Chapter 10 - mere chote shezade

परीक्षित अपने परिवार वालो से बात करने के बाद।अब उसका मूड अच्छा हो जाता हैं।वो अभी डेस्क के सामने चेयर पर बैठकर अपने कैबिन में।उन सबकी बातें को याद करके उसकी चेहरे पर अच्छी सी स्माइल आ जाती हैं। तभी उसे कुछ याद आता हैं। फिर से अपना फोन डेस्क पर से उठा कर किसी को कॉल करने लगता हैं।

मित्तल निवास के एक बड़े से रूम में बेड पर उल्टा मुंह करके गहरी नींद में सो रहा 23 साल का हैंडसम सा लड़का जिसकी हाईट लगभग 6"1" लग रही है। वह देखने में बिल्कुल परीक्षित जैसा लग रहा है। उसी की तरह पुरी की पूरी पर्सनैलिटी लग रही हैं।उसको देखकर ऐसा लग रहा है ।कि परीक्षित सो रहा है ।बस इतना डिफरेंस हैं। की उसके चेहरे पर कोई दाढ़ी नही हैं।उसका चेहरा पूरा का पूरा क्लीन शेप है। परीक्षित का चेहरे पर हल्की सी फ्रेंच कट दाढ़ी है। उसने अभी लाल रंग की टीशर्ट , ब्लैक ट्राउजर पहना हुआ है । उसके बालों सोते वक्त बिखरे हुआ है। वह लड़का सच में देखने में बहुत ही हैंडसम और किसी राजकुमार से कम नहीं लग रहा है। 

वह अभी बहुत गहरी नींद में सो रहा है । तभी उसकी फोन की रिंग बजती है। वो इतनी गहरी नींद में सो रहा है । कि वह फोन की रिंग सुनाई नही देती है।पूरी की पूरी फोन की रिंग  बजकर बंद हो जाती है । ऐसे ही कंटीन्यूअ दो से चार बार पूरी की पूरी उसके फोन की रिंग बजकर बंद हो जाती है। पांचवीं बार फिर से उसके फोन की रिंग बजती हैं।तभी उसकी हल्की सी नींद में अपनी आंख खोलकर, वो फोन को उठाकर अपनी कान पर लगा कर और वह फोन को बिना नंबर और नाम को देखकर कॉल को कनेक्ट करके,वो हल्की सी नींद में सेडक्टिव बॉयस ने बोलता है।  स्वीटहार्ट नताशा!  पूरी रात पार्टी करके नहीं थकी हो क्या? , जो मुझे कॉल काउंटिनसली करके , मेरी  नींद खराब कर रही हो। प्लीज डार्लिंग,मुझे बहुत नींद आराही हैं।  इसीलिए मुझे सोने दो, और तुम भी आराम करो। जब मेरी नींद पूरी होगी। तब, मैं तुम्हे खुद तुम्हे फोन करूंगा। बाय डार्लिंग , स्वीटहार्ट और जैसे ही कॉल को डिस्कनेक्ट करने ही जा रहा होता है ।तभी फोन पर धीरी आवाज आती है। उठ जाओ। मेरे प्यारे शिवम बेटा !उठ जाओ।मेरे छोटे शहज़ादे !

Note -:  अरे ! मैं उस लड़के की हैंडसोमेनेस में इतनी खो गई कि, मैं उस लड़के के बारे में बताना भूल गई ।तो मैं अब बताती हूं। कि वह लंबा और हैंडसम सा लड़का जो गहरी नींद में सो रहा है ।जो बिल्कुल परीक्षित जैसे लग रहा है। वह और कोई नहीं शिवम मित्तल है। परीक्षित और रचित का छोटा भाई ,और इस परिवार का छोटा बेटा और इस कहानी का 2nd मैन हीरो! और इस कहानी की जान और इंपोर्टेंट हैं।

