Chapter 3 - sorry Bhagyawan

हेलो रीडर

अभी तक मैंने कहानी के किरदारों का परिचय करवाया है| पवित्रा और परीक्षित  और उनकी फैमिली का परिचय कराया है 

अब हम चलते है कहानी की तरफ-:

इंदौर शहर देश का सबसे साफ सुथरा और सुंदर शहर है |यह साफ- सफाई में पूरे भारत में नंबर 1 पर रहता है| यह शहर खाने पीने में बहुत फेमस है |यहां की जितनी भी खाने पीने की चीजें बनती है |वह पूरे देश में फेमस है |यह भारत का मध्य प्रदेश राज्य मैं है | इसे मिनी मुंबई भी बोलते हैं। यह शहर मेट्रो सिटी में भी आता है |

इसी खूबसूरत और साफ-सुथरे शहर में , यहां के  पॉश इलाके में इंदौर के सभी अमीर घराने के लोग रहते हैं | इसी इलाके में एक बड़ा सा आलीशान बंगला है | उस बंगले के बड़े - बड़े अक्षर में बाहर लिखा हुआ है । बंसल सदन 

बंसल सदन के लॉबी में बना हुआ सुंदर सा मंदिर है | जिसमें राम - सीता ,राधा- कृष्ण, शिव - पार्वती, और भगवान महावीर ,णमोकार मंत्र और 24 तीर्थंकर की तस्वीर रखी हुई है| 

उसी मंदिर के सामने एक खूबसूरत सी 50 साल की औरत जिसने लाइट ब्लू कलर की सुंदर सी कॉटन की साड़ी पहनी हुई है| बालों का जुड़ा बना रखा है| उसके ऊपर सुंदर सा मोगरे का गजरा लगाया हुआ है । चेहरे पर आंखों में काजल,  माथे पर सुंदर सी मेहरून कलर की बिंदी लगाई हुई है । होठों पर हल्की गुलाबी रंगी की लिपस्टिक लगाई हुई है । कानो में सिंपल से डायमंड के टॉप्स ,गले में सुंदर और सिंपल सा डायमंड का पैंडेंट पहना हुआ है। हाथों में सुंदर से हल्की नीली कलर के कड़े पहने हुए हैं ।वह औरत दिखने में बहुत ही सुंदर लग रही है ।उसको देख कर ऐसा नहीं लग रहा की वह औरत 50 साल की है । वह लगभग 40 ,42 साल की लग रही है उसने अपने आप को बहुत अच्छे से मेंटेन करके रखा है।

वह औरत हाथों में आरती की थाली लेकर भगवान के सामने अपनी मधुर आवाज में सबसे पहले वह नवकार मंत्र फिर उसके बाद वह  गायत्री मंत्र आखिरी में वह अपनी मधुर आवाज में एक भजन गाती है ।उसकी मधुर आवाज पूरे घर में गूंज रही है।

उसके मधुर आवाज मे भजन गाने से चारों तरफ घर में माहौल खुशहाल और सकारात्मक  बन गया था। उस औरत की रोज का नियम है।  सुबह 5:00 बजे उठकर नहा धोकर मंदिर में भगवान के सामने गायत्री मंत्र, नवकार मंत्र और आखिरी में अपनी मधुर आवाज में भजन गाना इनका  नियम है।

इस वक्त वह भगवान के सामने आरती की थाली लेकर सुंदर भजन गा रही थी। तभी 52 साल का आदमी जोगिंग और एक्सरसाइज करके जिसने ब्लैक कलर का जॉगिंग सूट पहने हुए है। वह दूर से उस औरत को देख रहे थे । उस औरत की भजन खत्म होने का इंतजार कर रहे थे।उस आदमी को देख कर लग रहा हैं । की उसके इरादे कुछ चुराने के लग रहे थे। वह उस औरत का वहा से जाने का इंतजार कर रहा था।

तभी वह औरत अपना भजन खतम करती है ।वह औरत अपने हाथो में आरती की थाली लेकर पूरे घर में उसका का धुआं पूरे घर में अपने हाथों से करने जाती है । तभी वह आदमी  मंदिर जी में रखे हुए मोतीचूर के लड्डू देखते है । वह चुपके से मंदिर जी की तरफ आकर इधर- उधर देख कर वह मंदिर की तरह पहुंचकर, उस लड्डू को उठाने ही वाला होते है। तभी कोई पीछे से आकर उनका हाथ पकड़ लेता है। वह अपनी आंख बंद करके कहता है, इस बार भी नही बच पाए, फिर पीछे मुड़कर मासूम सा चेहरा बनाकर उस औरत की  तरफ देखते हैं । जो उन्हे वह औरत  घूर कर देख रही थी।वह आदमी को लगता है ।अब वो बच नहीं पाएगा ।तो वो अपने कान पकड़ कर उसके औरत के सामने आकर और  मासूम सा चेहरा बनाकर कहता है।  सॉरी भाग्यवान

