संजना ! जो एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती है। उसके परिवार में मां-बाप 1 भाई और संजना हंसी खुशी रहते हैं। संजना के पिता रिटयार पोस्टमैन है। सब उन्हें डाकिया बाबू नाम से बुलातेहै।
मां हाउसवाइफ है।पहले घर का खर्च डाकिया बाबू की सैलरी से पूरा नहीं हो पता था तो वो सिलाई कर कुछ पैसे कमाती थीलेकिन अब जब से संजना जॉब करने लगी है तब से घर की हालत काफी सुधर गई है।
संजना प्राइवेट बैंक में कर्मचारी हैये जॉब संजू के पिता के दोस्त अंकल जग्गू जिनका नाम जगरनाथ प्रसाद है।उनकी सिफारिश से मिली।वो भी संजू को अपनी बेटी ही मानतेहै।जग्गू अंकल ने शादी नहीं कीसंजू की फैमिली को वो अपना मानते हैं। उनका घर संजू के घर के पास है। संजना अभी बीकॉम सेकेंड ईयर में है।
उसका सपना है। के वो पढ़ लिख कर बैंक मैनेज़र बने। अपनी फैमिली को बड़ी सी कार में घुमाए। अपने छोटे से घर को बड़ा बनाया। भाई को पढ़ा लिखा कर अधिकारी बनाना चाहती है। संजू का भाई देवेश अभी 11वी क्लास मे है। वो भी खाली टाइम मे टयूशन पढ़ाता है। अपने परिवार को इतनी मेहनत करते देख संजना की मां सोनी की आँखों में आंसु भर लाती है।
और संजना के पिता सोमेश राठी जी से कहती है। कि सोमू जी हम कितने बुरे मां- बाप है। हमने अपने बच्चों का बचपन छीन लिया। सोनी जी के आंसू पोछते हुए सोमू जी मजाकिया अंदाज़ मे बोले। हे। मेरी प्यारी सोनी जी इसे नेचर किड्स कहते हैं। सोमू जी हसमुख इंसान हैं उनके इसी जिंदादिली कि बजह से लोग उन्हें पसंद करते हैं।
हंसी मजाक को दरवाजे खड़ी संजू बहुत गौर से देख रही थी। जो कि अभी ऑफिस आई थी तभी अपने मोबाइल से फोटो क्लिक करने लगी और सोचने लगी कि मेरा जीवनसाथी भी मेरे पापा की तरह जिंदादिल हो। साथ निभाने वाला होक्लिक की आवाज से सोनी जी और सोमू जी का ध्यान संजू की तरफ जाता हूं और वो बोले हैं बेटा तुम कब आई। तुरन्त सोमू जी बोले हैं जब हम रोमांस कर रहे हैं।
सोनीजी- आप कभी नहीं सुधरेंगे। और किचन में संजना के लिए पानी लेने चली जाती है।और सोनीजी और सोमूजी मंदिर के लिए जाते है।
सोनी जी- संजू बेटा हम लोग मंदिर जा रहे है।देवेश आता होगा बच्चो को ट्यूशन पडा कर।
संजू- ठीक है माँ।
सोमूजी- घड़ी बांधते हुए चलिये बीवी देर हो रही है।पता नहीं इन लेडीज को इतना समय क्यू लगता है।
ये सुन संजना जोर से हंसी और बोली हैं पापा मॉम तो बहुत दर से रेड्डी है। आप ही ने देर लगा दी।
फिर दोनो मंदिर चले जाते हैं।
इधर मंदिर मे।
एक बूढ़ी औरत जो कि बहुत बड़े घराने की लग रही है कार से उतरती है पूजा करने के लिये। ड्राइवेर् ने दरवाजा खोला बोला माजी हम जरा यही तक जा रहे है। पूजा खतम होने तक बापस आ जाएंगे ओके।
