मधु धम धम करते हुए नीचे आ जाती है ! उसकी आंखों के अंदर कमरे के अंदर हुआ एक एक नजारा उसकी सांसें बयान कर रही थी ! मधु को सेक्स और पूर्व ले के बीच का फर्क आज साफ-साफ समझ आ रहा था ! इसी तरह के प्यार के लिए दो वह भूखी है ! जो आपने पति उमेश से यह सब कुछ चाहती है !
थोड़ी देर बाद सीढ़ियों से किसी के उतरने की आवाज सुनकर उसे बाहर आने को मजबूर होना पड़ा !
उसने देखा कि स्वाति नीचे उतर चुकी है ! और मधु और स्वाति की नजरें पल के लिए मिलती है !मधु की नजर स्वाति की गर्दन पर पड़ती है ! जहां पर प्यार करने के निशान अब भी मौजूद थे !
स्वाति ने मधु को एक कातिल सी स्माइल दी ! और दरवाजे की तरफ निकल गई !और इतना देखते ही मधु फिर से जल भुन गई ! एक तो वह है जो इस प्यार के लिए तरस रही है ! वह दूसरी तरफ यह सिंगल हड्डी लड़की जो बिना शादी के ही एक संपूर्ण नारीत्व का आनंद ले रही है !
स्वाति के बाहर निकलते ही मधु ने इतनी जोर का दरवाजा लगाया जैसे वह बताना चाह रही हो कि वह उसको बिल्कुल पसंद नहीं करती और दोबारा यहां आने की हरगिस कोशिश ना करें !
मधु तो अपने बेड पर आकर लेट गई और एक बार फिर उन पलों को सोचने लगी और उन में खो गई ! उसकी काम क्रेडा इस कदर हावी हो रही थी ! टाइम देखा तो लगभग शाम के 5:00 बज रहे थे ! जल्दी जल्दी काम निपटा लेती हूं ! ताकि उमेश जब घर पर आए तब तक सारा काम निपटा लें ! ताकि आज पूरी रात अपने पति की बाहों में गुजार सकें ! काम जल्दी काम जल्दी होगा तो उसे और ज्यादा टाइम मिलेगा !
लगभग 7:00 के करीब थका हारा उमेश की घर पर एंट्री हुई ! आते ही वह फ्रेश हुआ और सोफे पर बैठ गया ! मधु पानी लेकर आती है और उसके साथ बैठ जाती है ! और उमेश की आंखों में देखकर कहने लगती है ! क्या हुआ और काफी थके हुए लग रहे हो !
उमेश _कुछ नहीं ऑफिस में तीन-चार मीटिंग ही ऐसी थी कि पूरा बदन अब टूटने लगा है !
मधु_ अगर आप कहो तो मैं खाना लगा दु ?
उमेश _ हां मैं नहा कर फ्रेश होकर आता हूं ! जब तक खाना लगा दो और हां एक बात बताना भूल गया ! वीर का मैसेज आया था ! अभी वह खाना लेट से खाएगा ! उसका खाना यहां डाइनिंग टेबल पर ही छोड़ देना ! जब उसका मन हो जब आ जाएगा ! इतना कहकर उमेश बाथरूम की तरफ चला गया !
खाना लगाते लगाते लगभग 8:30 बज चुके थे ! उमेश लोवर टीशर्ट में था ! और टीवी देख रहा था अचानक से उमेश ने मधु को कहा "क्या बात है आज तुमने खाना बनाने से पहले ही ब्रेक चेंज कर ली यानी कि पहले ही लोअर और टीशर्ट पहन लिया !"
मधु इतना सुनकर काफी खुश हो जाती है ! उसे खुशी इस बात की थी ! आज उमेश उसको इतना गौर से देख रहा है ! कि उसने क्या पहना है कब पहना है उसके अंदर तो आज अलग ही आग जल रही थी ! वह उसे कैसे कह पाती लेकिन उसकी आंखों से साफ साफ पता चल रहा था आज रात मधु क्या चाहती है !
टीवी देखते देखते दोनों ने अपना डिनर खत्म कर लिया ! समय करीब 9:00 हो गया मधु झूठे बर्तनों को उठाकर किचन में रखती है जब तक उमेश भी बेडरूम में जाकर लेट जाता है !
10_15 मिनट में मधु भी अपना किचन का काम खत्म करके बेडरूम में पहुंच जाती है ! और उमेश के साथ में लेट जाती ह और उमेश की तरफ करवट लेकर उमेश को चूमने की कोशिश करती है आज उसके अंदर जो चिंगारी जल रही है ! वह उसको तुरंत शांत करना चाहती है उसका एक हाथ उमेश के कंधे पर और उसके हॉट बिल्कुल उमेश के होठों को चूमने वाले थे !
अचानक से उमेश ने थोड़ा सा गुस्से में आकर मधु को एकदम से झटक दिया कहने लगा "अभी कल ही तो किया था और तुम समझती क्यों नहीं हो आज मेरी कितनी तबीयत खराब है" और इतना कहकर उमेश ने तुरंत अपनी करवट बदल दी !
