Chapter 8 - Kahan ho Pari

दूसरी तरफ राजौरी में परीक्षित और अभिमन्यु ,वह दोनों चलकर ग्राउंड से चल कर मेजर जनरल नायक के केबिन की तरफ चल कर, वो दोनो केबिन के पास पहुंचकर डोर नोक करके कहते हैं। मे आई कम इन सर! 

मेजर. जनरल नायक -: उन दोनों को केबिन के सामने गेट पर देखकर कहते हैं। येस कमिंग ! वो उन दोनों को अंदर आने का आने का इशारा करके अपने डेस्क के सामने रखी चेयर पर बैठने का इशारा करते हैं। कर्नल राठौर पहले से उनके केबिन बैठे हैं ।वो दोनो उन के बगल वाली चेयर पर बैठ जाते हैं।फिर वो दोनो वहा पर मौजूद दोनो सीनियर आफिसर्स को ग्रीट करते हैं। वो दोनो भी हल्की सी मुस्कान के साथ उन दोनों के ग्रीट का जवाब देते हैं।

कैप्टन परीक्षित-: उनकी तरफ देख हल्की सी स्माइल के साथ बोलता हैं। सर, आपने हम दोनो को किस लिए बुलाया?

मेजर.जनरल नायक -:  उन दोनों को सीरियस एक्सप्रेशन के साथ कहते है। देश में   आतंकवादी का आतंक बढ़ता जा रहा है। वो दिन भर दिन देश में देशाहतगर्दी फला ही जा रहे हैं। अभी - अभी न्यूज  मिली हैं। की गोरखपुर में कृष्णा मंदिर के पास सुसाइड बम ब्लास्ट हुआ है। उसमें कई निर्दोष लोग की जान गई और कुछ लोग घायल हुए हैं। तभी  कैप्टन अभिमन्यु अपना फोन निकालकर न्यूज़ देखने लगता है।उसके बगल में कैप्टन परीक्षित भी बैठा था । उन्होंने भी यही न्यूज़ देखकर दोनो कैप्टन का चेहरा गुस्से और  चिंता के मिले - जुले भाव के साथ हो जाता है।

मेजर. जनरल नायक -:  उन दोनों के मिले-जुले भाव को देखकर ,उन दोनों को रिलैक्स होने को बोलते हैं। 

कैटन परिक्षित -:  सीरियस एक्सप्रेशन के साथ बोलता है। अब हमें क्या करना चाहिए। सर! जिससे यह आतंकवादी का आतंक कम हो जाए।

कर्नल राठौड़ -: उन्होंने की तरह देखकर सीरियस एक्सप्रेशन साथ कहते हैं। हम सबने सोचा है। कि क्यों न सिविलियंस को आर्मी ट्रेनिंग दी जाए ?  जिससे सिविलियंस अपनी सुरक्षा खुद कर सके और देश के प्रति अपना फर्ज निबाये l। यह प्रोग्राम सिविलियन्स के लिए 1 साल के लिए होगा। सिविलियन्स आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम के नाम से कंडक्ट कराएंगे।

मेजर. जनरल नायक -: हम ट्रेनिंग देहरादून के जांबाज मिलिट्री एकेडमी में देंगे। मैंने वहां की प्रिंसिपल और देश के राष्ट्रपति के साथ बात करके इन दोनो से सला - मशवरा लेकर और उनकी परमीशन लेने के बाद, हम यह ट्रेनिंग 1साल के लिए ट्रायल बेसिस पर इसी एकेडमी में स्टार्ट करेंगे। तब तक हम लोग। इस ट्रेनिग के लिए न्यू एकेडमी तैयार कर लेंगे। मैंने न्यू एकेडमी इस ट्रेनिंग के लिए राष्ट्रपति से बात कर ली हैं। वो 1साल के अंदर रेडी हो जायेगी।

कैप्टेन परीक्षित -: उनकी  बात को सुनकर , वो अपने गाल पर हाथ रख कर कुछ सोच हुए बोलता हैं। यह सजेशन तो अच्छा है सर।

कैप्टन अभिमन्यु - : उनकी बात सुनकर कहता हैं। सर, अब हमें क्या करना चाहिए।

मेजर .जनरल नायक - : उन दोनो की बात सुनकर बोलते हैं। तुम दोनो को उस एकेडमी में एस ए ट्रैनर अप्वॉइंट किया जाता है। तुम दोनों वहां पर सिविलियंस को आर्मी की ट्रेनिंग दोगे। दुश्मनों से कैसे लड़ना है । उनको  स्मार्ट स्किल और टेक्नीक कैसे यूज़ करनी है। सब कुछ तुम दोनों को इस ट्रैनिंग प्रोग्राम के तहत सिविलियन्स को ट्रेनिंग दोगे। जो सिविलियन्स इस ट्रेनिंग का एंट्रेंस एग्जाम टेस्ट देकर सिलेक्ट होकर अकैडमी में आयेगा।