माँ जी जोकि दिल्ली मे कपड़ो के बहुत बड़े बिजन्स मैन श्रीवंश लाल जी की बीवी उर्मिला जी है। 15 साल पहले लालजी का देहान्त हो गया था। तब से सारा बिज़नेस उर्मिला जी के बड़े पोते इन्द्रेश लाल ने संभाला। इंद्रेश को सभी प्यार से इंदर कह कर बुलाते हैं लेकिन इंद्रेश की दादी ही उसे प्यार से इंदु बोलती हैं।
वर्तमान समय में
संजना के माता -पिता मंदिर पहुँचते है सोनी जी - देखा जी शाम हो गई आप तो किसी से भी रास्ते में बात करने लग जाते हैं।
सोमूजी हस्ते हुए बोले देखो सोनी जी जिंदगी में और क्या रखा है सिवाय प्यार मोहब्बत से बात करने के। आप बातें बंद कीजिए जल्दी चलिए रात हो जाएगी। दोनों ने मंदिर में पूजा की और घर की तरफ जाने लगे। सोमू जी ने कहा यहां बैठ जाइए यहां बैठ जाए सोनी जी इतना अच्छा मौसमम है आप बिना सोनू जी यह कहते हुए सोनी और सोमु जी वही पर ही बैठ जाते हैं वहीं पास में मंदिर की बेंच पर उर्मिला जी पूजा करके अपने ड्राइवर का इंतजार कर रही होती है। उर्मिला जी का फोन बजता हैं। उर्मिला जी फोन की रिंग नहीं सुन पाती है क्योंकी उनके कान की मशीन निकल गई होती है । तभी पास की बेंच पर बैठे सोमू जी उर्मिला जी सेकहते हैं मां जी आपका फोन बज रहा है ।उर्मिला जी कान की मशीन ठीक करते हुए क्या कह रहे हो बेटे ? वह मेरे कान की मशीन निकल गई थी आपका फोन बज रहा था माजीआपका फोन बज रहा था। सोमू ने कहा। जरूर मेरे बड़े पोते का होगा। 7:00 बज गए हैं मैं उसे घर में नहीं मिली होंगी तो वह परेशान हो रहा होगा आजकल इतने कैरिंग बच्चे कहां मिलते हैं मां जी। सोनी जी ने कहा वह तो है मेरा इंदु हैमेरी बहुत फिक्र करता है इंदु।
बोलते हुए सोमु और सोनी उर्मिलाजी का मुह देखने लगते हैं। उर्मिला जी-अरे इंदु तो मै कहती हूँ प्यार से अपने पोते को।उसका नाम तो इन्द्रेश लाल हैँ। ये नाम सुनते ही सोमूजी भोचक्के रह गये और बोले माजी कही आप श्री टेक्सटाइल के c e o इन्द्रेश लालजी की दादी तो नहीं है?
उर्मिलाजी-जि हां आपने ठीक सुना मै वही हु। इतनी देर मे फोन फिर बाज उठता है। ट्रिंग-ट्रिंग उर्मिला जी-हेल्लो हाँ बेटा इंदु बोल ।बस राकेश जो ड्राइवर हैं वो बस अभी आ रहा हैं। ओके बाय।
तभी उर्मिला जी उठती है और अचानक गिर पड़ती है। ये देख कर संजू के माँ पापा घबरा जाते है।
सोनीजी-अरे माजी क्या हो गया आपको।
सोनी जी नेउर्मिला जी का सर अपनी गोद में रखा और उनके बालों को सहलाने लगी।
सोमूजी-सोनिजि मा जी के मुह पर पानी की छीनते मारिये।
तभी वहाँ भीड़ एकत्रित हो जाति है।
सोमु जी - हवा आने दीजिए आप लोग दूर हो जाए। भीड़ से कहते हुए।
जैसे ही सोनी जी उर्मिला जी के मुंह पर पानी के छींटे मारते हैं।उर्मिला जी धीरे-धीरे आंखें खोलते हैंअरे क्या हो गया मुझे उर्मिला जी उठते हुए बोली। पता नहीं माँ जी आप अचानक बेहोश हो गई थी। सोनू जी बोले।
