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Chapter 15 - Ashamed

संजू -  क्या बोल रहे हैं आप ।

आपको होश भी है कि किस तरह की लैंग्वेज इस्तेमाल कर रहे हैंआप मेरे लिए।

आप का मतलब मैं करैक्टर लेस हूं मैं तो आपको अपना सच्चा दोस्त मानती थी लेकिन आपने यह विश्वास तोड़ दिया आपको पता है कल रात क्या हुआ था ।  आप इतनी ज्यादा पी कर आए थे कि आपके फ्रेंड आपको घर छोड़ गए हैं ।

ना जाने मैं किस तरह से आपको रूम मेंं लाई हूं। आप को बहुत पसीना आ रहा था इसीलिए मैंने ए सी तेज किया।

फिर थोड़ी देर बाद आप कपकपाने लगे ए . सी बंद किया और रजाई कम्बल से भी काम ना चला । मैंने डॉक्टर प्रयाग के पास फोन किया वह  किसी अर्जेंट काम की वजह से नहीं आ पाए।

आपकी कप कपा हट बढ़ती ही जा रही थी फिर मुझे डॉक्टर प्रयाग ने एक रास्ता बताया आपको आप को जिंदा रखने का । आपकी जान पर बन आई थी ।

मैंने अपने शरीर की गर्मी आपको दी फिर आपने मेरे साथ फिजिकल रिलेशन बना लिए मुझे आपके शरीर में गर्मी पहुंचाने थी इसीलिए मैं आपको मना नहीं कर पाई।

इंदर  - नहीं ऐसा नहीं हो सकता है ।

इंदर अपने दिमाग पर जोर डालने लगता है । उसे धीरे-धीरे कल रात की याद आने लगती है ।

इंदर - "ओ माय गॉड " यह क्या हो गया मुझसे मुझे माफ कर देना संजना जी मैंने आज से पहले किसी के साथ रिलेशन नहीं बनाए।।

संजना रोने लगती है संजना मेरी वर्जिनिटी खत्म हो गई अब मैं क्या करूंअब ,मैं क्या करूंगी ।

इंदर  - और मेरी वर्जिनिटी वह भी तुम्हारी वजह से खत्म हुई कोई और उपाय कर लेती यह सब क्यों किया मैं बहुत ज्यादा शर्मिंदा हूं ।'आई एम रियली वेरी सॉरी' संजना जी !!

संजना - ओके कोई बात नहीं । बीता हुआ कल वापस तो नहीं आ जाएगा।

फिर संजना बाथरूम में नहाने चली जाती है तभी  इंदर अकेले में कल रात की सारी बातें याद करता है कि कैसे उसने संजना के साथ रिलेशन बनाये ।

अब इंदर मन ही मन मैं खुश भी होता है कि उसने अपनी वर्जिनिटी अपनी वाइफ को ही दी थी उसे संजना के साथ हमबिस्तर होना बहुत अच्छा लगा ।इंदर सोचता है क्या संजना को मेरा साथ पसंद आया और मुझसे नशे में यह सब हो गया काश कि वह दिन जल्दी आए जब संजू भी शामिल हो । और हम दोनो होश मे हो।

  संजू  बाथरूम से नहाकर बाहर आती है इंदर प्यार की नजरों से उसे देख रहा है लेकिन नजर नहीं मिला पा रहा है ।

इंदर -  मै फिर से sorry  कहना चाहता हूं संजना जी।

अबकी बार संजू चुपचाप चली जाती है ।इंदर table पर संजू का नास्ते पर इन्जार कर रहा होता है लेकिन संजू चुपचाप बिना कुछ खाये ऑफिस के लिए चली जाती है ।

संजू के ऑफिस मे 

ऋषि-  संजू बहुत उदास हो क्या बात है ।

(संजू सोचती है कि अगर मैने ऋषि को सच बताया तो इश्का दिल टूट जाएगा ये मुझसे बहुत प्यार करता है ।

 संजू  - कुछ नहीं ऋषि आज मेरे सर में दर्द हो रहा है । 

   ऋषि -   my god  सर में दर्द मैं तुम्हारा सर  दबा दूं।

इतना कहकर ऋषि संजू का सर दबाने लगता है।इस बात से इंप्रेस होकर संजू कहती है।

मुझे तुम्हारे जैसा प्यार करने वाला कोई नहीं मिलेगा।तुम बहुत अच्छे हो।

ऋषि हंसते हुए वह तो मैं हूंक्योंकि तुमसे प्यार जो करता हूं ।अब ऋषि अपने मतलब पर आता है।

संजू डियर यह बताओ ।घर तुम्हारे नाम है।

 संजू - किसका घर ?