वह इंदौर के फेमस मैनेजमेंट और इंजीनियर कॉलेज एक्सेल कॉलेज से फाइनेंस और मार्केटिंग से मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है ।उसका इस कोर्स का लास्ट सेमेस्टर है। उसने इसी कॉलेज से आईटी में इंजीनियर भी कंप्लीट की हैं ।और इस कोर्स में टॉप किया था। और  इस कोर्स में भी अभी तक फर्स्ट आया हैं। वो पढ़ाई के साथ बॉस्केट बोल और बैडमिंटन में स्टेट लेवल चैंपियन रहा हैं और गोल्ड मेडल भी हासिल किए हैं।वह ,वैसे दिमाग से बहुत शार्प और इंटेलिजेंट है। लेकिन यह बहुत बिगड़ा हुआ हैं। दोस्तों के साथ मस्ती और पार्टी करना और लड़कियोंको गर्लफ्रेंड बनाकर उनके साथ टाइम पास करना ।यह सब इसके शोक हैं ।वह बस लड़कियों के साथ टाइम पास करता है। लड़कियां भी उसके हैंडसमनेस और डैशिंग पर्सनैलिटी की वजह से उसके पीछे पागलों की तरह आगे - पीछे घूमती रहती है। वह एक्सेल कॉलेज का सबसे हैंडसम हंक , टॉपर और पॉपुलर लड़का, जो है । उसके पीछे लड़कियां आगे पीछे घूमती रहती है। वो किस वजह से सो कॉल्ड लड़किया उसके आगे पीछे घूमती हैं।उसको भी पता है । इसलिए वह उन सो कॉल्ड,लड़कियों के साथ सीरियस नहीं होता और बस टाइम पास करता है।और उसने अभी तक किसी भी लड़कियो के साथ लिमिट क्रॉस नही की हैं। वो बस उनके साथ टाइम पास करता था।वो पावनी जी का लाडला बेटा है । उनके और गौरी जी की सह की वजह से ही वो बिगड़ गया हैं। इसके बारे ऑर भी बाते आगे कहानी में पता चलेगी और भी बहुत कुछ हैं। बताने को। जैसे - जैसे कहानी आगे बढ़ेगी आपको पता चलता रहेगा।

अब चलते हैं कहानी की तरफ -:

शिवम्-: जो, फ़ोन की दूसरी तरफ से आई हुई।जानी - पहचानी आवाज सुनकर । वो  जो ,अभी हल्की नींद में था। उसकी नींद से गायब हो जाती है। वह जानी- पहचानी आवाज सुनकर, वह हड़बड़ा कर ,अपनी आंखो को हाथ से मसलते हुए। वो एक दम से बेड पर बैठ जाता है।  वो हकलाते हुए, कहता हैं। गुड गुड गुड मॉर्निंग पारीक भाई!

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर थोड़ा गुस्सा होकर दांत पीसते हुए कहता हैं।अभी दोपहर 2:30 बजे तेरी गुड मॉर्निंग हो रही हैं।

शिवम -: उसकी गुस्से भर लहजे में  सुनकर उसकी जान हलक में हो जाति हैं। और हड़बड़ी में वो फोन में टाइम देख कर हकलाते हुए कहता है । सॉरी, सॉरी,सॉरी भाई! गुड आफ्टरनून।वो अजीब सी हसी हस कर यह बात कहता हैं।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर थोड़ा गुस्सा के साथ कहता है। तुम अभी तक सो रहे हो।

शिवम -: उसकी गुस्से भरी लहज़े में बात सुनकर उसकी हवा टाईट हों जाति है ।उसे अपनी गलती की सफाई उसे देने के लिए कुछ नहीं सूझता हैं। वो हकलाते हुए ।अपने सिर पर हाथ रखते हुए। सॉरी भाई! मैं ज्यादा देर तक सोता रहा गया। वो एक्चुअली क्या है ? मैं रात भर जाग कर फाइनेंस का एसाइनमेंट फाइल रेडी कर रहा था। वो फाइल  बनाते - बनाते कब रात से सुबह हो गई।और समय का  पता भी नही चला । मैं सुबह सोया हूं। I इसीलिए , मैं अभी तक सो रहा हूं। उसने एकदम से उसके मन में जो भी अपनी सफाई में कहने के लिए आया। वो उसने एक- दम से बोल दिया। यू कहे उसने अपनी सफाई में साफ -साफ झूठ बोल गया।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर,वो समझ जाता की ,उसने अपनी सफाई में झूठ बोल  रहा है । वो अपने भाई को जानता है। कि वो किस टाइम क्या करेगा? क्या नहीं? वो उसको थोड़ा गुस्से से और अपनी थोड़ी  कड़क आवाज में बोला।असाइनमेंट बना रहे थे। या रात भर जाग कर पार्टी कर रहे थे।

शिवम -: उसकी गुस्से भरी लहज़े और कड़क आवाज सुनकर ,उसकी हवा टाइट  जाती और जान हलक में हो जाती है । फिर भी वो एक गहरी सांस लेकर और डर को कंट्रोल करके हकलाते हुए कहता है । नहीं भाई पार्टी ! कैसी पार्टी ? मैं कोई पार्टी में नहीं गया। मैं तो रात भर जाग कर असाइनमेंट बना रहा था। उसने अपने आईब्रो पर एक हाथ की उंगली को रब करके अपने घबराहट को कंट्रोल करके कहता हैं।

