को मनाते हुए बोला _" अरे डार्लिंग दादी , ,  यह जो आपका नकचड़ा पोता हैं न , , इसने मुझे अमेरिका भेजा था  , ,"

अश्विन बीच में टोकते हुए बोला _" वो काम तुम बिगाड़ कर आ गए , , साथ ही उन क्लाइंट को भी इंडिया बिठा कर ले आए , , , बेवकूफ आदमी  "

अश्विन की बात सुन विवान अपनी आंख मिच लेता हैं।

विवान को डांट पड़ता देख अश्विका और ईधांश हस रहे थे उन्हे हसता देख विवान उन्हे घूरते हुए बोला _" तुम दोनो , , मुझे डांट पड़ता देख हस रहे हो। , , हुह्ह्ह्ह्ह , , बताऊं तुम्हारे डैडी को तुम्हारी सारी शैतानी बोलो , , , "

अश्विका और ईधांश अपना सिर ना हिलाते हुए बोले _" नही , , , , "

विवान दोनो को जीभ दिखाते हुए बोला _" में , , ,तो , , बताऊंगा , , , , ,"

" क्या बताओगे तुम्हे , , ,यह फालतू का नाटक बंद करो चुपचाप बोलो क्या बोल रहे हो " अश्विन चिड़ते हुए बोला

अश्विका अश्विन की बात सुन विवान से बोली _" मेले प्याले चाचू , , सबसे अच्छे हैं , , , वो हमाली कितनी छाली हेल्प कलते हैं। अशी चाचू से बहुत प्याल कलती हैं।

अश्विन अपनी आईब्रो उचकाते हुए बोला _" ओह रियली "

अश्विका और ईधांश अपनी चमकती आंखों से अश्विन की तरफ देख कर बोले _" हा ऐसा ही हैं डैडी , , हम चाचू से बहुत प्याल कलते हैं।

To be continue

Kesa lga part btana mat bhulna , , , meko review zarur dena