तभी वह औरत उनको खा जाने वाली नजरों से देखते हुए कहती है। मुझे पता था , की आप यही हरकत करने वाले हैं। इसलिए मैं आपको चुपके से आप पर नजर रखी हुई थी।

बंसल साहब अब हमारी शादी को 28 साल हो चुके हैं ।मैं आपकी हर हरकतों को बहुत अच्छे से जानती हूं। आप किस टाइम क्या करेंगे या नहीं ,वह औरत उस आदमी को घूर कर देखते हुए कहती है। वह आदमी मासूम सा चेहरा बनाकर कान पकड़े हुए ,उस औरत को मना रहा है वो गुस्से मैं है।

नोट- : तो मैं आपको बता देती हूं ।कि वह औरत और आदमी कौन थे। जो औरत गुस्से से उस आदमी को देख रही है ।वह औरत और कोई नहीं मिसेस कविता बंसल हैं। और जो आदमी अपने कान पकड़कर मासूम सा चेहरा बनाकर उनको मना रहा है। वह कोई नहीं कोई नहीं मिस्टर पुनीत बंसल है। वह अपनी पत्नी को मना रहे हैं। जो की अपने पति की गलती को देखकर उनसे गुस्सा से खड़ी होकर देख रही थी । वो उनको माना रहे है।

एक्चुअली कविता जी अपने पति से इसलिए नाराज नहीं है। कि उन्होंने मोतीचूर के लड्डू को हाथ लगाया था । वह इसलिए गुस्सा है।  कि उनके पति को कुछ महीने पहले हार्ट अटैक आया था। और उन्हें डायबिटीज है । इसीलिए डॉक्टर ने उनको यह सब खाने के लिए सक्त माना किया गया  हैं। और अपना ध्यान रखने के लिए कहा हैं ।सिंपल और कम मसाले वाला खाना को बोला है।उन्हें मीठा खाना सख्त मना है । वह उनकी हेल्थ को लेकर बहुत स्ट्रिक्ट और अलर्ट रहती है।

हमारे पुनीत जी अपने हेल्थ को लेकर लापरवाह है। वह अपनी हेल्थ का ध्यान नहीं रखते हैं। इनको खाने पीने का बहुत शौक है। स्पेशली मिठाई के बहुत शौकीन हैं।  यह मिठाई देखकर अपना कंट्रोल खो देते हैं। इसीलिए कविता जी इनका पूरा ध्यान रखना पड़ता है। वह इनको स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो कराती हैं। उनका पूरा ध्यान रखती है। इनको हर रोज नियम से जोगिंग और एक्सरसाइज के लिए भेजती है। और वह भी आज्ञाकारी पति की तरह उनकी सारी बातें मानते हैं। वे अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं ।अगर यह कविता जी बात नहीं मानते हैं। तो इनसे नाराज हो जाती है और इनसे बात नहीं करती है।जब कविता जी उन से गुस्सा होकर बात नहीं करती हैं। तो इन्हे भी अच्छा नहीं लगता है। इसीलिए वह इनकी सारी बातें मानते हैं।

पुनीत जी- : अपनी पत्नी को मनाते हुए कहते हैं। भाग्यवान, मैं तो प्रसाद ले रहा था। चोरी नहीं कर रहा था ।थोड़ा सा ही मैं प्रसाद ले रहा था ।वह यह बात मासूम सा चेहरा बनाकर कहते हैं।

कविता जी -:उनको घूर कर देखते हुए कहती है ।अगर आपको इतना प्रसाद खाने का इतना शौक है। तो यह लो आप का प्रसाद वह एक छोटी सी प्लेट जिसमें शुगर फ्री वाले लड्डू थे उनकी की तरह  बढ़ाकर कहती है।

पुनीत जी- : उन्हें शॉक्ड होकर, आइब्रो चौड़ी करके देखते हैं। फिर झूठ मूड का गुस्सा होते हुए कहते हैं ।जाओ |  मुझे बात नही करनी है। वह कविता जी को ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हुए कहते हैं ।और आज मैं खाना भी नहीं खाऊंगा और ना ही किसी से बात करूंगा ।फिर यह बात कह कर झूठ मुठ का गुस्सा होने की एक्टिंग करते हैं।