परीक्षित -: उसकी बात सुनकर उसको पता चल गया था। उसकी आवाज से, की उसकी हवा टाइट हो रही है । वो घबराकर उस से सफेद झूठ बोल रहा है। उसे उसकी कंडीशन और अपने गलती की सफाई देने की तरीके से उसे बहुत हसी आरही थी। पर उसको उसके मजे लेने के लिए ,अपने आप की हसी को कंट्रोल करके।वो झूठ - मुठ का गुस्से करके कहता हैं। अभी तुम तो सोते हुए कह रहे थे ।स्वीटहार्ट नताशा!रात भर पार्टी करके अभी तक नहीं थकी हो, वगेरह - वगेरह और तुम मुझसे झूठ बोल रहे हो ।कि तुम पार्टी में नहीं गए। उसने यह बात अपनी हसी कंट्रोल करके उसके मजे लिए हुए कहता हैं।

शिवम् -: उसका झूठा पकड़े जाने से उसकी हालत और ज्याद खराब हो जाती है। वो पहले अपनी हालत को सही करके और गहरी सांस लेकर अपनी बातों को बनाते हुए कहता है । पार्टी!  कैसी पार्टी नहीं तो। वो यह बात अपनी बात सिर को हिलाते हुए कहता हैं। फिर वो आगे अजीब सी हसी हस्ते हुए कहता हैं।

भाई ! मैं फाइनेंस का एसाइनमेंट बना रहा था। नेक्स्ट वीक सबमिट जो करना है। वह मैंने पार्टी की बात इसलिए बोला, की मेंने सपने में देखा । मैं किसी नताशा नाम की लड़की के साथ पार्टी कर रहा हूं ।और जब आपका फोन आया, तो मैं हल्की नींद में था तो मैंने बोल दिया यह बात कहकर अपने आप ही शाबाशी देते और अपने पर गुमान करते हुए बोलता है।

परीक्षित -: अपने भाई की अतरंगी एक्सप्लेनेशन से सुनकर,उसकी हैरानी सेआइब्रो तन जाती है । वो गुस्से और कोल्ड आवाज में बोलता है ।वेरी स्मार्ट, वेरी गुड एक्सप्लेनेशन, बातो को कैसे बनाकर और घुमाकर कैसे कहना है।वो तुमसे ही सीखे । वेल डन शिवम वेल डन । तुम झूठ किस के सामने बोल रहे हो,वो तुम्हे पता नही हैं।।तुम जानते नहीं हो कि तुम्हारा भाई कौन है?और तुम किसको बेवकूफ बना रहे हो ?अपने भाई कैप्टन परीक्षित मित्तल को , जो एक सोल्जर हैं। तुम और लोगों को बेफकूफ बना सकते हो, पर मुझे नही। तुम्हरा यह झूठ और अतरंगी एक्सप्लेनेशन जो तुम अभी दे रहे हो।वो सब मैं अच्छे से समझता हूं। इसलिए मेरे सामने अतरंगी एक्सप्लेनेशन देना बंद करो। वो यह बात दांत पीसते हुए कहता है।

शिवम् -: जो अभी अतरंगी एक्सप्लेनेशन देकर,अपने स्मार्टनेस और इंटेलीजेंट पर गुमान कर रहा था। उसकी बात सुनकर उसकी हालत टाइट और खराब हो जाती है। और वो हकलाते हुए,वो धीमी आवाज में बोलता है ।सॉरी भाई ! मैं आगे से झूठ नहीं बोलूंगा और टाइम से उठा लूंगा और अच्छे बच्चे की तरह स्टडी भी करूंगा। वो यह बात सुनकर मासूम सा चेहरा बनाता हैं।

परीक्षित -:उसकी बात सुनकर अपने गुस्से को शांत करके कहता है। ठीक हैं! मैंने तुझे माफ किया। पर यह मत समझना की वहा पर नहीं हू। तो मुझे कुछ नहीं पता चलेगा। मैं तेरे बारे में यहां बैठकर सब पता रहेगा।तू कब क्या कर रहा है?  किससे बात कर रहा हैं?  स्टडी कर रहा है या नहीं ? मुझे सब पता रहेगा। यहां रहकर भी मेरी नजर तुझ पर रहेगी । वैसे भी मैं बहुत जल्द इंदौर आने वाला हूं। तब तक मुझे तुम्हारी कोई कंप्लेंट नहीं चाहिए। उसने यह बात स्ट्रिक्ट और कड़क लहज़े में कहा।