मधु बेचारी सीधा लेट कर ऊपर चलते हुए पंखे को देख रही थी और अपनी किस्मत पर रो रही थी उसके दिल में आज कितने अरमान थे ! लेकिन उसका पति उसको समझना ही नहीं चाह रहा है हाय रे किस्मत मन ही मन कुछ ऐसा ही बढ़ बढ़ बढ़ाते जा रही थी !
एक पल के लिए मधु सुनय हो गई कभी उसके विचार अपने पति को लेकर आते कि रोमांस नाम का एक परसेंट भी इस आदमी के अंदर नहीं है वह एक बार घर से बाहर निकल जाती है ऐसा कोई एक आदमी नहीं है जो उसको पलट कर नहीं देखता है जॉ उसको घूरता नहीं है !
अचानक से उसके ख्याल फिर से वीर और स्वाति के हुए हसीन पलों के के बारे में जा पहुंचे एक-एक पल को फिर से याद करने लगे कैसे एक दूसरे से प्यार कर रहे थे !
अब उसको स्वाति का बाहर जाते हुए हो उसकी तरफ देख कर मुस्कुराना और ज्यादा ईर्ष्या जगाने लगा था ! इसी ध्यान मग्न अवस्था में कब एक घंटा बीत गया उसे पता ही नहीं चला ! उमेश के खर्राटों की आवाज बढ़ती जा रही थी और उसकी बेचैनी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी !
वह पानी पीने के लिए उठी और बाहर की तरफ आ गई ! उसने देखा वीर का खाना तो ऐसे का ऐसा रखा हुआ है ! एक बार फिर से अपनी किस्मत पर झलाई ! एक तो उमेश ऐसा है और ऊपर से यह किराएदार जो आया है उसने भी मेरे जीवन में आफत ला रखी है ! थोड़ी देर सोच विचार कर मधु ने थाली उठाई और ऊपर जाने का फैसला किया!
ऊपर कमरे का दरवाजा बंद था ! मधु ने तीन चार बार नोक किया और मधु ने दरवाजा खोलने की ठान ली और हिम्मत करते हुए दरवाजा खोल दिया लेकिन उसकी आंखें अचानक से बड़ी हो गई ! जब उसने देखा वीर तो अपने बेड पर नहीं है !
अचानक बाथरूम के शावर से पानी गिरने की आवाज आ रही थी ! अब उसको पक्का यकीन हो गया कि वीर नहा रहा है ! मधु ने थाली टेबल पर रखते हुए बोली __वीर
लेकिन उसको अंदर से कोई भी जवाब नहीं मिला !
मधु ने फिर दूसरी बार फिर से आवाज दी इस बार शावर का पानी बंद कर दिया गया ! उसे इस बात का एहसास हो गया की वीर ने उसकी आवाज सुन लि है ! अचानक से बाथरूम का दरवाजा खुला ! वीर सिर्फ अपने अंडरवियर में था और उसके चेहरे पर उसके गीले बाल आए हुए थे !उसकी नंगी छाती पर चमकते हुए मनके मधु का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे थे ! पानी की एक-एक बूंद सूर्य के चमक के समान थे ! उसने शर्म के मारे अपना मुंह घुमा लिया और चलने वाली ही थी !वीर ने बोलना शुरू किया सॉरी टावल मैं यहां बेड पर ही छोड़ गया था ! क्योंकि मुझे एहसास ही नहीं था कि आप ऊपर आओगे !
वीर छटपटाहट के मारे बेड से टावल उठा ही रहा था ! अचानक उसके पैर पीछे की तरफ फिसल गए और वीर के दोनों हाथ मधु नितंबों से थोड़ा सा ऊपर एकदम से जोर के लगे और वीर की उंगलियां मधु के तागड़ी में फंस गई और वीर की धोड़ी में मधु के लोवर के लास्टिक जा फंसी और अचानक से उसका लोवर थोड़ा सा नीचे खिसक गया !
मधु के दोनों नितंबों के बीच में वीर की सांसे जा रही थी ! वीर के चेहरे से पानी सीधा दोनों नितंबों के अंदर रीसने लगा ! मधु के दोनों हाथ दरवाजे पर जा लगे और जो कामवासना अभी-अभी खत्म हो गई थी ! फिर से अपने चरम सीमा पर पहुंच गई !
वीर के चेहरे से पानी की बूंदे बहती हुई योनि तक जा पहुंची ! उसके शरीर का एक-एक रोम खड़ा हो गया ! उसने अपने हाथ दरवाजे से हटाए और अपने लोअर को ऊपर करने की कोशिश करने लगी और लोवर आगे से तो ऊपर हो गया ! लेकिन पीछे अभी भी नितंबों से नीचे था ! वीर ने जैसे ही अपनी उंगलियां उसके तागड़ी से बाहर निकालने का प्रयास किया तो उसकी तागड़ी पीछे की तरफ खींच गई और मधु के मुख से एक आह निकल गई और उसने पीछे देखा वह कहने लगी !वीर क्या कर रहे हो संभालो अपने आप को यह कहते हुए वह वहां से भाग जाती है जरा भी तमीज नहीं है तुम्हारे अंदर
खाना टेबल पर है देख लेना