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Chapter 15 - 2 दिन टूर का नई मुसीबत के साथ

फिर रोहाना बोलती हैं कि चलो अब सो जाते है। काजू बोलता है । की ठीक है। 

 

अगली सुबह 

 

रोहाना और काजू पहाड़ की दूसरी तरफ जाने के लिए तैयार होते है और सालनी मैम के पास जाते है। और सालनी मैम को बोलते है की मैम हम पहाड़ के दूसरी तरफ जाना चाहते है । सालनी मैम बोलती है। की तुम दोनो एक काम करो एक कुछ बच्चों का ग्रुप बना कर दुसरी तरफ जाओ। और अपना फोन ऑन रखना और कुछ जरूरत हो तो बताना हम आ जाएंगे। और एक जरुरी बात शाम से पहले आ जाना सब । और रोहाना तुम सब को गाइड करोगी ओके। रोहाना बोलती है ठीक है मैम। 

काजू और रोहाना कुछ बच्चों का ग्रुप बनाते हैं। जिस मे काजू के सारे दोस्त होते है कुछ को छोड़ कर। सभी लोगो को मिला कर दुसरी तरफ जाने के लिए 7 लोग हो गए थे। 

 

फिर रोहाना सारे बच्चों को लेकर पहाड़ के दूसरी तरफ़ जाते है । रस्ते में सारे लडके और लड़की पहाड़ के ऊपर से जाते है क्योंकि पहाड़ के ऊपर सारे लोगों को फ़ोटो खेचनी थी और ऊपर से नीचे का नज़ारा देखना था । तो पहले सब पहाड़ पर चढ़ते हैं । और कुछ लोग फ़ोटो खींचते है और कुछ नीचे देखते है। साइड में ही रोहाना सब पर ध्यान रखती है । काजू एक लड़के को देखता है की ऊबो फ़ोटो खेचने के लिए पहाड़ के कुछ ज्यादा आगे आ गया है । और वह सयाद गिर भी सकता है।  उस लड़के का पैर फिसलता है और वह गिरने लगता है । तो काजू उसके पास जाकर उसको पकड़ता है । काजू उस लड़के का हाथ पकड़ता है जो पहाड़ के पत्थर से पकड़ा होता है। और ऊबो लड़का चिलाता है । और फिर रोहाना रस्सी फेकती है । और बोलती है रस्सी पकड़ो। 

फिर कुछ देर में लड़का ऊपर आ जाता है । और फिर सब उस जगह से डर कर आगे जाते हैं। फिर सब पहाड़ की दूसरी तरफ सब अलग दिखता है। क्योंकि दूसरी तरफ सिफ जंगल होता है। और कुछ नही। फिर भी सब आगे जाते है। और एक नदी के किनारे रुकते है। सारे बच्चों को खुशी इस बात की थी की मैम से दूर थे। और कोइ रोक नहीं थी । सब जंगल में घूमते है । और घूमते घूमते उने एक छ्ता दिखता है । तो सारे बच्चे छता तोड़ने की पलेनिंग करते है । और फिर रोहाना सब को बोलती हैं कि सारे बच्चे सुखी लकड़ी धुनों और एक माचिस लाओ। फिर सभी सामानों को रोहाना के पास लाते है। 

