काजू और रोहाना दोनों घर से बाहर जाते हैं। रोहाना अपने पसंदीजा पार्क में जाते हैं और उस वक्त ओम के पापा के भेजे हुए आदमी काजू और रोहाना ओम मरने जाते है । काजू और रोहाना दोनो अपनी जान बचाने के लिए भागते हैं। दोनो भागते भागते सड़क पर चले जाते हैं और पुलिस वाले को देखते हैं और फिर पुलिस वालो को बोलते है। की हमे इन आदमियों से बचो यह हमारा पीछा कर रहे हैं और फिर पुलिस वाले काजू और रोहाना दोनो को पकड़ कर जेल में डाल देते है। और दोनों का फ़ोन जप्त कर लेते हैं। और फिर कुछ देर बाद ओम के पापा आते हैं और कहते है की कहा है ऊबो लड़का। फिर एक ऑफिसर बोलता है यहां रखा है सर। ओम का पापा बोलता है कि लडके को ऐसे मत रखो इसकी खातिरदारी करो इने भी पता चलना चाइए की ओम रॉय कोन हैं। फिर रोहाना बोलती हैं नहीं काजू को कुछ मत करों। फिर ऑफिसर बोलता है ठीक है। और फिर ओम का पापा बोलता है ऊबो लडकी कहा है । फिर ऑफिसर बोलता है इसे यहा रखा है। फिर ओम का पापा बोलता है कि ओम जैल किसने दल बाया था। ऑफिसर बोलता है लडके ने। ओम का पापा बोलता है ठीक है।
अब रात होने वाली थी। और काजू की मम्मी काजू को ढूंढते दूदते पुलिस थाने में आती हैं लापता रिपोर्ट लिख बने के लिए और साथ में रोहाना की मम्मी और पापा दोनों थे। काजू और रोहाना अपने मम्मी पापा को सारी बात बताते है। और फिर दोनो के परिवार वाले ऑफिसर से बात करते हैं। और ऑफिसर कुछ नहीं करता। काजू की मम्मी बोलती हैं मेरे बेटे को मारा क्यों। उसने क्या क्या है। ऑफीसर बोलता है हम तभी छोड़ेगे जब हमे बेल ऑर्डर दोगे तब। और कोट कल खुलेगा अभी नहीं तो कल आना।
दोनो के परिवार वाले पुरी रात पुलिस थाने में ही रहते है दोनों के साथ। काजू अपनी मम्मी को बोलता हैं कि आप घर चली जाओ राजू घर पर अकेला होगा। काजू की मम्मी बोलती है कि मैने उसे पड़ोसी के घर पर रखा है।
रोहाना के पापा पुलिस थाने में नहीं रुकते। ऊबो वकील के पास जाते हैं और सारी बात बता है। तो बाकी ऑफीसर का नंबर मांगता है रोहाना के पापा से । रोहाना के पापा माना कर देते है कि नंबर नहीं हैं मेरे पास। तो वकील बोलता हैं कि कोन से थाने में है। तो रोहाना के पापा थाने की जगह बताते है। और फिर वकील थाने में कॉल करते है। फिर ऑफीसर वकील से बात करता है। वकील बोलता है की में एडबुकेट अर्जुन हु । फिर ऑफीसर बोलता है की बोलिये। फिर वकील बोलता है की तुमने जो लड़का और लडकी को पड़का हैं । दोनो ने क्या किया हैं। ऑफीसर बोलता है यह दोनों पार्क में अकेल बैठे थे। तो पकड़ लिया। फिर वकील बोलता है की ओम की क्या बात है इस में । पहली ही बोल रहा हु छोड़ दे वरना कोट में इतना घासी टुगा तू सोच नहीं पाएगा। आफिसर बोलता है छोड़ देता हु आप कुछ भी मत करना।
फिर वकील कॉल काटता है और रोहाना के पापा को बोलता है। जाओ छोड़ दिया उस ने रोहाना का पापा बोलता है की थैंक्यू एडबुकेट सर । वकील बोलता है कोई बात नहीं जाओ। तुम्हारी बेटी को तुम्हारी जरूरत है।
अब सुबह होने वाली थी तब जाकर काजू और रोहाना को छोड़ते हैं। सब लोगो काजू के घर जाते है । और सोचते है की ओम रॉय का क्या करे। सारी बात खत्म होने के बाद हल निकलता है की काजू और रोहाना को तोड़ा समल कर रहना होगा । और ओम के पापा का रोहाना के पापा देख लेंगे।
अब रोहाना के घर वाले अपने घर जाते हैं। जहा रोहाना नहाती है और खाना खाती है और फिर सो जाती है।
काजू अपने घर में नहाने जाता है । और फिर डॉक्टर के पास जाते है इलाज करने के लिए।
काजू डॉक्टर के पास से घर आ कर आराम करता है। और आज स्कूल भी नहीं जाता। मैम को बता देते हैं की आज स्कूल नहीं आऊंगा।
रोहाना भी स्कूल नहीं जाती। फिर दोनों एक दूसरे से कई दिनो तक नहीं मिलते है। फिर एक दिन रोहाना काजू के घर आती है। काजू से बात करने । काजू को देखती है की काजू अभी तक ठीक नही हुआ । फिर कुछ और बात करती हैं। रोहाना बोलती हैं की काजू मुझे माफ कर दो। उस टाईम मेरी ही गलती हैं। मुझे नहीं बोलना चाई था। काजू बोलता है काई बात नहीं तुम्हारी कोई गलती नहीं है। अगर तुम उस टाईम नहीं बोलती तो किया ओम का पापा हमारे पीछे नहीं पड़ता। तुम खुद को बुरा मत समझो। रोहाना बोलती है। काजू में तुमें कुछ कहूंगी तो तुम बुरा था नही मानोगे ना। काजू बोलता है की बोलो। फिर रोहाना बोलती है आई लव यू काजू । काजू बोलता है की मुझे भी तुम पसंद हो। पर कहने की हिम्मत नहीं हुई कभी। आई लव यू टू रोहाना।
रोहाना काजू को बोलती है काजू मुझे तूमें गले लगना है। काजू बोलता है अभी नहीं चोट लगी है दर्द होगा। पर करो मुझे भी करना है ।
फिर रोहाना काजू से कुछ देर तक और बात करती है फिर वापस अपने घर जाती हैं। काजू उस टाईम बहुत खुश होता है। तो उसे दर्द महसूस नहीं होता है। फिर काजू खाना खाने के बाद आराम करता है।
और कुछ ही दिनो में काजू ठीक हो जाता हैं । और फिर पहले की तरह जीने लगा थे। और थोड़ा समला हुआ था ।
अब काजू और रोहाना एक साथ बैठ कर उस दिन को भूलने की कोशिश करते है। और कुछ नही भूल पाते। रोहाना बोलती है की कुछ दिनो के बाद भूली जाओगे अभी का टाइम मत खराब करो। फिर काजू सारी बात भूल कर जीता है । और रोहाना के साथ बाजार जाता है। पुरा बजार घूमता है। और फिर खुश होता है की ओम के पापा ने अब कुछ नहीं करा।
अब रात को काजू रोहाना से बात करता है और कल से पुरानी जिंदगी जीता है अपने अंदर के डर को खत्म कर के, देखे की रात को काजू रोहाना को क्या बोलता है।
आगे पाठ में