अब तक
गुंजन बुआ उसे नफरत भरी नजरो से देख रही थी , गुंजन बुआ सोफा से उठते हुए कहती हैं _" चाचा जी अब में घर जा रही हु अपने , , बहुत तमाशा देख लिया। , , अमित भी आते होगे ( अमित शर्मा गुंजन बुआ के हसबैंड )
दादी अश्विन को समझाते हुए कहती हैं _" अश्विन उसे छोड़ दे और पुलिस के हवाले भी मत कर , , वो चली जायेगी , , ऐसे उसकी जिंदगी खराब ही जायेगी ।"
दादी जी की बात को अश्विन कभी भी मना नहीं करता था वो अपना सिर हा में हिला ऊपर चला जाता हैं।
ऊपर रूम में , ,
अश्विन जब रूम में पहुंचता हैं तो सामने के नजारे को देख एक पल के लिए वही खड़ा हो जाता हैं।
गुंजन बुआ उसे नफरत भरी नजरो से देख रही थी , गुंजन बुआ सोफा से उठते हुए कहती हैं _" चाचा जी अब में घर जा रही हु अपने , , बहुत तमाशा देख लिया। , , अमित भी आते होगे ( अमित शर्मा गुंजन बुआ के हसबैंड )
दादी अश्विन को समझाते हुए कहती हैं _" अश्विन उसे छोड़ दे और पुलिस के हवाले भी मत कर , , वो चली जायेगी , , ऐसे उसकी जिंदगी खराब ही जायेगी ।"
दादी जी की बात को अश्विन कभी भी मना नहीं करता था वो अपना सिर हा में हिला ऊपर चला जाता हैं।
ऊपर रूम में , ,
अश्विन जब रूम में पहुंचता हैं तो सामने के नजारे को देख एक पल के लिए वही खड़ा हो जाता हैं।
अब आगे
रूम में सिंध्या दोनो बच्चो के बीच में सो रही थी ईधांश और अश्विका दोनो ने उसे हग कर रखा था मानो वो कही चली जाएगी।
तीनो को इस तरह देख अश्विन बिना किसी भाव के पास आता हैं तीनो ही गहरी नींद में सो रहे थे अश्विन तीनो को अच्छे से ब्लैंकेट उड़ाता हैं और लाइट ऑफ कर अपने रूम में आ जाता हैं।
अश्विन अपने रूम में आ अपने नाइट वियर को पहनता हैं और बेड पर लेट आज जो हुआ वो सब सोचने लगता हैं।
अश्विन यही सब सोचते सोचते कब सो जा हैं पता ही नही चलता हैं।
अगली सुबह
8 बजे
सिंध्या सो रही थी उसे लगता हैं जेसे उसके ऊपर कोई भरी चीज रखी हो ,, वो अपनी आंखे धीरे धीरे खोलती हैं तो अश्विका उसके ऊपर लेटी उसी को अपनी टिमटिमाती आंखो से देख रही थी।
अश्विका को देख सिंध्या के चेहरे पर स्माइल आ जाति हैं वो मुस्कुराते हुए कहती हैं _" गुड मॉर्निंग बेबी , , ,"
अश्विका भी अपने दांत दिखाते हुए कहती हैं _" गुल मोलनिंग मम्मा , , "
सिंध्या को पता नही क्यों दोनो बच्चो का खुद को मम्मा कहना बहुत ही सुकून पहुंचाता था।
सिंध्या अश्विका को अपनी ऊपर से हटा साइड में लिटाते हुए कहती हैं _" बेबी , , आप न मुझे सिर्फ घर में ही मम्मा के सकते हो , , बाहर अगर आपने मम्मा कहा तो मम्मा को बुरे लोग ले जायेंगे "
अश्विका सिंध्या की बात सुन टिमटिमाते हुए कहती हैं _" छच में मम्मा , , बुले लोग आपको ले जायेंगे , , तो आशी आपको बहाल मम्मा नही कहेगी " फिर कुछ सोचते हुए अश्वीं बोलती हैं _" पल आशी मम्मा को मम्मा नही कहेगी तो क्या कहेगी ?"
