पहाड़ी के सबसे ऊपर उस गांव में पहुंच कर उस आदमी ने अपने लोगो से कहा हमारे गांव में स्वान कबीले के कुछ मेहमान आए हैं उनके कुल प्रमुख घायल है इलाज की आवश्यकता है आप लोग इनकी सहायता करिए । गांव में दो चार ही गिने चुने घर थे उन लोगो ने जल्दी जल्दी सोवी को लिटाया और सभी गांव वाले उन लोगो के पास आ गए।
जियान ने कहा यहां कोई चिकित्सक है?
उनमें से सभी ने एक बूढ़ी औरत की तरफ देखा वो उस गांव की बेहतरीन चिकिस्तक थीं गांव के मुखिया ने कहा माता जी के होते हुए इलाज की चिंता मत करो ।
बूढ़ी मां, सोवी के पास आई सोवी चुप चाप लेटा हुआ था, बूढ़ी मां ने सोवी की नब्ज़ को पकड़ कर देखा और कहा "कुल प्रमुख ने कुछ दिनों से ढंग से खाना नही खाया है इसकी वजह से कमज़ोरी ज्यादा है । इसलिए अंदर की चोट ज्यादा असर कर गयी है!
जियान _ने पूछा,,बस और कोई बात तो नही है ?क्युकी वहा सोवी बेहोश हो गया था और मुंह से खून भी निकल रहा था ।
सोवी ने जियान से कहा "शान्त हो जाओ जियान !वो मायावी वार था इसलिए मुझे कम मेरी अध्यात्म शक्ति को ज्यादा चोट लगी है कुछ समय में ठीक हो जायेगा । शारीरिक रूप से मै बिल्कुल ठीक हूं!
बूढ़ी मां ने कहा का सही कह रहे हैं आप कुल प्रमुख !आप बस थोडा कमजोर है। आपको आराम की जरूरत है!
सोवी ने कहा_आप मुझे नाम से बुला सकती हैं कुल प्रमुख शब्द कहने की कोई जरूरत नही है मां।
बूढ़ी मां ने सोवी के सर पर हाथ रखते हुए कहा तुम आज भी वैसे हो जैसे बचपन में थे राजकुमार । वैसे ही सुंदर चेहरा, जिसमे बहुत तेज है, उठने ही कर्मठ आज भी हो!
शिन जुई बीच में टपकते हुए बोली आप मास्टर को पहले से जानती है ?
बूढ़ी मां_ ने कहा हां "जब राजकुमार अपनी मां के पेट में थे तब मैं उनके इलाज के लिए स्वान कबीले गई थी सोवी राजकुमार का जन्म मेरे सामने ही हुआ है!
शिन जुई खिलखिला कर हंस पड़ी !
बूढ़ी मां ने कहा "आप लोग आज रात यही रुक जाइए रात भी होने वाली है ,और राजकुमार की हालत ऐसी नही है कि वो रात में सफर कर सकेंगे। और न मै राजकुमार को जाने दूंगी!
गांव वाले भी हां में हां मिला रहे थे गांव के मुखिया ने कहा "आपको आज रात इसी खुले आसमान के नीचे ही रहना होगा क्यूंकि हम गांव वाले इसी पहाड़ी पर बसेरा डाल कर रहते हैं।
सोवी ने विनम्रता से कहा आप लोगो का बहुत बहुत शुक्रिया !
बूढ़ी मां ने कहा तुम लोग आराम करो ,मै खाना बना कर लाती हूं ! फिर उन्होने ने अपनी पोती से खाने के तैयारी करने के लिए कहा!चलो बेटा हमे मेहमानों के लिए खाना बनाना है ।
जियान की नज़र इनकी पोती पर गई ,वो सोवी को देखने में उतनी गुम हो गई थी की उसे होश ही नहीं था ,जियान को पहले से ही शिन जुई की हरकत पर गुस्सा लगा हुआ था, उस लड़की को सोवी को घूरते देख उसका गुस्सा बढ़ रहा था उसने गुस्से में उस लडकी का हाथ पकड़ कर कहा तुमने सुना नही तुम्हारी दादी क्या बोल रही है उनके साथ जाओ । और वो एक इंसान ही है तुम उसे ऐसे घूर क्यों रही हो?
शिन जुई ने तुरंत कहा " जियान तुम उससे ऐसे क्यों बात कर रहे हो? और तुम इतना गुस्सा किस बात पर हो?
जियान ने कहा "मै तुम लोगों की तरह आदर्शवादी नही हूँ, मेरा जिस तरह से मन करता है मै वैसे ही बात करता हूँ!
सोवी ने जियान को शांत रहने के लिए कहा तो, जियान ने जवाब दिया_मै तुमसे डरता नहीं हूं जो तुम्हारी हर बात मानूगा! तुमने देखा नही वो तुम्हे कैसे देख,,,,,,,,,,,, जियान बोलते बोलते रुक गया। जियान फिर चुप हो गया ,सब हैरत में है की जियान को हुआ क्या है । वो आखिर इतना गुस्सा है भी तो किस बात पर?
वो लङकी अपनी दादी के साथ चली गईं।
मुखिया ने कहा "आप लोग तब तक आराम करिए ! और धीरे धीरे गांव के लोग अपने अपने कामों में लग गए शिन जुई ने कहा मास्टर मैं गांव घूमने जा रही हूं! वो इतना बोल कर बाहर दौड़ती चली गईं।
सोवी ने जियान से कहा तुम भी आराम कर लो ।
जियान ने कहा नही मै तुम्हारी तरह कमजोर नहीं हूं! वो सोवी को नजरंदाज करते हुए बोला ।
सोवी तुम्हे क्या हुआ है ?
जियान ने चिल्लाते हुए कहा " मुझे नही पता है कि मुझे क्या हुआ है, काश मै समझ पाता की मुझे क्या हुआ है, मै ऐसा ही हूँ , सोवी को चुप देख कर जियान कहता है " तुम्हे क्या हुआ है? मुझे तो लगता है तुम्हे शिन जुई बहुत पसंद हैं न ? बोलो तुम्हे वो पसंद है।
जियान बार बार बोले ही जा रहा था!