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Chapter 17 - dil dhadkana

अब तक

गार्डन  मे दादी और दादाजी दोनो ही धूप में बैठे चाय पी रहे थे। अश्विन को आता देख वो उस बोलते हैं _" क्या हुआ ऐसे दोनो को लेके कहा जा रहे हो।"

अश्विन दोनो को देख बोलता हैं _"। सोच रहा हु इनको यह नहला दू"

विवान एक्साइटेड होते हुए कहता हैं _" क्या बात कर रहा हैं , , सच में , , तब तो। मे भी तेरी मदद करूंगा ।"

अश्विन अपना सिर हिला देता हैं तो दादी कहती हैं ठीक हैं गुनगुना पानी से नहलाना और हा आंख में साबुन मत लगने देना वरना दोनो रोने लगेगे।

अश्विन और विवान दोनो अपना सिर हिला देते हैं सर्वेंट ने सब सामान वहा ला कर रख दिया था।

अश्विन दादी की गोद में अश्विका को दे बोलता हैं पहले में ईधु को नेहलाऊंगा फिर अश्वि को

अब आगे

अश्विन ईधु को अपनी गोद में ले बेबी टब में बिठा देता हैं और विवान को उसे पकड़ने का बोलता हैं , विवान ईधु को पकड़ता हैं तो अश्विन ईधु पर पानी डालना शुरू करता हैं।

ईधु खुद पर पानी गिरता देख बहुत खुश हो रहा था और छपाक छपाक कर पानी उछाल रहा था और हस था । ईधु को हस्ते देख बाकी लोग भी मुस्कुरा रहे थे और अश्विका दादी की गोद में बैठी वहा आने के लिए मचल रही थी।

थोड़ी देर में दोनो ईधांश को नहला कर बेबी रोब से कवर कर दादी को दे देते हैं और अश्विका को ले लेते हैं।

अश्विका को देख विवान अश्विन से कहता हैं _" अरे यार तेरे बेटे ने तो पहले ही पूरा गीला कर रखा हैं अब तेरी बेटी , , ,लगता हैं यह तो पूरा ही नहला देगी तुझे और मुझे , , " यह बोल वो अपनी हालत देख रहा था।

अश्विन अपना सिर हिलाते। हुए कहता हैं _" जल्दी भी तुझे ही थी इनको नहलाने की , , अब ज्यादा नखरे मत कर इनको नहलाने के बाद तुझे भी में नहला दूंगा।" अश्विन ने यह कहने  बाद गोर किया उसने कहा  ,, , यह सोच वो दांतो  जीभ दबा लेता हैं।

वही विवान अश्विन से डर दो कदम पीछे हो अपने चेस्ट को कवर कर बोलता हैं _" अबे क्या बक रहा हैं तू , , ,मुझे तेरी नियत सही नही लग रही हैं ।"

अश्विन विवान की नोटंकी देख अपना सिर ना में हिला बोलता हैं _" चुपचाप यहां आजा वरना सच में तुझे नहला दूंगा।"

विवान जल्दी से अश्विका को नहलाने लगता हैं , अश्विका को बहुत मजा आ रहा था वो भी मस्ती करते हुए है रही थी ।

जैसा की विवान ने कहा था अश्विका ने सच में दोनो को पूरा नहला दिया था अश्विन उसे भी लपेट दादी को दे के बोलता हैं _" अरे यह ईधांश कहा गया ?"

विवान अश्विन का चेहरा घुमा नीचे गार्डन की मिट्टी की तरफ करता हैं जहा ईधांश पूरा मिट्टी में लिपटा मिट्टी को फेक रहा था।

यह देख अश्विन अपने सिर पर हाथ रख कर बोलता हैं _" फिर से नहीं , , , ,"

फ्लैशबैक एंड

यह सब अश्विन सोच ही रहा था तभी उसके कानो में अश्विका की आवाज पड़ती हैं जो की उसे ही बुला रही थी _" डैडी , , डैडी , , इधल आओ , ,"

अश्विन अश्विका के पास आता  हैं तो अश्विका बेड पर घूमते हु कहती हैं _" आशी केच्छी लग लही हैं ?

अश्विन अश्विका को देखता हैं जो की व्हाइट टॉप नीचे डेनिम शॉर्ट्स पहने बालो में छोटी छोटी बिट्स लगाए बहुत ही प्यारी लग रही थी। आज उसने नही बल्कि सिंध्या ने उसे त्यार किया था।

अश्विन अश्विका को गोद में ले उसके गाल पर किस कर के बोलता हैं _"बहुत ही प्यारी लग रही हैं मेरी प्रिंसेस "

"सच्छी , , , "

"हा सच्ची , , , "

तब तक सिंध्या भी ईधांश को ले आती हैं ईधांश ने भी व्हाइट शर्ट और डेनिम जींस पहना हुआ था वो भी बहुत प्यारा लग रहा था।

तभी अश्विन की नजर सिंध्या पर जाती हैं जो की अब कांप रही थी उसके कपड़े और बाल गीले थे ।

यह देख अश्विन ईधांश को अपनी गोद में ले बोलता हैं , , _" तुम भीग गई हो , , तुम कपड़े चेंज करलो।"

"कपड़े नही हैं मेरे पास" सिंध्या थोड़ा कांपते हुए बोली ।

अश्विन कुछ सोच के बोला _" तुम बाथ ले लो में में से बोल तुम्हारे लिए कुछ कपड़े मंगवाता हु , , वो यहां रख जायेगी ।"

सिंध्या अपना सिर हिला वाशरूम में चली जाति हैं वही अश्विन भी दोनो को नीचे ला मेड से कपड़े लाने को कह चला जाता हैं।

10 मिनिट बाद

अश्विन हॉल  बेटा टैब में कुछ देखते हुए कॉफी पी रहा था तभी उसकी नजर सीढ़ियों से उतरती सिंध्या पर जाती हैं जो की पिंक कलर के प्लाजो सूट में बहुत प्यारी लग रही थी। उसके बाल गीले थे जिन्हे उसने खुला छोड़ रखा था।

सिंध्या को देख अश्विन के दिल की धड़कने बढ़ गई थी जिसे महसूस कर वो अपने दिल पर हाथ रख लेता हैं।

सिंध्या नीचे आ आस पास देखती हैं तो उसे बच्चे नही दिखते हैं , , यह देख वो अश्विन से कहती हैं _" अश्वी और ईधु कहा हैं दिख नही रहे ?"

अश्विन कॉफी का एक सिप लेते हुए बोला _" गार्डन में हैं "

सिंध्या अपना सिर हिला गार्डन की तरफ चली जाति हैं।

सिंध्या के जाने के बाद अश्विन खुद से बोलता हैं _" उसे देख मुझे क्या हो जाता हैं , , कंट्रोल कर अश्विन  , , , तू ऐसे ही किसी से अट्रैक्ट नही हो सकता हैं।

अश्विन खुद को समझा के ऑफिस के लिए निकल जाता हैं।

To be continue

Kesa lga part btana na bhoole , , ,acche aache review dijiye yaar aap log accha review doge toh me 2 chapter dungi।