शिवम् -: उसकी बात सुनकर मासूम सा चेहरा बनाकर कहता हैं। जी भाई। मैं एक अच्छे बच्चे की तरह स्टडी करूंगा,टाइम पर उठकर और कोई कंप्लेन्ड नही आयेगी

परीक्षित उसको लेक्चर दे रहा था। जैसे कोई उसका टीचर हो। शिवम ! अपने भाई की अच्छे बच्चे की तरह लेक्चर सुन रहा था ।उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी की परीक्षित से ऊंची आवाज में बात करे।वह घर में  किसी से नहीं डरता और  ना किसी की बात मानता हैं। वह डरता था। सिर्फ शांतनु जी और परीक्षित से ,पर शांतनु जी उसके गलती पर डाट लगाते थे ।तभी पावनी जी और गौरी जी उसे उनके डाट से बचा लेती थी। वह उन दोनो के सामने कुछ नहीं बोलते थे । वो , परीक्षित के सामने तो बिल्कुल अच्छे बच्चे की तरह रहता था और उसकी बात मानता था । क्योंकि परीक्षित अपने आगे किसी की चलने नही देता था। पावनी जी और गौरी जी की भी उसके सामने नहीं चलती थी।

शिवम की उसकी डाट और लेक्चर सुनकर उसकी नींद उड़ जाती है । वो उस से बात और लेक्चर सुनने के बाद फोन डिस्कनेक्ट करके बेड से उठकर वह फ्रेश होने वाश रूम चला जाता है।

राजौरी के आर्मी हेडक्वार्टर में परीक्षित भी अपनी फैमिली से इतने दिनों बाद बात करके खुश होता है । उसे अच्छा लगता हैं। अपनी फैमिली वालो से बात करके।वो चेयर पर बैठ कर शिवम की अतरंगी एक्सप्लेनेशन को  याद करके उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है। तभी  एक सोल्जर उसके केबिन का डोर नॉक करके कहता हैं । सिर, आपको कर्नल राठौर ने अपने कैबिन में बुलाया है ।तो वह उस सोल्जर की बात सुनकर अपने कैबिन से कर्नल राठौर की कैबिन की तरफ चला जाता है।

मित्तल निवास लॉबी में रखें डाइनिंग टेबल पर बैठकर सभी लंच कर रहे थे। निमिषा सबको लंच परोस रही थी ।तभी शिवम फ्रेश होकर ब्लैक कलर की शर्टऔर ब्लू कलर की जींस पहनकर लॉबी में आता है । तभी

निमिषा -: सबको लंच कर करते हुए उसे लॉबी में आते हुए देख इस्माइल के साथ कहती है। अरे छोटे देवर जी!  अच्छा हुआ आप उठ गए आ जाओ लंच कर लो। मैंने टेस्टी - टेस्टी लंच बनाया हैं।

सभी का ध्यान लंच करते हुए ।उसकी तरफ जाता हैं। जो अपनी शर्ट की स्लीव्स को फोल्ड करके लॉबी में आरहा था।वो लॉबी में आकर सबको स्माइल करके ग्रीट करता हैं। तभी 

शांतनु जी -: लंच करते हुए उसे देखकर कमेंट करके कहते हैं। आयो, मेरे छोटे शहजादे तुम्हारी नींद पूरी हो गई हो  ।तो लंच कर लो । 

शिवम -: उनकी तंज भरी बात सुनकर उसका का मुंह उतर जाता है। और वो अपने मन में कहता है । परीक भाई कम थे। ताने और लेक्चर देने के लिए और अब पापा भी ताने  देने स्टार्ट हो गए हैं। अभी - अभी! मैं भाई का इतना बड़ा लेक्चर, ताने और डाट सुनकर आया हूं ।और हमारे परम पिता जी भी फिर से शुरू हो गए।तभी

पावनी जी -: उसे देखकर अपने चेयर से उठकर ,शिवम के पास जाती है ।और उसके सर पर हाथ प्यार से हाथ फेर के और 

शांतनु जी की तरफ घूर कर देखते हुए और शिवम् के सर पर प्यार से हाथ फेर के आगे कहती हैं। ब्रिगेडियर साब! आप तो मेरे लाडले बेटे के पीछे हमेशा पड़े रहते हो और उसे डांटते और ताने देते रहते हो । देखो आपकी डांट और ताने की वजह से  बेचारे का मुंह उतर गया है । शिवम् ! अपनी मां को अपनी साइड लेते हुए वो उन्हे  देखकर बेचारगी  मासूम सा चेहरा बना कर खड़ा हो जाता है।