सोनी जी -माजी आइए बेंच पर बैठ जाइए। उर्मिला जी -पता नहीं राकेश कहां चला गया। उर्मिलाजी घर जाने क लिए ऑटो पकड़ने जाती है तो उन्हें फिर चक्कर आने लगते हैं।
सोमूजी-उर्मिलाजी को संभालते हुए। माँ जी आप हमारे घर पर चल कर आराम कर लीजियेगा। हमारा घर यहीं पास मे ही है।
हां माजी चलिए ना सोनीजी कहती है,
"उर्मिलाजी अरे बेटा मै ऑटो से चली जाउंगी। बैसे भी मेरी पूजा का समय हो रहा है।"
सोमूजी- माँ जी हम आपको इस हालत मे नहीं जाने देंगे।उन दोनो के आग्रह पर उर्मिला जी उनके घर जाती है। मंदिर से 5 मिनट की दूरी पर 100 गज मे मिडिल क्लास घर बना है जो बहुत सुंदर है। मैन गेट पर थोड़ी फुलवारी और फिर उनका छोटा पर सुंदर घर था।
सोनीजी संजना को आवाज लगातीती हैंकी संजू बेटा कहां हो?3 गिलास निम्बू पानी ले आओ।
अंदर से संजना की आवाज आती है।
जी मोम अभी लाई। तभी संजना 3 गिलास निम्बू पानी लाती है। और उर्मिला जी के पैर छु कर नमस्तें करती है।उर्मिला जी संजना की सादगी देखकर खो जाती है। हलके नीले रंग का पंजाबी सूट पहने 23 साल की संजना बहुत सुंदर लग रही थी। संजना अंदर चली जाती है।
तभी उर्मिला जी सोनू जी और सोनी जी से कहती हैं मैं अपने बड़े पोते के लिएआपकी बेटी का हाथ मांग सकती हूं।यह बात सुनकर सोनू जी और सोनी जी हैरान हो गए। सोनी जी उर्मिला जी से कहते हैं मां जी हम अभी आए और अंदर चली जाति है। सोमूजी को सोनी जी इशारे से बुलाती हैं मां जी मैं अभी आया।
और अंदर कमरे में चले जाते हैं।सोनी जी सोमू से कहती है आपको पता है कितने बड़े हैं इंद्रेशजी हमारीसंजना से उम्र मे सोमू जी कहते हैं मुझे पता है।इंद्रेश जी की उम्र 40 साल है और हमारी संजना की 23 साल। लेकिन क्या आप भूल गए सोनी जी हमारी बेटी की कमी के कारण उससे कोई शादी नहीं करेगा।
यह सुनकर सोनी जी सोच में पड़ जाती हैऔर शादी के लिए हां कर देती हैं। फिर दोनों लोग बाहर चले जाते हैंउर्मिला जी दोनों लोगों से पूछती हैं आप लोगों ने क्या डिसीजन लियाआपकी बेटी हमारे यहां दुखी नहीं रहेगी।सोनी जी उर्मिला जी से कहती हैं बात वह नहीं है मां जी फिर संजना की कमी उर्मिला जी को बताने लगती हैं फिर भी उर्मिला जी शादी के लिए हां कर देती हैंफिर मिठाई लेकर संजना के रूम में तीनो लोग जाते हैंऔर कहते हैं "बेटा अब तू मेरे घर की बहू बनने वाली हैमेरे इंदु की बहू मतलब मेरे इंद्रेश लाल की बहू। ये सुनकर संजना दुखी हो जाति है।"
लेकिन उर्मिलाजी के सामने थोड़ा मुश्कुराती है। और सोचती है कि मेरे माँ -पापा 40 साल के अधेड से मेरी शादी क्यू तय की। आखिर ऐसी क्या कमी है संजना मे जो 23 साल कि संजना की 40 साल के अधेड से होगी।वो भी माँ बाप कि मर्जी से।तो सुनते रहिये "प्यार का रिश्ता"!