Chapter 7 - 7

मधु को इतना गुस्सा आया की उसने ठान ली क्यों ना वीर की यह बात की वीर घर पर एक लड़की लेकर आया है उमेश को बताई जाए यह सोचकर मधु को थोड़ी सी शांति मिली !

वह एकदम से दौड़ कर बेडरूम की तरफ भागने लगती है !आज उसकी यह स्पीड देखने लायक थी ! उसका फोन  बेड पर  रखा हुआ था !

वह जैसे ही फोन उठाने के लिए झुकी उसके माथे पर आई हुई लटे अचानक उसके आंखों के सामने आ जाती हैं उसने एकदम से अपने हाथ से अपनी लटो को कान के पीछे सेट किया !

और एकदम से अपने आप से बड़ बड़ाई हे भगवान पहले से ही इतना ज्यादा परेशान हूं ऊपर से यह बाल मुझे जीने नहीं दे रहे

मधु का गुस्सा सातवें आसमान पर था और उसने फोन का लॉक झटपट से खोला और उमेश का नंबर लगा दिया लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था काफी देर रिंग जाने के बाद भी उमेश ने फोन नहीं उठाया लेकिन मधु का गुस्सा भी ऐसे शांत होने वाला नहीं था उसने दूसरी बार फिर से उमेश को फोन लगा दिया लेकिन उमेश ने दूसरी बार भी फोन नहीं उठाया

अब तो उसका गुस्सा सातवें आसमान तक पहुंच गया और बेड पर बैठ गई और उसने तीसरी और अंतिम बार उमेश को फोन लगाया इस उम्मीद में कि इस बार उमेश फोन उठा लेगा लगता है भगवान ने मधु की बात सुन ली रमेश ने फोन उठा लिया

मधु झलाते हुए " तुम्हें पता है आज क्या हुआ है वीर एक लड़की लेकर यहां पर आया मैं तुम्हें पहले बता देती हूं हमारे घर पर यह सब बिल्कुल नहीं चलेगा समझा देना उसको "

मधु लगाकर बोलती जा रही थी अचानक उमेश ने जोर की आवाज में कहा " खुद के बोलते जाओगे या मेरे को भी कुछ सुनोगे सबसे पहले अपना फोन चेक करो ! सुबह से 3 बार फोन कर चुका हूं ! वीर ने यह सब कुछ मुझे पहले ही बता दिया था उसके दोस्त है ! उसे मिलने आई है तो इसमें बुराई क्या है  !अब इस बात का कोई तमाशा मत बनाओ मैंने उसको बोल दिया है जिसको लाना है लाओ ! मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है !"

इतना सुनते ही मधु ने फोन काट दिया और उसका मुंह लटक गया क्योंकि जो भी उसने सोचा था वह हुआ ही नहीं !

अगले हि पल उसके दिमाग में शैतानी आईडीए ने घर कर लिया और उसने ऊपर जाने का फैसला कर लिया !  मधु तेज तेज कदम रख रही थी उसने अपने दोनों हाथों से साड़ी को घुटनों से ऊपर करके अपनी उंगलियों में थाम लिया ! और तेज तेज चलने लगी ! 

जैसे ही मधु ऊपर के दरवाजे के पास पहुंच जाती है अंदर की आवाजें सुनकर उसका सारा गुस्सा गायब हो गया !

अंदर से आती हुई आवाज 

" वीर र र रर र रर र रर र र प्लीज मत करो ना निशान पड़ जाएगा समझा करो मुझे घर भी जाना है !

जोर जोर से सांसो की आवाज सुनकर मधु अपनी सुध बुध खोती जा रही थी

इस तरह  की आवाज मधु ने अपने जीवन काल में आज तक नहीं सुनी थी उसे सुनने में यह बहुत कुछ अच्छा लग रहा था उसका सारा गुस्सा लगभग गायब सा हो गया था !

अब वह दबे पाव कमरे के और करीब पहुंच चुकी थी इस बार बार उसने एक दर्द भरी आवाज सुनाई दी

वीर प्लीज इसको बाहर निकालो ना !मुझे खून आने लगा है ! बाबू प्लीज मान जाओ !प्लीज धीरे धीरे करो ना !

मधु  की धड़कन धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी  ! धीरे-धीरे उसकी सांसों में भी कामवासना का भारीपन आना शुरू हो गया था ! मधु का एक हाथ अपने आप ही अपने सीने पर आ गया और उसने धीरे से उसको संहिलाना शुरू किया  !मधु को ऐसा करने में बड़ा आनंद आ रहा था

मधु को अचानक एक आवाज और सुनाई दी जिसने उसके शरीर में कोहराम मचा दिया ! 

कमरे के अंदर से आती  हुई आवाज 

" आ ह ह ह ह ह   वीर र र रर र रर र रर र कुछ पल के लिए के लिए रुक जाओ प्लीज बाबू तुम तो मेरा सोना बच्चा हो ना

और अचानक से एक झटका लगा हो जैसे वीर की जांगे उसके कूल्हों से टकराई हो एकदम से ऐसी आवाज आई

और उस लड़की की फिर से जोर की चीख सुनाई दी

आ ह ह ह ह ह   वीर र र रर र रर र आ ह ह ह ह ह   वीर र र रर र रर र  वीर र र

मधु की बेताबी बढ़ती जा रही थी उसने कमरे के अंदर झांकने का फैसला किया इस तरह की आवाजें सुनकर उसकी खुद की योनि पानी बहाने लगी थी !

लेकिन दरवाजा तो बंद था मधु देखे तो कहां से देखें यह सबसे बड़ी समस्या थी ! मधु दबे पांव कमरे के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रही थी कि शायद कोई ऐसी जगह हो जहां से वह अंदर का नजारा देख पाने की लालसा बढ़ती जा रही थी !

आखिरकार काफी मशक्कत के बाद उसको ध्यान आया कि साइड वाली दीवार पर जहां पर एसी लगा हुआ है वहां पर एक सुराग है ! मधु जल्दी से वहां पहुंच गई ! मधु ने अपने सांसों को रोकने की कोशिश सी की और दबे पांव ऐसी की तरफ पहुंच गई अब मधु इतने धीरे चल रही थी  की अंदर उसके आने का पता चलना लगभग नामुमकिन सा था ! मधु सुराग के पास झुक कर अंदर देखने लगती है ! उसने अपने दोनों हाथ अपने दोनों घुटनों पर रख लिया और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था उसकी उसकी खुद की धड़कन धड़ाम धड़ाम करके आवाजें कर रहे थी उसने अपने होठों को अपने दांतो तले दबाना शुरू कर दिया था!

अंदर का नजारा देखकर मधु की सिटी पीटी खराब होने लगी . इस कदर रोमांस भरा मिलन इसका अंदाजा मधु को बिल्कुल बि ना था आजतक शादीशुदा होने के बावजूद उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था

आप सभी पाठकगन से मेरा अनुरोध है क्या आपको यह भाग कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं और मेरी हौसला अफजाई करें और कमेंट करके बताएं कि क्या लगता है कि अगले भाग में क्या होगा

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