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Chapter 3 - Untouched Feelings

इंदर मानो जैसे खो हि गया ।खूबसूरत संजना की सादगी देखने वाली थी।माथे पर छोटी से बिंदी ,बिना लिपिस्टिक के भी उसके होंठ गुलाबी थे।इंदर का मन कर रहा था।कि संजना के माथे पर आई लट को फूक मारकर हटा दे। ।

तभी नक्ष कहता है ,इंन्दर् भाई ।जूस लीजिये।संजना जी कब से जूस ली हुई खड़ी है ।तभी इंदर को होश आता है वो ख्यालो से बाहर  आता है।उर्मिला जी -जुस् पकड़ इंदर ,।।बेचारी कब से लिए खड़ी हैं । जूस लेते समय इंदर ने संजना से थैंक्स बोला ,संजना  कुछ नहीं बोली,चुपचाप बैठ गई।

ऐसा लग रहा था, इन्द्र् को यह महसूस हो रहा था  की  सायेद भगवान ने इंदर को ऊपर वाले ने  संजना के  लिए कुंवारा रखा था।

यह इंदर के लिए एक अनछुआ एहसास था।दादू और मोम डेड की death के बाद इंदर ने अपना पुरा वक़्त अपने चाचू के साथ बिज़नेस को आगे ऊंचाइओ तक पहुंचाने मे हि बिता दिया।। 

इंदर को कभी किसीसे प्यार हि नहीं हुआ या ये कह सकते है कि उसे वक़्त हि नहीं मिला इन सब के लिए।

अब तो इंदर ने अपना फोन अपनी जेब मे रख लिया और संजू को निहारता रहा।।

अब तो इंदर कि चाची उर्मिला जी से कहती है, । देख रहो है माँ जी ,इंदर को।

उर्मिलाजी-ह्म्म्म्

श्रावणी-हम्ने अपनें  इंदर को तो कभी इस रूप मे देखा हि नहीं ।

उमिलाजी-बस् मेरे इंदर का घर बस जाये। फिर मै चैन से मर सकती हु।

श्रावणीजी-ऐसि बाते मत किया कीजिये माँ।अभी तो आपको नक्सू के बच्चो को भी तो गोद मे खिलाना है।

उर्मिलाजी- छोड़ ये बाते ये पल enjoy कर।श्रावनी हस पड़ती है।

 बेटे जूस पी ले ,बाद मे देख लेना अब तो पुरी जिंदगी इसे हि देखना है तुझे।

इंदर शर्मा जाता है।

फिर जूस पिने लगता है।

उर्मिलाजी- सोमेशजी ,अगर अप लोगो को कोई परेशानी ना हो तो ।हम दोनो बच्चो को अकेले मे बात करने भेज दे।

सोमूजी-सोनि कि तरफ देखते हुवे,अरे हमें क्या परेशानी होगी माजी।

जा संजू ,इन्द्रेशji को छत  पर घुमा लाओ।।

संजू सोनीजी की तरफ देखते हुए ।।

सोनीजी-जओ बेटा,वो क्या है ना शर्मा रही है ।

उर्मिलाजी- जाओ अंदर बेटा संजू के संग टेरिस पर चले जाओ

जी दादी।

इधर संजू ना आगे ना पीछे,कहीं नहीं देख रही थी।

उसके तो मन मे गुस्सा और सवाल थे।

इधर इंदर था तो वो बिजनेसमैन पर उसे प्यार का एहसास पहली बार हुआ था।सो वो संजू के पीछे पीछे जाने लगा ।

अब संजू रास्ते मे यही सोच रही थी ,छत  पर जाकर इससे हि मना कर देती हु।

छत पर् शाम के 7.30 बजे है,।

संजू जल्दी जल्दी चली जा रही थी।

रुके संजू जी आप इतनी जल्दी जल्दी क्यों जा रही है ।

देखिए इंद्रेश जी मेरे अपने हैं मुझसे संजू नाम से बुलाते हैं अनजान लोग मुझे संजना नाम से बुलाते हैं

sorry sorry जी ,।

संजू-कोइ बात नहीं ,इतने बड़े बिजनेस मैन sorry बोलते हुए अच्छे नहि लगते है ।।

इंद्रेश- आपकी आवाज बहुत मीठी है ।

संजू इन्द्रेश की किसी बात पर गौर नहीं कर रही थी ।

क्यूकी उसके मन मे गुस्सा भरा था।

इन्द्रेश -आप भी बहुत प्यारी है।।आप कुछ नहीं बोल रही है ।।क्या नाराज है आप मुझसे? 

