Chapter 13 - kaun ho tum

वही इस मॉल के कॉरीडोर में वो लड़की बड़- बड़ करके  मॉल के कोरिडोर मैं चलती ही  जा रही थी।तभी एक हैंडसम सा लड़का जिसने ब्लैक कलर की शर्ट और ब्लू कलर की जींस पहनी हुई है । बिखरा हुए बाल,और एक हाथ में वॉच पहनी हुई है।वह लड़का उस लड़की के पास आकर पीछे से उस लड़की को हुए बड़ - बड़ करते हुए देखता हैं । जो वो उसे गुस्से से कॉरीडोर में चलकर बड़ बड़ रही थी।पर वो सुन नही पता हैं एक्चुअल वो क्या कह रही हैं। तभी वो उसके कांधे पर हाथ रख कर स्माइल करके कहता है। मायरा क्या बड़ - बड़ा रही हो?

मायरा -: वो उस लड़के की जानी - पहचानी सुनकर और उसका हाथ खुद के ऊपर महसूस करने से, वो जल्दी से अपनी बड़ - बड़ बंद करके,वो पीछे मुड़ कर देख कर लड़के को घूर कर देख कर चिढ़ते हुए कहती हैं। शिवम् भाई ! आप कहा रह गए गए थे। मैं आपका कब से इंतज़ार करते हुए। थोड़ी सी  शौपिंग भी कर ली थी। और आप अभी तक नही आए थे। वो यह बात चिड़ते हुए कहती हैं।

Note -: अरे! मैं तो। शौर्य और उस लड़की के टक्कर और क्यूट सी फाइट में इतनी खो गई। की वो लड़की कौन हैं?जो शौर्य से टकराए थी। वो लड़की कोई और नहीं मायरा रावत मित्तल थी ।जो शौर्य से टकराई थी।और उसके साथ बड़-बड़ कर रही थी । उसकी बड़ -बड़ की वजह से उसने उसका  नाम मिस बड़ -बड़ रखा था। और वो हैंडसम सा लड़का पीछे से जिस ने मायरा के कंधे पर हाथ। रख कर उसको आवाज लगाई थी। वो शिवम् था।

शिवम् - उसकी बात को सुनकर वो स्माइल करके कहता है। अरे!  मैं तो कार पार्किंग करके, तेरे पास मॉल में आ ही रहा था।तभी , मेरे बेस्टफ्रेंड और भाई जैसे दोस्त काव्य का फ़ोन आगया था। और तू तो जानती हैं ।न उसको जब उसका फोन आता हैं। तो मैं उस से बात करने में टाइम का पता नही चलता ।तो ,मैं उस से बात करने में busy हो गया था ।इसलिए थोड़ा लेट हो गया ।और तू इतने गुस्से और चिड़ी हुई । क्यों लग रही है?

मायरा -: उसकी बात सुनकर , वो अभी थोड़ी ही देर में हुई शौर्य के साथ टक्कर के बारे में सोच कर, फिर उसकी तरफ ,वो चिड़ते हुए कहती हैं। अरे भाई! मुझ से कोई छिछोरे लड़का टकरा गया। और उसकी वजह से मेरा सारा का सारा सामान जमीन पर गिर गया। और वो। मुझे देखे ही जा रहा था । जैसे उसने कभी  खूबसूरत लड़की नही देखी थी। ऊपर से मुझे अपना सामान को समेटना पड़ा। वो यह बात कहते हुए गुस्से से क्यूट से एक्सप्रेशन दे रही थी।

शिवम -: बात सुनकर वो  उसके कंधे पर हाथ रख कहता है। तो तुमने कुछ नहीं बोला और उसने तुझे हाथ तो नहीं लगाया। तू बता कहां है?  मैं अभी बताता हूं। उसे! वो यह बात उसको सवालिया नजरो से सीरियस एक्सप्रेशंस के साथ कहता हैं।

मायरा -: उसकी बात सुनकर हल्की सी स्माइल के साथ कहती हैं।अरे नहीं मेरे प्यारे भाई! उसने मुझे नहीं हाथ लगाया बल्कि उसने मेरी सामन को समेटने में मेरी मदद की और सॉरी भी बोला और  मैंने अच्छे से उसे सुना भी दिया था।लेकिन यह बोलकर वो चुप हो गई।

