Chapter 7 - meri pari

परीक्षित - : उसकी शक्ल मासूम सी शक्ल देख कर हल्की सी स्माइल करता हैं। फिर  वो अपनी यूनिफॉर्म की पेंट के साइड पिस्टल को हैंग करके कहता है। बस - बस ज्याता नौटंकी मत कर मैं तेरी नौटंकी बहुत अच्छे से समझता हूं।

अभिमन्यु -: उसकी बात सुनकर ,मासूम सा चेहरा बना कर कहता है। अच्छा! मैं नौटंकी कर रहा हूं । और तू क्या कर रहा हैं। तू हमेशा काम में ही लगा रहता हैं। तेरे पास इकलौते दोस्त के लिए टाइम नही है। हम दोनो अपनी परिवार को छोड़कर उनसे दूर यहां राजौरी में आए हैं। अपनी ड्यूटी देश के प्रति अपना फर्ज और ड्यूटी निभाने और यहां मेरा तेरे अलावा कोई नहीं है। अपना कहने को ऑर हम दोनो ही एक दूसरे के अपने हैं। तू यहा काम में लगा रहता हैं। इसलिए आज में तुझे में ऑडर दे रहा हूं।की तू अब  से मेरे साथ 1या 2 घंटा वक्त बिताएगा। मैं कुछ नही जानता।यह तेरे इकलौते और भाई जैसे दोस्त का ऑडर हैं। और मेरा हक भी हैं। वो यह बात कह कर मासूम सा चेहरा बनाता हैं।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर, उसका मासूम चेहरा और नौटंकी देख कर हल्की सी स्माइल के साथ उसके कंधे पर हाथ रखकर स्माइल के साथ कहता है। जो हुकुम मेरे आका 

वो उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे ग्राउंड में रखें बैंच पर चलने को बोलता हैं। फिर वो भी स्माइल  करके उसके कंधे पर हाथ रख कर बैंच की तरफ उसके साथ चला जाता हैं। फिर दोनों कैप्टन दोस्त बैंच पर बैठ जाते हैं।

अभिमन्यु -: उसके सीरियस चेहरे को देखकर कहता है ।कभी हंस भी लिया कर ! तू पहले कभी ऐसा नहीं था। पहले तो थोड़ा स्माइल कर  भी लिया करता था ।अब तुझे महीने में एक ही बार देखता हूं। स्माइल करते हुए! 

परीक्षित- : फीकी सी स्माइल के साथ कहता है । यार ! " अभि" तू तो जानता है ।अब मैं ऐसा क्यों हो गया हूं। और पहले से ज्यादा सिरियस और अपने में और पूरा दिन काम में बिजी रहता हूं।

Note -: अभिमन्य का निक नेम" अभि "हैं। जो उसके दोस्त, करीबी लोग और परिवार वाले प्यार से "अभि " बुलाते हैं।

अभिमन्यु- : उसकी तरफ देख कर बोलता है ।हां-  हां मैं जानता हूं!  "परीक " तू क्यों सैड रहता है, हमेशा । और तूने काम में अपने आप को क्यों बिजी रखा हुआ है?

note -:  परीक्षित का निकनेम " परीक" हैं।जो उसके दोस्त, करीब लोग और परिवार वाले,उसको प्यार से "परीक"

परीक्षित-: उसकी बात को सुनकर कहता हैं। तू जानता है। मेरी उदासी और ऐसे बिहेवियर की वजह तो क्यों पूछ रहा हैं?

