Chapter 39 - chapter 39

नैंसी ने अपनी आइब्रो उठकर मालिनी की तरफ देखा जब वो विल्ला के अंदर आ रहे थे तो मालिनी उसे बार बार याद दिला रही थी कि वो सबके सामने अपने आप को मूर्ख न बनाए इसलिए इन लोगो को सलाह देने की उसकी कोई योजना नहीं है

इसके अलावा.. क्या नायला उसकी सलाह के लायक है

वह एक लो लेवल प्लेयर के आलावा कुछ नही है जिसने केवल 3 साल आर्ट के लेसन लिए है

आगे आकर मालिनी ने जोसफ से कहा

" यह लड़की जवान और नासमझ है...अगर वह कुछ गलत कहती है तो प्लीज उसे नजरअंदाज़ करें "

दूसरी तरफ जयदीप के एक्सप्रेशन डार्क हो गये थे... उसके लिए आसान नहीं है.. इतने फेमस पेंटर को अपने घर इन्वाइट करना... और इस लड़की ने सबकुछ गड़बड़ कर दिया.. और तो और बाहर लोगो को बात बनाने का मौका मिल जायगा .. कि राय फैमिली अपने गेस्ट का इस तरह से वेलकम करते है

नैंसी ने कहा

" जब रिवर थेम्स की पेंटिंग अनरोलड की गयी थी.. तो पहली बार हम एक टॉवर ब्रिज देखते है ... फिर थेम्स नदी ऑक्सफ़ोर्ड को पार करते हुए.. विंडसर मैं बहते हुए अपने मुहाने मैं गिर जाती है... आखिरकार यह उत्तरी सागर मैं प्रवेश करती है जो यूनाइटेड किंगडम के शहरों की भव्यता( magnificence) को दर्शाती है... नायला की पेंटिंग आकृतियो और ज्योमेट्री को चित्रित करती है... लेकिन उनमे सार नहीं है.. उसकी कलाई मैं ताकत की कमी है ...इसलिए उसकी पेंटिंग मैं ब्रुशवर्क की कमी दिख रही है... इसलिये यह पेंटिंग....

कुछ सेकंड रुकने के बाद उसने अपनी बात जारी रखी

" इसलिये यह पेंटिंग थेम्स नदी की घटिया नक़ल के अलावा कुछ नहीं है "

लिविंग रूम मैं उपस्थित सभी लोग दंग थे... नायला पहले से ही दंग थी जिस पल नैंसी ने बोलना शुरू किया... उसने ऐसे रिजल्ट की बिलकुल भी उम्मीद नहीं की थी... वो तो नैंसी को मिस्टर जोसफ की नजरों मैं शर्मिंदा करना चाहती थी

नैंसी की बातें काफी सटीक लग रही है और उसकी बातों से अच्छी तरह से प्रतीत हो रहा है जो उसने कहा वह सही कहा है

नायला ने जोसफ को सिर हिलाते हुए देखा जिससे लग रहा है कि वो नैंसी की बातों से सहमत है

यह सोचकर नायला के दिल में जलन की भावना उभर आई

बाद में.. उसने सोचा कि उसका रिएक्शन थोड़ा हंसने लायक लग रहा है नैंसी में ऐसा क्या है जो उसे जलन होगी

जोसफ ने नैंसी को ध्यान से देखा... वो उसे दिखने मैं तेजस्वी (stunning ) और नाजुक लग रही है... हालांकि उसने नायला की तरह डिज़ाइनर कपड़े नहीं पहने हुए थे...लेकिन उसके साधारण कपड़े उसकी बेजोड़ ख़ूबसूरती को नहीं छुपा रहे थे.. उसकी आँखें कोल्ड लग रही थी जिसे देख प्रतीत होता है की लिविंग रूम मैं उपस्तिथ किसी भी इंसान से उसे कोई मतलब नहीं है

उसकी आभा ( aura ) से प्रतीत हो रहा है की उसका अधिकार है की वो किसी को भी सम्मान ना दे.. एक 20 साल की दिखने वाली लड़की की इस आभा (aura ) को देख जोसफ हैरान था

उसने थोड़ा मुस्कुराह कर पूछा

" तुमने जो इस पेंटिंग का तर्क दिया है... वो विश्वसनीय ( convincing ) लग रहा है ... क्या तुमने भी किसी से आर्ट का लेसन लिया है? "

नैंसी ने जवाब दिया " हाँ.. थोड़ा "

जोसफ ने पूछा

." तो क्या तुम हमारे लिए कुछ पेंट करके दिखा सकती हो? "

यह सुनकर नायला का चेहरा हल्का पीला पड़ गया

मालिनी और बर्दाश्त नहीं कर सकती है उसने नैंसी का हाथ पकड़ा और दबाकर हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा

" आई एम सॉरी..मिस्टर जोसफ.. इस लड़की ने जो व्यवहार किया है उसके लिए मैं आपसे माफी मांगती हूं.. यह लड़की आर्ट क्लास कैसे ले सकती है आजकल इंटरनेट पर सब उपलब्ध है..इसने वहा से कुछ आर्ट सीख लिया है.. यह सिर्फ आप को इंप्रेस करने के लिए बोल रही है इसकी बातों को सुनकर आप हैरान मत होये.. इतना कह कर उसने नैंसी का हाथ पकड़ा और बिल्ला के बाहर ले गई

मालिनी अब अपने गुस्से को और कंट्रोल नहीं कर सकती है

" मेरे इतने समझाने के बाद भी तुमने मिस्टर जोसफ के सामने इतना दिखावा क्यों किया?.. तुमने थोड़ा बहुत इंटरनेट पर क्या पढ़ लिया तो तुम्हें लगा तुम मिस्टर जोसफ को इंप्रेस कर पाओगी.. यह सब करने से पहले तुमने एक बार भी नायला के बारे में नहीं सोचा.. तुम्हें दिखा नहीं उसका चेहरा कितना उदास और पीला पड़ गया था.. तुम्हें पता भी है उसने इस पेंटिंग को बनाने में कितनी मेहनत की है उसने एक हफ्ते पूरी रात जागकर यह पेंटिंग बनाई है ताकि मिस्टर जोसफ उसकी कला के बारे में कुछ अच्छा बोल सके लेकिन तुमने सब गड़बड़ कर दिया "

नैंसी बिना कुछ कहे गौर से मालिनी के एक्सप्रेशन देख रही है.... किस तरह उसे अपनी बड़ी बेटी की फ़िक्र हो रही है.. लेकिन उसका क्या जिसे 10 वर्षों से अधिक.. मां बाप का प्यार नहीं मिला

शायद वो प्यार के लायक ही नहीं है

मालिनी अपनी गुस्से को थोड़ा कंट्रोल करके बोली

" मैं काफी दयालु हो जो तुम्हें जयदीप से मिलने के लिए इनविटेशन दिया.. लेकिन देखो तुमने क्या किया? जयदीप को ऐसे लोग लोगों से नफरत है जिसके पास कोई टैलेंट नहीं है फिर भी दिखावा करते हैं... मैं ड्राइवर से कहती हूं तुम्हें वापस घर ले जाए.. मुझे नहीं लगता अब तुम्हें यहां रात के खाने पर रुकना चाहिए

[ क्या पता..यहां रुख कर यह लड़की उसके लिए और क्या-क्या मुसीबत खड़ी करेगी ]

इतना कहकर मालिनी बिल्ला के अंदर ड्राइवर को बुलाने चली जाती है.. नैंसी उसके वापिस आने का इंतजार नहीं करती और बिल्ला से थोड़ी दूर चौराहे पर आकर टैक्सी में बैठकर अपने घर वापस चली जाती है

शाम के करीब 7:00 बज रहे थे सड़को पर कुछ लोग ही नजर आ रहे थे.. यह थोड़ा शांत इलाका था.. नैंसी टैक्सी में बैठी बाहर का नजारा देख रही है ..और मन मैं सोच रही है

[ कुछ हे जो उसकी आंखों के सामने है पर उसे दिखाई नहीं दे रहा लेकिन वह क्या हो सकता है? ]

कुछ ही देर में वह अपने घर पहुंच गयी जैसे ही वह घर के अंदर आई

वीर ने कहा

" बॉस आप इतनी जल्दी आ गयी "

" हां..आज आर्ट की दुनिया ने मुझे नीचा देखा "

जब वीर ने यह सुना तो उसने मानने से इंकार कर दिया

" क्या? बॉस.. आप.. आपको कौन आर्ट की दुनिया में नीचे देख सकता है.. क्या आपने लोगों को बताया.. आप मृणाल हैं "

नैंसी में सोफे पर बैठ कर अपने शूज निकालते हुए कहा

" मैंने नहीं बताया "

उसे बताने का कोई मौका ही नहीं मिला.. वैसे भी उसका बताने का कोई इरादा भी नहीं था

मिसेस राय ने जब बोलना चालू किया तो उनका मुंह ही बंद नहीं हुआ उसकी इल्लॉजिकल बातें सुनकर नैंसी को लगा वो उससे बहस में नहीं जीत सकती इसलिए अपनी रियल आईडेंटिटी बताने का मन उसने छोड़ दिया था

वीर अपने दांत पीसते हुए बोला

" अज्ञानियों का झुंड है.. वास्तविक कला उनके सामने खड़ी थी फिर भी वह उसे पहचानने में विफल रहे... यहां तक की उनकी इतनी गुस्ताखी उन्होंने आपको नीचा देखा "

नैंसी में उसकी तरफ अपनी आंखें घुमाई और आगे कुछ नहीं बोली वो ऐसी शख्सियत नहीं है जो बातों को दिल से लगा ले

सोफे से उठकर उसने कहा

" आई एम गोइंग टू टेक अ शॉवर "

जैसे ही नैंसी अपने कमरे में कई ब्लैक कुर्कुराते हुए सोफे पर बैठ गया

" मेरी मॉमी एक रियल जीनियस पेंटर है और ऑइल पेंटिंग में भी कुशल है.. वेस्टर्न पेंटिंग... वाटर कलर पेंटिंग और सभी टाइप की अदर पेंटिंग में भी... मेरी मॉमी की रेयर पेंटिंग भी 50 लाख रुपए में बिकती है लेकिन इन लोगों ने उन्हें नीचा देखा.. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है अंकल वीर "

वीर ने कहा

" मुझे भी आ रहा है "

ब्लैक ने लैपटॉप चालू किया जिसे देख वीर को एक बार फिर बेचैनी होने लगी

" तुम क्या कर रहे हो ब्लैक? "

लवासा सिटी में कुछ ही दिनों में एक बड़ा आर्ट एक्सहिबिशन होने वाला है.. कहीं फेमस आर्टिस्ट इस एक्सहिबिशन में भाग लेंगे.. में अपनी मॉमी की तरफ से इस आर्ट एग्जिबिशन में भाग लेने के लिए साइन कर रहा हूं "

वीर ने अपना सिर खुजाला

" बोस ने कभी इस तरह के इवेंट में भाग नहीं लिया.. अगर तुम साइन कर भी दोगे तो वो अटेंड नहीं करेंगी "

" मेरे पास ऐसी ट्रिक है जिससे वह इस इवेंट में जरूर भाग लेंगी आप बस देखते जाओ "

" तुम बड़े ही चालाक हो.. छोटे शैतान "

जैसे ही नैंसी सोवर लेकर बाहर आई तो उसने देखा वीर और ब्लैक के चेहरे ऐसे लग रहे हैं जैसे उन्होंने कुछ गलत किया है

" तुम दोनों ने कुछ किया है? "

दोनों ने एक ही समय में अपना सिर ना में हिलाया

"नहीं. नहीं हमने कुछ नहीं किया "

नैंसी ने लैपटॉप को चेक किया और ब्राउज़र में जाकर हिस्ट्री देखी जब उसे यकीन हो गया कि ब्राउज़र में कुछ गलत नहीं है तो वह कमरे में जाकर अपने बाल सुखाने लगी

ब्लैक अपने हाथ से मुँह दबाते हुए हंसने लगा

" अच्छा हुआ मैंने अंकल जेरी से ब्राउज़र की हिस्ट्री डिलीट करना सीख लिया था "

जैसे ही नैंसी अपने कमरे में जाती है उसकी बेस्ट फ्रेंड नैना उसके पास दौड़ती हुई आई

" सक्सेना बैंककरप्ट हो गए हैं "

नैंसी ने पूछा " कौन सक्सेना "

इस शहर के जाने-मानी फैमिली.. पहले मैंने सुना था कि अलीशा सक्सेना और अर्जुन मेहरा दोनों ने एक साथ रात बिताई है और आज अलीशा की फैमिली बैनक्रॉफ्ट हो गई "

नैंसी यह सुनकर थोड़ी दंग हुई

" क्या मिस्टर मेहरा इतने क्रूर ( cruel) है.. किसी लड़की के साथ फ्री में सोना और फिर उसे अपनाने से मना कर देना लेकिन उससे भी ज्यादा उस लड़की की फैमिली को बैंक्रप्ट कर दिया "

" तुमने सही कहा.. वो आदमी दिखने में जितना हैंडसम और डैशिंग है उतना ही क्रूर भी है "

नैना ने नैंसी का हाथ पकड़ कर कहा

" तुम दोनों का साथ में एक बच्चा है.. क्या अर्जुन मेहरा तुम्हारे साथ भी ऐसा कर सकता है... तुम्हें उस आदमी से सावधान रहना होगा "

नैंसी ने कहा

" चिंता मत करो.. वो मेरा कुछ नहीं कर सकता है "

.......

अगली सुबह स्काई एंपायर बिल्डिंग के एंट्रेंस पर दो ब्लैक रॉयल रॉयस कार आकर खड़ी हुई..जैसे ही अर्जुन कार से उतरा तो दो सीनियर एक्जीक्यूटिव ने उसका अभिवादन किया

" गुड मॉर्निंग मिस्टर मेहरा "

अचानक से

" डैडी "

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