फिर दोनों कैप्टन यह सुनकर हां सर हिलाते हैं।

मेजर जनरल नायक -: उन दोनो को देखकर कहते हैं। आज से ठीक डेढ़ महीने बाद अक्टूबर के मिड में हम ,ये ट्रेनिंग स्टार्ट करेंगे। तुम दोनो को डेढ़ महीने बाद, तुम दोनो को देहरादून , जांबाज मिलिट्री एकेडमी में एस ए ट्रेनर1 साल के लिए अप्वाइंट किया जाता है।

फिर वह चारों थोड़ी देर बात करके हैं । फिर बात करने के बाद , दोनों कैप्टेन उन दोनो जय हिंद बोल कर वहा से चले जाते हैं।

वह दोनों कैप्टन उनके केबिन से बाहर निकलकर हेडक्वार्टर के कॉरिडोर से चलकर , वो दोनो अपने - अपने कैबिनेट की तरफ जाते हुए ।

अभिमन्यु -  स्माइल करते हुए। वो उसके के कंधे पर हाथ रख कर बोलता है। यार! परीक  हम दोनों की पोस्टिंग जांबाज मिलिट्री एकेडमी में हुई है। वह जहां से हम दोनो ने ट्रैनिंग लेकर वहा से लेफ्टिनेंट की रैंक पर आर्मी ऑफिसर बनकर पास आउट हुए ,और तू उस  एकेडमी का बेस्ट कैडेट और मैं 2 बेस्ट कैडेट पास आउट हूं। वहां जाकर हम दोनों की फिर से सब यादें ताजा फिर हो जाएगी ।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है। फिर वह स्माइल के साथ कैसा है। हां अभि!  तू सही कह रहा है ।एकेडमी मैं जाकर हम दोनों की यादें ताजा हो जाएगी। वहा की ट्रेनिंग ग्राउंड, क्लासरूम ,कैंटीन और वहां की मस्ती सब कुछ यादें ताजा हो जाएगी। फिर वो उसकी तरफ देखते हुए, जो अकैडमी में एस ए ट्रेनर अप्वॉइंट होने से खुश था।वो उसकी खुशी देखकर आगे स्माइल करके कहता है। मैं जानता हूं ! तू जेएमए में पोस्टिंग होने से क्यों खुश हैं। तुझे वहा पर तुम्हारी बचपन की दोस्त और प्यार से जो मिलने वाला हैं। जो तू 2साल से नही मिला हैं। क्यों नही मिला हैं । वो हम दोनो अच्छे से जानते है?

अभिमन्यु -: उसके मुंह से अपने बचपन का प्यार और दोस्त के बारे में सुनकर, वो  फीकी सी स्माइल के साथ कहता है। हां परीक! मैं खुश हूं। की मेरी पोस्टिंग जेएमएए में हो गायी हैं।  मैं फाइनली उससे 2 साल बाद उस से मिल पाऊंगा। मुझे पता हैं। की वो मुझसे नाराज होगी। पर कोई नहीं ,मैं वहा जाकर उस से मिलकर सारी नाराजगी दूर कर दूंगा, की मैं उस से दो साल से क्यों नहीं मिला हूं। मैं वहां जाकर अपनी मुजबूरी सब कुछ बता कर उसकी नाराजगी दूर कर दूंगा।

परीक्षित -:उसकी बात सुनकर,वो  हल्की सी स्माइल करके उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता हैं।हां अभि ! तू उसकी सारी नाराजगी दूर कर देना और उसे बता देना उसको,की तेरी क्या मजबूरी थी। उस वक्त जो तू उससे 2 साल तक नहीं मिल पाया और उससे कॉन्टेक्ट करके बात नही कर पाया था।वो सब बता देना, वो तुम्हारी बात जरुर समझेगी और तुझे माफ कर देगी ।फिर तुम दोनों अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सकोगे और तुझे उसके साथ वक्त बिताने के लिए और अपनी प्रॉब्लम सोल्व करने के लिए।  तेरे पास 1साल का टाइम हैं। उसके साथ ब्यूटीफुल मोमेंट बनाने के लिए और जो तुम दोनो ने पिछले 2साल में जो मिस किया  हैं । वो अब इस 1साल में उसके साथ प्रॉब्लम और गीले - शिकवे खतम करके अपनी लाइफ फिर से जी लेना।

