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Chapter 19 - Rishi 's truth

इनदर् बहुत दुःखी मन से कहता है ।मेरी प्यारी संजना तुम बहुत भोली हो अभी तुम दुनियादारी नहीं जानती हो।तुम्हारी खूबसूरती मेरे लिए है मेरी जान ।

यह सब शब्द प्रयाग पीछे से सुन रहा होता है। प्रयाग  - bro,  दीवानगी हो तो हमारे इंदर भैयाै सी ।

इंदर प्रयाग् को देखकर शर्मा जाता है ।

प्रयाग  - सचिन ब्रो हमें संजना भाभी और इंदर भैया को एक करना ही होगा । वरना दुनिया में एक और मजनू पैदा होने में देर नहींलगेगी।

सभी हंसने लगते हैं ।

इंदर - प्रयाग सच बताऊं मैंने कभी किसी से प्यार नहीं किया और प्यार हुआ तो मुझे इस भोली भाली सीधी लड़कीसे।

  ऋषभ -  भाई तुम दोनों को एक ही करने के लिए तो हम आज यहां आए हैं।

शाम के समय ऋषि अब संजना के पास रूम में आ जाता है।

ऋषि  - हां तो संजना बेबी क्या दिखाने वाली थी तुम मुझे। क्या सरप्राइज़ देना है मुझे।

मैनेजर से कहकर इंदर ने संजना के रूम में छोटा सा हिडन कैमरा लगवाया होता है जो इंदर के फोन से अटैच होता है।जो संजना के रूम में हो रहा होता है वह सब इंदर के फोन में दिखाई देता है।

संजना - ऋषि कल इंद्रेश ने तलाक के पेपर पर साइन कर दिए।

ऋषि - ओहो यह तो बहुत ज्यादा खुशी वाली बात है। 

ऋषि लालच से  - और वह जो घर के कागज थे। संजना - हां ऋषि इंदर ने वह पूरा घर मेरे नाम कर दिया है।

 ऋषि  - संजू बेबी वह घर तुम्हारे नाम होने से नहीं चलेगा उन कागजों पर मेरा नाम भी तो होना चाहिए।

 संजू - मतलब ऋषि ।

ऋषि -  मतलब यह है कि तुम अगर उस घर को बेचने जाओगे तो तुम्हें जगह जगह जाना पड़ेगा लेकिन मैं जाऊंगा तो अकेले ही उस घर को बेंच सकता हूं ।

संजना - सोचने लगती है .....!!?

यह सब देखकर ऋषि बात को काटने के लिए कहता है।

ऋषि  - चलो संजू बेबी यह कागजात साइड में रखो और भूख लगी है कुछ आर्डर करते हैं।

संजू - मुझे भी बहुत तेज भूख लगी है ।

अब दोनों खाना ऑर्डर करते हैं ।

यह सब इन्दर अपने मोबाइल पर देख रहा होता है।

इंदर के रूम में। 

ऋषभ -  इंदर खाना तो खा ले यार।

इंदर - नहीं यार मुझे भूख नहीं है तुम लोग खाओ अब प्रयाग एक चम्मच में थोड़े से चावल और दाल मिलाकर इंदर के मुंह में डाल देता है और कहता है ब्रो खाली पेट कुछ नहीं किया जाता है।

आप मेरे बड़े भाई हो । आप भूखे रहे मुझसे यह देखा नहीं जाएगा ।

 इंदर - ओके चल खाना खातेे हैं ।इमोशनल मत हो छोटे।

अब सब खाना खाने चले जाते हैं ।खाना खाने के बाद एक बार फिर अपने फोन पर इंदर देखता है कि संजना के रूम में क्या हो रहा है।इंदर देखता है कि ऋषि के हाथ में लालजी मेनशन के कागज हैं।

ऋषि - संजू डार्लिंग यह लो कोरा स्टांप पेपर और इस पर लिख दो कि लालजी मेनशन मेरे यानी कि ऋषि के नाम पर है ।

संजू - लेकिन रिसी जल्दी किस बात की है।

ऋषि  - जल्दी है डार्लिंग क्योंकी हम लोगों के पास पैसे नहीं हैं।

संजू - लेकिन मेरे पास इस वक्त 50,000 हैं।

ऋषि -  डार्लिंग उस से क्या होगा।

अब संजना चुप हो जाती है।

ऋषि यह सब देख कर ऋषि संजू का मूड बदलता है।चलो संजू डार्लिंग । अब हम बाद में बातें करेंगे।क्या तुम मुझे एक kisss दोगी ।