संजू-जि ऐसी कोई बात नहीं है ।

इन्द्रेश-तो फिर आप कुछ बोल क्यू नहीं रही है एक् बात बोलू मै आज तक किसीसे इतनी बात नहीं की।।

और किसी से इतनी जल्दी sorry भी नहीं बोला ।संजू-तो फिर मुझसे क्यू बोला ।

इंद्रेश-सच् बताऊ तो आप मुझे पहली नजर मे हि अच्छी लगी।। या यु कहे की आपसे प्यार हो गया।।

संजू-ये क्या बोल रहे है आप । 

इन्द्रेश-देखिये मुझे घुमा फिरा के बात करने की आदत नहीं है। इसलिए साफ साफ कह दिया।और मुझे कभी किसी से प्यार भी नहीं हुआ। क्युकी मुझे बिजनेस कि बजह से इन सब बातो के लिए समय हि नहीं मिला ।अगर आपने मेरा दिल तोड़ दिया ।तो सायेद किसी और से प्यार नहीं कर पाऊंगा।।

इन्द्रेश की इन बातों से संजना के मन मे कुछ हुआ ।।

इंद्रेशजी -सुना है की आप बैंक मे जॉब कर रही है ।

संजू  थोड़ा ठहर के।।।।

जी मे प्राइवेट बैंक मे एम्प्लॉय हु।

ओके जी ये तो बहुत अच्छा है ।हमे भी अपने ऑफिस के हिसाब मे मदद मिल जाएगी ।

आप चूप क्यू है।

संजना-मै घुमा फिरा के बात नहीं करनी अति है।

इन्द्रेश जी मै ये शादी नहीं करना चाहती।

इतनी बात सुनकर मनो ।इंदर का दिल हि टुट गया ।

इंदर-क्य आपकी पसंद कोई और है ।या फिर मेरी उम्र की बजह से ।

संजना - जो आप समझे।

ओह। सायेद आपकी कमी की बजह से।

इंद्र के ये शब्द सुनते हि संजना भोच्चक्की रह गई।। और मन मे कहने  लगी ।।क्या?

मुझमें कुछ  कमी है  ,ये बाते आज तक मेरे मा-पापा ने मुझें  नही बताइ ।आखिर् क्यू ।। ऐसा क्यू किया मोम पापा ने।। कि अनजान लोगो को मेरी कमी बता दी लेकिन मेरी ही कमी मुझे नहीं पता ।

कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी शादी अमीर घर मे हो इसी बजह से ....।।संजू ये सब सोच ही रही होती है।तभी पीछे से इंद्रेश की आवाज आती है

क्या सोच रही है संजना जी।।

देखिये ।अगर आप सोच रही है कि मै आपकी इन बातो को सुनकर शादी कि लिए मना कर दूँगा ।तो यह आपकी गलतफहमी है क्योंकि यह रिश्ता  मेरी दादी ने पसंद किया है और मैं दादी को कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करता हूं।

संजू गुस्से में - तो क्या इस चीज के लिए आप मेरी जिंदगी दांव पर लगाा देंगे।

इंदर - ऐसा नहीं है संजू जी चाहे तो आप शादी के बाद तलाक ले सकते हैं।।

और इस चीज की गारंटी मैं देता हूं, कि मैं शादी के बाद कभी आपको छूँगा भी नहीं।लेकिन वादा कीजिए कि आप यह बात मेरी दादी को  कभी नहीं बताएंगे।।

आप भी मुझसे याही वादा कीजिए कि यह बात मेरे मॉम डैड को ना पता चले।और मैंनेयह जॉबअपने घर की आर्थिक स्थिति को देखकर की है मैं शादी के बाद यह जॉब नहीं छोडूंगीऔर इससे जो इनकम होगी वह मैं अपने मॉम डैड को दूंगी।।

इंद्रेश आपकी लाइफ है और आपकी जॉब है आप इस पैसे से जो करें मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता बस मेरी दादी का दिल ना टूटे।। ओके तो फिर , निचे चले ।।

सबको ये खुश खबरी दे।कि हम शादी कि लिए तैयार है ।।