अभिमन्यु -: उसकी बात सुनकर स्माइल करके कहता हैं। हां। मैं उस से मिलकर अपनी प्रॉब्लम सोल्व करके और उसे मनाकर, अपनी जिन्दगी उसके साथ फिर से जीयूंगा और पुरानी बुरी यादों को भूलकर मैं उसके साथ इस 1साल में नई यादें बनायूंगा। वो उसकी तरफ देखकर उसके कंधे पर हाथ रख कर कहता हैं। भगवान करे तेरी परी भी  फिर से जल्द ही मिल जाए औरतेरी जिंदगी में वापस आ जाये और तेरी जिंदगी भी खूबसूरत हो जाए।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर फिर से परी का नाम सुनकर स्माइल करता हैं । आई होप तेरी बात सच हो जाए । मेरी जिंदगी में परी बहुत जल्द आजाए।

वो दोनो कॉरिडोर में बात करते -करते अपने -अपने केबिन में चले जाते है।

परीक्षित वह उससे बात करके अपने केबिन में आता है ।वह ! वहां रखी डेक्स के सामने रखी हुई चेयर पर बैठ जाता है। फिर वो अपनी आंखें बंद करता है।  उसकी आंख थोड़ी देर में थकान होने की वजह से लग जाती है। वह सपने में अपनी परी को देखता है। जिसने व्हाइट कलर की कुर्ती और रेड कलर की लेगिंग पहनी हुई है ।और उस के ऊपर  रेड कलर का दुपट्टा डाला हुआ है ।बालों को खुला हुआ छोड़ा हैं।कानों में छोटी-छोटी डायमंड की टॉप्स और गले में सिंपल सी  चैन पहनी हुई है। चहरे पर मेक - अप के नाम पर सिर आंखो में काजल ,उसके पतले होठ को नैचुरली गुलाबी रंग के थे।वो ऑल - ओवर बहुत ही प्यारी और खूबसूरत लग रही थी । वह हंसते हुए परीक्षित की तरह चलकर जिसने ब्लैक कलर का शर्ट ब्लैक जींस पहनी हुई है। और बालों को सलीके से सेट किया हुआ है वह हाथों में वॉच पहनी हुई है वह भी बहुत हैंडसम लग रहा था ।  वह उसकी तरफ स्माइल  करते हुए । उसकी तरफ बढ़ती है। परीक्षित भी स्माइल करके उसे देख रहा था। वो उसको अपनी तरफ आता देखकर अपनी बाहें फलाता कर ,अपने पास बुलाता है। वो उसके पास आकर उसके बाहों में चली जाती है। और उसको कस कर पकड़ कर कहती हैं। आप आ गाये। मैं आपका कब से इंतजार कर रही थी।

वो यह सब सपना देखते हुए उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती हैं।

परीक्षित अपनी बाहों में उसको भरते हुए स्माइल के साथ कहता हैं। हां परी तुमने मुझे याद किया और मैं तुम्हारे पास आ गया। फिर वो उसको अपने से उसका चेहरा थोड़ा दूर करके अपनी दोनो हाथो में लेकर उसकी फोरहेड पर किस करता हैं। फिर वो उसके लिप्स पर किस करने के लिए अपने लिप्स आगे ही करने वाले होता हैं। तभी उसका फोन की रिंगटोन बजने लगती हैं। वो उसकी आवाज से उसकी आंख खुल जाती हैं। और जो वो अपनी परी को सपने में देख कर स्माइल कर रहा था। उसकी आंखे खुलकर उसका सपना टूट जाता हैं। वो अपनी आंख खोल कर इधर -उधार पूरे केबिन में परी को खोजने लगता हैं। फिर वो समझ जाता हैं।की वो सपने में परी को देख रहा था। जो टूट गया हैं ।पर उसे हकीकत में परी को ना पाकर उसका सपना टूटते ही वो मायूस सा हो जाता हैं। फोन की रिंगटोन बार -बार नॉन स्टॉप बजने को वजह से वो अपना फोन उठाकर देखता हैं । तो उसका फोन में इंश्योरेंस कंपनी से फोन था जो पॉलिसी बेचने के लिए फोन आया था।वो फोन को न अटेंड करके कॉल को डिस्कनेक्ट करता है। फिर वो भुजे मन से मोबाइल को अनलॉक खोल कर उसकी फोटोग्राफ निकाल कर खुद से कहता हैं। कहां हो परी! फिर वो उसकी और अपनी मुसूरी ट्रिप के दौरान जो फोटोग्राफ उसके साथ और इंडिविजुअल फोटो क्लिक की थी वाली फोटोग्राफ अपने मोबाइल में देखने लगता हैं। 

