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Chapter 20 - Inder's displeasure

अब  संजू इंदर को देखते ही रहती हैं और इंदर ऊपर रूम में चलता चला जाता है । पीछे मुड़ कर भी नहीं देखता है।

संजू - इंदर जी मैं आपको विश्वास दिला कर रहूंगी । कि मैं आपसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं और मैं कितनी गलत थी जो कि आपके प्यार को समझ ही नहीं पाई। आप पर विश्वास नहीं किया।मुझे आपने आपको सावित करने मे चाहे कितना भी समय लगे अपना बना कर रहूंगी आपको मै।

रात के समय इंदर के रूम मे-----------।

इंदर नहाने जा रहा होता है ।तभी संजू रूम मे पहुँचती है।

इंदर चुपचाप बाथरूम मे चला जाता है ।तभी इंदर देखता है कि साबुन नहीं है ।

इंदर - oh shit । साबुन तो नहीं है ।अब मै कैसे जाऊ बाहर ।संजू को आवाज लगानी होगी।

संजू,संजू, 

संजू - जी इंदरजी कुछ बोल रहे है ।

इंदर -  वो मेरा साबुन बाहर मेरी अलमीरा मे रखा है देंगी ।

संजू - जी अभी देती हू ।

संजू इंदर की अलमीरा मे से साबुन निकलती है ।

संजू - इंदर जी खोलिए डोर और साबुन लीजिये।

इंदर - दरवाजा खुला है ।आ जाओ और साबुन रख दीजिये।

अब संजू देखती है कि इंदर अपने सर पर शैम्पू लगा कर शावर के निचे खड़ा होता हैं ।संजू सोचती है कि यही मौका है इंदरजी से बात करने का।

अब संजू इंदर को पीछे से पकड़ती हैं और अपने सीने से इंदर की पीठ को चिपका लेती है ।

संजू - i  am  realy very sorry  इंदरजी।

इंदर भी आंखें बंद कर लेता है लेकिन वह सोचता है कि जब तक संजू को मैं सबक नहीं सिखाऊंगा तब तक यह सुधरेगी नहीं।

इंदर  - तुम पूरी भीग गई हो जाओ बाहर तुम्हें सर्दी लग जाएगी।

संजू - no इंदर जी मैं बाहर नहीं जाऊंगी लग जाने दीजिए मुझे सर्दीजब तक आप मुझे माफ नहीं करते मैं आपसे ऐसे ही चिपकी रहूंगी।

 इंदर  - देखिए संजना जी मैं बोल तो दूंगा कि मैंने आपको माफ कर दिया लेकिन क्या दिल से मैंने आपको माफ किया होगा ?

इतना कहकर इंदर बाथरूम से चला जाता है।

संजू - इंदर जी मैं भी संजना हूं आपको मना कर ही मानूंगी।

इधर डिनर की टेबल पर खाना बहुत टेस्टी बना होता है इंदर रानी से कहता है।

रानी आज खाना बहुत टेस्टी बना है।

रानी  - आपको पसंद आया भैया जी।

इंदर - अपने मुंह में रोटी का एक निवाला डालते हुए बोलता है आज रोटियां भी बहुत मुलायम और नरम बनी है।

रानी - क्यों नहीं बनेंगी भैया जी आज मैडम ने जो खाना बनाया है।

यह सुनते ही इंदर खाने की टेबल पर से उठ जाता है ।यह सब संजू देख रही होती है।

अब रानी भी किचन में चली जाती है।खाने की टेबल पर से उठ के इन्दर बाहर बगीचे में टहलने चला जाता है।संजू भी गुस्से में इन्दर के पीछे पीछे बगीचे में चली जाती है।और इंदर को धक्का देते हुए कहती हैं।

पहले तो तुम्हें खाना बहुत टेस्टी लग रहा था। लेकिन जैसे ही पता चला कि मैंने बनाया है तुम्हें खाना बेस्वाद लगने लगा।

