जियान ने कहा कि जैसे ही वो रक्षा कवच को भेदना शुरु करेगा कवच के कमजोर होते ही सोवी और शिन जुई को अंदर जाना था। जियान ने कहा शिन जुई तुम नजर रखो मैं अपनी अध्यात्म शक्ती से रक्षा कवच को कमजोर करता हूं।
शिन ने सोवी को देखने लगी ,तो जियान ने गुस्से में कहा नजर उस पर नहीं बल्कि लावोमेन के सैनिकों पर रखो । जियान का गुस्से से चेहरा लाल हो चुका था. जियान में धैर्य की कमी थी ये बात सोवी को पता था लेकिन सोवी को ये अंदाजा नहीं था कि जियान भी सोवी के लिए भावनाएं रखने लगा है यहां तक कि जियान को भी उसकी स्वयं के आंतरिक भावनाओं को अंदाजा नहीं था।
तो चिल्ला क्यो रहे हो मै तो बस मास्टर की हामी चाहती थी इसलिए उनकी तरफ देखा। तुम ध्यान करो मै नजर रखुगी और फिर मास्टर भी तो है न ,,, शिन जुई एक सांस में बोलती गई ।
जियान ने तुरंत आंख बंद किया और एकाग्रता को एकत्रित करके , मन को शांत करके अग्नि नियंत्रित मंत्र को जागृत करना शुरु किया जैसे जैसे मंत्र को पढ़ रहा था उसका चेहरा लाल होता जा रहा था और उसका शरीर आग की तरह जलता जा रहा था । शिन जुई ने डरते हुए सोवी से कहा मास्टर जियान को क्या हो रहा है ?
सोवी ने शिन जुई को शान्त रहने का इशारा किया । थोड़ी ही देर में जियान का अग्नि नियंत्रित मंत्र जागृत हो गया और अदृश्य रक्षा कवच अब दिखने लगा था और जियान के मंत्र से वो कमजोर भी होने लगा था । और जैसे रक्षा कवच पुरी तरह से कमजोर हुआ । शिन जुई और सोवी लावोमेंन कबीले के अंदर प्रवेश कर गए और उन दोनो के अंदर प्रवेश करते ही जियान ने आंख खोला और खुद को नियंत्रित करके वो ख़ुद सीमा के अंदर हो गया।
सोवी ने कहा रक्षा कवच कमजोर होते ही लावोमेंन के कुल प्रमुख को पता चल गया होगा । हमे जल्द से जल्द उसके महल तक जाना होगा इससे पहले कि वो हम तक पहुंचे। तभी सोवी की नजर जियान पर पड़ी जियान ने अपनी अग्नि नियत्रित शक्ती को जागृत किया था इससे वो थोडा सा कमजोर महसूस कर रहा था , उसके पैर लडखडा रहा थे,सोवी को जियान की हालात को समझते देर न लगी उसने जियान से कहा हमें थोड़ी देर यही रुकना चाहिएं जियान तब तक तुम आराम कर लो।
ओह जियान ख़ुद का नाम सुन कर कहा चुप रहने वाला था उसने तुरंत जवाब दिया मैं तुमसे डरता हूं क्या जो तुम्हारी हर बात मानू? मुझे आराम की जरुरत नहीं है बेहतर होगा कि तुम अपनी विधार्थी की चिंता करो।
वास्तव में जियान अभी भी उस बात से चिढ़ा हुआ था जब सोवी, शिन जुई से अकेले में बात करने गया था जियान उस दिन बहुत उदास था और अकेला भी महसूस कर रहा था।
ये क्या मास्टर जियान हमेशा गुस्से में ही क्यो रहता है शिन जुई ने कहा ! सोवी के लिए ये पहली बार नहीं था जब जियान ने उसे ऐसे कुछ कहा था। जियान ने तुरंत कहा हमें कबीले के अंदर चलना चाहिए।
तीनो ने वहा से कबीले के अंदर चलना शुरु किया वहा सब कुछ आम कबीले जैसा था आम लोग साधारण जन जीवन , रोजमर्रा की जिंदगी वैसी ही है जैसे किसी साधारण से कबीले में होता है । हालांकि ये आम लोग तो लावोमेन के साधारण जनता में से थे वास्तव में कोई बुराई का प्रतीक था तो वो वहां की सत्ता जिनके हाथ में वो लोग थे !यानी के लावोमेन के कुल प्रमुख जो क्रूरता के लिए जाने जाते है । यहां किसी की जान लेना एक दम आम बात थी वहां की जनता चाह कर भी कुल प्रमुख का विरोध नही कर सकती थीं क्युकी लावोमेन के सिपाही कोई आम लोग नही थे बल्कि काली आत्माए थी जिनको हराना साधारण से जनता के बस की बात नहीं थी इसलिए कोई राजा के खिलाफ जाने की हिम्मत नही कर पाता था।
लोग सोवी को अजीब नजरो से देख रहे थे शायद वो सोवी की सफेद पोशाक देख कर समझ गए थे वो स्वान कबीले से है लेकिन किसी में हिम्मत नहीं थीं कि स्वान कबीले के लोगों से बात करे या उनकी सहायता करे।
जियान ने हंसते हुए कहा "देखा न सोवी मैने कहा था कि लावोमेन कबीले की लड़कियां बहुत खुबसूरत होती है और देखो ये लोग तुमको देख भी रही है, मुझे लगता है ये तुम्हे पसंद करती हैं तुम बोलो तो तुम्हारी शादी इन्ही में से किसी से करवा दूं?
सोवी ने एक बार फिर जियान को उदासी भरी नजरो से देखा और शिन जुई भी समझ गई थीं की जियान की ऐसी बाते मास्टर को दुख पहुंचाती हैं। शिन जुई ने तुरंत माहौल को बदलने के लिए कहा तुम खुद की शादी कर लो बेवकूफ!
सोवी एक दम चुप था तभी जियान ने सामने फल बेच रही लङकी से पूछा सुनिए मोहतरमा क्या आप मुझे बता सकती हैं कि यहां के कुल प्रमुख का महल किस तरफ है ?
जियान की बात सुन कर वो लङकी एक दम डर गई उसके चेहरे का रंग उड़ गया और वो एक दम बुत की तरह खड़ी रह गई।
जियान, और सोवी दोनो को समझ आ गया था कि लावोमेन कबीले के कुल प्रमुख बहुत क्रूर और निर्दय इंसान है शायद इसलिए यहां के लोग इनसे डरते हैं!
,,,,,तभी जियान की नजर सामने बिक रहे अखरोट की दुकान पर जा रूकी । अरे ये तो मुझे बहुत पसन्द है जियान ने मन ही मन कहा लेकिन जियान अखरोट खरीदता कैसे उसके पास तो एक भी कौड़ी ( प्राचीन पैसा) नही बचा था और उसे बहुत तेज की भुख लग रही थीं फिर जियान ने मुड़ कर सोवी को देखा बल्कि जियान काफी मुस्कुरा रहा था सोवी को समझते हुए देर नहीं लगी कि जियान को अखरोट चाहिएं । शिन जुई भी भूखी थी लेकिन उसने मुंह बना कर कहा मास्टर को क्यों देख रहे हों ?