शिवम् -:अपनी मां की तरफ देखकर मासूम और बेचारगी चेहरा के एक्सप्रेशन के साथ कहता है। नहीं मां रहने दीजिए। पापा को मत कुछ केहिए।उनका फर्ज है ।मुझे डांटने का । वो यह बात कहकर अच्छे बच्चे की तरह उनके सामने मासूम सा चेहरा बनाता है। वो इस वक्त क्यूट लग रहा था।

शांतनु -: उसकी नौटंकी देख उसे घुरकर देखते हुए कहते हैं। अच्छा ! मैं छोटे से मासूम शहज़ादे के पिछे मैं पढ़ा रहता हूं।वो भी बेवजह। 

गौरी जी -: बीच में बोलती है। रहने दीजिए भाई ! शिवम अभी बच्चा है। जब जिम्मेदारी आएगी। तब वो संभाल लेगा।

शांतनु जी को लगता हैं उनको शिवम को कुछ बोलने का कोई फायदा नही हैं। अपनी प्यारी पत्नी और बहन के सामने तो वो चुप होकर अपना लंच करने लगते हैं।

फिर पावनी जी उसे प्यार से अपने पास चेयर पर बिठा कर उससे लंच परोस थी हैं।

रचित और निमिषा एक दुसरे को देख कर शिवम की नौटंकी और पापा -मम्मी की नोक झोंक देख कर मंद मंद मुस्कराते हैं। और सभी लंच करने लगते हैं।

तभी लॉबी में 22 साल की क्यूट और खूबसूरत सी लड़की जिसकी हाइट 5"4 " है उसने ग्रे कलर का स्टाइलिश सा टॉप और व्हाइट जींस पहनी हुई है। अपने लंबे बालों को खुला छोड़ा हुआ है ।हाथ में सुंदर और सिंपल सा गोल्ड ब्रेकलेट्स पहना हुआ है ।और चेहरे पर मेकअप के नाम पर सिर्फ काजल लगाई हुई है । उसके लिप्स नैचुरली पिंक हैं।वह अपने रूम से दौड़ कर लॉबी में आते हुए और चिल्ला कर कहती है। मम्मी ,बड़ी मम्मी , बड़े पापा ,रचित भाई, निमिषा भाभी और शिवम भाई । वह जोर से चिल्लाकर और दौड़कर चहकते हुए  लॉबी में डाइनिंग टेबल की तरफ आकर सबसे पहले वो अपनी सांस को नॉर्मल करती हैं। जो दौड़ लगा कर लॉबी में आते - आते फूल गई थी। वो अपनी सांस को नॉर्मल करबराही थी।

वहा पर मौजूद जितनी लोग थे। वो उसकी चहकते हुए लाबी में दौड़ लगा कर और तेज आवाज में आता देख कर उसे देखने लगते हैं। तभी

शांतनु जी -: इसको देखकर सवालिया नजरो से हैरानी के साथ देखकर कहते हैं।क्या बात है। मायरा बेटा ! चहक क्यों रही हो?  और क्या जरूरत थी ।तेज - तेज दौड़ लगाने की?

Note - जो खूबसूरत और क्यूट सी लडकी, जो चहकते हुए। दौड़कर लॉबी में तेज आवाज लगती हुई आती हैं। वो मायरा रावत मित्तल हैं। परीक्षित,शिवम और रचित की इकलौती बहन। गौरी जी की इकलौती बेटी, शांतनु जी और पावनी जी की इकलौती एडोप्टेड बेटी। निमिषा की इकलौती नन्द और इस घर की जान।

मायरा -:वह खुश होकर शिवम के बगल वाली सीट पर बैठकर कहती हैं।सॉरी बड़े पापा वह मुझे आप सबको एक गुड न्यूज़ देनी है । वो गुड न्यूज देने के लिए एक्साइटेड के साथ के साथ आगे कहती हैं।।मैं आप सबको बताने के लिए दौड़ कर आ गई। वो यह बात क्यूट से एक्सप्रेशन बनाकर कहती हैं।

रचित -: उसकी बात सुनकर हंसकर कहता है ।अरे! मेरी बहन को कौन सी बहन को कौन सी गुड न्यूज देने है।

मायरा -: उसकी बात सुनकर कहती है। अरे ! भाई आप तो जानते हो कि मेरा ज्वेलरी डिजाइनिंग के कोर्स का लास्ट सेमेस्टर चल रहा है। इसी बीच,मैंने इस फील्ड में प्रेक्टिकल नॉलेज के लेने के लिए ।मैंने जॉब के लिए अप्लाई किया था ।इंदौर की नंबर वन डिजाइनिंग कंपनी में एस ए पर्सनल असिस्टेंट के लिए अप्लाई किया था ।तो मेरा सिलेक्शन उस कंपनी में हो गया है। यह बात कहते हुए। बहुत खुश हो जाति हैं।