ऋषि - मिस्टर इंद्रेश लाल का।

 संजू - लेकिन उससे हमें क्या करना।

ऋषि-  सिर्फ इसलिए कह रहा हूंक्योंकि शादी के बाद हम लोग इस शहर से दूसरे शहर चले जाएंगे।

बाहर थोड़े बहुत पैसे की जरूरत पड़ेगी। इतनी जल्दी कोई हमें जॉब नहीं देगा।

संजू  - नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती। मुझे इंद्रेश जी कोई दौलत नहीं चाहिए।मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए ।

ऋषि - मेरा प्यार तुम्हारे साथ है ।

माय डियर बस् प्यार से पेट और जिंदगी नहीं चलती। उसमें क्या बुरा है। वह तो सब तुम्हारे हक़् का है।

संजू  - ठीक है ऋषि।।मैं इंदर से बात करती हूं तलाक की।

ये सारी बाते peon सुन रहा होता है ।वह ये सब बाते अनिल को बताता है ।

अनिल इंदर को फोन करता है ।

अनिल - हेलो इंदर ।तुझसे बहुत जरुरी बात करनी है।

जल्दी से मेरे ऑफिस में आ ।

इंदर -क्या बात है अनिल।

अनिल  - मैं फोन पर नहीं बता सकता तू जल्दी से मेरे ऑफिस मेंआ।

इंदर फोन रखकर  तुरंत अनिल के ऑफिस के लिए निकल जाता है जो कि इंदर के ऑफिस से 15 मिनट की दूरी पर है। इंदर अनिल के केबिन में पहुंचता है।

इंदर- बता अनिल इतनी जल्दी मे क्यू बुलाया मुझे यहाँ।

अनिल - मुझे ऋषि के बारे में कुछ पता चला है।ऋषि संजना से तुम्हारा घर बेचने के लिए कह रहा था और कुछ तलाक लेने की बात भी बोल रहा था।

इंदर  - संजना ने क्या कहा ।वह भी बोल रही थी जल्दी से तलाक के लिए।

इतनी बात सुनकर इंदर वहीं पास बैठी पड़ी कुर्सी पर अचानक बैठ जाता है।

अनिल - खुद को संभाल यार इतनी जल्दी हार मत मानो । मैं इस ऋषि का चेहरा संजना के सामने लाकर रहूंगा ।

इंदर - अभी कोई फैसला लेने की जरूरत नहीं है।मैं यह सब संजना के मुंह से कुछ सुनना चाहता हूं फिर फैसला करूंगा कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं।

अनिल -  ओके जैसा तुम ठीक समझो यार ।

इतना कहकर इंदर वहाँ से चला जाता है ।

शाम को इंदर के घर ।

संजना ऑफिस से लेट आती हैं ।इंदर डाइनिंग टेबल पर संजना का काफी देर से वेट कर रहा है।

इंदर - आ गई ऑफिस से।आओ खाना खा लो। काफी देर से मैं तुम्हारा वेट कर रहा हूं।

संजू - आप खा लीजिए मैं खाना खा कर आई हूं।इतना कहकर संजू रूम में चली जाती है।इंदर् बिना खाना खाये तो रानी को आवाज लगाता है। इंदर - रानी यह खाना ले जाओ और अपने घर ले जाकर अपने बच्चों और पति को खिला देना।

रानी - लेकिन साहब आपने तो कुछ नहीं खाया है थोड़ा बहुत तो खा लेते ।

 इंदर -  कोई बात नहीं रानी। जाओ तुम घर चली जाओ।

रानी - कुछ हल्का बना दू । भैया खाने को।

इंदर  - नहीं रानी मन नहीं है

रानी - कोई बात है क्या भैया।

इंदर - कुछ नहीं है।

  रानी - जब मेरी जरूरत हो तो मुझे जरूर बता देना भैया।

इंदर -  ठीक है रानी।इतना कहकर रानी किचन में काम समेट कर और खाना लेकर अपने घर चली जाती है।