शिवम् -: उसकी बात सुनकर सिरियस एक्सप्रेशन के साथ कहता हैं। लेकिन क्या मायरा?वो यह बात कहकर उसे सवालिया नजरो से देखकर आइब्रो उचकातें हुए कहता हैं

मायरा -: उसका सवाल सुनकर वह कहती है। लेकिन वह मेरी बात को, जो मैं उसे गुस्से से सुनाई जा रही थी ।वह चुप - चाप मेरी बात को सुनकर इस्माइल कर रहा था।

शिवम -: उसकी बात सुनकर उसको सवालिया नजरो से देख कर कहता हैं। अगर उसने तेरी समान समेटने मे मदद की , अपनी गलती की सॉरी भी बोला और तेरी गुस्से भरी बात भी चुप - चाप सुन रहा था।तो तुम बड़ बड़ा क्यों रही थी? और उसको छिछोरा क्यूं बोला जब उसने तेरे को हाथ भी नहीं लगाया? 

मायरा -: उसका सवाल सुनकर अजीब सा मुंह बना कर कहती हैं। वो इसलिए भाई! वो  मुझे देखा कर स्माइल करता ही जा रहा था ।और उसने मुझे से मिस बड़- बड़ कहा था। इसलिए मैंने उस को मिस्टर छिछोरा बोला था। वो यह बात कहते हुए क्यूट सा पाउट बनाती है।

शिवम्  -:उसकी  की बात सुनकर उसे  हल्की सी डाट लगाते हुए केहता हैं।तुम भी ना मायरा इतनी छोटी सी बात का इतना बड़ा इशू बना दिया। उसने तुझे सॉरी भी बोला था। फिर भी तुमने उसे गुस्से से अनाप - शनाप सुना दिया। और उसने गलती कहां हैं? तुम उसे गुस्से से बड़ - बड़ कर रही थी। तो उसने तुम्हे बड़-बड़े कह के दिया।

मायरा -: उसकी बात सुनकर थोड़ा चिड़ते हुए कहती है । भाई!आप उसी की साइड ले रहे हो।

शिवम -: उसकी बात सुनकर कहता है। मैं उसकी साइड नहीं ले रहा हूं। बस मैं सही बात बोल रहा हूं। जब उसने सॉरी बोल दिया। तो तुम्हें सुनाने की क्या जरूरत थी? वो यह बात उस से सवालिया नजरो से देख कर कहता हैं।

मायरा -:उसकी बात सुनकर , उसे अपनी गलती का एहसास होता है । वो मासूम सी सकल बनाकर कहती है ।सॉरी भाई! शायद मेरी ही गलती है ।मैंने ही ज्यादा रिएक्ट करके उससे ज्यादा सुना दिया है।

शिवम् -: उसकी बात सुनकर उसको साइड हग करके स्माइल के साथ कहता है ।कोई बात नहीं है ।तुम्हे अपनी गलती का अहसास हैं।वही काफी है। वैसे तुम्हारी शॉपिंग हो गई। वो यह बात उसको देख कर सवालिया नजरो से देख कर कहता हैं।

मायरा -: उसकी बात सुनकर क्यूट सी स्माइल के साथ कहती हैं।अभी थोडी हुई हैं। और थोड़ी बाकी हैं।

शिवम -: उसकी बात सुनकर कहता है ।अच्छा तो तुम अपना सामान ले लो ।जब तक मैं अपने लिए गारमेंट शॉप में जाकर अपने लिए कपड़े देखता हूं ।और जब तेरी शॉपिंग खत्म हो जाए। तो तुम मुझे कॉल कर लेना। मैं तुझे लेने आ जाऊंगा ।ठीक है।

मायरा -: स्माइल करके कहती हैं। ठीक हैं। भाई 

फिर दोनो अपनी - अपनी  शॉपिंग के लिए अलग - अलग डायरेक्शन में चले जाते हैं

इसी मॉल के पार्किंग में पवित्रा,शौर्य और राहुल मॉल के अंदर चल कर पार्किंग एरिया में अपनी कार की तरफ आते हैं। शौर्य और राहुल आगे निकल चल रहे थे।और