सब लोग उसकी गुड न्यूज न्यूज़ सुनकर खुश हो जाते हैं।

शांतनु जी -: उसकी जॉब मिलने न्यूज़ वाली सुनकर उसे सवालिया नज़रों से देख कर कहते है ।बेटा ! तुम्हारी अभी जॉब करने की क्या जरूरत है ।अभी तो तुम्हारा कोर्स और कॉलेज भी कंपलीट भी नहीं हुआ है। तुम्हें अपनी स्टडी पर ध्यान देना चाहिए , न की जॉब पर वो यह उसकी चिंता करते हुए बोलते हैं।

मायरा -: उनकी चिंत भरी बात सुनकर स्माइल के साथ कहती है। बड़े पापा! मैं आपकी कंसर्न समझ रही हूं। पर बड़े पापा मैं अपने आप को इंडिपेंडेंस करना चाहती हूं ।और यह जॉब अपाउच्युनिटी मेरे करियर के लिए बहुत ही इंपोर्टेंट और हेल्प फूल रहेगी। बड़े पापा ! यह इन्दौर की नंबर वन और रिप्यूटेटिव ज्वैलरी डिजाइनिंग कंपनी है ।इसमें जॉब पाना बहुत ही मुश्किल है । और वो भी पर्सनल असिस्टेंट की पोस्ट के लिए।और इस कंपनी में पर्सनल असिस्हटेंट की पोस्ट के लिए ।हर किसी को अच्छी यूऑपर्टिनिटी इतनी आसानी से नहीं मिलती है ।तो लकली ,वो अपॉर्चुनिटी मुझे मिली हैं। तो मैं यह जॉब ऑपर्चुनिटी नही जाने देना चाहती हूं।

रचित -: उसकी की बात सुनकर वो सवालिया नजरो से देखते और उसकी चिंता करते हुए कहता है। मायरा ! तुम्हारी बात तो  सही हैं। और तुम्हे इतनी अच्छी जॉब ऑपर्चुनिटी मिली हैं उसकी हमें खुशी हैं।पर जब तुम जॉब करना स्टार्ट करोगी।तो उसका असर  तुम्हारी स्टडी पर  पड़ेगा । तो तुम पहले स्टडी कंप्लीट करके कॉलेज कंपलीट कर लो।फिर जॉब करते रहना।

मायरा -: उसकी बात सुनकर वो स्माइल करते हुए कहती हैं।भाई मेरा लास्ट सेमेस्टर चल रहा है। इस सैमेस्टर में कॉलेज भी नहीं जाना पड़ेगा सिर्फ एग्जाम और प्रैक्टिकल के लिए जाना पड़ेगा और मैं स्टडी घर से कर लूंगी । इस पोस्ट पर जॉब करके , मैं प्रैक्टिकल नॉलेज लेकर बहुत कुछ सीखना चाहती हूं।इतनी अच्छी अपॉर्चुनिटी मुझे मिली है ।मैं इसको गवाना नहीं चाहती । मैं स्टडी और जॉब को अच्छे से मेहनत से मैनेज कर लूंगी। आप सब चिन्ता मत की जीए।

गौरी जी -:भाई! इसकी इच्छा हैं।तो  जॉब करने दीजिए ।वैसे भी आप लोगों ने मुझे और मेरी बेटी को तब से साथ दे रहे हो।जब इसके पापा ने डेथ के बाद , मुझे ससुराल वालों ने घर से बाहर अपशागुनी कह कर निकाल दिया था जब मायरा मेरे पेट में थी ।तब से आप लोग ही मुझे और मायरा को एडोप्टेफ करके मित्तल सरनेम देकर बेटी बना लिया हैं।  रचित , परीक्षित शिवम और निमिषा ने भी सगी बहन की तरह प्यार और इसके नखरे उठाए हैं। आप सबके हम दोनो पर एहसान हैं।वो यह बात इमोशनल होकर कहती हैं।

पावनी जी -: उसकी बात सुनकर हल्की सी गुस्से के साथ उसे डाट लगाते हुए कहती है। चुप कर ,गौरी! यह बात फिर से मत बोलना,की तुम दोनो कोई गैर हो ।तुम दोनों इस घर की सबसे सदस्य और बेटी हो।