अभिमन्यु-: उसकी चिंता करते हुए भाव के साथ बोलता है। मैं तुझसे पूछ नहीं रहा हूं ।कि तू ऐसा क्यों हो गया है ?  मैं जानता हूं। जब से वो खूबसूरत और मासूम सी लड़की तेरी जिंदगी में एक साल पहले मसूरी ट्रिप के दौरान आंधी के तरह आकर और  तेरी जिंदगी में उस आंधी की धूल छोड़ कर चली गई थी।उसके बाद तू चुप-चुप और उदास रहने लगा हैं। तू पहले मुस्कराता और अपनी जिंदगी जीता था ।पर अब  तू सिर्फ अपने कामों में डूबा रहता है।  हंसना और अपनी जिंदगी जीना भूल गया है। मुझे यह सब देख कर तेरा बदला हुआ रूप अच्छा नहीं लगता हैं। और मैं अपनी पहले वाले इकलौते सबसे अच्छे दोस्त को बहुत मिस करता हूं। मुझे पहले बाला अपना दोस्त "परीक" चाहिए। इसीलिए मैं तुझ से बस इतना कहना चाहता हूं। तू उस लड़की को भूल जा, जो तेरे जिंदगी में 1 साल पहले मसूरी ट्रिप के दौरान ,तेरी जिंदगी में आंधी की तरह आई और हवा की तरह चली गई । और तू उसका असली नाम, पता और उसके बारे में कुछ नही जानता और तू उसे कहां-कहां ढूंढेगा। इसीलिए कहता हूं। तू उसे से भुलाने की कोशिश कर और आगे बढ़ाने की सोच और एक अच्छी लड़की से शादी करले और हमारे लिए प्यारी सी भाभी लिया।

परीक्षित - :उसके मुंह से शादी की बात सुनकर,वो थोड़ा गुस्सा हो जाता है। फिर वो बैंच से उठकर उससे कहता है। अभि ! मैं उस लड़की को नहीं भूल सकता हुं। फिर उसकी तरफ अपना चेहरा करके खड़े ही उसे देखकर उदासी और थोड़े गुस्से के मिलेजुले भाव के साथ कहता है । मैं अपनी "परी" को नहीं भूल सकता हूं । जबसे, वो मुझे 1साल पहले मसूरी ट्रिप के दौरान मिली थी । मैंने उसके साथ 2 दिन खुबसूरत पल बिताए थे।वो मैं उसको नहीं भूल सकता हूं। उसका मासूम सा खूबसूरत चेहरा, उसकी हंसी, प्यारी - प्यारी बातें और उसकी बचकानी क्यूटसी हरकते।मैं नहीं भूल सकता हुं।वो तब से मेरे दिल और दिमाग में छाई हुई हैं।वह यह अपनी  परी  खयालों में खो कर फीकी स्माइल और भुजे मन के साथ कहता है।

फिर वो सिरियस और उदासी के मिले - जुले भाव के साथ आगे कहता है।पता है! अभि मैं जब आंखें बंद करता हूं ।उसकी हंसी, क्यूट - क्यूट प्यारी बचकानी बातें और हरकतें और उसका मासूम सा खूबसूरत चेहरा दिखाई देता है। तो मैं अपनी परी को नहीं भूल सकता हूं। मैंने उससे 1 साल पहले मिलकर,असके साथ 2दिन बिताए हुए खूबसूरत पल के बाद अपने दिल को कसम दी है। की मेरी दिल, ज़िंदगी में और मेरे ऊपर अगर किसी का हक हैं। तो सिर्फ मेरी परी का हक हैं। और मैं उसे से ही शादी करके अपनी पूरी जिंदगी बिताऊंगा। 

अभिमन्यु- : उसकी बात सुनकर बैंच पर से खड़े होकर ,उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता है। तू उस क्यूटेसी परी को कहां-कहां ढूंढेगा। तू तो उसका असली नाम, पता,  और उसके बारे में कुछ  नहीं जानता है ।बस तू जानता हैं। सिर्फ उसका चेहरा और तूने 1साल पहले,उसकी क्यूटनेस और खूबसूरत चेहरे को देख उसका नाम परी रखा था। तू बस इतना ही जानता हैं।कैसे मिलेगी तुझे तेरी परी? वो यह बात उसकी फिकर करते हुए कहता हैं।