तभी दूसरी तरफ इन्दौर के सर्वोदय कॉलेज में

पवित्रा -: की दोस्त जो उस से कुछ देर पहले हंसकर बात कर रही थी।वो अभी 5 मिनट पहले ही चली गई थी । उसके जाने के बाद। वो बैंच पर फुटबॉल मैच देख रही होती हैं।जो स्टूडेंट्स ग्राउंड में खेल रहे थे।फिर से उसके दिल में अजीब सी फीलिंग और हलचल होने लगती हैं। ऐसा लग रहा था उसका सोना उसे याद कर रहा था।वो खुद कहती हैं। की मुझे फिर से अजीब सी फीलिंग और मेरे दिल में हलचल क्यों होने लगी। ऐसा क्यों लग रहा है। सोना ने फिर से उसे याद किया हैं। वो फिर से उसके खयालों में को गई थी।तभी पीछे कोई उसके कंधे पर हाथ रखता हैं। वो अपने कंधे किसी का हाथ को महसूस होते हुए, वो सोना के ख्यालों से बाहर आकर,वो पीछे मुड़कर देख कर कहती हैं। राहुल तुम कब आए। वो उसे चौकते हुए देखती हुए कहती हैं ।

राहुल -: उसकी तरफ देख कर हल्की स्माइल के साथ कहता हैं । मैं अभी आया जब तू अपने ख्यालों में खोई हुई। बैंच पर बैठी थी तब आया। मेरी क्लासेज अभी ओवर हो गई हैं।  शौर्य भाई का फोन मेरे पास आया था जब मेरी क्लास ओवर हो गई। वो हम दोनो का कॉलेज के बाहर इंतजार कर रहे हैं । तो अब चले।

पवित्रा -: उसकी बात सुनकर हां में सिर हिलाती हैं। उसके साथ कॉलेज के बाहर उसके साथ इधर - उधर ग्राउंड में देख कर कॉलेज के बाहर चलने लगती है। 

वो दोनो कॉलेज के बाहर आकर देखते हैं। शौर्य उन दोनो का कॉलेज के बाहर कार में ड्राइविंग सीट पर बैठ कर रहा था। वो भी अभी -अभी मीटिंग खतम करके कॉलेज के बाहर आया था। वो अपने भाई - बहन का वेट कर रहा था। तभी वो दोनो उसे देख कर उसकी तरफ अपना हाथ हिलाते कर का बढ़ जाते हैं

राहुल आगे वाली सीट पर शौर्य के बगल में बैठ जाता हैं। पवित्रा पीछे बैठ जाती हैं। वो अपना मूड जो कुछ देर पहले उदास हो गया था। सोना को हकीकत में ना पाकर वो उदास हो गई थी। वो अपना मूड ठीक करती हैं। अपने भाइयों के लिए। वो अपनी भाईयो को अपना मूड खराब करे उनको परेशान नहीं करना चाहती थी। और आज का प्लान उसके बड़े भाई ने बड़े प्यार से बाहर मॉल में शॉपिंग, रेस्टूरेंट में लंच और डिनर साथ में करने का और एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करने का, वो प्लान फेल नहीं करना चाहती थीं। इसीलिए उसने अपना मूड सही किया और वो स्माइल करके कार में बैठ जाती है।

फिर शौर्य उन दोनो के बैठने के बाद। वो कार ड्राइव करके सबसे पहले किसी अच्छे से रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ाता हैं। क्योंकि दोनो को बहुत भूख लगी रही थी। और वो भी मीटिंग में सिर्फ काफी और स्नैक्स लिए था । इसीलिए उसको भी भूख लग आई। थोड़ी देर बाद वो अच्छे से रेस्टुरेंट के आगे कार रोक कर कार पार्क करके वो तीनो रेस्टुरेंट के अंदर जाते हैं। शौर्य वहा के मैनेजर को प्राइवेट रूम की बोलता हैं। मैनेजर उसे प्राईवेट रूम अरेंज करवाता हैं। वो तीनो उसे प्राईवेट रूम की तरफ बढ़ जाते हैं। वहा पर जितनी भी लड़किया थी सब शौर्य और राहुल की हैंडसम पर्सनैलिटी को घूर -घूर कर देख रही थी। और लड़के पवित्रा की खूबसूरती को घूर कर देखा रहे थे। पर उन तीनो को इस से कोई मतलब नहीं था।वो तीनो यह सब इग्नोर करके प्राइवेट रूम की तरफ चले जाते ।

