Chapter 4 - Good morning mummy

कुछ देर बाद कविता जी डाइनिंग टेबल पर ब्रेकफास्ट रेडी करके लगाती है। तभी एक 27 साल का लंबा सा लड़का । जिसने ब्लैक कलर की शर्ट, उसके ऊपर लाइट ब्लू कलर का बिजनेस सूट पहना हुआ है। हाथों में ब्रांडेड वॉच पहनी हुई है। चेहरे पर हल्की सी दाढ़ी है।  वह लड़का दिखने में बहुत ही हैंडसम और उसकी पर्सनैलिटी बहुत ही आकर्षण लग रहा है। आज जो भी लड़की उसे देख लेगी उसकी तरफ अट्रेक्टिव होने लगेगी और अपना दिल उसी को दे बैठेंगी। वो हाथों में लैपटॉप का बाग और कोर्ट लेकर सस्टार्स से उत्तर मुस्कुराते हु लॉबी में आकर वह कविता जी को देखता है। जो डाइनिंग टेबल पर ब्रेकफास्ट लगा रही है । उनको पीछे से स्माइल करके हग करके कहता है। गुड मॉर्निंग मम्मी । वो फिर उनके सामने आजता हैं।

कविता जी -:उसकी तरफ देख कर  स्माइल करके , उसके चेहरे प्यार से पर हाथ फिरा कर कहती है ।गुड शौर्य बेटा

नोट -:मैं आपको बता देती हू।  जो हैंडसम सा लड़का जो स्टार्स से उतर कर स्माइल करे लॉबी में आराहा था। वो लड़का कौन हैं? वो लड़का कोई ऑर नही शौर्य बंसल है। पुनीत जी और कविता जी का बड़ा बेटा । और स्वस्तिका डायमंड एंड ज्वैलरी डिजाइनिंग कंपनी का सीईओ।

फिर से चलते हैं। कहानी की तरफ-:

शौर्य -: मुस्कुराते हुए उन्हे देख कर उनके गाल पर किस कर के , फिर उनकी पैर को छूता है।

कविता जी -: स्माइल करके उसे सदा खुश रहने का आशीर्वाद देती है। और अपने बेटे के ऊपर से नीचे देख कर उसकी बलाई लेती हैं । अपनी आंखों से काजल निकालकर उसके कान के पीछे लगा कर कहती है।  

शौर्य-: स्माइल करके उनसे कहता है । यह क्या कर रही है । मम्मी 

कविता जी- : स्माइल कर कर कहती हैं ।अपने बेटे को काला टीका लगा रही हूं ।क्योंकि आज मेरा बेटा बहुत ही अच्छा लग रहा है।  उसको किसी की नजर ना लगे और मेरी भी नही।

शौर्य -: स्माइल करके कहता है। जिसके पास आप जैसी प्यारी मां का आशीर्वाद है। उसको कैसी  नजर कैसी लगती है। वह उनके कंधों पर हाथ रखकर कहता है

कविता जी- : मुस्कराते हुए  कहती है।  अच्छा चल जल्दी से नाश्ता कर ले डाइनिंग टेबल पर मैंने नाश्ता लगा रखा है।

शौर्य डाइनिंग टेबल कीर् चेयर पर बैठ जाता हैं। फिर टेबल पर कविता जी  उसे अपने हाथो से नाश्ता परोसती हैं। वो नाश्ता करने लग जाता है।

कविता जी उसको नाश्ता परोसने के बाद वह सोफे कि तरफ जाति हैं । उसके आगे रखी हुई,  कॉफी टेबल के पास जाती है।  वहां पर सामान को समेटी है। तभी उनकी नजर उनकी बेटी की असाइनमेंट फाइल पर जाती है।वो चिंता के भाव से शौर्य से कहती है। यह लड़की भी ना जिस असाइनमेंट फाइल सबमिट करने के लिए वह आज इतनी जल्दी कॉलेज गई है।और रातभर जाग कर यह फाइल तैयार की है।  वह असाइनमेंट फाइल यहां जल्दी जल्दी कॉलेज जाने की वजह से कॉफ़ी टेबल पर रख कर भूल गई है। उनके चेहरे पर चिंता के भाव दिख रही थे। 

शौर्य -: जो ब्रेकफास्ट कर रहा था वह स्माइल करके कहता है।  डोंट वरी मां यह नोटबुक मुझे दे दो। मैं उसे कॉलेज जा कर दे दूंगा।

कविता जी उसकी फिक्र करती हुई कहती है। बेटा, तुम्हें तो ऑफिस जाना है। अगर तुम असाइनमेंट फाइल देने उसके कॉलेज जाओगे , तुम ऑफिस के लिए लेट हो जाओगे।