परीक्षित- : उससे कहता है ।मैं जानता हूं।मुझे परी को ढूंढना मुश्किल है। पर नामुमकिन नहीं है। और मैंने अभी तक उम्मीद नहीं छोड़ी है। की वो मेरी जिंदगी में  दोबारा आयेगी। मैं उसका इंतजार करूंगा। यह मेरी सच्चे प्यार की परीक्षा हैं।जो मुझे देनी हैं। ऑर इस परिक्षा को पार भी करना पढ़े तो, वो में करूंगा।

अभिमन्यु -: उसके कंधे पर हाथ रखकर उसकी फिकर करते हुए कहता है। पर परीक तेरी बात तो सही हैं। की यह तेरी सच्चे प्यार की परीक्षा हैं।वो बात में समझता हूं।अगर तेरी परी तुझसे दोबारा नहीं मिलना हो पाया और तेरी जिंदगी में नहीं आई, अगर खुदा न खस्ता अगर उसकी मुलाकात तुम्हारी उससे दुबारा हो भी गई ,तो क्या गारंटी हैं? की वो तुझ से प्यार करती हो या अगर जरा सी भी प्यार करती भी होगी और उसके दिल में थोड़ी सी फिलिंग भी होगी। तो, तेरा इंतजार करते - करते अपनी  लाइफ में आगे बढ़ गई हो या उसने तेरी तरह अपने दिल को कसम नही दी हो की उसकी जिंदगी में अगर कोई हैं वो तूही हो जरूरी नहीं हैं। तब तू क्या करेगा?

परीक्षित -: फीकी सी स्माइल के साथ कहता हैं।अगर ऐसा कुछ होता हैं।की वो मेरी जिंदगी में दुबारा नही आ सकती और अगर दुबारा उस से मिलना भी हो गया। और पता चला कि वो अपनी लाइफ में आगे बढ़ गई और खुश हैं। तो मैं उसके खुशी के लिए उस से बहुत दूर चला जाऊंगा और जो मैंने अपने दिल को कसम दी हैं, की मेरे दिल में सिर्फ परी की जगह होगी ।उसी के लिए मेरा दिल धड़केगा, वो कसम कभी नहीं टूटेगी और मैं अपनी ज़िंदगी में उसके अलावा और किसी की जगह नहीं होगी। और मैं किसी से भी शादी नही करूंगा और अपनी पुरी ज़िंदगी देश के नाम कर दूंगा। क्योंकि मेरी जिन्दगी और मुझ पर सिर्फ मेरी परी का हक हैं। मेरी ज़िंदगी में सिर्फ मेरा परिवार, तेरे अलावा किस जगह हैं । वो हैं। मेरी परी । यह मेरी जिद्द हैं , जो मैंने अपने आप से की हैं।

अभिमन्यु -: हल्की सी स्माइल के साथ उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हुं। की तुझे तेरी खुशी जान से परी से मिला दे , वो तेरी जिंदगी में परी बनकर ,तेरी जिंदगी में खुशियों से भर दे। अब तो मुझे भी इंतजार होगा। तेरी परी का क्योंकि वो ही, मेरे पहले वाले दोस्त को वापस ला सकती हैं। उसकी खुशियां और जो यह ज़िंदगी जीना भूल गया हैं। वो फिर से जी सकेगा। मैं भी देखना और मिलना चाहता हूं । की ऐसा क्या हैं। उस परी में जो ,मेरे दोस्त को दीवाना बना दिया हैं। उस से मिलने के बाद, मेरे दोस्त ने अपने दिल को कसम दी हैं। की वो पूरी जिंदगी उसी के नाम करना चाहता हैं।

परीक्षित-: उसकी बात सुनकर हल्की सी स्माइल के साथ कहता है। आई होप भगवान तेरी बात सुन ले ,और मुझे अपने ऊपर और सच्चे प्यार पर पूरा विश्वास है।की परी मेरी जिन्दगी में दुबारा जरूर आएगी । और वो भी मेरा इंतजार कर रही होगी ,मुझे उसका हमेशा इंतजार रहेगा और तेरी भी इच्छा हैं । की मेरी परी से मिलने की वो भी  पूरी होगी।