कविता जी -: अपनी पति के ड्रामे को बहुत अच्छे से समझती हैं। वह उनकी हरकत पर मन ही मन हंसती है । पर वो अपने चेहरे पर नही लाती हैं। वो सीरियस एक्सप्रेशन के साथ कहती हैं। ओके, मत खाओ खाना और मत करो मुझ से बात मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। बंसल साहब, हमारी शादी को 28 साल हो गए हैं ।मैं आपकी हरकतें बहुत अच्छे से समझती हूं ।आप कब ड्रामा करते हो ,कब आप इमोशनल ब्लैकमेल करते हो वो में सब अच्छे से समझती हूं।  यह सब आप मुझे नहीं दिखा सकते और आपका यह ड्रामा मेरे ऊपर नही चलने वाला हैं। तो आप,मुझे जानते ही होंगे, कि मैं आपकी हेल्थ को लेकर कितनी स्ट्रिक्ट हू। मुझे आपकी फिक्र होती है।  पर आपकी हेल्थ को लेकर बहुत  स्ट्रिक्ट होना भी पढ़े तो होंगी और मैं थोड़ा मीठा खाने की इजाजत दे भी दूं ।लेकिन अपनी लाडली बेटी को क्या कहेंगे। आप की लाडली बेटी के ही स्ट्रिक्ट आर्डर  हैं। उसी ने मुझे सक्त इंस्ट्रक्शन दिया है । की पापा को अनहेल्दी फूड और मीठा ना देने को  सख्त मना किया है।जब

आपकी बेटी को पता चलेगा उनके पापा ने मीठा चुराने की कोशिश की है। तब आपका क्या हाल करेगी वह आप जानते हैं। की वो आपसे गुस्से में बात नही करेगी। और आप उससे बिना बात किए नही रह पाएंगे।

पुनीत जी- : चुप हो जाते हैं । फिर चुपचाप शुगर फ्री वाला लड्डू की प्लेट ले लेते हैं। और बुरा सा मुंह बनाते हुए लड्डू खाते हुएकहते हैं । मैं यह सब अपनी लाडली बेटी के लिए खा रहा हूं। में उसके गुस्से का शिकार नही होना चाहता । और में उस से बात करे बिना नहीं रह सकता। इस से अच्छा है,की चुपचाप में यह सुगरफ्री वाले लड्डू खा लू।   और फिर उनकी तरफ मुस्कराते हुए कहते हैं । मैं आपसे भी बात करूंगा और हेल्थी और अनस्पिसी खाना खाहूंगा। तभी 

कविता जी भी उनकी बात पर हंस जाती हैं।वह हंसती हुई बड़ी खूबसूरत लगती है।

पुनीत जी- : उनको देखते रह जाते हैं। उनकी कमर पर हाथ रखकर उनके करीब आकर देखते और उनसे प्यार भरे अंदाज में कहते हैं। उफ्फ ! तुम्हारी हंसी मुझे ही मार डालेगी वो यह बात अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहते है।

तभी इधर-उधर देखते हुए चुपके से उन्हे किस कर देते हैं।

कविता जी- : उनकी इस हरकत पर चौक कर उनकी तरफ देख कर इधर - उधर देखते कहती हैं ।  बंसल साहब क्या कर रहे हो आप।  वो यह बात ब्लश करते हुए कहती हैं।

पुनीत जी- : रोमांटिक अंदाज में कहते हैं तुम्हें प्यार

कविता जी अपने आप को उनके पक्कड़ से छुड़ाते हुए घबराते हुऐ इधर - उधर पूरे लॉबी में नजर दौड़ती है की कोई उन्हे तो नही देख रहा । वो कहती है। इस उम्र में भी रोमांस चल रहा है आपका।

पुनीत जी -: मुस्कराते हुऐ कहते हैं । रोमांस करने की कोई उम्र नहीं होती हैं। हम तो आज भी आपसे उतना ही प्यार करते हैं। जितना पहले करते थे। वो यह बात कहते हुए।उनके गाल पर फिर से किस कर देते हैं।

वह शर्मा  जाती है। 

पुनीत जी -:  अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहते हैं।  हाय ! तुम जब शर्माती हो  बहुत ही  अच्छी लगती हो।

कविता जी -: उन्हे देख कर अपने से दूर करके कहती है । हो गया आपका  रोमांस  जाओ जाकर शावर  ले लो।  मैं नाश्ता लगाती हूं। 

पुनीत जी- : मुस्कराते हुए कहते है। ओके, मैडम मैं जाता हूं।  वो जाने लगते हैं।

तभी वह पीछे मुड़कर कहते हैं कविता जी से पूछते हैं। हमारी लाडली बेटी कहीं नहीं दिख रही है की छुट्टी है क्या

कविता जी -: कहती हैं वह तो कॉलेज चली गई।

पुनीत जी -:  आंखे छोटी करके हैरानी के एक्सप्रेशन के साथ कहते हैं। वह इतनी जल्दी चली गई कॉलेज ।अभी तो कॉलेज का टाइम भी नहीं हुआ है।

कविता जी-: मुस्कुराते हुए कहती हैं ।हां, बंसल साहब इतनी जल्दी कॉलेज चली गई है।आज  उसका आज प्रैक्टिकल और असाइनमेंट भी सबमिट करना है ।इसलिए वह जल्दी चली गई है।

पुनीत जी स्माइल करके हा में। सिर हिलाते हुए फ्रेश होने चले जाते हैं।

फिर कविता जी सुबह के नाश्ते की तैयारी करने किचन में चली जाती है ।