शौर्य -: स्माइल करके कहता है। नहीं मां मुझे देर नहीं होगी, क्योंकि मेरी आज एक मीटिंग है। जो उसके कॉलेज की तरफ एक होटल है मरीन होटल उसमें मेरी मीटिंग हैं। तो मैं उसे पहले कॉलेज जाकर उसे यह असाइनमेंट फाइल दे दूंगा। फिर होटल की तरफ मीटिंग के लिए निकल जाऊंगा।

और मैं अपनी बहन के लिए और उसकी करियर के लिए इतना तो कर सकता हूं।

कविता जी -: उसकी बात पर हंसते हुए उसे असाइनमेंट फाइल देते हुए कहती है। ले अपनी प्यारी बहन की असाइनमेंट फाइल।

सॉरी स्माइल करके वह फाइल ले लेता है ।और अपनी लैपटॉप की बैग में वो फाइल रख देता है।

फिर वह ना नाश्ता करके जाने लगता है ।

तभी पुनीत जी तैयार होकर नाश्ते के लिए लॉबी में डाइनिंग टेबल की तरफ आ रहे थे। वह शौर्य और कविता जी की बात सुन लेते हैं ।

पुनीत जी -: उस से से पूछते हैं । किसकी मीटिंग हैं, आज

शौर्य -: स्माइल करके कहता है। मिस्टर राजेश मेहता के साथ जो मेहता इंडस्ट्री के सीईओ हैं। मैं उनसे मिलने जा रहा हूं। वह हमारे साथ पार्टनरशिप करना चाहते है। क्योंकि उनकी  कंपनी लॉस में चल रही है।  तो वह हमारी कंपनी के साथ पार्टनरशिप करके अपनी कंपनी के लॉस को रिकवर करना चाहते हैं। तो उन्होंने मुझे से मीटिंग करने के लिए होटल मरीन बुलाया हैं। तो मैं ऑफिस जाने से पहले उनसे मीटिंग करने जा रहा हू।

पुनीत जी -: की स्माइल करके हां सिर हिलाते  हैं ।

फिर शौर्य उनके और कविता जी के पैर छूकर वहा से निकल जाता है। कार मैं बैठकर सबसे पहले कॉलेज की तरफ अपनी कार को ले जाता हैं।

वही इंदौर शहर के एक कोने में सर्वोदय नाम से एक कॉलेज पड़ता है। यह इस शहर और पूरे देश का सबसे फेमस और रिपिटेटिव कॉलेज है। इस कॉलेज में हर एक  छात्राओं का सपना होता है। इस कॉलेज में एडमिशन लेकर पढ़े, यह हर छात्राओं की पहली पसंद है।  पर इस कॉलेज में हर किसी को एडमिशन इतनी आसानी से नहीं मिलता है।

इस कॉलेज में एडमिशन सिर्फ मेरिट की आधार पर होता है । यहां पर कोई भी रिश्वत और घूस नहीं चलती है ।यहां पर एडमिशन कैंडिडेट के मेरिट , एंट्रेंस टेस्ट जो कॉलेज कंडक्ट करवाता और उसके काबिलियत के बेसिस पर एडमिशन होता है।

इस कॉलेज की खासियत है। यहां का डिसिप्लिन, स्ट्रिक्ट रूल्स एंड रेगुलेशन, infrastructure और काबिल प्रोफेसर। यहां पर हर वर्ग की पढ़ाई होती है।

अभी इस टाइम कॉलेज में रिसेस टाइम चल रहा हैं। बहुत से स्टूडेंडेंट कैंटीन में होंगे, कुछ अपनी फ्रेंड्स से गप्पे लड़ा रहे होंगे। कुछ स्पोर्ट्स खेल रहे होंगे।

इसी फेमस कॉलेज के एक क्लास रूम है ।उस क्लास रूम के आगे बाहर बोर्ड पर लिखा हुआ है। Msc. Mhsc. यहां पर डाइटीशियन की पढ़ाई होती हैं। 

उसी क्लास रूम में एक लड़की जिसकी उम्र 22 साल की है। उसने अभी पिंक कलर का स्टाइलिश टॉप ,ब्लू डेनिम जींस पहनी हुई है । उसने अपने बालो की पोनीटेल बना रखी है। कानों में डायमंड के छोटे-छोटे टॉप्स पहन हुए है। एक हाथ में वॉच पहनी हुई है, चहरे पर मेकअप के नाम पर आंखो में काजल लगा रखा हैं। उसके लिप्स नैचुरली पिंक, चेहरा भी नैचुरली दूध जैसा सफेद और मलाई जैसा चिकना हैं। वो बिना मेकअप के  वह लड़की बहुत ही खूबसूरत और मासूम दिखती है । उस लड़की की खूबसूरती देखकर ऐसा लगता है भगवान ने उसे फुरसत से बनाया हो और धरती पर स्वर्ग से सुंदर सी परी को भेज दिया हो। उस लड़की की खूबसूरती और मासूमियत की वजह से कई लड़के उसे पाने की बहुत कोशिश करते हैं। पर इस लड़की को इन सब चीजों से कोई मतलब नहीं है। और उस लड़की में काबिलियत है । कि वह उन लड़कों की अच्छी खासी बेज्जती करके उन्हे अपने से दूर कर सके। 