शांतनु जी -: उसकी बात सुनकर सीरियस होकर कहते हैं।यह तुमने कैसे सोच लिया की ,हम सब ने तुम दोनों पर एहसान किए हैं ।तुम मेरी बहन हो।और मायरा मेरी और पावनी की बेटी हैं।और तीनो भाइयों की इकलौती बहन और मायरा बेटी जब से यह इस दुनिया में आई है खुशियां - खुशियां आई है। खबरदार तुमने बोला कि यह मेरी सगी बेटी नहीं है! यह मेरी और पावनी की बेटी है। और मित्तल परिवार की बेटी बस ।आगे से मत बोलना ।

पावनी जी -: हां गौरी! मेरे तीन बेटों के बाद एक बेटी की चाहत थी। वह मायरा ने पूरी कर दी है ।और आगे से यह सब मत बोलना और सोचना समझी।

रचित -: हां बुआ जी! यह मेरी इकलौती बहन हैं। और वो भी इतनी प्यारी।

शिवम -: मायरा के सर पर प्यार से हाथ रखकर कहता है। बुआजी !  आगे से यह सब मत बोलना कि आप इस घर की सदस्य नहीं है ।यह घर आपका और मायरा का है।वैसे भी मायरा के साथ तो मेरी बहुत अच्छी बनती है। इतनी अच्छी प्यारी बहना मुझे मिली हैं । जो, मुझे परीक भाई और पापा के डाट से बचाती है।

मायरा -: यह बात सुनकर उसके आंखो में खुशी के आंसु आजाते हैं। वो खुश होकर कहती हैं। हां भाई ! इस घर पर और आप सभी पर मेरा पूरा हक हैं। स्पेशियली शिवम् भाई आप पर तो मेरा पूरा हक हैं। क्योंकि आपकी और मेरी खूब बनती हैं। 

शिवम् -: हस कर हां में सर हिलाता हैं।और कहता तेरा मुझ पर पूरा हक हैं।

गौरी जी -:  सॉरी भाई -भाभी आगे से ऐसी बात नहीं बोलूंगी।

शांतनु जी -: वो स्माइल करके कहते हैं।यह हुई न बात और मायरा तुम्हे जॉब करनी है । तो कर सकती हो।पर एक शर्त हैं।

मायरा -: सवालियत नजरो से देख कर कहती हैं।बड़े पापा कौन सी शर्त।

शांतनु जी -: तुम जॉब के चक्कर में अपनी स्टडी को नही भुलोगी और उसपर और तुम्हारे ग्रेड्स पर असर नहीं पड़ना चाहिए। समझी। वो यह बात उसे ऑडर देते हुए कहते हैं।

मायरा -: जॉब की परमिशन शांतनु जी मिलते ही वो चेयर से उठकर उनके गले लग कर कहती हैं । थैंक यू बड़े पापा, थैंक यू सो मच।

रचित - : सवालिया  नजरो स्माइल के साथ बोलता हैं । कौन सी कंपनी में तुम्हारी जॉब लगी हैं।

मायरा -: चहकते हुए कहती हैं।भाई! स्वस्तिका डायमंड एंड ज्वैलरी डिजाइनिंग कंपनी Ltd में जॉब लगी हैं।

रचित-:उस कंपनी का नाम सुनकर कहता हैं। यह तो इंदौर और पूरे भारत की रिप्यूटेटिव और no.1 कंपनी हैं। इस कंपनी के सीईओ और प्रेसिडेंट मिस्टर शौर्य बंसल हैं।

शिवम् -: उस कंपनी का नाम सुनकर कहता हैं। हां भाई मैंने यह नाम सूना हैं। यह बहुत ही अच्छी कंपनी और रिप्यूटेटिव ज्वैलरी कंपनी हैं। इस कंपनी में जॉब पाना इतना आसान नहीं हैं।

मायरा -: उन दोनों की बात सुनकर चहकते हुए कहती है । उनकी ही पर्सनल असिस्टेंट की पोस्ट की जॉब ऑपर्चुनिटी मिली है। मैंने सुना है वह बहुत टैलेंटेड है । उनको इस फील्ड का शार्क कहा जाता है। मैं उनकी पर्सनल असिस्टेंट बनकर उनके साथ रहकर उन से सीखने को मिलेगा और मैं यह सब उनस शिकुंगी।इसलिए मैंने जॉब ऑफर के लिए अप्लाई की था। और मैं सिलेक्ट हो गई हूं।

रचित -: उससे सवालिया नजरो से देख कर स्माइल करके कहता है। तुमने कभी उससे देखा हैं।

मायरा -: नही भाई अभी तक नही देखा हैं। उनको मीडिया में आना नही पसंद हैं। और अभी में इस कंपनी के एचआर मिस्टर सुब्रतो से मिली हूं । उन्होंने ही मेरा इंटरव्यू लिया था। बस उन्हे जानती हू। शौर्य बंसल से में तब मिलूंगी। जब मैं कंपनी में ज्वाइन करूंगी।वो यह बात स्माइल के साथ कहती है।

शांतनु  जी-: सवालिया नजरो से देख कर रचित से पूछता हैं।बेटा !क्या तुम जानते हो। शौर्य बंसल को ?