संजू - कैसी बातें कर रहे हो । वैसे मैंने कहा ना  कि सबकुछ शादी के बाद।

अब ऋषि अपना गुस्सा कंट्रोल करता है ।और संजू बेड पर सोने के लिए चली जाती है।

संजू सो जाती है । फिर ऋषि एक वाइन की बोतल ऑर्डर करता है।अब ऋषि शराब पीता जाता है ।और संजना को ललचाए नजरों से देखता है।

यह सब इन्दर अपने फोन में देख रहा होता है।अब शराब के नशे में ऋषि संजना के पास जाकर बैठता है और उसे kisss  करने की कोशिश करता है। तभी संजना की आंख खुल जाती है।

संजू - यह क्या कर रहे हो ऋषि और तुम ने शराब पी रखी है तुम होश में नहीं हो।

 ऋषि -  होश में तो मैं अब आया हूं मैं।तुम्हारी जवानी के थोड़े से मजे लेना चाहताा हूं।

यह सब देख कर इंदर संजना के रूम में जाने लगता है तभी उसके फ्रेंड उसे रोक लेते हैं यह क्या कर रहे हो इंदर । थोड़ा रुक जा ।

संजना के रूम में-----

ऋषि संजू के दोनों हाथो को कश्के पकड़ कर जबरदस्ती करने लगता है ।

ऋषि   -  ना खुद को छूने दे रही है और ना ही कागजात पर सिग्नेचर कर रही है। कम से कम अपनी जवानी के मजे तो लेनेे दे।

संजू - ये क्या कर रहे हो ।ऋषि।छोड़ो मुझे मै तो तुम्हे बहुत अच्छा इंसान समझती थी।

ऋषि - चल बहुत हुआ तेरा नाटक इस पेपर पर सिग्नेचर कर दे ।वरना...…।।

संजू - no मै नहीं करूंगी सिग्नेचर।ये घर मेरा नहीं है ।

ऋषि संजू का सूट फाड़ देता हैं ।और मुह दवाता हैं । फिर फ्रूट्स काटने की चाक़ू को संजू की गर्दन पर रखता हैँ और कहता है ।करती है सिग्नेचर या काट दू तुझे। अब संजू रोने लगती है तभी इंदर और उसके फ्रेंड्स रूम मे आते हैं ।और संजू को बचा लेते हैं । अब ऋषि की सच्चाई संजू के सामने थी।

तभी संजू इंदर को देखकर उसके गले लग जाती है ।

संजू - रोते हुए ।मुझे माफ कर दीजिए प्लीज ।इंदरजी।

इंदर संजू को दूर हटाते हुए।ok संजना ok। रोना बंद करो।

फिर इंदर संजू को अपना कोट पहना देता है ताकि उसका फटा सूट ना दिखे।

फिर इंदर संजू को लेकर चंडीगढ़ (अपने घर) बापस आ जाता है ।इंदर और संजू घर के अंदर आते है ।संजू इंदर के पीछे हैं ।संजू देख रही थी कि इंदर उससे कोई बात नहीं कर रहा है ।

संजू - इंद्र जी रुके ।  क्या नाराज है मुझसे ।

   इंदर रुकते हुए नहीं संजू जी मेरा कोई हक नहीं है आपसे नाराज होने का।

संजू - ऐसा क्यों बोल रहे हैं इंदर जी।

इंदर - क्योंकि आपका हमारा तलाक हो चुका है।बात सिर्फ 6 महीने की है।

हमारे वकील ने 6 महीने साथ रहने को कहा है।फिर हम लोग पक्का एक दूसरे से अलग हो जाएंगे।

फैसला तुम्हारे हाथ में है तुम चाहो तो यहां रहो या अपने मम्मी पापा के घर रह सकती हो।

संजू - आप मुझसे बहुत नाराज हैं इंदर जी।इसीलिए तो आप मुझसे ऐसी बातें कर रहे हैं।

इंदर  - तलाक की जिद आपने ही की थी मुझसे।

संजू - लेकिन अब मुझे समझ में आ गया है कि आप से ज्यादा खुश मुझे कोई नहीं रख सकता मैं आपके प्यार को अब समझ गई हूं।

इंदर - मुझे इस तरह का प्यार नहीं चाहिए।आप मुझे प्यार भी नहीं करती हैं बस इसीलिए मुझे चाहने लगी कि मैंने आपकी जान बचाई।

 इतना कहकर इंदर ऊपर अपने रूम में चला जाता है।अब नीचे खड़ी संजू इंदर को देखती ही रहती हैं और कहती हैं ....…...…।।कि इंदर जी मैं आपको विश्वास दिला कर रहूंगी। कि मैं आपसे अब सच्चा प्यार करने लगी हूं।।