वहा रखी सोफे पर बैठ कर बाते करते हैं। तभी वेटर उन लोगों का ऑडर लेने आता है। वो तीनो अपने पसंद की डिशेज ऑडर करते हैं। वेटर ऑडर लेने के बाद वहा से चला जाता हैं। फिर वो तीनो बात करते हैं।पवित्रा अपने प्रैक्टिकल के बारे में उन दोनो बताती है। राहुल अपने फ़ैशन डिजाइनिंग क्लास के बारे में बता था।वो तीनो बाते करने लगते हैं।

वहीं दूसरी तरफ राजौरी में परीक्षित अपने कैबिन में परी को मोबाइल में उसकी फोटोग्राफ देखकर उसके ख्यालों में उसके साथ मसूरी ट्रिप के दौरान बिताए हुए,2 दिन खूबसूरत पल के बारे में सोचता हैं। तभी उसकी केबिन का डोर नॉक होता है । डोर नॉक होने के वजह से वह उसकी खयालों से बाहर आकर सामने अपने कैबिन की डोर पर खड़े

मेजर.जनरल नायक को देख कर वो अपने चेयर पर से उठकर स्माइल के साथ कहता हैं। सर ,आप यहां कुछ काम था क्या?

मेजर. जनरल नायक -: हां कैप्टेन परीक्षित ! मुझसे एक वीक पहले इंदौर जाने के लिए छुट्टी मांगी थी। अपनी फैमिली से मिलने के लिए। उनके साथ वक्त बिताना के लिए।

कैप्टेन परीक्षित -: हां सर! मैं अपनी फैमिली से 1साल से नहीं मिला हूं । मैं उन्हे बहुत मिस कर रहा हूं।और अपने शहर इंदौर को भी।मैं उनसे मिलकर उनके साथ वक्त बिताना चाहता हूं। और इंदौर को देखना चाहता हूं ।कैप्टन परीक्षित ने इस्माइल के साथ उन्हे बोला।

मेजर.जनरल नायक -: तो मैंने तुम्हारी छुट्टी सेंक्शन 15दिन की कर दी हैं।1महीने बाद इंदौर चले जाना और अपनी फैमिली के साथ वक्त बिताने । उसके बाद तुम इन्दौर से सीधे जेएमए, देहरादून चले जाना।

कैप्टेन परिक्षित-: छुट्टी मिलने की बात से खुश होकर कहता हैं। ठीक हैं। सर और थैंक यू! सर 

मेजर जनरल नायक -: हंसकर कहते हैं । इसमें तुम्हे थैंक्स कहने की जरूरत नहीं है। कैप्टन मैं समझ सकता हूं। कि हम जैसे सोल्जर के लिए फैमिली से दूर रहना कितना मुश्किल होता है । मन कितना कड़ा करना पड़ता है। देश की सेवा के लिए और हमारे लिए सबसे पहले देश की सेवा ही सबसे पहला धर्म है।  और वैसे भी तुम 1 साल से  मिशन और देश की रक्षा के लिए।अपने घर और फैमिली से दूर थे। तो तुम्हारी छुट्टी मिलना तो जरूरी बनता है । तुम अगले मिशन  देहरादून जेएमए  जाने से पहले अपनी फैमिली से मिलकर उनके साथ टाइम स्पेंड करो।

परीक्षित- : उनकी बात सुनकर खुश हो जाता है । वह स्माइल करके कहता है।जी सर

मेजर.जनरल नायक -: अपने केबिन जाने के लिए चेयर से उठकर खड़े हैं।तभी उन्हें याद आता है। वो उस से स्माइल करके कहते हैं। की मेरे दोस्त ब्रिगेडियर मित्तल और तुम्हारे पापा को कहना।  कि मैंने उनको याद किया है ।

कैप्टेन परीक्षित- : उनकी बात सुनकर स्माइल खड़े होकर कहता हैं। जी सर  और मेजर जनरल नायक को जय हिंद सर कहता हैं।वो भी जय हिंद बोलकर उसके केबिन से चले जाते हैं।

उनके जाने के बाद वो छुट्टी मिलने की वजह से खुश हो जाता। और अपना फोन डेस्क पर से उठाकर अपने घर पर फोन लगाने के लिए अपने हाथ में लेता हैं । उसका मन परी के बारे में सोचकर उदास था। अब वो इंदौर जाने के लिए छुट्टी मिलने से खुश हो गया । अब वो फाइनली अपने फैमिली को एक साल बाद देख पाएगा और उनके साथ टाइम स्पैंड कर पाएगा।