पवित्रा - पर्स में कुछ ढूंढती हुई, उन दोनो के पिछे चल रही थी। तभी वो चीज पर्स में न मिलने से वो कुछ याद करते हुए एक दम से चौकते हुए कहती हैं। ओ माय गॉड! उसने इतनी तेज घबराते हुए चिल्ला कर कहा कि ,आगे चल रहे शौर्य और राहुल उसकी चौकते हुई आवाज़ से जल्दी से पीछे मुड़कर देखते हैं।उसके चेहरे पर परेशानी वाले एक्सप्रेशन को देख कर उसके पास आकर

शौर्य -: उसको घबराते हुए देख कर उसके कंधे पर हाथ रख कर कहता हैं। क्या हुआ पावी तुम इतनी तेज चिल्लाई ?और तेरे चेहरे पर परेशानी वाले एक्सप्रेशंस कैसे? कोई प्रॉब्लम हैं?

पवित्रा -: उसकी तरफ देखकर घर परेशानी के भाव के साथ कहती है ।भाई! मैं अपना फेवरेट फोन शॉप के चेंजिंग रूम में भूल आई हूं। और वो मेरा फेवरेट फोन है । और वो खुद से अपने मन में कहती हैं।उस में मेरी और मेरे सोना की पिक्स है। जो हम दोनो ने मसूरी ट्रिप के दौरान साथ में क्लिक की थी। और वो ही उसकी यादें हैं। जो ,मैं उस फोटोग्राफ को देख उसके साथ बिताए हुए खुबसूरत पल जो हम दोनो ने मिलकर 1 साल पहले बनाए थे । वो मेरे पास उसकी आखरी निशानी हैं। उसके चेहरे पर फ़ोन न मिलने से परेशानी के भाव दिख रहे थे।

शौर्य -: उसको परेशान देखकर वह उसके कंधे पर हाथ रखकर , उसे दिलासा देकर कहता है ।कोई बात नहीं तुम्हारा फोन वही शॉप के चेंजिंग रूम में होगा। जरा! मैं देख कर आता हूं ।उस शॉप के चेंजिंग रूम में जाकर ।

पवित्रा -: पवित्रा उसकी बात सुनकर कहती हैं।नहीं भाई मैं जाती हूं ।उस शॉप की चेंजिंग रूम में और फोन अभी लेकर आती हूं। वो उसको इंसिस्ट करती हैं।अंदर वापस मॉल शॉप के चेंजिंग रूम में जाने के लिए। 

शौर्य -: उसकी इंसिस्ट करने से सर हां में हिलाता हैं। और जल्दी वापस पार्किंग एरिया में आने को कहता हैं।

फिर पवित्रा वापस से पीछे मुड़कर मॉल की तरफ तेज - तेज कदम बड़ा कर अंदर जाती है । कुछ ही मिनटों में मॉल के अंदर जाकर उस शॉप की तरफ जाति हैं।जहां उसका फोन उस शॉप के चेंजिंग रूम में रह गया था।

तभी उसी शॉप में शिवम मेन सेक्शन से एक शर्ट सिलेक्ट करके वो चेंजिंग रूम में जाता है। और वो उस रूम का डोर लॉक करना भूल जाता हैं। वो सिलेक्ट की हुई शर्ट को वहा पर लगी हुई हैंगिन पर टांग देता हैं। फिर अपने ही धुन में गाना गुन गुनाते हुए। शर्ट ट्राई करने के लिए अपनी पहनी हुई शर्ट को उतार रहा था।

तभी पवित्रा भी तेज - तेज कदमों के साथ अपने चेहरे पर चिंता के भाव के साथ उसी शॉप में आकर वो  चेंजिंग रूम की रतरफ जाती हैं।जिसमें शिवम शर्ट ट्राई कर रहा था । और वो अपनी ही धुन में गाना गुनगुना कर अपनी पहनी शर्ट को अपने शरीर से अलग करता हैं।वहा रखी हैंगिंग पर लेट काता हैं। वो अब शर्टलेस था ।उसकी बॉडी बहुत ही अट्रैक्टिव लग रही थी। कोई भी लड़की इस वक्त देख ले तो उसकी दीवानी हो जाए।