अभिमन्यु -: स्माइल करके कहता हैं। भगवान करे जो तुझे अपने आप और सच्चे प्यार पर विश्वास और तुझे उम्मीद हैं । की परी दुबारा तेरी जिंदगी में आयेगी वो बहुत जल्द पूरी हो जाए और वो दुबारा तेरी जिंदगी में आकर तेरा प्यार को स्वीकार करके आ जाये और तेरी खुशियां मिल जाए।

परीक्षित उसकी बात सुनकर स्माइल करता हैं। अभिमन्यु भी उसकी स्माइल को देख कर उसे छेड़ते हुए कहता हैं । क्या बात हैं? परीक तेरी स्माइल परी के नाम से सुनकर आ जाती हैं। तेरी स्माइल लाने के लिए में भगवान से कहता हू। की मेरी दोस्त की जिन्दगी में उसकी खुशियां, उसकी परी को जल्दी से दुबारा लादो।ताकि वो हमेशा खुश रहे और अपनी जिंदगी अच्छे से जीए । वो यह बात मासूम सा चेहरा बनाकर कहता हैं।

तभी परीक्षित उसकी बात पर हंस जाता हैं। फिर वो दोनो गले मिलते हैं। परीक्षित अपने मन में कहता हैं। कहां हो परी 

तभी दूसरी तरफ इंदौर के सर्वोदय कॉलेज के ग्राउंड में रखी हुई ,बेंच पर बैठकर पवित्रा अपने जुड़वा भाई राहुल का वेट कर रही है। आज उसका प्रैक्टिकल और असाइनमेंट फाइल सबमिट करनी थी। इसलिए उसकी क्लासेज जल्दी ही ओवर हो गई ,और वह अपने जुड़वा भाई राहुल की क्लास ओवर होने का वेट कर रही है। और उसकी फ्रेंड दिशा को घर पर काम था। तो वह भी जल्दी चली गई है। वह ग्राउंड के बेंच पर अकेले बैठकर कुछ सोचने लगी। तभी उसे अचानक से अजीब सी फीलिंग और दिल में हलचल सी होने लगी । वो खुद से कहती हैं। ये !अचानक से अजीब सी फीलिंग और हलचल क्यों हो रही हैं।तभी इस अजीब सी फिलिंग जो उसके मन में हो रही थी। उसे नॉर्मल करने के लिए अपनी दोनो आंखे बंद करती हैं। उसके बाद उसकी आंख लग जाति हैं। तभी उसे एक हैंडसम ,प्यारा सा चेहरा नजर आने लगता है। उसकी  बड़ी-बड़ी आंखें ,पतले होठ और सलीखे से सेट की हुए बाल ,प्यारी सी स्माइल नजर आने लगती है। वो हैंडसम सा लड़का उसके पास आकर स्माइल करके उसके हग करके उसके फोरेहेड पर किस करता हैं। वो भी उसके किस और हग करने से ब्लश करने लगती हैं। फिर वो उसे लिप्स पर किस करने ही वाला होता हैं। तभी वहां पर स्पोर्ट्स के स्टूडेंट्स आकर फुटबॉल खेलने लगते हैं। और तेज - तेज हूटिंग और बाते करते हैं । उन लोगो की आवाज से उसकी आंखों खुल जाती हैं। वो अभी उस हैंडसम से लडके को सपने में देख कर उसे हग और किस करने से उसके चेहरे पर स्माइल आ रही होती हैं। पर जब उसकी उन लोगो की तेज आवाज से आंख खोलती हैं। वो इधर- उधर देखकर उस हैंडसम से लडके को खोजने लगती हैं । पर वो उसे कहीं नजर नहीं आता हैं। पर उसके मन में अचानक से अजीब सी फीलिंग और हलचल अभी भी होती हैं।वो उदास और भुजे मन के साथ कहती हैं।  कहां हो मेरे "सोना"

