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Chapter 17 - Divorce date fixed

ऋषि की सारी बाते प्रयाग ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली।

अब प्रयाग अपने सभी फ्रेंड्स को  ऋषभ के होटल में बुलाता है ।

वहां पर इंदर भी आता है ।

अनिल  - बता प्रयाग क्या खबर लाया है।

   प्रयाग - अनिल ब्रो बहुत अच्छी खबर है।

इंदर गुस्से में प्रयाग की तरफ देखते हुए अच्छी खबर का क्या मतलब है!!सीधी बात बोलो प्रयाग।

वह मोबाइल से रिकॉर्ड की हुई सारी बातें जो ऋषि ने कही थी सबके सामने सुनाता है ।

ऋषभ - "ओ माय गॉड" यह तो बहुत कमीना निकलाा ।

सचिन  - यार विश्वास नहीं होता कि आज के जमाने में भी ऐसे लोग होते हैं  ।

प्रयाग -  दुनिया है भैया दुनिया। ऋषि बहुत ज्यादा लालची इंसान है वो पैसो के लिए किसी का भी मर्डर कर सकता है ।

जब रिकॉर्डिंग में इंदर ने सुना कि वह सजना की जवानी के मजे लेना चाहता है ।तो वह गुस्से में उठ खड़ा हुआ और बोला।इसे तो मैं छोड़ूंगा नहीं।इसी को तो मैं जान से मार दूंगा ।

अनिल्- अरे यार।इंदर गुस्से में ऐसा वैसा कोई गलत कदम मत उठा।

सचिन  - एक काम कर  यार तलाक के पेपर और घर के नकली कागजात तैयार करवा ।

अनिल - लेकिन तू क्या करने जा रहा है ।

सचिन - तू देखता जा।

फिर  सभी लोग अपने अपने घर चले जाते हैं। इंदर भी अपने घर चला जाता है ।

इंदर चुपचाप अपने बेडरूम में सोने चला जाता है। संजू ऑफिस से लेट ही आती हैं । वह बेडरूम में आई ।

संजू  - सो गए क्या इंद्रेश जी ।

इंदर  - सो जाओ तुम भी क्योंकि कल मुझे बहुत काम है।

दूसरे दिन जग्गूजी और सोमेश जी द मार्केट कुछ खरीदने जाते हैं। तभी वह देखते हैं कि।

शाम को 5:00 बजे

 संजना और ऋषि एक दूसरे को आइसक्रीम खिला रहे होते हैं।

जग्गू जी - सोमू यह अपनी बिटिया संजना है ना।

सोमूजी -  हां लग तो वही रही है लेकिन यह दामाद जी को छोड़कर इस पराये लड़के के साथ क्यों घूम रही हैं फिर सोमेश जी गुस्से में आगे बढ़ते हैं ।तभी जग्गू जी सोमेश को रोक देते हैं ।

जग्गू जी- रुक जा सोमू क्या करने जा रहा है तू। बीच बाजार में तमाशा मत बना अपनी बिटिया का।

कल शाम को डिनर पर हम दामाद जी और संजना को बुलाएंगे ,तब दमाद जी से बात करेंगे।

सोमू -  दामाद जी तो इतने अच्छे हैं फिर संजना को ये सब करने की क्या जरूरत पड़ गई है ।

  सोमेश जी और जग्गू जी घर जाते हैं और वह दोनों सोनी जी को पूरी कहानी बताते हैं ।

सोमूजी -  चिराग लेकर ढूंढने से भी इतने अच्छे दमाद भी नहीं मिलेंगे ।

सोनी जी -  हमारी बिटिया ने पता नहीं क्यों ऐसा किया।

इधर इंदर के घर में इंदर का फोन बज्ता है फोन पर सोमू जी होते हैं।

 इंदर - हेलो इंद्रेशजी , बेटा मैं सोमेश जी बोल रहा हूं ।

इंदर - जी पापा मैंने पहचान लिया ,कैसे है आप ।

सोमू जी - हम लोग ठीक हैं  !! बेटा कल का डिनर तुम्हें हमारे यहां करनाहै ।

इंदर - अरे पापा जी कोई प्रोग्राम है क्या?