तभी पवित्रा चेंजिंग रूम में घुसकर सामने रखे हुए स्टूल पर अपने फोन को रखे देखती है ।उसने अपने फैवरेट फोन को देखा और वह खुशी से खुद से कहती है ।थैंक गॉड यह फोन यहां रखा हुआ और मुझे मिल गया ।उसने खुशी से फोन को चूम लिया।वाही पर शिवम् मिरर के सामने अपने ही धुन में गाना गुन गुना रहा था।और अपने हाथ में सिलेक्ट की हुई शर्ट को ट्राई करने के लिए हैंगिंग पर से लेता हैं। और उसकी बटन खोल रहा था।तभी वो जब किसी लड़की की आवाज को सुनकर, वो चौकते हुए जल्दी से पीछे उसे देख कर कहता हैं। कौन हो तुम? और तुम यहां क्या कर रही हो ?

तभी पवित्रा अपने फेवरेट फ़ोन के मिलने की खुशी में मशगूल थी । और उससे चूमे जा रही थी।तभी वो वहा किसी लड़के की आवाज सुनी तो वो अपनी आंखे चौड़ी करके शॉक्ड होकर उसकी तरफ देखती हैं।और वो अभी तक शर्टलेस था। वह और भी घबरा के चिल्लाते हुए कहती हैं। कौन हो तुम? और तुम यहां क्या कर रहे हो,?

और वह जब उसकी तरह गुस्से से घूरते हुए आगे बढ़ती है। तभी फ्लोर पर एक पॉलीथिन पड़ी थी। उस पर उसका पैर पड़ कर और फंस जाता है ।तभी वह गिरने लगती है ।तभी वो गिरने के डर से घबराहट के कारण अपनी आंखें बंद कर लेती है ।तभी शिवम आगे बढ़कर उसे कमर से पक्कड कर गिरने से बचाता हैं। और उससे देखता हैं।उसने अभी भी गिरने के डर के मारे अपनी आंखे बंद की हुई थी।वो उसमें बहुत क्यूट लग थी। और शिवम् उसकी खुबसूरती और मासूमियत को देख कर खोने लगा।वो अभी भी उसको अपने एक हाथ उसकी कमर पर थे और दूसरा हाथ उसके हाथ पर था।उसको अपने इतना करीब पाकर शिवम् के दिल में एक अलग सी फीलिंग और एक अलग सा एहसास पहली बार हुआ। तभी

पवित्रा -:को लगता है। वह गिरी नहीं है। तो वह आंख खोल कर देखती है ।उस शिवम ने अपने हाथो से होल्ड कर रखा है ।और वह शर्टलेस है ।वह उसको इस तरह से अपने करीब से देखा पाकर और पकड़ते हुए गुस्से से घूर कर देख कर कहती है। यह क्या बदतमीजी है तुम्हारी ?मुझे तुम इस तरह से होल्ड करके क्यों रखा है?और ऐसे क्यों देख रहे हो?

शिवम् -: उसको अपने बाहें से होल्ड करके इतने करीब से देख कर उसकी खूबसूरती मासूमियत में खोया हुआ था ।तभी उसकी गुस्से भरी बात सुनकर उसके ख्याल से बाहर आकर हल्के गुस्से से कहता हैं। ओ हेलो मैडम!  मैं क्या बदतमीजी कर रहा हूं। एक तो तुम बिना नॉक किए हुए चेंजिंग रूम में आ गई और मैंने तुम्हे गिरने से बचाया ऊपर से तुम मुझ पर चिल्ला कर इल्जाम लगा रही हो। l वो उसकी गुस्से से भरी नजरो से देखता हैं।वो उसे प्यारी लगती हैं। फिर वो स्माइल करके आगे कहता हैं।एक तो मेरे जैसे हैंडसम ऑफ गुड लुकिंग लड़के ने तुम्हें होल्ड करके रखा है ।मेरे जैसे हैंडसम,क्यूट और चार्मिंग लड़के बाहों में न जाने कितनी लड़किया आने के लिए मारी जाती हैं। तुम लकी हो जो तुम हैंडसम, गुडलुकिंग,क्यूट, चार्मिंग द शिवम् मित्तल की बाहों में हो।

Coutinue next episode

सो रीडर आज का पार्ट इतना ही । कल हम शिवम् और पवित्रा की नॉक - झोंक कल के एपिसोड में बताएंगे। आज बस इतना ही ।