सिंध्या सोचते हुए कहती हैं _" आप न मुझे दीदी बोल ना ओके"
अश्वि अपना सिर ना में हिलाते हुए कहती हैं _" नही आशी दीदी नही कहेगी "
"तो क्या कहोगी" सिंध्या बोली
" पली दीदी बोलेगी आशी आपको , , टयूकी आशी की मम्मा पली जेसी हैं" अश्विका हस्ते हुए बोली ।
सिंध्या भी अपना सिर हा में हिला देती हैं तभी उसके कानो में ईधांश की आवाज पड़ती हैं जो की सुस्त थी।
ईधांश वापस से आवाज लगाते हुए कहता हैं _" मम्मा , , ईधु को बॉडी में डल्ड हो लहा हैं।
सिंध्या बेड से उठती हैं और ईधु को गोद ले लेती हैं और वाशरूम की तरफ जाते हुए बोलती हैं _" चली हम न वार्म वाटर से बात लेंगे फिर दर्द गायब हो जाएगा " पीछे मुड़ वो अश्वीका से कहती हैं _" अश्वी बेबी आ जाओ बाथ लेंगे "
अश्विका बेड से नीचे उतर सिंध्या के पीछे चली जाति हैं।
30 मिनिट
अश्विन जब रूम में आता हैं तो उसे कोई नही दिखता वो खुद से ही कहता हैं _" अब यह तीनों कहा चले गए ?"
वो यह बोल ही रहा था तभी वाशरूम का दरवाजा खुलता हैं सिंध्या अश्विका और ईधांश को टॉवल में लपेटे बाहर लाती हैं दोनो ही उसकी गोद में थे इस वजह से सिंध्या को दोनो को साथ में ला परेशानी आ रही थी ।
सिंध्या पूरी भीगी हुई थी उन दोनो को बाथ दिलाना सबसे ज्यादा मजेदार और मुश्किल था उसके लिए ।
सिंध्या की हालत देख उसे अपनी हालत याद आ जाति हैं जब उसने पहली बार दोनो को बाथ दिलाया था।
फ्लैशबैक
डेढ़ साल के ईधु और अश्विका तब बहुत ही ज्यादा क्यूट थे आज अश्विन को दोनो को नहलाना था वो सोच रहा था बाहर गार्डन मे दोनो को वो नहला देगा उस समय ठंड जो थी उसकी हेलो विवान और दादी का देगी।
यह सोच अश्विन दोनो को अपनी गोद में लिए नीचे आता हैं उतने वक्त तक दोनो बच्चे कुछ न कुछ बोले ही जा रहे थे।अश्विन सर्वेंट से सब सामान गार्डन में लाने को बोलता हैं और बाहर आ जाता हैं।
गार्डन मे दादी और दादाजी दोनो ही धूप में बैठे चाय पी रहे थे। अश्विन को आता देख वो उस बोलते हैं _" क्या हुआ ऐसे दोनो को लेके कहा जा रहे हो।"
अश्विन दोनो को देख बोलता हैं _"। सोच रहा हु इनको यह नहला दू"
विवान एक्साइटेड होते हुए कहता हैं _" क्या बात कर रहा हैं , , सच में , , तब तो। मे भी तेरी मदद करूंगा ।"
अश्विन अपना सिर हिला देता हैं तो दादी कहती हैं ठीक हैं गुनगुना पानी से नहलाना और हा आंख में साबुन मत लगने देना वरना दोनो रोने लगेगे।
अश्विन और विवान दोनो अपना सिर हिला देते हैं सर्वेंट ने सब सामान वहा ला कर रख दिया था।
अश्विन दादी की गोद में अश्विका को दे बोलता हैं पहले में ईधु को नेहलाऊंगा फिर अश्वि को
To be continue
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