सोमू जी  - नहीं बेटा काफी दिनों से तुम लोगों से मुलााकात् नहीं हुई  है तुम लोग कल शाम को हमारे यहां डिनर करने आना ।

इंदर  - ठीक है नमस्ते पापा जी कल मिलते हैं ।

इंदर के घर में सुबह का समय।

संजना ऑफिस के लिए निकल रही होती है तभी इंदर बोलता है आज शाम को आपके पापा जी ने हमें डिनर पर बुलाया है ।

संजू  -  ठीक है मैं ऑफिस से घर पहुंच जाऊंगी।

इंदर - नहीं यहीं से साथ चलेंगे वरना सब को शक हो जाएगा ।

 संजू  - ठीक है मैं शाम को ऑफिस से 5:00 बजे आ जाऊंगी ।

शाम को 6:00 बजे इंदर अपनी घड़ी की तरफ देखता है।

 इंदर  -  6:00 बज गए हैं लेकिन संजना का अभी तक कोई पता नहीं है अभी तक नहीं आई ।

6 बज् कर् 10 मिनट पर संजना इंदर के घर पर आती हैै ।

संजू  - चलिए मैं बस अभी मुंह धूल कर आती हूं।

अब दोनों लोग संजना के घर पर जाते हैं।

शाम को 6:30 बजे।संजू के घर पर।।

सोनी जी - अरे आइए दमाद जी।

सोमू जी - अरे आइए दमाद जी।संजू बेटा ठीक हो।

 संजू - ठीक हूं मैं।

 सब लोग संजना के घर पर डिनर करते हैं।सोनी जी बर्तन उठा कर चले जाने लगती हैं।

तभी संजना कहती हैं चलिए ना मैं हेल्प कराती हूं।

इधर सोमू जी और जग्गू जी इंदर से बात करतेहैं।जग्गू जी - दामाद जी कोई  बात हुई  है क्या।

इंदर  - नहीं अंकल कोई बात नहीं है।

सोमु जी - नहीं बेटा कोई बात तो है जो कि तुम हमसे छुपा रहे हो।

इंदर  - विश्वास कीजिए पापा नहीं है ऐसा कुछ भी।

जग्गू जी - तो फिर बेटा संजना किसी अनजान लड़के के साथ क्यों थी।

यह बात सुनकर इंदर बिल्कुल चुप हो जाता है।

सोमू जी  - बेटा विश्वास करो हमारी बिटिया पहले ऐसी बिल्कुल नहीं थी।

 इंदर -  मैं जानता हूं पापा जी संजना बहुत सीधी और भोली लड़की है।

अब हमें बस उस ऋषि का पर्दाफाश करना है।और संजना की आंखों पर से पर्दा हटाना है।

आप चिंता मत कीजिए पापा जी और अंकल जी आप लोगों ने मुझे संजू का हाथ बहुत ही विश्वास करके दीया है।आप मुझ पर भरोसा रखिए। मैं संजू को सही सलामत अपनी वाइफ के रूप में अपना बना कर रहूंगा।

इधर किचन में सोनी जी संजू से कहती हैं । यह सब क्या है बेटा तू किस लड़के के साथ घूम रही थी मार्केट में।

 मां एक तो आप लोगों ने मेरी शादी उस अधेड़ उम्र के आदमी के साथ कर दी जिसे मैं चाहती भी नहीं हूं।

सोनी जी - बेटा यह तो देखो कितने अच्छे इंसान हैं ,वह । तुझसे कितना प्यार करते हैं । उमर देख कर जिंदगी नहीं जी जाती बेटा।क्या पता भगवान ने तुझे और उन्हें मिलाने के लिए खुद कोशिश की हो। 

संजू -  बस मा मुझे इस टॉपिक पर और कोई बात नहीं करनी।

फिर संजू बाहर चली जाती है।

संजू  - पापा हम लोग अब चलते हैं।

सोमु जी - इंदर तो बेटा तुमने पक्का तय कर लिया है कि तुम संजू से तलाक़् लोगे ।

 इंदर - बस यह तलाक की डेट पक्की होने पर मैं आपको बता दूंगा।