तभी दूसरी तरफ राजौरी में हेडक्वार्टर के ग्राउंड में परीक्षित जो अभिमन्यु के साथ स्माइल करके गले मिला हुआ था। अचानक उसके मन में भी अजीब सी फीलिंग और हलचल होने लगती है। तभी

परीक्षित -: उस से दूर होकर अपने दिल पर हाथ रख कर मन में कहता हैं। ये! अचानक से मेरे दिल में अजीब सी फीलिंग और हलचल क्यों होने लगी। ऐसा क्यों लग रहा हैं। मेरी परी ने मुझे पुकारा और याद किया। वो अभी भी उसी के खयालों में खो कर सोच ही रहा था। तभी 

अभिमन्यु -: उसे खयालों में खोए हुए देखकर , वो उनके पास आकर अपना हाथ उसके कंधे पर रख कर कहता है। क्या बात परीक?

परीक्षित -: उसके कंधे पर हाथ रखने और उसकी आवाज से वो ख्यालों से बाहर आता है ।वह कुछ बोलने ही वाला होता है।

तभी एक सोल्जर वहा ग्राउंड में  उन दोनो के पास आकर कहता हैं ।मेजर जनरल नायक ने उन दोनो को अपने ऑफिस में बुलाया है ।तभी वह दोनों हां में सिर हिलाकर मेजर जनरल नायक के ऑफिस की तरफ चले जाते है।

दूसरी तरफ इन्दौर के सर्वोदय कॉलेज में पवित्रा अपने सोना को सपने में देखने के बाद। वो उसे हकीकत में न देखने की वजह से वो उदास हो जाती हैं। अभी भी उसके दिल में अजीब सी फीलिंग और हलचल हो रही हैं। वो खुद से केहती हैं। ये! अभी भी अचानक से दिल में हलचल और फीलिंग क्यों हो रही हैं। मुझे ऐसा क्यों लग रहा हैं। की मेरे सोना ने मुझे याद किया और मुझे पुकारा हो। फिर वो आगे मन में कहती हैं। कहां हो सोना ।

तुम्हे पता हैं। मैं तुम्हे कितना याद और इंतजार कर रही हूं, पिछले 1साल से पर तुम मुझे अभी तक नही मिले। तुमसे मिलने के बाद ही तो जाना हैं। सच्चा प्यार क्या होता हैं? तुमसे मिलने के बाद ही मैने जाना है।, तभी मैने अपने दिल को कसम दी थी। की मेरी जिंदगी में कोई होगा और जिसके साथ, मैं पूरी जिदंगी शादी करके बितानी है। वो हो आप सोना। अब में अपनी जिन्दगी और दिल में किसी के लिए कोई जगह नही दे सकती ।वो यह बात अपने ख्यालों में खुद से बात करती भुजे मन के साथ सोचती हैं।

तभी वहा पर उसकी एक और फ्रेंड ईशा जो आर्ट्स डिपार्टमेंट की स्टूडेंट हैं। वो उसे बैंच पर बैठा देख कर वो  स्माइल के साथ उसके पास बैंच कि तरफ आकर उसके कंधे पर पीछे से हाथ रखती हैं। तभी वो अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस करके उसकी टुंडरा ख्यालों से टूटटी हैं। फिर वो पीछे मुड़कर देख कर उसे स्माइल के साथ अपने पास बुलाकर बात करने लगती हैं। वो पवित्रा को फनी बातो से हसा रही थी। वो भी उसकी फनी बातो से हंसकर थोड़ी देर के लिए। वो अपने सोना को भुल गई थी।

सो रीडर्स आज के एपिसोड को रीड करके पता चल गया होगा। की पवित्रा और परीक्षित ने अपने दिल को किस चीज की कसम दी है।  परीक्षित की परी कौन हैं? पवित्रा का सोना कौन हैं ?आगे इन दोनों के बारे में जानने के लिए आपको मेरी दिल से लिखी हुई। कहानी दिल को मैने दी कसम पढ़नी पड़ेगी।