अभी उस लड़की के चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा है कि वह अभी बहुत परेशान है वह अभी चिंता के भाव के साथ अपनी बैग में कुछ ढूंढने की कोशिश करती है।तभी एक लड़की उसकी क्लास रूम में घबराते हुए आती हैं। फिर घबरा कर कहती है। पवित्रा

Note -: जी हां, वो लड़की जो परेशान होकर अपने बैग में कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही हैं। वो लड़की और कोई नही पवित्रा बंसल हैं। पुनीत जी और कविता जी की इकलौती बेटी और शौर्य बंसल की छोटी और इकलौती प्यारी बहन। इस कहानी की नायिका और  जान हैं। वो इस कॉलेज में डायटिशियन का कोर्स कर रही हैं। इसका इस कोर्स का लास्ट सेमेस्टर हैं। वो इस कॉलेज की टॉपर हैं। वो इस कॉलेज में स्टडी करने के साथ - साथ, वो फैमस डायटिशियन Dr.अनन्या जयसिंह के ऑफिस में उनकी पर्सनल असिस्टेंट बनकर जॉब कर रही हैं। वो कॉलेज के बाद उनके ऑफिस में जाकर जॉब भी करती हैं। उसका सपना हैं। उनकी तरह बेस्ट डाइटशियन बनना। और अपने दम पर अपनी पहचान बनना। जब उसे इस पोस्ट की जॉब का ऑफर मिला और उसके कॉलेज ओवर होने के बाद वो जॉब पर जाति सकती हैं। तो उसने स्वीकार कर लिया।और उनकी असिस्टेंट बनकर जॉब पिछले 2साल से जॉब कर रही है। वो उनके पास रह कर अच्छी गाइडेंस लेना चाहती हैं । और ले भी रही है। उसका आज प्रैक्टिकल था। और उसे असाइनमेंट सबमिट करनी थी। इसीलिए उसने आज ऑफिस से लीव ली हैं। तो मैंने इस स्टोरी की नायिका पवित्रा बंसल के बारे में बता दिया हैं। आगे इसके बारे में और भी जानने को मिलेगा। उसके लिए स्टोरी पढ़नी पड़ेगी।

तभी पवित्रा पीछे मुड़कर चिंता के भाव से देखकर कहती है ।हां दिशा बोल 

Note - : जो लड़की  अभी-अभी घबराते हुए क्लास में आकर पीछे से आवाज लगाती है ।वह लड़की और कोई नहीं दिशा शर्मा है।

पवित्रा की इकलौती और बचपन की बेस्ट फ्रेंड है। तो अब हम बताते हैं ।उसके के बारे में,

उसका नाम दिशा शर्मा है। उम्र 20 साल है। उसके चेहरे का कलर गेहुआ है ।शार्प फीचर उसके के चेहरे को खूबसूरत और मासूम बनाते हैं । वह भी दिखने में खूबसूरत लगती है ।पर हमारी पवित्रा से थोड़ी कम लगती है।

यह एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती है । इसके पापा मिस्टर दीपक शर्मा एक रिटायर बैंक ऑफिसर है न , उसकी की मम्मी मिसेस आरती शर्मा है । वह एक  हाउस वाइफ है। 

उसका एक बड़ा एडवोकेट ध्रुव शर्मा जो उससे 6 साल बड़ा है । वह एक फेमस लॉयर है उसकी शादी को अभी 6 महीने हुए हैं । उसकी भाभी का नाम मिसेज कीर्ति शर्मा है।वह  एक स्कूल टीचर है।

दिशा इस कॉलेज में LLB की स्टूडेंट है।  उसका भी इस कॉलेज में आखरी साल है । और लास्ट सेमेस्टर सेमेस्टर चल रहा है । वह भी पढ़ाई में इंटेलिजेंट है ।

इसका स्वभाव बहुत चंचल है। और इसमें  बचपना भी हैं।  जब यह बात करती है। तो बच्ची जैसी हरकतें करती है । गिरती पढ़ती रहती हैं। और बातें  भी बहुत करती हैं।

सो रीडर्स

मैंने दिशा शर्मा और उसकी फैमिली के बारे में बता दिया हैं। और इसके बारे में कहानी में आगे जानेंगे।

अब हम चलते हैं । आगे कहानी की तरफ -: