शिन जुई को जोर जोर से रोता देख जियान ने कहा तुम क्यो इतना रो रही हो ?तुम्हारे मास्टर चोटिल है रोना बन्द करो तुम।
जियान बस ऊपर से शिन जुई को समझा रहा था वास्तव में सोवी को ऐसी हालत में देख कर वो खुद ही बहुत दर्द महसूस हो रहा था।
उसे लग रहा था कि चोट सोवी को नही बल्कि जियान को लगी हो! वो खुद रोना चाह रहा था लेकिन वो समय रोने का नही था। अरे नहीं मुझे सोवी के लिए कुछ करना चाहिए जियान ने जल्दी से उस साधारण से इंसान से कहा सुनिए क्या आप मेरी सहायता कर सकते हैं मेरा दोस्त घायल है मुझे इलाज के लिए पनाह चाहिए।
वह आदमी आदर से जवाब देते हुए बोला स्वान कबीले के होने वाले कुल प्रमुख की सहायता करना हमारे लिए सम्मान की बात होगी।
शिन जुई ने कहा क्या आप मेरे मास्टर को जानते हैं?
आदमी ने कहा "हा बहुत अच्छी तरीके से, इन्हे कौन नही जानता है ?दूर दूर तक इनके उदारता के चर्चे है ! आप लोग यही रुकिए मैं अपने लोगो को बुला कर लाता हूं पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर मेरा गांव है वही इनके इलाज की व्यवस्था हो सकती है ।
जियान ने कहा "नही उतना समय नहीं है हमारे पास! आप बस मुझे ले चलिए !
आदमी ने कहा" मेरे पास कुछ पानी है आप कुल प्रमुख के चेहरे को धूलिए शायद इनको होश आ जाए।
जियान ने जल्दी से उस आदमी से पानी लेकर सोवी के चहरे पर पानी की बूंद को डाला तो कुछ ही देर में होश आ गया ,उसने देखा की जियान ने उसे अपना सहारा देकर लिटाया हुआ था उसे होश में आते देख शिन जुई खुशी में उससे लिपट कर बोली मास्टर आप ठीक हो ?
सोवी ने मुसकुराते हुए कहा मै बिल्कुल ठीक हूं ,और जियान चुप चाप बैठा था वह कुछ बोलता इससे पहले शिन जुई की हरकत से उसका मूड खराब हो चुका था।
स्वान कबीले के होने वाले कुल प्रमुख को मेरा प्रणाम !उस आदमी ने बहुत ही आदर से सोवी से कहा! आपका शुक्रिया कुल प्रमुख आप नही होते तो शायद आपके दोस्त ने गुस्से में मुझे जला ही दिया होता ।
सोवी ने कहा लेकिन मै था न!और मैं जियान को कुछ गलत नही करने देता।
उस आदमी ने जियान से कहा कुल प्रमुख को आराम की जरुरत है आप इन्हे हमारे गांव ले चलिए ।
सोवी_ ने कहा "नही मै बिल्कुल ठीक हूं हमे आगे के लिए निकलना है।
आदमी_ ने कहा "कुल प्रमुख आगे का रास्ता हमारे गांव से होकर जाता है, पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर मेरा गांव है आप थोडा आराम करके चले जाना ! आपकी सेहत के लिए आवश्यक है कि आप थोड़ा आराम कर ले! आप अभी चोटिल है!
सोवी उठने की नाकाम कोशिश करते हुए बोला "मुझे नही लगता है की मुझे आराम करना चाहिए। क्युकि समय का बहुत आभाव है!
बस बहुत हो गया, बेहतर यही होगा कि तुम आराम कर लो, जियान ने सोवी को हाथ पकड़ कर उठाते हुए कहा " तुम कुल प्रमुख स्वान कबीले के होगे, यहाँ तुम्हारी मनमानी नही चलेगी! अगर तुमको लगता है कि मै तुमसे डरता हूँ तुम्हारे साथ जबरजस्ती नही कर सकता हूँ तो ये तुम्हारी गलतफहमी होगी, तुम्हारे लिए अच्छा यही होगा कि तुम चल कर थोड़ा आराम कर लो!सोवी हैरत में था की जियान उसके लिए इतना फिक्रमंद कैसे हो गया? वह चुप चाप जियान का सहारा लेकर चलने लगा। और
जियान बहुत ध्यान से सोवी का हाथ पकड़े हुए था, क्यूंकि उसे पता था सोवी को अभी कमजोरी महसूस हो रही होगी। वो अभी चोटिल है और उसे अभी सहारे की जरूरत है!
( प्यार की भावना सच में निशब्द होती हैं आख़िर जियान को भी सोवी के लिए भावनाएं मिल ही गई थी ,फर्क बस इतना ही था की जियान को पता ही नहीं था की वो सोवी के लिए जो महसूस करता है वो कुछ और नही बल्कि प्यार है)