इंदर  - हां ,और क्या खाना बहुत बेसवाद था और सब्जी में तो नमक ना के बराबर था।

इतना सुनते ही संजना तुरंत अपने होठों से इंदर के होठों पर एक जोरदार kisssss करती है।

संजू - अब बताओ नमक नहीं है क्या।

तभी इंदर संजना के गालो को कस के पकड़ कर उसके होठों पर किस कर लेता है।

इंदर - आग से मत खेलो संजना जल जाओगी।इतना मुझे मत चाहो कि दूर जाने पर तकलीफ हो।

इंदर रूम में चला जाता है।

अब संजू खड़े-खड़े सोचती हैं कि मैं ऐसा क्या करूं कि मुझे इंदर माफ कर दे लेकिन मैंने गलती ही इतनी बड़ी की है। इतनी जल्दी मुझे माफी नहीं मिलेगी ।

इंद्र के रुम में-------!!

संजू - सो गए क्या।

इंदर जाग रहा है और मैगजीन पड़ रहा है।बह संजू की बातों पर ध्यान नहीं देता है।

संजू - क्या मै इस बेड पर सो सकती हू।

इंदर सो जाओ।

इतना कह कर इंदर अपना तकिया और चादर ले कर पास पड़े सोफे पर सोने के लिए चला जाता है ।

संजू - आप वहां क्यों सो रहे हैं।यही सो जाइए बेड पर।अपने आप पर भरोसा नहीं है या मुझ पर भरोसा नहीं है।

फिर संजू का फोन बज उठता है फोन पर उर्मिला जी होती है।

संजू - हेलो दादी नमस्ते, कैसी हैं आप।

ओके दादी हम लोग आ जाएंगे।

संजू - इंदर जी दादी का फोन था।कल दादी के यहां पूजा है।हम लोगों को शाम को 6:00 बजे बुलाया है। 

इंदर -   ok ।

अगले दिन शाम को 6:00बजे -------------

सब लोग दादी के यहां पूजा में बैठे होते हैं और संजू के मम्मी पापा भी आए होते हैं।

 उर्मिला जी - इंदु ,संजू आ गए तुम लोग चलो एक दूसरे के पास जोड़े से बैठे पूजा में।

श्रावणी जी इंदर को एक लाल चुनरी देते हुए-----।।

यह ले इंदर।

इंदर - इस्का क्या करूं ?

 श्रावणीजी - यह तुझे अपने हाथ से संजू को उड़ानी हैै।

 इंदर - आप ही उड़ा दीजिए ना चाची।

श्रावणी - अरे संजू मेरी बीबी नहीं है।

यह सुनकर सब हंस पड़ते हैं।

दादी -  इंदु बेटा तू अपने पुराने रूम में जाओ और वही फ्रेश भी हो लेना।और वही संजू को चुनरी उड़ाना ।

।इंदर और संजू अपने पुराने रूम में चले जाते हैं।

इंदर - संजू को चुनरी देते हुए कहता  हैं यह लो और संजना अपने आप ओढ़ लीजिये।

संजना - आप ही उड़ा दीजियए ना यह चुन्नी।

इंदर - यह पूजा की पवित्र चुनरी  है। और हमारा रिश्ता एक समझौते का है । इसलिए मै यह चुनरी नहीं उड़ा सकता हूं।

तभी रूम में दादी आती हैं 

दादी  -  चुनरी उड़ाई नहीं तूने संजना को।

तभी इंदर संजना को चुन्नी उड़ाता है  ।दादी वहाँ से चली जाती है ।

और संजना यह सब आईने में देखती हैं।तभी संजू इंद्र का हाथ पकड़ लेती है। और इंदर के गले लगती है ।

संजू- मै आपके बिना मर जाउंगी।

इंदर हाथ छुड़ाते हुए ---- नीचे चलिये संजना जी।सभी लोग wait कर रहे है ।

संजना  - इंदर जी ऐसा क्यों कर रहे हैं आप ? मैं आपसे बहुत सच्चा प्यार करने लगी हूं।

इंदर - क्यों दिखावा कर रही हैं आप।नीचे आ जाइए । इतना कहकर इंदर नीचे चला जाता है।