फिर रोहाना सारे सूखे लकड को छ्ते के नीचे रखती थी हैं। और आग लगा देती हैं जिसे की सारी मधु मक्खी छता छोड़ कर भागती हैं।  फिर ग्रुप का एक लड़का पेड़ पर चढ़ कर छता तोड़ देता है और नीचे एक पनी में जमा करते है और कुछ खाते भी है। और फिर नदी में मछली पकड़ते है । शाम को जब स्कूल के बच्चो के पास जाकर पका कर खाएंगे मछली। कुछ देर तक और घूमते हैं। और फिर शाम होने वाला होता है तो सब वापस टेंट के पास जाते है और दूसरी तरफ मैम भी काजू को कॉल करती है । पर कॉल नही लगता है। क्योंकि काजू के फोन में सिग्नल नहीं मिल रहा था। तो मैंमे किसी और को कॉल करती है तो भी नही लगता । बाद में मैम रंजीत को कॉल करती है तो कॉल लग जाता है और रंजीत बोलता है मैम हम आ रहे हैं । ( रंजीत काजू का दोस्त होता है )। और रंजीत का फ़ोन पुराने जवाने का होता है इसी लिए सिग्नल आता है । वापस जाते समय सब नीचे के रास्ते से जाते है घूम कर नाकी पहाड़ चढ़ कर नीचे वाला रास्ता जल्दी का था और डरावना भी था शाम के टाईम फिर जंगल के रस्ते में सब को काई प्रकार के पेड़ दिखे और उन पर लगे फल। तो सब ने फल तोड़ा और जमा कर और फिर वापस टेंट की तरफ चलने लगे सभी बच्चो को ज्यादा टाईम लग जाता है टेंट तक पहुंचने में जिसकी वजह से सब रात को पहुंचते हैं । और फिर सारे बच्चे मैम को सारी चीज़े देते है। और बोलते है पहाड़ की दूसरी तरफ ऐसा है और क्या क्या हुआ था हमने क्या क्या किया और जो भी मिला हम लेकर आ गए है सब के लिए। और रंजीत बोलता है अभी शिखा के बैग में मछली है। शिखा निकाल कर दो । मैम बोलती है एक काम करो इने पानी मै डाल कर रखा दो कल काम आएंगे। शिखा ऐसी ही करती है। और फिर सातों बच्चे खाना खाने जाते है और पर सालनी मैम रोहाना और काजू को बुला लेती है और बोलती है की रोहाना और काजू हमने एक और ग्रुप को भेजा था सुबह अभी तक नही आए उन में से कोई भी । रोहाना बोलती है मैम कितने लोगते सालनी मैम बोलती हैं 9 लोग थे यह यह बच्चे थे उनमें यह उनके नाम की लिस्ट है। और फिर रोहाना पूछती है कहा गए थे यह क्योंकि पहाड़ की दूसरी तरफ कोई नही दिखा। हमे मैम बोलती है उत्तर दिशा की और गए थे। काजू बोलता है मैम एक काम करो ग्रुप के लीडर का नाम और सब का फोन नंबर लिस्ट में लिख दो । फिर रोहाना और काजू दोनों सब को धुने जाते है । रोहाना और काजू दोनों थोडा सा आगे जाते है तो देखते हैं कि सब आ गए है । सब गंदे थे । फिर दोनो मैम और काजू और रोहाना के सामने सब बताते हैं कि उनके साथ क्या क्या हुआ। सब बोलते है की हम एक तालाब के पास थे । हमने तालाब में नहाया और फिर नहाने के कुछ देर बाद हम सब विशोष होगाए थे । हमे जब उठे तो हम ऐसे थे फिर हम सब वापस आ गए। यही हुआ था। फिर उन 9 बच्चो में से एक लड़का बोलता है की । मैम हम नहा सकते है अभी । मैम बोलती है हां। जाओ वैसे भी तुम सब में से बहुत गंदी बदबु आ रही है। जाओ नहाओ। फिर आओ और कहना खा लेना हम तुम सब के लिए खान लगते है। और मैम बोलती हैं फिर एक काम करो रोहाना और काजू तुम भी बैठ जाओ तुम्हारे लिए भी लगते है खाना । खाना खाने के बाद सब अपने टेंट में चले जाते हैं । 

काजू और रोहाना का टेंट 

रोहाना और काजू दोनों एक दूसरे से बात करते है । फिर कुछ देर बाद उनके टेंट के बाहर कोई आता है । और बोलता है की दोनो मेरे साथ आओ। काजू और रोहाना दोनो उसके साथ जाते है । 

फिर वह कुछ दूर एक पेड़ के पीछे लेकर जाता है। वह लड़का रंजीत होता है। और रंजीत बोलता है की मेरा एक चैन था जो खोगाया है। कल रात से और मुझे लग रहा है की ऊबो सयाद चिटी वाली जगह पर होगी कल मुझे सयाद बही छूट गई है। काजू बोलता है कोई बात नही टूर खत्म होते ही बजार से दूसरी खरीद लियो । रंजीत बोलता है की सयाद नही खरीद सकता। क्योंकि ऊबो चैन मेरी मम्मी की आखरी निशानी थी जो मेरे पास थी और मुझे ऊबो चैन दुबारा चहिए । क्या तुम दोनो मुझे ऊबो चैन धुने में।साथ दोगे । रोहाना बोलती है की तो फिर ठीक कल सुबह चलेंगे। रंजीत बोलता है सयाद हम जा सकते। पर कल हम और आगे जा रहे है । दोनो मैम जब आगे जाने की बात कर रहे थे तो मेने सुन लिया था तो। अब हम कल नही जा सकते है। हमे रात को ही जाना होगा । 

रोहाना बोलती है ठीक है। हम दोनों चलेंगे 

पड़ते है अब आगे क्या होगा क्या रंजीत की चैन मिलेंगी, यह फिर चिटी काट कर तीनो का हल खराब कर देगी । क्या मैम को पता चल जाएगा । या सुबह टेंट में आएंगे यह तीनों 

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