रचित -: हल्की सी स्माइल करके कहता है । हां पापा! मैं शौर्य बंसल और उसकी पूरी फैमिली को बहुत अच्छे से जानता हूं ।स्पेशली पुनीत अंकल और शौर्य को बहुत अच्छे से जानता हूं ।पूरी फैमिली मेरे हॉस्पिटल में रेगुलर चेकअप और ट्रीटमेंट के लिया आती है ।और कुछ मंथ पहले पुनीत अंकल की जिसने स्वस्तिका कंपनी को मेहनत से खड़ी किया हैं।उनको हार्ट अटैक आया था ।तो मैंने उनकी सर्जरी की थी तब से शौर्य और उनकी फैमिली से मेरे अच्छे टर्म्स हैं। शौर्य!  मेरा सबसे अच्छा दोस्त हैं। उनकी फैमिली के बारे में कभी  विस्तार से फुरसत से बताऊंगा।

शांतनु  जी -: यह बात सुनकर कहते हैं। Ooh अब वो कैसे हैं?

रचित -: स्माइल करके कहते हैं।वो अब ठीक हैं। रेगुलर ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल आते हैं।और मेडिसिन और प्रॉपर डाइट चल रही हैं। उनकी!

शांतनु जी -: उस से सवालिया नजरो से देख कर कहते हैं। तो शौर्य उसकी फैमिली कैसी हैं? और उन सबका बिहेवियर 

रचित -: स्माइल करके कहता हैं। हां पापा! वो सब बहुत अच्छे हैं । मैं शौर्य और उसकी पूरी फैमिली के बारे में कभी बिस्तर से फिर कभी बताऊंग। शौर्य और पूरी फैमिली को मैंने अपनी शादी में पर्सनली इनवाइट करने के लिए उनके ऑफिस गया था। और वो सब भी एक्साइटेड थे शादी में आने के लिए और हम सबसे मिलने के लिए। पर शौर्य को लंदन वाले ऑफिस में अचानक से काम आगया था। अंकल -आंटी को अपने दोस्त को बेटे की शादी में आऊट ऑफ इन्दौर जाना पढ़ा इसीलिए वो सब नही आ पाए। और हम सबसे नही मिल पाए।

शांतनु -: हां में सिर हिलाते हैं।

शिवम् -: स्माइल करके कहता हैं। कब से ज्वाइनिंग हैं।

मायरा -: स्माइल करके कहती हैं भाई! आज से एक मंथ बाद जोइनिग हैं।फिर आगे शिवम् से कहती हैं। भाई! आप मेरे साथ मॉल चलो ,मुझे कुछ ज़रूरी सामान की शॉपिंग करनी हैं। और आज हम दोनो शॉपिंग के साथ डिनर भी बाहर करके आएंगे।

शिवम -: स्माइल करके कहता हैं। ठीक हैं । आज तेरी जॉब मिलने की खुशी में आज तेरे साथ मॉल शॉपिंग और बाहर डिनर भी कर लेंगे । इस से तेरा जॉब मिलने की खुशी सेलिब्रेट भी हो जाएगी।

फिर सभी लोग लंच करने लगते हैं। और बाते भी थोड़ी देर बाद लंच खतम करके सब अपने -अपने रूम में रेस्ट करने चले जाते हैं। शिवम् और मायरा अपने रूम में मॉल जाने के लिए रेडी होते हैं। और निमिषा किचन में सारे बर्तन डाइनिंग टेबल से हटा कर हेल्पर की मदद से के जाती है। 

सो रीडर्स,आज का पार्ट इतना ही। अगला पार्ट कहानी का कल अपलोड होगा। उसके लिए कल तक आप सभी को वेट करना पढ़ेगा। और आपको आज का पार्ट अच्छा लगा तो मेरी कहानी पर लाइक,कॉमेंट करना मत भूलिएगा । और मेरी दिल से लिखी कहानी पढ़ते रहिए दिल को मैने दी कसम। अगर कोई गलती लग रही हैं तो मुझे कॉमेंट करके मेरी कमी को बता दी जिएगा। मैं अपनी गलती सुधारने की कोशिश करूंगी । और कोई सजेशन हो वो भी दीजिएगा। आपकी सजेशन को पूरा करने के लिए में पूरी कोशिश करूंगी।